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COVID19 : मेडिकल पेशेवरों पर मकान खाली करने का दबाव बनाने के लिए मकान मालिक पर होगी सख्त कार्रवाई, कर्नाटक सरकार ने दिए निर्देश
COVID19 : मेडिकल पेशेवरों पर मकान खाली करने का दबाव बनाने के लिए मकान मालिक पर होगी सख्त कार्रवाई, कर्नाटक सरकार ने दिए निर्देश

कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को उन मकान मालिकों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जो डॉक्टर, पैरामेडिकल प्रोफेशनल और स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस के फैलने के डर से अपने किराए के मकान खाली करने का दबाव बना रहे हैं। राज्य सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि इस तरह का व्यवहार लोक सेवक को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने में बाधा डालता है और कर्नाटक महामारी रोग (COVID19) विनियम, 2020 के महामारी रोग अधिनियम, 1987 और हैदराबाद अनिश्चित रोग अधिनियम, 1950 के के तहत इसके लिए सज़ा का...

COVID 19 : जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की प्रकिया को तेज़ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी
COVID 19 : जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की प्रकिया को तेज़ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी

सुप्रीम कोर्ट में आवेदन देकर राज्य सरकारों को 23 मार्च को जारी शीर्ष अदालत के आदेश को शीघ्र करवाने की अपील की गई है।सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए राज्यों से उन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने पर कहा जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने राज्य सरकारों को उच्च शक्ति समिति का गठन करने को कहा था जो यह निर्धारित करेगी कि कौन सी श्रेणी के अपराधियों को या मुकदमों...

झूठा केस दायर करने के कारण पति या उसके परिवार का जेल जाना क्रूरता के समान : कलकत्ता हाईकोर्ट
झूठा केस दायर करने के कारण पति या उसके परिवार का जेल जाना क्रूरता के समान : कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने एक फैसला सुनाते हुए माना है कि यदि किसी पति/उसके परिवार को आपराधिक मामले में झूठा फंसाया जाता है, जिससे उनकी गिरफ्तारी होती है और उनको जेल में रहना पड़ता है तो यह क्रूरता के समान है। एक पीड़ित पति की तरफ से दायर तलाक की अपील की अनुमति देते हुए जस्टिस समापती चटर्जी और जस्टिस मनोजीत मंडल की पीठ ने कहा कि- ''हमारी राय में प्रतिवादी/पत्नी का अपने पति के साथ रहने का कोई इरादा नहीं था, क्योंकि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों से यह साफ हो रहा है और...

केरल हाईकोर्ट का आदेश, बहुत जरूरी न हो तो लॉक डाउन की अवधि में पुलिस न करे गिरफ्तारी
केरल हाईकोर्ट का आदेश, बहुत जरूरी न हो तो लॉक डाउन की अवधि में पुलिस न करे गिरफ्तारी

केरल हाईकोर्ट ने वकीलों और सरकारी कानून अधिकारियों के दफ्तरों और सहायक कर्मचारियों के कामकाज पर पड़ रहे नेशनल लॉकडाउन के प्रभावों के मद्देनजर निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि यदि अपरिहार्य न हो तो गिरफ्तारी न की जाए। जघन्य और गंभीर अपराधों में कार्रवाई करने के लिए पुलिस स्वतंत्र है। मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार, जस्टिस सीके अब्दुल रहीम और सीटी रविकुमार की पूर्ण ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कई निर्देश जारी किए हैं। "उक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हमारा दृढ़ मत है कि किसी...

COVID-19:दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 15 मई तक बढ़ाई, अधीनस्थ अदालतों के आदेश भी शामिल
COVID-19:दिल्ली हाईकोर्ट ने सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 15 मई तक बढ़ाई, अधीनस्थ अदालतों के आदेश भी शामिल

केंद्र सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के मद्देनज़र दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि उसके द्वारा पारित अंतरिम आदेश और साथ ही उसकी अधीनस्थ अदालतें द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश ,जो 16 मार्च तक लागू थे और अब समाप्त हो गए हैं या बाद में समाप्त हो जाएंगे, उन सभी को स्वत: 15 मई तक बढ़ाया जा रहा है। इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश डी.एन.पटेल, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पूर्ण पीठ ने आदेश दिया कि- ''भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 और...

