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COVID 19 : दिल्ली में 23 मार्च से 31 मार्च तक लॉकडाउन, आवश्यक सेवाओं को छूट रहेगी
COVID019 के प्रकोप के मद्देनजर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार ने 23 मार्च, सुबह 6 बजे से 31 मार्च की मध्यरात्रि तक अपने अधिकार क्षेत्र में लॉकडाउन का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने इस संबंध में यह आदेश रविवार शाम को दिल्ली महामारी रोग COVID 19 विनियम 2020 और महामारी अधिनियम 1897 के तहत शक्तियों को इस्तेमाल करते हुए जारी किया है। आदेश के अनुसार, निम्नलिखित प्रतिबंध लागू होंगे: निजी बस, टेक्सी, ऑटो रिक्शा, रिक्शा और ई-रिक्शा के संचालन सहित किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट...
COVID19 : निवारक कदम तब तक प्रभावी नहीं होंगे, जब तक कि लोग घरों से बाहर अनावश्यक घूमना बंद नहीं करेंगे : गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि COVID19 की महामारी को रोकने के लिए निवारक उपाय तब तक सफलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पाएंगे , जब तक कि बड़े पैमाने पर जनता और राज्य के नागरिक , जिन्हें बड़े पैमाने पर खतरे से सचेत रहना है,इनका ठीक से पालन नहीं करेंगे। इसके लिए उनको अपने घरों से अनावश्यक रूप से बाहर निकलना,सभाएं करना,समारोह व पार्टियों में जाना बंद करना होगा या राज्य के अंदर व राज्य से बाहर मौज-मस्ती की यात्राओं पर जाने से बचना होगा। पीठ ने कहा कि संवेदीकरण या संवेदनशील बनाने के संदर्भ...
चुने हुए प्रतिनिधि को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि किसी विशेष कर्मचारी की नियुक्ति कहांं की जाए : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि चुना हुआ प्रतिनिधि यह तय करने का अधिकार नहीं रखता कि किसी विशेष कर्मचारी की नियुक्ति किस जगह पर होगी और इसका फैसला प्रशासनिक प्रमुख कर सकता है, कोई विधायक नहीं। मामला यह है कि किसी अधिकारी की नियुक्ति कहाँ होगी यह मंत्री तय करता है और प्रशासनिक विभाग के लिए इसमें किसी तरह की भूमिका नहीं छोड़ी जाती है।खंडपीठ ने कहा, "…यह देखा गया है कि संबंधित मंत्री ने न केवल पाँच लोगों के ट्रांसफ़र की इच्छा जतायी और इस बारे में सुझाव दिया बल्कि यह भी बताया कि...
लोकसभा ने गुजरात के तीन आयुर्वेद संस्थानों को मिलाकर राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनाने का विधेयक पास किया
लोकसभा ने वृहस्पतिवार को इंस्टीच्यूट ऑफ़ टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद विधेयक, 2020 को ध्वनिमत से पास कर दिया। इस विधेयक को आयुष मंत्री श्रीपाद येस्सो नाइक ने पेश किया जिसमें तीन निम्न संस्थानों को आपस में मिलाने का प्रावधान है। ये संस्थान हैं - · इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद, जामनगर; · श्री गुलाबकुनवेरबा आयुर्वेद महाविद्यालय, जामनगर; और · इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेदिक फ़ार्मासयूटिकल साइंसेज़, जामनगर; इन तीनों को मिलाकर अब एक राष्ट्रीय महत्व का...
COVID-19: इलाहाबाद हाईकोर्ट अब 25 मार्च तक रहेगा बंंद
COVID-19 के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए निवारक और उपचारात्मक उपाय करने के उद्देश्य से इलाहाबाद उच्च न्यायालय बुधवार, 25 मार्च तक बंद रहेगा। बुधवार, 18 मार्च को उच्च न्यायालय ने घोषणा की थी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रिंसिपल बेंच के साथ ही लखनऊ बेंच का परिसर अगले तीन दिनों के लिए साफ सफाई के उद्देश्य से बंद रहेगा। रजिस्टर (प्रोटोकॉल) द्वारा शनिवार को एक और नोटिस जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि दोनों शहरों में हाईकोर्ट परिसर 23 से 25 मार्च के बीच बंद रहेंगे। इन तारीखों के लिए तय मामलों...
ट्रायल कोर्ट सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक काम करेंगे, सिर्फ अतिआवश्यक मामलों पर होगी सुनवाई, कर्नाटक हाईकोर्ट ने निर्देश जारी किए
कर्नाटक हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि बेंगलूरू शहर में काम करने वाले सिटी सिविल कोर्ट, छोटी अदालत, ग्रामीण अदालत, फैमिली कोर्ट, लेबर कोर्ट और इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल शनिवार से सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही काम करेंगे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश के अनुसार, COVID -19 के फैलने के मद्देनजर, ये अदालतें केवल अत्यावश्यक मामलों और जमानत याचिकाओं पर ही सुनवाई करेंगी। न्यायालय के सदस्यों और बार के सदस्यों के लिए अपराह्न 3.00 बजे के बाद न्यायालय के ऑफ़िस बंद रहेंगे और न्यायालय के समय में...
जनता कर्फ्यूः मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया आदेश, गरीबों को भोजन और आश्रय उपलब्ध करवाएं
COVID-19 महामारी से निपटने के उपाय के रूप में इस रविवार को होने वाले ''जनता कर्फ्यू'' के मद्देनजर मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि उन गरीबों और आश्रयहीन लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने चाहिए, जो इन दिनों चल रहे ''संकट'' से सबसे बुरी तरह से प्रभावित होंगे।विशेष रूप से, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एस.एम सुब्रमण्यम ने भी अपने एक महीने के वेतन 2.25 लाख रुपये का योगदान करने का निर्णय लिया है। यह पैसा उन असंगठित श्रम बल के कल्याण के लिए दिया जा रहा है जिन्होंने सामाजिक...
मद्रास हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम असंगठित मज़दूरों को अपनी एक माह की सैलरी दान करेंगे
मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने अपने एक महीने का वेतन लगभग 2.25 लाख रुपए असंगठित श्रम बल के कल्याण के लिए ऐसे लोगों को दान किए हैं जिन्होंने COVID-19 महामारी के के कारण औद्योगिक गतिरोध के चलते अपनी कमाई खो दी है।द हिंदू में प्रकाशित खबर के अनुसार न्यायाधीश की एक महीने की सैलरी के बराबर राशि का चेक शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव को सौंप दिया जाएगा।जनता कर्फ्यूः मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया आदेश, गरीबों को भोजन और आश्रय उपलब्ध करवाएं हाल ही में...
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने सभी विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाई
COVID-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे विभिन्न उपायों के मद्देनजर, मद्रास उच्च न्यायालय ने किसी भी विरोध / जुलूस / प्रदर्शन आदि के आयोजन के खिलाफ अगले तक का आदेश दिया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में आंदोलन को रोकने के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली याचिकाओं पर एक बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार ने पहले ही एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें लोगों को भीड़भाड़ से बचने और अपने विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए कहा गया था जब तक कि महामारी का खतरा समाप्त न हो जाए। यह देखते हुए कि कुछ...
आपराधिक गतिविधि को अंजाम देने से पहले हासिल की गई संपत्ति पीएमएलए के तहत कुर्क नहीं की जा सकती : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत ऐसी संपत्ति को कुर्क नहीं किया जा सकता जिसे इस अपराध के करने से पहले देश के बाहर ख़रीदी या हासिल की गई हो।न्यामूर्ति जसवंत सिंह और न्यामूर्ति संत प्रकाश की पीठ ने कहा, "निदेशक या उसके द्वारा अधिकृत कोई अन्य अधिकारी को इस बात का विशेष ज़िक्र करना ज़रूरी है कि इसका कारण क्या है और सिर्फ़ पीएमएलए की धारा 5 की दुहाई का कोई मतलब नहीं है।"यह अपील पीएमएलए की धारा 42 के तहत दायर की गई है और इसमें अपीली अधिकरण के...
कर्नाटक हाईकोर्ट को दो सप्ताह के लिए बंद करने का अनुरोध, सीजेआई को लिखा पत्र
द एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ बेंगलुरु (AAB) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश, एसए बोबडे को कोरोना वायरस के फैलने की आशंका के मद्देनजर पत्र लिखा है जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट को दो सप्ताह के लिए बंद करने का अनुरोध किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष, एपी रंगनाथ और सचिव एएन गंगाधरैया द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है, "Covid-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक महामारी के रूप में घोषित किया गया है। कर्नाटक के माननीय उच्च न्यायालय ने सर्कुलर जारी करके विभिन्न कदम उठाए हैं और वकीलों और वादियों को एडवाइज़री...
दिल्ली हिंसा : पीड़ितों के पुनर्वास के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिए दिशा-निर्देश
दिल्ली दंगों के पीड़ितों के पुनर्वास के उपायों की मांग करने वाली एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राहत और पुनर्वास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कई दिशा-निर्देश पारित किए हैं। शेख मुजतबा फारूक द्वारा दायर याचिका में, केंद्र और दिल्ली सरकार के विभिन्न अधिकारियों को अदालत से निर्देश देने की मांग की गई थी, ताकि यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए जा सकें कि दंगा पीड़ितों को उचित मानवीय और चिकित्सा राहत प्रदान की जाए। मामले को तत्काल सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और...
COVID-19 : दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से ईयू, यूके के यात्रियों को भारत यात्रा करने से प्रतिबंधित करने पर जवाब मांगा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 18 मार्च से यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, तुर्की और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य देशों के यात्रियों की भारत यात्रा पर केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और डीजीसीए से जवाब मांगा है।कोरोना वायरस के फैलने की आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 18 मार्च से यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, तुर्की और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य देशों के यात्रियों की भारत यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद सरकार के इस फैसले को दिल्ली...
विदेशी अदालत के फ़ैसले को लागू करने की समय सीमा वह होगी जो इसे लागू करने वाले देश ने तय किया है : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी विदेशी अदालत के फ़ैसले को भारत में लागू करने की समय सीमा वही होगी जो संबंधित दूसरे देश ने तय किया है। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि समय सीमा की शुरुआत उस समस्य से होती है जब आदेश किसी विदेशी अदालत में पास हुआ। हालाँकि, अगर फ़ैसला धारक संबंधित देश में इस फ़ैसले को लागू करने के लिए क़दम उठता है और इसे संतोषप्रद ढंग से लागू नहीं किया जाता है तब वह भारत में इस फ़ैसले को लागू करवाने के लिए तीन साल के भीतर याचिका दायर कर...
एंटी-सीएए प्रोटेस्ट के लिए अनुमति देने से मना करने वाले पुलिस के आदेश को मद्रास हाईकोर्ट ने रद्द किया
मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक, त्रिची (ग्रामीण) द्वारा पारित उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति जी. आर .स्वामीनाथन, जिन्होंने यह आदेश पारित किया। हालांकि उन्होंने COVID 19 महामारी के मद्देनजर सरकार की तरफ से जारी किए गए निषेधात्मक आदेशों पर ध्यान देते हुए याचिकाकर्ताओं को प्रदर्शन की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। न्यायमूर्ति जी. आर .स्वामीनाथन ने कहा, ''इसलिए, उक्त...
COVID-19:कुर्क या जब्त संपत्तियों से बेदखल करने या उन्हेंं नीलामी से रोकने के लिए सामान्य निर्देश जारी करें, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एमसीजीएम को दिया सुझाव
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को ग्रेटर मुंबई के नगर निगम के आयुक्त और महाराष्ट्र राज्य के नगर निगमों के आयुक्तों को कोरोना वायरस की महामारी के आलोक में सुझाव दिया है कि वह जब्त संपत्तियों को ध्वस्त नहीं करने, बेदखल करने या नीलाम नहीं करने के लिए एक सामान्य निर्देश जारी करने पर विचार करें।न्यायमूर्ति एस.जे कथावाला और न्यायमूर्ति आर.आई चागला की खंडपीठ ने ए-1 फतेह सीएचएसएल द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उस ढांचे के विध्वंस या ध्वस्त करने पर 31 मार्च तक रोक लगा दी है,जिसका उल्लेख...
एएम सिंघवी की आपराधिक मानहानि याचिका पर दिल्ली की अदालत ने लंदन के वक़ील सरोश ज़ाइवाला को जारी किया समन
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को लंदन के वक़ील सरोश ज़ाइवाला को आपराधिक मानहानि के एक मुक़दमे में समन भेजा। यह मुक़दमा वरिष्ठ वक़ील और कांग्रेस नेता डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी ने दायर की है। सिंघवी ने अपने वक़ील विजय अग्रवाल और मुदित जैन के माध्यम से आईपीसी की धारा 500 के अधीन ज़ाइवाला के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दायर किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ज़ाइवाला ने अपनी पुस्तक "ऑनर बाउंड" और टाइम्ज़ ऑफ़ इंडिया अख़बार को दिए एक साक्षात्कार के माध्यम से उनके दिवंगत पिता...
सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों ने भारत की बहुसांस्कृतिक प्रकृति की पुष्टि की हैः मद्रास हाईकोर्ट में दायर हस्तक्षेप आवेदन
मद्रास हाईकोर्ट में दायर एक हस्तक्षेप आवेदन में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के जगहें भारतीय समाज की बहुसांस्कृतिक प्रकृति की "प्रभावशाली अभिपुष्टि" हैं। हस्तक्षेप आवेदन उन याचिकाओं के के विरोध में दायर किया है, जिनमें सभी विरोध सभाओं को हटाने की मांग की गई है। चेन्नई के नागरिक कुरुविल्ला आब्रहम ने हस्तक्षेप आवदेन दायर करते हुए कहा है, "मुझे अदालत को यह बताना चाहिए कि ये विरोध मेरे लिए शानदार अभिपुष्टि है कि भारतीय समाज अभिमानपूर्वक बहु-सांस्कृतिक...
COVID-19: सभी बेंच सोमवार और गुरुवार केवल बहुत आवश्यक मामलों पर ही सुनवाई करेंगी: बॉम्बे हाईकोर्ट
Covid-19 की महामारी पर व्यापक जन-चिन्ता के बीच कम से कम मानवीय संपर्क की दिशा में एक और कदम उठाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (अभी तक मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण नहीं की है) बीपी धर्माधिकारी ने अब बेंचों का निर्देश दिया हैउच्च न्यायालय की नागपुर, औरंगाबाद और गोवा की पीठ सोमवार, 23 मार्च, 2020 और गुरुवार, 26 मार्च, 2020 को दोपहर 12 बजे से 2:00 बजे के बीच केवल आवश्यक मामलों की सुनवाई करेगी। इसके अलावा, नोटिस में कहा गया है- (1) सर्कुलेशन को केवल ई-मेल के माध्यम से...


















