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पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के ऊपर 8-9 जून को नो फ्लाइंग जोन का निर्देश दिया, यह बताई वजह
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के ऊपर 8-9 जून को नो फ्लाइंग जोन का निर्देश दिया, यह बताई वजह

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को हाईकोर्ट क्षेत्र में ड्रोन सर्वेक्षण के लिए 8 और 9 जून को आवश्यक अनुमति देने का निर्देश दिया।ड्रोन द्वारा भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) से संबंधित डेटा एकत्र करने के लिए क्षेत्र को सभी कम उड़ान वाले शिल्पों, जैसे कि हेलीकॉप्टरों के लिए सीमा से बाहर रखा जाना आवश्यक है, जो हाईकोर्ट में स्थान के इष्टतम उपयोग के लिए IIT रुड़की द्वारा तैयार की जा रही हेरिटेज इम्पैक्ट असेसमेंट (HIA) रिपोर्ट के लिए आवश्यक है।एक्टिंग चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपिता...

Kuldeep Singh Sengar
उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की मौत: दिल्ली हाईकोर्ट ने सजा निलंबन की मांग करने वाली कुलदीप सेंगर की याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर की याचिका खारिज की। उक्त याचिका में उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में उनकी 10 साल की सजा के निलंबन की मांग की गई थी।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि हालांकि सेंगर ने अपनी आधी से अधिक सजा काट ली है, लेकिन दोषी द्वारा काटी गई अवधि उन कई कारकों में से एक है, जिन्हें सजा के निलंबन की मांग करने वाले आवेदन पर निर्णय लेते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए।न्यायालय ने कहा कि अन्य कारकों...

Liquor Policy Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपों पर बहस शुरू करने के खिलाफ अरुण पिल्लई की याचिका खारिज करने के ट्रायल कोर्ट का आदेश बरकरार रखा
Liquor Policy Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपों पर बहस शुरू करने के खिलाफ अरुण पिल्लई की याचिका खारिज करने के ट्रायल कोर्ट का आदेश बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कथित आबकारी नीति घोटाले (Liquor Policy Case) में आरोपी हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्र पिल्लई द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा जांच पूरी होने तक आरोपों पर बहस शुरू करने के खिलाफ दायर याचिका खारिज करने के ट्रायल कोर्ट का आदेश बरकरार रखा।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि 22 मार्च को पारित विवादित आदेश में कोई खामी नहीं है। ट्रायल कोर्ट ने पिल्लई की शिकायत पर पहले ही ध्यान दिया।अदालत ने कहा,"ट्रायल कोर्ट ने पूरी निष्पक्षता के साथ अपने आदेश में पहले ही...

पुलिस को धारा 173(8) सीआरपीसी के तहत आगे की जांच करने का निर्देश देने से पहले आरोपी को मजिस्ट्रेट द्वारा सुनवाई की आवश्यकता नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट
पुलिस को धारा 173(8) सीआरपीसी के तहत आगे की जांच करने का निर्देश देने से पहले आरोपी को मजिस्ट्रेट द्वारा सुनवाई की आवश्यकता नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना कि मजिस्ट्रेट अदालत के पास किसी मामले में आगे की जांच करने का निर्देश देने का अधिकार है। केवल इसलिए कि मजिस्ट्रेट ने पुलिस को मामले की आगे की जांच करने का निर्देश देते समय आरोपी को कोई नोटिस नहीं दिया, यह अपने आप में आगे की जांच के आदेश को रद्द करने का आधार नहीं है।जस्टिस के नटराजन की एकल न्यायाधीश पीठ ने अनीगौड़ा द्वारा दायर याचिका खारिज की। उक्त याचिका में सीआरपीसी की धारा 173 (8) के तहत जांच अधिकारी द्वारा दायर आवेदन के खिलाफ मजिस्ट्रेट के दिनांक 26.3.2021 के आदेश को...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एल्विश यादव के खिलाफ मारपीट की एफआईआर सशर्त की खारिज
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एल्विश यादव के खिलाफ मारपीट की एफआईआर सशर्त की खारिज

