मुख्य सुर्खियां

इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्टेट लॉ अधिकारियों की हालिया नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका दायर
इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्टेट लॉ अधिकारियों की हालिया नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका दायर

मुख्य सरकारी वकील और अतिरिक्त सरकारी वकीलों की हालिया नियुक्तियों को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।मामले पर चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष बहस हुई, जिसने पक्षों को अपने तर्कों का सारांश प्रदान करने का निर्देश दिया है।बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में नामांकित याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार द्वारा अपने पैनल में हाल ही में की गई नियुक्तियों को इस आधार पर चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की है कि इन अधिवक्ताओं को नियुक्त...

गुजरात दंगे 2002: हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने तीस्ता सीतलवाड की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया
गुजरात दंगे 2002: हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने तीस्ता सीतलवाड की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

गुजरात हाईकोर्ट के समीर जे. दवे गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की उस याचिका पर सुनवाई से अलग हो गए, जिसमें उन्होंने गुजरात पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज किए गए मामले को रद्द करने की मांग की थी।तीस्ता सीतलवाड पर 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उच्च सरकारी अधिकारियों को फंसाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप लगाया गया था।गुजरात के अहमदाबाद की एक सिटी सत्र अदालत द्वारा मामले के संबंध में उनके आरोपमुक्ति आवेदन को खारिज करने के तुरंत बाद...

अनुबंध के तहत केवल पैसे का भुगतान न करना आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने का कोई आधार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
अनुबंध के तहत केवल पैसे का भुगतान न करना आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने का कोई आधार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि एक अनुबंध के तहत भुगतान किए गए पैसे का भुगतान न करना समझौते के पक्षकार के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आधार नहीं हो सकता है और किसी भी मामले में "आरोपी व्यक्ति की अग्रिम जमानत आवेदन को अस्वीकार करने का आधार नहीं हो सकता है"। जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने विजय पाल प्रजापति को अग्रिम जमानत देते हुए यह टिप्पणी की, जिस पर उत्खनन की गई रेत की बिक्री और विपणन से संबंधित समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।न्यायालय ने यह भी कहा कि आजकल "वाणिज्यिक लेनदेन के...

मणिपुर हाईकोर्ट ने कुकी-ज़ो पीड़ितों को सामूहिक रूप से दफनाए जाने वाली प्रस्तावित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया
मणिपुर हाईकोर्ट ने कुकी-ज़ो पीड़ितों को सामूहिक रूप से दफनाए जाने वाली प्रस्तावित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

मणिपुर हाईकोर्ट ने गुरुवार सुबह 5 बजे हुई तत्काल सुनवाई के बाद उस प्रस्तावित भूमि के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, जहां हाल ही में जातीय झड़पों में मारे गए कुकी समुदाय के सदस्यों के शवों को सामूहिक रूप से दफनाया जाना है।न्यायालय ने कहा कि ''पहले से ही अस्थिर कानून और व्यवस्था की स्थिति के बिगड़ने की संभावना और दोनों ओर से बड़ी भीड़ के इकट्ठा होने के कारण हिंसा और रक्तपात की एक नई लहर भड़कने की संभावना'' को ध्यान में रखते हुए अंतरिम आदेश पारित किया जाना आवश्यक है।न्यायालय ने निजी...

मद्रास हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामले में वकील को जमानत दी, कहा- रूपये के लेनदेन के अलावा उनके खिलाफ कोई सामग्री नहीं
मद्रास हाईकोर्ट ने एनडीपीएस मामले में वकील को जमानत दी, कहा- रूपये के लेनदेन के अलावा उनके खिलाफ कोई सामग्री नहीं

मद्रास हाईकोर्ट ने उस वकील को जमानत दे दी, जिसे ड्रग्स मामले में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8 (सी) सपठित धारा 20 (बी) (ii) (ए), 22 (सी), 29 (1) के तहत गिरफ्तार किया गया था।जस्टिस एडी जगदीश चंदिरा ने यह पाते हुए कि वकील आशिक अली जमानत के लिए एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के तहत शर्तों को पूरा करते हैं, उन्हें जमानत दे दी।अदालत ने यह भी कहा कि आशिक और आरोपी के बीच कथित पैसे के लेन-देन के अलावा कोई सामग्री या बरामदगी नहीं हुई।अदालत ने कहा,“हालांकि यह कहा गया कि याचिकाकर्ता अन्य आरोपियों के वित्त मामले से...

