Begin typing your search above and press return to search.
मुख्य सुर्खियां

लॉकडाउन का असर, वैवाहिक विवाद में कोर्ट ने पिता को बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात करने की अनुमति दी

LiveLaw News Network
30 April 2020 6:56 AM GMT
लॉकडाउन का असर, वैवाहिक विवाद में कोर्ट ने पिता को बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात करने की अनुमति दी
x

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक वैवाहिक विवाद में एक पिता को अपने बच्‍चों को सप्ताह में तीन दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से देखने की अनुमति दी है। हाईकोर्ट में यह आदेश COVID 19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन को ध्यान में रखकर दिया है।

जस्टिस एसजे कथावाला ने कहा है कि यह आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक मुंबई में लॉकडाउन जारी रहेगी। आदेश में कहा गया है कि पिता अपने बच्चों के साथ सप्ताह में तीन दिन यानी सोमवार, गुरुवार और रविवार को शाम 5 से 6 बजे के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत कर सकते हैं।

कोर्ट ने कहा,

"यदि बच्चों को निर्दिष्ट समय पर ऑन-लाइन आने में कोई कठिनाई होती है, तो दोनों पक्ष बातचीत का समय पारस्परिक रूप से तय कर सकते हैं।"

मामले में फैमिली कोर्ट ने याचिकाकर्ता की पत्नी को बच्चों की कस्टडी दी थी और प्रतिवादी-पति को बच्चों के लिए मासिक गुजारा भत्ता देने का का निर्देश दिया था। बाद में हाईकोर्ट ने भुगतान जारी रखने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता के लिए अधिवक्ता प्रभा भडाद्रे पेश हुई ‌थीं। दिसंबर 2019 में, हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता मंजुला राव को इस मामले में मध्यस्थ के रूप में नियुक्त किया था।

तब कोर्ट ने कहा था,

"वैवाहिक विवाद और बच्चों की कस्टडी का मामला होने के कारण यह उचित होगा कि विवाद मध्यस्थता से सुलझाया जाए।"

अदालत को सूचित किया गया था कि मध्यस्थ ने बच्चों से बातचीत की है, वे सहज हैं और फैमिली कोर्ट परिसर में अपने पिता से मिलने के लिए तैयार थे।

26 मार्च, 2020 को जस्टिस रेवती मोहिते डेरे ने दोनों पक्षों को विवाद निस्तारण के लिए अपने कक्ष में दोपहर 3 बजे तक उपस्थित रहने का आदेश दिया था, हालांकि, देशव्यापी लॉकडाउन के कारण, प्रतिवादी में अपने बच्चों से मिलने में असमर्थ था और अदालत से वैकल्पिक समाधान की मांग की थी।

शुक्रवार को याचिकाकर्ता की पत्नी ने अपने वकील के माध्यम से कहा था कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिवादी पिता की अपने बच्चों से बातचीत कराने के ‌लिए तैयार है। इस प्रकार, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बच्चों से बातचीत करने का प्रतिवादी का निवेदन मान लिया गया था।

ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें



Next Story