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सागर ठाकुर पर कथित रूप से हमला करने और उसे धमकाने के आरोप में दर्ज एफआईआर इस शर्त के साथ खारिज कर दिया कि वह और "उसके साथी" सोशल मीडिया पर हिंसा और मादक द्रव्यों के सेवन को दर्शाने या बढ़ावा देने से परहेज करेंगे।जस्टिस अनूप चितकारा ने कहा,"एफआईआर में दर्शाया गया कि हिंसा का मकसद लोकप्रियता और सामग्री निर्माण को लेकर कुछ विवाद था, जिसमें एल्विश यादव और उसके साथियों के खिलाफ आरोप लगाए गए। यह सुनिश्चित करने के लिए...

यदि 8 वर्षीय बच्चा तर्कसंगत उत्तर देने में सक्षम है तो उसकी गवाही खारिज करने का कोई कारण नहीं: हत्या के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
यदि 8 वर्षीय बच्चा तर्कसंगत उत्तर देने में सक्षम है तो उसकी गवाही खारिज करने का कोई कारण नहीं: हत्या के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

यह देखते हुए कि कम उम्र के बच्चे की गवाही खारिज करने का कोई कारण नहीं है, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा पारित दोषसिद्धि और सजा बरकरार रखी, जो 8 वर्षीय बच्चे के साक्ष्य पर आधारित है, जो एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी है।जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस हिरदेश की खंडपीठ ने कहा कि एक बार जब कम उम्र के बच्चे द्वारा दी गई गवाही की गुणवत्ता और विश्वसनीयता अदालत द्वारा बारीकी से जांच के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है तो ऐसे साक्ष्य के आधार पर दोषसिद्धि दर्ज की जा सकती...

आईपीसी की धारा 397 के तहत आरोप साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष के लिए यह साबित करना जरूरी कि अपराधी ने चाकू जैसे हथियार का इस्तेमाल किया: गुजरात हाईकोर्ट
आईपीसी की धारा 397 के तहत आरोप साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष के लिए यह साबित करना जरूरी कि अपराधी ने चाकू जैसे हथियार का इस्तेमाल किया: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने डकैती के आरोपी को बरी करते हुए इस बात पर जोर दिया कि आईपीसी की धारा 397 के तहत आरोप साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष के लिए यह साबित करना जरूरी है कि अपराधी ने चाकू जैसे हथियार का इस्तेमाल किया।इस प्रावधान में डकैती या लूटपाट के समय हथियार का इस्तेमाल करने पर सजा का प्रावधान है।जस्टिस निशा एम. ठाकोर ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा,"मैंने रिकॉर्ड और कार्यवाही, खास तौर पर मुद्दमल की सूची और एक्सएच.19 और एक्सएच.21 में आरोपियों की गिरफ्तारी के पंचनामा को बारीकी से देखा, चाकू या...

खुद को संभालने में असमर्थ महिला का प्रेग्नेंसी जारी रखना भविष्य में समस्या पैदा करेगा: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दिव्यांग बलात्कार पीड़िता को राहत दी
खुद को संभालने में असमर्थ महिला का प्रेग्नेंसी जारी रखना भविष्य में समस्या पैदा करेगा: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दिव्यांग बलात्कार पीड़िता को राहत दी

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 17 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के 29 सप्ताह के गर्भ को कुछ शर्तों के अधीन टर्मिनेट करने की अनुमति दी, जिसमें शामिल विशेष परिस्थितियों पर विचार किया गया।जस्टिस रवि मलीमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि इस विशेष मामले में शारीरिक रूप से अक्षम पीड़िता की प्रेग्नेंसी टर्मिनेट की जा सकती है, बशर्ते कि यह प्रक्रिया नाबालिग और उसके परिवार को प्रक्रिया के जोखिम कारकों के बारे में समझाने के बाद विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा की जाए।टर्मिनेशन के लिए कुछ शर्तें लगाने से पहले...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने NEET (UG) 2024 परीक्षा आयोजित करते समय कथित अनियमितताओं पर सवाल उठाने वाली याचिका पर NTA से जवाब मांगा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने NEET (UG) 2024 परीक्षा आयोजित करते समय कथित अनियमितताओं पर सवाल उठाने वाली याचिका पर NTA से जवाब मांगा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2024 NEET (UG) परीक्षा आयोजित करते समय कथित अनियमितताओं पर सवाल उठाने वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) से जवाब मांगा।जस्टिस अपूर्व सिन्हा रे और जस्टिस कौशिक चंदा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।याचिकाकर्ता ने कहा कि कुछ उम्मीदवारों को लागू अंक/स्कोर प्रणाली के अनुसार अधिकतम संभावित 720 अंकों में से 718 या 719 अंक नहीं मिल सकते।यह कहा गया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने रिट याचिका (सिविल) नंबर 600/2018 (अक्षत अग्रवाल एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य) में सुप्रीम...