बच्चे को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 12 के तहत जमानत से वंचित नहीं किया जा सकता है, भले ही उस पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने का आदेश दिया गया हो: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
बच्चे को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 12 के तहत जमानत से वंचित नहीं किया जा सकता है, भले ही उस पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने का आदेश दिया गया हो: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाण हाईकोर्ट ने कहा कि जघन्य अपराध के आरोप के मामले में जब किसी किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जाता है, तब भी उसे किशोर न्याय अधिनियम की धारा 12 के तहत जमानत का लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता है।जस्टिस एन.एस. शेखावत ने एक किशोर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा,"इसमें कोई संदेह नहीं है कि अपीलकर्ता/सीसीएल पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन फिर भी वह कानून के साथ संघर्ष में किशोर बना हुआ है और उसे कभी भी अधिनियम की धारा 12 के लाभ से वंचित...

दिल्ली हाईकोर्ट टेरर फंडिंग मामले में मौत की सजा के लिए एनआईए की याचिका में जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को वर्चुअली पेश करने के आवेदन पर 7 अगस्त को सुनवाई करेगा
दिल्ली हाईकोर्ट टेरर फंडिंग मामले में मौत की सजा के लिए एनआईए की याचिका में जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को वर्चुअली पेश करने के आवेदन पर 7 अगस्त को सुनवाई करेगा

दिल्ली हाईकोर्ट 07 अगस्त को आतंकी फंडिंग मामले में दोषी कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा मौत की सजा की मांग वाली अपील में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने के लिए तिहाड़ जेल अधिकारियों द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करेगा।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनीश दयाल की खंडपीठ के समक्ष मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन खंडपीठ के नहीं बैठने के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो सकी।आवेदन में 29 मई को पारित पहले के आदेश में संशोधन की मांग की गई, जिसमें मलिक के खिलाफ...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने चाय-बागान श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन में अंतरिम बढ़ोतरी को बरकरार रखा, राज्य को 6 महीने में न्यूनतम वेतन को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने चाय-बागान श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन में अंतरिम बढ़ोतरी को बरकरार रखा, राज्य को 6 महीने में न्यूनतम वेतन को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कई चाय बागानों के मालिकों/पट्टेदारों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य श्रम आयुक्त द्वारा 27 अप्रैल 2023 को जारी सलाह रद्द करने की मांग की गई, जिसमें चाय बागान श्रमिकों के लिए अंतरिम न्यूनतम मजदूरी 250/- रुपये प्रति दिन तक बढ़ा दी गई।जस्टिस राजा बसु चौधरी की एकल पीठ ने राज्य को छह महीने की अवधि के भीतर ऐसे श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन समझौते को अंतिम रूप देने का भी निर्देश दिया और कहा:मैंने पाया कि श्रम आयुक्त ने न्यूनतम वेतन समझौते को अंतिम रूप दिए जाने तक समय-समय...

राज्य को केरल पीड़ित मुआवजा योजना में संशोधन करना चाहिए और POCSO  पीड़ितों को ‘यौन उत्पीड़न’ के लिए मुआवजे का दावा करने में सक्षम बनाया जाएः केरल हाईकोर्ट
राज्य को केरल पीड़ित मुआवजा योजना में संशोधन करना चाहिए और POCSO पीड़ितों को ‘यौन उत्पीड़न’ के लिए मुआवजे का दावा करने में सक्षम बनाया जाएः केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले पर विचार किया कि क्या यौन उत्पीड़न के पीड़ित केरल पीड़ित मुआवजा योजना, 2017 (2021 में संशोधित) के तहत मुआवजे का दावा कर सकते हैं? यह मुद्दा इस कारण से उठा क्योंकि पॉक्सो अधिनियम की धारा 11 के तहत दंडनीय ‘यौन उत्पीड़न’ को केरल पीड़ित मुआवजा योजना की अनुसूची के तहत ‘चोट’ के रूप में शामिल नहीं किया गया है। जस्टिस कौसर एडप्पागाथ ने यौन उत्पीड़न पीड़ितों को दिए गए मुआवजे को बरकरार रखते हुए कहा कि एक लाभकारी कानून या योजना को पीड़ितों के बीच अंतर नहीं करना चाहिए। ...