लॉकडाउन : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट और सभी अधीनस्थ अदालतों में अगले आदेश तक कार्य बंद करने की घोषणा की
लॉकडाउन : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट और सभी अधीनस्थ अदालतों में अगले आदेश तक कार्य बंद करने की घोषणा की

मंगलवार की आधी रात से केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए नेशनल लॉकडाउन के कारण, देश भर के विभिन्न हाईकोर्ट की तरह, इलाहाबाद हाईकोर्ट को भी अगले आदेश तक बंद रखने का प्रस्ताव पास किया है।हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी किए गए एक नोटिस के अनुसार, प्रशासनिक समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में और सभी अधीनस्थ अदालतों में सभी अदालती काम अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश के पूर्व अनुमोदन से एक निर्दिष्ट डिवीजन बेंच / एकल न्यायाधीश तत्काल मामलों की सुनवाई...

वक़ील ने हाईकोर्ट जज को COVID-19 से ग्रस्त हो जाने का श्राप दिया,  वकील के ख़िलाफ़ कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुरू किया मानहानि का मुक़दमा
वक़ील ने हाईकोर्ट जज को COVID-19 से ग्रस्त हो जाने का श्राप दिया, वकील के ख़िलाफ़ कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुरू किया मानहानि का मुक़दमा

सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बिजोय अधिकारी नामक उस वक़ील के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि की प्रक्रिया शुरू की जिसने एक जज को कोरोना वायरस से ग्रस्त हो जाने का श्राप दिया था, क्योंकि जज ने उसके मामले की तत्काल सुनवाई की अनुमति नहीं दी थी।यह वाक़या जस्टिस दीपंकर दत्ता के समक्ष हुआ जो मामले कि सुनवाई कर रहे थे।आग्रह को सुनने के बाद इस पर आदेश पास करने के बाद जस्टिस दत्ता ने वक़ील के व्यवहार पर कहा, "अधिकारी ने न केवल न्याय प्रशासन में रुकावट पैदा की और आदेश लिखाए जाने के समय बार-बार हस्तक्षेप करके...

COVID- 19 : दिल्ली हाईकोर्ट ने कजाकिस्तान में फंसे छात्रों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए
COVID- 19 : दिल्ली हाईकोर्ट ने कजाकिस्तान में फंसे छात्रों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिए

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को हुई एक विशेष सुनवाई में विदेश मंत्रालय को कजाकिस्तान में भारतीय दूतावास से तुरंत एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया, जो पिछले 2-3 दिनों से कजाकिस्तान के अलमाटी हवाई अड्डे पर फंसे भारतीय छात्रों के कल्याण और सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा।नोडल अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वो उक्त छात्रों को इस अवधि के दौरान चिकित्सा सुविधाओं, आवास, भोजन, और परिवहन संबंधी सभी बुनियादी सुविधाओं और मानवीय सहायता प्रदान करे और उन्हें सुरक्षित करने के लिए सारे कदम...

एजी एके वेणुगोपाल ने प्राचीन पुस्तकों का डिजिटल कलेक्शन बनाया, नायाब संग्रह ऑनलाइन उपलब्ध
एजी एके वेणुगोपाल ने प्राचीन पुस्तकों का डिजिटल कलेक्शन बनाया, नायाब संग्रह ऑनलाइन उपलब्ध

भारत के वरिष्ठ अधिवक्ता और अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पुस्तकों के युग को जीवित करने के प्रयास में 17 वीं शताब्दी से एक पुरातनपंथी पुस्तक संग्रह को ऑनलाइन उपलब्ध करवाया है। उन्होंने डिजिटल रूप से इस पूरे लॉट को स्कैन किया है और यह लोगों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध है। प्राचीन पुस्तकों की जानकारी के साथ उपलब्ध यह वेबसाइट Http://www.kkvlibrary.com/ पर एक्सेस के लिए उपलब्ध है। यह संग्रह उन सभी लोगों को बहुत भाएगा, जो प्राचीन किताबें पढ़ने में रुचि रखते हैं। यह वेबसाइट उनकी इच्छा उनकी बीते युगों...

दिल्ली हाईकोर्ट ने दंगों के शिकार लोगों के शवों की डीएनए जाँच अदालत के आदेश की प्रतीक्षा के बिना शीघ्र करने के निर्देश दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने दंगों के शिकार लोगों के शवों की डीएनए जाँच अदालत के आदेश की प्रतीक्षा के बिना शीघ्र करने के निर्देश दिए

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा किए बिना दिल्ली दंगों में मारे गए लोगों के शवों का डीएनए जाँच शीघ्र कराए।डीएनए जाँच के लिए अदालत की पूर्व अनुमति लेने संबंधी कोई क़ानून होने की बात ग़ौर करते हुए न्यायमूर्ति नवीन चावला की एकल पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह अगले 15 दिनों में डीएनए जाँच की प्रक्रिया को पूरी कर ले।यह आदेश साजिद अली नामक व्यक्ति की याचिका पर दिया गया है जिसने दावा किया है कि जो शव बरामद हुए हैं उनमें से एक उसके बेटे का है।याचिकाकर्ता ने कहा...

COVID-19 :  प्रभावित लोगों के लिए जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट के न्यायाधीश देंगे 25-25 हज़ार रुपए, आवश्यक मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी
COVID-19 : प्रभावित लोगों के लिए जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट के न्यायाधीश देंगे 25-25 हज़ार रुपए, आवश्यक मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी

कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण, उसके कारण लगे प्रतिबंधों और उनके प्रभाव के अनुमानों को ध्यान में रखते हुए, जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट की फुल बेंच ने प्रभावित व्यक्तियों के भले के लिए एक निश्चित राशि का योगदान करने का निर्णय लिया है।बैठक में यह तय किया गया कि मुख्य न्यायाधीश और हाईकोर्ट के सभी न्यायाधीश 25-25 हज़ार रुपये का योगदान देंगे। इसी प्रकार, अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों के साथ-साथ हाईकोर्ट व अधीनस्थ न्यायालयों के सभी राजपत्रित अधिकारी और अन्य कर्मचारी भी एक निश्चित निश्चित राशि...

लाइफ़ बॉय को COVID-19 में अप्रभावी बताने वाले डेटॉल के विज्ञापन पर फ़िलहाल रोक, HUL पहुंचा बॉम्बे हाईकोर्ट
लाइफ़ बॉय को COVID-19 में अप्रभावी बताने वाले डेटॉल के विज्ञापन पर फ़िलहाल रोक, HUL पहुंचा बॉम्बे हाईकोर्ट

कोरोना वायरस के फैलने के कारण फैली महामारी के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट ने हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (HUL) की याचिका पर सुनवाई की जिसमें रेकिट बेंकाइज़र के ख़िलाफ़ कॉपीराइट के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि अपने उत्पाद 'डेटॉल' के विज्ञापन में लोगों को यह कहा जा रहा है कि एचयूएल का 'लाइफ़बॉय' कोविड-19 में अप्रभावी रहा है। रेकिट बेंकाइज़र के इस बयान के बाद कि वह इस विज्ञापन को अभी नहीं दिखाएगा, न्यायमूर्ति केआर श्रीराम ने इस मामले को 20 अप्रैल 2020 तक कि लिए...

COVID19   कर्नाटक हाईकोर्ट व ट्रायल कोर्ट 24 मार्च से 6 अप्रैल तक बंद रहेंगी, सिर्फ  अत्यंत आवश्यक मामलों को होगी सुनवाई
COVID19 कर्नाटक हाईकोर्ट व ट्रायल कोर्ट 24 मार्च से 6 अप्रैल तक बंद रहेंगी, सिर्फ अत्यंत आवश्यक मामलों को होगी सुनवाई

कर्नाटक हाईकोर्ट और राज्य के सभी जिला व ट्रायल कोर्ट 24 मार्च से 6 अप्रैल तक बंद रहेंगी। इस अवधि में परिसीमा अधिनियम, 1963 की धारा 4 के उद्देश्य के तहत न्यायालय बंद रहेंगे।सोमवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश ए.एस ओका ने बंद की अवधि के दौरान हाईकोर्ट में बेहद जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए अदालतों के हॉल में बैठने के लिए कुछ न्यायाधीशों को नामांकित किया है। यह इन-चार्ज कोर्ट सिर्फ सुबह 11 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक कार्य करेंगी। उन दिनों में कोई अन्य न्यायालय कार्य नहीं करेगा।...

तानाशाही राज का यह आलम है कि एमसीजीएम आज भी यह समझता है कि उस पर कोई क़ानून लागू नहीं होता : बॉम्बे हाईकोर्ट
तानाशाही राज का यह आलम है कि एमसीजीएम आज भी यह समझता है कि उस पर कोई क़ानून लागू नहीं होता : बॉम्बे हाईकोर्ट

मुंबई बंदरगाह में जहाज़ों, नावों और बजरों में पानी की आपूर्ति करनेवाली दो कंपनियों ने रिट याचिका दायर किया जिस पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाइकोर्ट ने कहा कि वृहनमुंबई नगरपालिका में तानाशाही 'राज' अभी भी चल रहा है और अधिकारियों को यह भ्रम है कि क़ानून के नियम उनपर लागू नहीं होते। न्यायमूर्ति एसजे कठवल्ला और बीपी कोलाबावाला ने जनवरी में अपने फ़ैसले में निगम के कुछ अधिकारियों के ख़िलाफ़ कड़ी टिप्पणी की। पृष्ठभूमि अदालत में हार्बर वॉटर सप्लायर्स कंपनी (याचिकाकर्ता नम्बर 1) और ओके...

दिल्ली हाईकोर्ट ने मुस्तफाबाद दंगा पीड़ित शिविर में दिल्ली  सरकार को डॉक्टर सहित पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुस्तफाबाद दंगा पीड़ित शिविर में दिल्ली सरकार को डॉक्टर सहित पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए

COVID-19 महामारी के मद्देनज़र दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि दिल्ली दंगों के दौरान विस्थापित व्यक्तियों के लिए निर्धारित ईदगाह ओल्ड मुस्तफाबाद शिविर में पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। न्यायमूर्ति हेमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि उक्त क्षेत्र में दो दिनों की अवधि के भीतर डॉक्टर, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों, पर्याप्त दवाएं और आवश्यक उपकरण के साथ...

COVID 19 : इमरजेंसी पैरोल और स्पेशल फर्लो को जेल नियमों में शामिल करने की योजना, दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा 
COVID 19 : इमरजेंसी पैरोल और स्पेशल फर्लो को जेल नियमों में शामिल करने की योजना, दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा 

दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया है कि वह कोरोना वायरस की बढ़ती चिंता से निपटने के लिए दिल्ली जेल नियमों में बदलाव लाने का प्रस्ताव ला रही है।यह जवाब दिल्ली की प्रमुख जेलों जैसे तिहाड़ और रोहिणी की जेलों में बंद कुछ श्रेणी के कैदियो को छोड़ने की दलील के संबंध में दिया गया है, ताकि जेल परिसर में COVID 19 वायरस के फैलने पर अंकुश लगाया जा सके।दिल्ली सरकार की तरफ से पेश होते हुए, अतिरिक्त स्थायी वकील अनुज अग्रवाल ने अदालत को सूचित किया कि राज्य सरकार दिल्ली जेल के नियमों के नियम 1219ए...