अभियोक्ता की गवाही के आधार पर घटना के तथ्य और इसमें शामिल व्यक्तियों की जांच की जानी चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
अभियोक्ता की गवाही के आधार पर घटना के तथ्य और इसमें शामिल व्यक्तियों की जांच की जानी चाहिए: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

बलात्कार के मामलों में अभियोक्ता की ओर से सुसंगत और विश्वसनीय कथन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि अदालतों को अभियोक्ता की गवाही पर भरोसा करने से पहले उसकी गहन जांच करनी चाहिए।जस्टिस संजय धर की पीठ ने कहा,“न्यायालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घटना के तथ्य, इसमें शामिल व्यक्ति और घटना के क्रम के बारे में कोई संदेह नहीं है। यह भी देखा जाना चाहिए कि अभियोक्ता द्वारा दिया गया बयान हर दूसरे गवाह द्वारा दिए गए बयान के अनुरूप है या नहीं और...

सीनियर वकीलों द्वारा जूनियर वकीलों से बिना वेतन के काम लेना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन: मद्रास हाईकोर्ट ने बार काउंसिल को न्यूनतम स्टाइपेंड तय करने का सुझाव दिया
सीनियर वकीलों द्वारा जूनियर वकीलों से बिना वेतन के काम लेना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन: मद्रास हाईकोर्ट ने बार काउंसिल को न्यूनतम स्टाइपेंड तय करने का सुझाव दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु और पुडुचेरी की बार काउंसिल को जूनियर वकीलों को नियुक्त करने के लिए न्यूनतम स्टाइपेंड (Stipend) तय करने का सुझाव दिया, जिससे उनकी आजीविका की रक्षा हो सके।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस सी कुमारप्पन ने कहा कि अक्सर युवा वकील अपने सीनियर वकीलों से कम भुगतान के कारण अपना जीवन यापन करने में असमर्थ होते हैं। न्यायालय ने कहा कि सीनियर वकील, जो जूनियर वकीलों को न्यूनतम स्टाइपेंड दिए बिना उनसे काम लेते हैं, वास्तव में युवा वकीलों का शोषण कर रहे हैं और सीधे तौर पर उनके मौलिक...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव के बाद कथित रूप से हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव के बाद कथित रूप से हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में कथित रूप से हुई चुनाव के बाद की हिंसा पर चिंता व्यक्त की।जस्टिस अपूर्व सिन्हा रे और जस्टिस कौशिक चंदा की अवकाश पीठ याचिका पर फैसला सुना रही थी, जिसमें दावा किया गया कि याचिकाकर्ताओं को लोकसभा आम चुनाव, 2024 के तुरंत बाद विशिष्ट राजनीतिक दल से जुड़े होने के कारण चुनाव के बाद की हिंसा का सामना करना पड़ा। याचिकाकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा उनकी शिकायतें दर्ज नहीं की जा रही हैं।पक्षकारों की...