आरोपी स्वयंसेवकों को पौधे लगाने होंगे, मप्र हाईकोर्ट ने कहा सामाजिक सेवा करने के इच्छुक व्यक्ति को योग्यता पर विचार किए बिना जमानत नहीं दी जा सकती
आरोपी स्वयंसेवकों को पौधे लगाने होंगे, मप्र हाईकोर्ट ने कहा सामाजिक सेवा करने के इच्छुक व्यक्ति को योग्यता पर विचार किए बिना जमानत नहीं दी जा सकती

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जमानत के लिए एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति को केवल इस आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती कि वह अपनी रिहाई के बाद सामाजिक हित की सेवा करना चाहता है। जस्टिस आनंद पाठक की एकल न्यायाधीश पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि जमानत देने से पहले आवेदनों पर योग्यता के आधार पर सुनवाई की जानी चाहिए और इस प्रकार देखा गया,“ यह स्पष्ट किया जाता है कि यह जमानत तब दी जाती है, जब मामला जमानत के लिए तैयार हो जाता है और उसके बाद, पौधे लगाने का निर्देश दिया जाता है और यह ऐसा...

शांति बनाए रखना मीडिया की सामाजिक जिम्मेदारी है, तालिबान गुंडा शब्दों का इस्तेमाल असहनीय : कर्नाटक हाईकोर्ट
शांति बनाए रखना मीडिया की सामाजिक जिम्मेदारी है, 'तालिबान' 'गुंडा' शब्दों का इस्तेमाल असहनीय : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्रकार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया महत्वपूर्ण समाचार प्रकाशित करके आम जनता की जरूरतों को पूरा करते हैं और शांति बनाए रखने की उनकी सामाजिक जिम्मेदारी है। जस्टिस वी श्रीशानंद की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि समाचारों के प्रकाशन का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है और इसलिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में की जाने वाली रिपोर्टों को प्रेस द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार सख्ती से पालन होना आवश्यक है।" 'तालिबान', 'गुंडा', 'पंडाटिके' शब्दों का प्रयोग असहनीय है और...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हज समिति से तीर्थयात्रियों के आरोहण स्थल चुनने से पहले किराए की घोषणा करने को कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हज समिति से तीर्थयात्रियों के आरोहण स्थल चुनने से पहले किराए की घोषणा करने को कहा

बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने 180 हज यात्रियों द्वारा हज यात्रा, 2023 के लिए औरंगाबाद आरोहण बिंदू (ईपी) के लिए किरायों के संबंध में दायर रिट याचिकाओं के एक बैच में कहा कि भारतीय हज समिति (एचसीओआई) अपने दिशानिर्देशों को लागू करे और हज यात्रियों को निकटतम किफायती आरोहण बिंदु (ईपी) चुनने में सक्षम बनाने के लिए पहले से ही किराए की घोषणा करे। औरंगाबाद में बैठे जस्टिस रवींद्र वी घुगे और जस्टिस वाईजी खोबरागड़े की खंडपीठ ने कहा कि मुंबई के लिए ईपी शुल्क 53,043 रुपये, जबकि औरंगाबाद के लिए के लिए 1,40,938/- रुपये...