जस्टिस अमृता सिन्हा के पुलिस कार्रवाई से संबंधित मामलों की सुनवाई से रोकने के निर्णय में संशोधन की मांग को लेकर याचिका दायर
जस्टिस अमृता सिन्हा के पुलिस कार्रवाई से संबंधित मामलों की सुनवाई से रोकने के निर्णय में संशोधन की मांग को लेकर याचिका दायर

एक वकील ने कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की। उक्त याचिका में जस्टिस अमृता सिन्हा के रोस्टर/निर्णय में संशोधन करने की मांग की गई, जिससे उन्हें पुलिस की अति-कार्रवाई या निष्क्रियता से संबंधित मामलों की सुनवाई से रोका जा सके।इस मामले की सुनवाई जस्टिस अपूर्व सिन्हा रे और जस्टिस कौशिक चंदा की खंडपीठ ने की, जिन्होंने मामले को आवश्यक निर्देशों के लिए चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।याचिकाकर्ता वकील संजय दास ने दावा किया कि चूंकि पश्चिम बंगाल सीआईडी जस्टिस...

डिफेंस स्टेशनों के बाहर देखते ही गोली मार दी जाएगी और अतिक्रमण करने वालों को गोली मार दी जाएगी लिखना उचित नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
डिफेंस स्टेशनों के बाहर 'देखते ही गोली मार दी जाएगी' और 'अतिक्रमण करने वालों को गोली मार दी जाएगी' लिखना उचित नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि प्रतिष्ठानों/स्टेशनों के बाहर लगाए गए साइनबोर्ड पर 'देखते ही गोली मार दी जाएगी' और 'अतिक्रमण करने वालों को गोली मार दी जाएगी' जैसे संदेश लिखना उचित नहीं है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसी सख्त चेतावनियां देने के लिए "हल्के शब्दों" का इस्तेमाल करना चाहिए।जस्टिस शेखर कुमार यादव की पीठ ने कहा कि हालांकि यह सच है कि सुरक्षा के उद्देश्य से सशस्त्र बलों के परिसर में अतिक्रमण करने वालों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, लेकिन ऐसे संदेश/शब्द बच्चों पर हानिकारक...

जज द्वारा संक्षिप्त अवमानना ​​कार्यवाही शुरू न करना न्यायालय को स्वतःसंज्ञान कार्यवाही शुरू करने से नहीं रोकता: केरल हाईकोर्ट
जज द्वारा संक्षिप्त अवमानना ​​कार्यवाही शुरू न करना न्यायालय को स्वतःसंज्ञान कार्यवाही शुरू करने से नहीं रोकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने माना कि यदि कोई जज न्यायालय की अवमानना ​​अधिनियम की धारा 14 के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अवमानना ​​कार्यवाही शुरू नहीं करता है तो यह हाईकोर्ट को अधिनियम की धारा 15 के तहत स्वप्रेरणा अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने से नहीं रोकता।जस्टिस अनिल के. नरेन्द्रन और जस्टिस जी. गिरीश की खंडपीठ ने एडवोकेट यशवंत शेनॉय द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई अवमानना ​​कार्यवाही के खिलाफ दी गई चुनौती पर निर्णय लेते हुए यह टिप्पणी की।धारा 14 हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की उपस्थिति या सुनवाई में की गई...

बेटे द्वारा भरण-पोषण की शर्त का उल्लेख नहीं करने पर सीनियर सिटीजन पिता द्वारा बेटे के पक्ष में निष्पादित गिफ्ट डीड रद्द नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
बेटे द्वारा भरण-पोषण की शर्त का उल्लेख नहीं करने पर सीनियर सिटीजन पिता द्वारा बेटे के पक्ष में निष्पादित गिफ्ट डीड रद्द नहीं किया जा सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना कि सीनियर सिटीजन द्वारा अपने बेटे के पक्ष में निष्पादित गिफ्ट डीड, जो बाद में उसे बेच देता है, उसको सीनियर सिटीजन ट्रिब्यूनल के सहायक आयुक्त द्वारा रद्द नहीं किया जा सकता, यदि गिफ्ट डीड में पिता (दाता) के भरण-पोषण की कोई शर्त का उल्लेख नहीं किया गया।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने विवेक जैन द्वारा दायर याचिका स्वीकार कर ली, जिन्होंने सीएस हर्ष से संपत्ति खरीदी थी। उन्हें वर्ष 2019 में उनके पिता श्रीनिवास ने संपत्ति गिफ्ट में दी थी।श्रीनिवास ने शुरू में वर्ष...