पीड़िता ने आपराधिक मामले में आरोपी को फंसाने का प्रयास किया: उड़ीसा हाईकोर्ट ने शादी के झूठे वादे का आरोप लगाते हुए दर्ज बलात्कार के मामले को रद्द किया
'पीड़िता ने आपराधिक मामले में आरोपी को फंसाने का प्रयास किया': उड़ीसा हाईकोर्ट ने शादी के झूठे वादे का आरोप लगाते हुए दर्ज बलात्कार के मामले को रद्द किया

उड़ीसा हाईकोर्ट ने उस व्यक्ति के खिलाफ लंबित एक आपराधिक मामले को रद्द कर दिया है, जिस पर शादी का झूठा वादा करके एक महिला से बलात्कार करने का आरोप था। आरोपी को राहत देते हुए जस्टिस शशिकांत मिश्रा की सिंगल जज बेंच का विचार था कि पीड़ित ने आरोपी पर दबाव बनाने के लिए उस पर झूठा मामला थोपने की कोशिश की और कहा,"...अगर मामले के तथ्यों और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्रियों को निष्पक्ष रूप से देखा जाए तो यह पीड़ित द्वारा आरोपी को वैवाहिक संबंध में मजबूर करने के लिए एक आपराधिक मामले में उलझाने के स्पष्ट प्रयास...

सिविल सर्विस एग्जामिनेशन 2023: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रारंभिक प्रिलिम्स आंसर की प्रकाशित करने की मांग वाली याचिका की सुनवाई योग्यता पर फैसला सुरक्षित रखा
सिविल सर्विस एग्जामिनेशन 2023: दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रारंभिक प्रिलिम्स आंसर की प्रकाशित करने की मांग वाली याचिका की सुनवाई योग्यता पर फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को सिविल सर्विस एग्जामिनेशन 2023 की प्रिलिम्स आंसर की के अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही प्रकाशित करने के संघ लोक सेवा निर्णय (यूपीएससी) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई योग्यता पर फैसला सुरक्षित रख लिया।जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने विभिन्न सिविल सर्विस अभ्यार्थियों द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा,"मैं याचिका की सुनवाई योग्यता पर फैसला सुनाऊंगा।"अदालत ने उम्मीदवारों के वकील की दलील को भी दर्ज किया कि याचिका में अन्य दो प्रार्थनाएं, यानी...

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका, ASI सर्वेक्षण को प्रभावित किए बिना पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने, गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका, ASI सर्वेक्षण को प्रभावित किए बिना पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील करने, गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग

इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (वाराणसी न्यायालय के एएसआई सर्वेक्षण आदेश को प्रभावित किए बिना) को सील करने का निर्देश देने की मांग की गई है ताकि गैर-हिंदुओं/गैर-सनातनी द्वारा परिसर के अंदर मौजूद हिंदू चिह्न/प्रतीकों को नुकसान ना किया जा सके।" जनहित याचिका विश्व वैदिक सनातन संघ (वीवीएसएस) के प्रमुख, जितेंद्र सिंह विसेन, राखी सिंह (वाराणसी न्यायालय के समक्ष लंबित 2022 के ज्ञानवापी पूजा मुकदमे में वादी...

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने श्रीनगर लिंचिंग मामले में आरोपी व्यक्ति की प्रिवेंटिव डिटेंशन को बरकरार रखा
जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने श्रीनगर लिंचिंग मामले में आरोपी व्यक्ति की प्रिवेंटिव डिटेंशन को बरकरार रखा

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने बुधवार को एक ऐसे व्यक्ति की प्रिवेंटिव डिंटेशन को बरकरार रखा, जो 2017 में श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में हुए डीएसपी लिंचिंग मामले का मुख्य आरोपी भी है।यह घटना 22 और 23 जून 2017 की मध्यरात्रि की है जब श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में जामिया मस्जिद के बाहर भीड़ ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की सुरक्षा शाखा के एक पुलिस उपाधीक्षक (डीवाईएसपी) की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अधिकारी को शब-ए-कद्र की पूर्व संध्या पर एक बड़ी सभा के दौरान सुरक्षा कर्मियों की निगरानी के लिए मस्जिद में तैनात किया...

ठेकेदार के कर्मचारी की दुर्घटना/मृत्यु के लिए विलंबित मुआवज़े पर ब्याज/जुर्माने के लिए प्रधान नियोक्ता उत्तरदायी नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
ठेकेदार के कर्मचारी की दुर्घटना/मृत्यु के लिए विलंबित मुआवज़े पर ब्याज/जुर्माने के लिए प्रधान नियोक्ता उत्तरदायी नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि ठेकेदार के कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु/चोट के मामले में मुख्य नियोक्ता का दायित्व कर्मचारी मुआवजा अधिनियम की धारा 12 के तहत मुआवजे की राशि तक सीमित है और इसमें डिफ़ॉल्ट के लिए जुर्माना और ब्याज शामिल नहीं है। कोर्ट ने कहा,"...नियोक्ता की ओर से वैधानिक दायित्व का पालन करने में विफलता के लिए उस पर ब्याज और जुर्माना देने की अतिरिक्त देनदारी हो सकती है, हालांकि मुख्य नियोक्ता, जिसे धारा 12 के तहत मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी बनाया गया है कर्मचारी...

एस्टेट ड्यूटी एक्ट 1953 | कथित वक़िफ़ अगर वक़्फ़ डीड में संशोधन करने का अधिकार सुरक्षित रखता है तो वो धारा 12 के तहत छूट का हकदार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
एस्टेट ड्यूटी एक्ट 1953 | कथित वक़िफ़ अगर वक़्फ़ डीड में संशोधन करने का अधिकार सुरक्षित रखता है तो वो धारा 12 के तहत छूट का हकदार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अगर वकिफ ने वक्फ संपत्ति से लाभ प्राप्त करने के लिए वक्फ विलेख और उसमें प्रावधानों में संशोधन करने का अधिकार सुरक्षित रखा है, तो संपत्ति शुल्क अधिनियम, 1953 के तहत संपत्ति शुल्क का भुगतान करने से छूट का दावा नहीं किया जा सकता है।याचिकाकर्ता गुलाम आजाद खान की गोद ली हुई संतान है, जिसने कथित तौर पर मुसलमान वक्फ वैधीकरण अधिनियम, 1913 के तहत वक्फ-अलाल-औलाद बनाया था। वक्फ डीड के अनुसार, कुल आय में से 100 रुपए का जनरल इंजीनियरिंग वर्क्स (वक्फ संपत्ति) को सर्वशक्तिमान की ओर...

18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति का लिव इन रिलेशन में रहना अस्वीकार्य, ऐसे कृत्य अनैतिक और अवैध: इलाहाबाद हाईकोर्ट
18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति का 'लिव इन रिलेशन' में रहना अस्वीकार्य, ऐसे कृत्य अनैतिक और अवैध: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि 18 साल से कम उम्र का कोई 'बच्चा' लिव-इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकता। ऐसा करना न केवल अनैतिक बल्कि गैरकानूनी कृत्य होगा। न्यायालय ने कहा कि लिव-इन रिलेशन को विवाह की प्रकृति का संबंध मानने के लिए कई शर्तें हैं और किसी भी मामले में, व्यक्ति को बालिग (18 वर्ष से अधिक) होना चाहिए, भले ही वह विवाह योग्य आयु (21 वर्ष) का न हो।उल्लेखनीय है कि जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस राजेंद्र कुमार-चतुर्थ की पीठ ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र का आरोपी किसी...

मद्रास हाईकोर्ट ने पीएफआई के साथ कथित संबंधों के लिए एनआईए द्वारा यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए वकील को जमानत दी
मद्रास हाईकोर्ट ने पीएफआई के साथ कथित संबंधों के लिए एनआईए द्वारा यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए वकील को जमानत दी

मद्रास हाईकोर्ट ने मदुरै स्थित वकील मोहम्मद अब्बास को जमानत दे दी है, जिन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) संगठन के साथ उनके कथित संबंधों के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था।जस्टिस एम सुंदर और जस्टिस आर शक्तिवेल की पीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 (बम विस्फोट मामले की विशेष सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय) के तहत विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ वकील द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया...