ताज़ा खबरें

हिजाब केस
हिजाब मामले से पहले ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने के मामले में भी जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने अलग-अलग फैसला सुनाया था

हिजाब मामले (Hijab Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दोनों जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया।जस्टिस हेमंत गुप्ता (Justice Hemant Gupta) ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, वहीं दूसरे जज जस्टिस सुधांशु धूलिया (Justice Sudhanshu Dhulia) ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज किया।जानकारी के लिए बता दें, जस्टिस हेमंत गुप्ता का शुक्रवार को अंतिम कार्यदिवस है। वो रविवार यानी 16 अक्तूबर को रिटायर हो रहे हैं। बता दें, इन दोनों जजों की पीठ के बीच य़े पहला मामला नहीं है जहां दोनों जजों ने अलग-अलग...

सुप्रीम कोर्ट बेंच के दोनों जजों ने तय नहीं किया कि क्या हिजाब एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा है?
सुप्रीम कोर्ट बेंच के दोनों जजों ने तय नहीं किया कि क्या हिजाब एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा है?

सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब प्रतिबंध मामले में एक विभाजित फैसला सुनाया, लेकिन बेंच के दोनों न्यायाधीशों ने इस सवाल का फैसला नहीं किया कि क्या हिजाब पहनना एक आवश्यक धार्मिक प्रथा माना जाता है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना था कि हिजाब इस्लाम की एक आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और इसलिए याचिकाकर्ता संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि हिजाब पहनने की प्रथा एक 'धार्मिक प्रथा' या 'आवश्यक धार्मिक प्रथा' हो सकती है या यह इस्लामी आस्था की महिलाओं के लिए सामाजिक...

लड़कियों को स्कूल के गेट पर हिजाब उतारने के लिए कहना उनकी निजता और गरिमा पर हमला, धर्मनिरपेक्ष शिक्षा से इनकार : जस्टिस सुधांशु धूलिया
लड़कियों को स्कूल के गेट पर हिजाब उतारने के लिए कहना उनकी निजता और गरिमा पर हमला, धर्मनिरपेक्ष शिक्षा से इनकार : जस्टिस सुधांशु धूलिया

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में फैसले में कहा कि "एक प्री यूनिवर्सिटी की छात्रा को अपने स्कूल के गेट पर हिजाब उतारने के लिए कहना, उसकी निजता और गरिमा पर आक्रमण है।"जस्टिस धूलिया ने कहा कि छात्रा को स्कूल के गेट पर हिजाब हटाने के लिए कहना "स्पष्ट रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) और 21 के तहत दिए गए मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।जस्टिस धूलिया ने हाईकोर्ट के इस विचार से स्पष्ट रूप से असहमति जताते हुए कहा, "अपनी गरिमा और अपनी निजता का यह...

दावे वैध लगते हैं  : असम एनआरसी की पूरक सूची में जोड़े गए लोगों के लिए आधार कार्ड की याचिका पर एजी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
"दावे वैध लगते हैं " : असम एनआरसी की पूरक सूची में जोड़े गए लोगों के लिए आधार कार्ड की याचिका पर एजी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को अगस्त 2019 में प्रकाशित असम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स की पूरक सूची में जोड़े गए लगभग 27 लाख लोगों को आधार कार्ड जारी करने से संबंधित मामले पर गौर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच में हुई थीशुरुआत में, याचिकाकर्ताओं के वकील, सीनियर एडवोकेट बिस्वजीत देव ने प्रस्तुत किया कि जिन नागरिकों के नाम पहली राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) सूची में दर्ज किए गए थे, उनके आधार कार्ड...

एक धार्मिक समुदाय को अपने धार्मिक प्रतीकों को पहनने की अनुमति देना धर्मनिरपेक्षता के विपरीत होगा : हिज़ाब बैन केस में जस्टिस हेमंत गुप्ता
एक धार्मिक समुदाय को अपने धार्मिक प्रतीकों को पहनने की अनुमति देना धर्मनिरपेक्षता के विपरीत होगा : हिज़ाब बैन केस में जस्टिस हेमंत गुप्ता

सुप्रीम कोर्ट के जज हेमंत गुप्ता ने हिजाब मामले में अपने फैसले में कहा, "धर्मनिरपेक्षता सभी नागरिकों पर लागू होती है, इसलिए एक धार्मिक समुदाय को अपने धार्मिक प्रतीकों को पहनने की अनुमति देना धर्मनिरपेक्षता के विपरीत होगा।"न्यायाधीश ने कहा कि मांगी गई राहत के परिणामस्वरूप धर्मनिरपेक्ष स्कूलों में छात्रों के साथ अलग व्यवहार होगा जो विभिन्न धर्मों की मान्यताओं का पालन कर सकते हैं।अदालत ने एक विभाजित फैसला दिया, क्योंकि जस्टिस सुधांशु धूलिया जस्टिस गुप्ता के फैसले से असहमत थे और कर्नाटक हाईकोर्ट के...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर डेजिग्नेशन से बहिष्करण को चुनौती देने वाली एडवोकेट की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के सीनियर डेजिग्नेशन से बहिष्करण को चुनौती देने वाली एडवोकेट की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा कुल 237 आवेदकों में से 55 एडवोकेट को सीनियर डेजिग्नेशन के रूप में नामित करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया को चुनौती देने वाली वकील की याचिका खारिज की।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) यू.यू. ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी मामले की सुनवाई की। पिटीश्नर-इन-पर्सन एडवोकेट हरविंदर चौधरी ने प्रस्तुत किया कि वह भूमिका के लिए फिट होने के बावजूद सीनियर डेजिग्नेशन के रूप में नियुक्त नहीं किए जाने से व्यथित हैं।उसने प्रस्तुत किया कि इंदिरा जयसिंह बनाम भारत के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
आदेश 8 नियम 6ए सीपीसी| लिखित बयान दर्ज करने के लंबे समय बाद लेकिन मुद्दों के निर्धारण से पहले दायर जवाबी दावे को रिकॉर्ड में लेने पर कोई रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लिखित बयान दाखिल करने के लंबे समय बाद लेकिन मुद्दों को तय करने से पहले दायर किए गए जवाबी दावे को रिकॉर्ड में लेने पर कोई रोक नहीं है।इस मामले में, लिखित बयान दाखिल करने के लगभग 13 साल बाद विचाराधीन प्रति-दावा दायर किया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश ने प्रतिवादी-अपीलकर्ता द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार कर लिया था ताकि देर से दायर किए गए प्रति-दावे को रिकॉर्ड पर लिया जा सके।हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बाद में उक्त आदेश को रद्द कर दिया और मामले को...

दिवाली
'दिल्ली हाईकोर्ट को फैसला करने दीजिए': दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तुंरत सुनवाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिवाली (Diwali) पर ग्रीन पटाखे फोड़ने से संबंधित मामले को तुंरत सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।पीठ ने कहा कि मामले को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा निपटाया जाएगा।विचाराधीन याचिकाकर्ता ने पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) द्वारा 14 सितंबर को दिल्ली में 1 जनवरी, 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।ग्रीन पटाखों के भंडारण और बिक्री में...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दीवाली पर ग्रीन पटाखे छोड़ने से संबंधित मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि मामले को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा निपटाया जाएगा।याचिकाकर्ता ने पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) द्वारा 14 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 1 जनवरी, 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ग्रीन पटाखों के भंडारण और बिक्री में लगी दो संस्थाओं...

हिजाब केस
'हिजाब पहनना पंसद की बात, लड़कियों की शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण': जस्टिस सुधांशु धूलिया ने हिजाब बैन के कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा

हिजाब मामले (Hijab Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दोनों जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया।जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, वहीं दूसरे जज जस्टिस सुधांशु धूलिया ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज किया।सुप्रीम कोर्ट ने आज 10 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद 22 सितंबर को कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसने शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम छात्रों द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को बरकरार रखा था।पीठ के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
उचित मामलों में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत हाईकोर्ट आगे की जांच/पुनः जांच का आदेश दे सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धारा 482 सीआरपीसी के तहत हाईकोर्ट किसी उपयुक्त मामले में आगे की जांच या पुन: जांच का निर्देश दे सकता है।जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा,"धारा 173 (8) सीआरपीसी के प्रावधान आगे की जांच या पुन: जांच के लिए धारा 482 सीआरपीसी के तहत आदेश पारित करने के लिए हाईकोर्ट की ऐसी शक्तियों को सीमित या प्रभावित नहीं करते हैं, यदि हाईकोर्ट संतुष्ट है कि न्याया पाने के लिए ऐसा कार्य आवश्यक है।"अदालत ने कहा कि ऐसी शक्तियों का प्रयोग संयम से, सावधानी के साथ और...

हिजाब केस
Breaking: हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों का अलग-अलग फैसला, मामला सीजेआई को भेजा गया

हिजाब मामले (Hijab Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दोनों जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया। एक जज ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, वहीं दूसरे जज ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज किया। मामला सीजेआई के पास भेजा जाएगा। मामला बड़ी बेंच को भेजा जाएगा।सुप्रीम कोर्ट ने आज 10 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद 22 सितंबर को कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसने शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिम छात्रों द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
कॉर्पोरेट धोखाधड़ी की जांच कर रहे पत्रकार का कहना है कि उनका पीछा किया जा रहा है; सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमनी से एक पत्रकार की व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करने का आग्रह किया, जिसका कथित तौर पर पीछा किया जा रहा है और एक कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के संबंध में हमला किया गया, जिसकी वह जांच कर रहा था।मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने की।विचाराधीन याचिका एक कंपनी से संबंधित है जिसने कथित तौर पर 27 बैंकों से ऋण लिया और फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार पैसे की हेराफेरी...

आत्महत्या के लिए उकसाना - आईपीसी की धारा 306 के तहत दोषसिद्धि के लिए अभियुक्तों के कृत्य घटना के निकट होने चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
आत्महत्या के लिए उकसाना - आईपीसी की धारा 306 के तहत दोषसिद्धि के लिए अभियुक्तों के कृत्य घटना के निकट होने चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि आरोपी की ओर से आत्महत्या के समय के करीब कार्रवाई, जिसने मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाया या मजबूर किया, उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत दोषसिद्धि के लिए स्थापित किया जाना चाहिए।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि आत्महत्या के कथित उकसावे के मामलों में आत्महत्या के लिए उकसाने वाले प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कृत्यों का सबूत होना चाहिए।पीठ ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामलों की सुनवाई करते समय अदालत को भावनाओं से नहीं बल्कि रिकॉर्ड में...

भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ बलात्कार के आरोप झूठे : सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ बलात्कार के आरोप झूठे : सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सैयद शाहनवाज हुसैन द्वारा 2018 के कथित बलात्कार मामले में दायर याचिका पर सुनवाई की। हुसैन ने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस मामले में उनके खिलाफ सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) यूयू ललित, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस एस रवींद्र भट की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को फिर से की जा सकती है...

PMLA के तहत जमानत के लिए बीमार या कमजोर व्यक्तियों को दोहरी शर्तों को पूरा करने की आवश्यकता नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
PMLA के तहत जमानत के लिए बीमार या कमजोर व्यक्तियों को दोहरी शर्तों को पूरा करने की आवश्यकता नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 45(1) के तहत बीमार या दुर्बल व्यक्तियों की जमानत के लिए दोहरी शर्तों को पूरा करने की आवश्यकता नहीं है।उक्‍त दोहरी शर्तें हैं कि जब कोई आरोपी पीएमएलए के तहत जमानत के लिए आवेदन करता है, तो लोक अभियोजक को उसका विरोध करने का अवसर दिया जाना चाहिए औ र यदि अदालत जमानत देने पर विचार कर रही है, तो उसके लिए यह मानने के लिए उचित आधार होना चाहिए कि वह व्यक्ति दोषी नहीं है और जमानत पर रहते हुए कोई अपराध करने की संभावना नहीं है।हालांकि, प्रावधान के...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
'किसी भी व्यक्ति पर आईटी एक्ट की धारा 66 A के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए': सुप्रीम कोर्ट ने श्रेया सिंघल जजमेंट को लागू करने के निर्देश जारी किए

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) 2000 की धारा 66 A के तहत किसी पर भी मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए।बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने साल 2015 में श्रेया सिंघल मामले में इस धारा को असंवैधानिक करार दिया था।अदालत ने सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और गृह सचिवों को यह सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश जारी किए कि सभी लंबित मामलों से धारा 66A का संदर्भ हटा दिया जाए।कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि प्रकाशित आईटी अधिनियम के बेयरएक्ट्स को पाठकों को पर्याप्त रूप से सूचित...

नोटबंदी अकादमिक मुद्दा नहीं है, भविष्य के लिए कानून तय की जरूरत : सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने को सहमत हुआ
नोटबंदी अकादमिक मुद्दा नहीं है, भविष्य के लिए कानून तय की जरूरत : सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने को सहमत हुआ

याचिकाकर्ताओं द्वारा इस प्रारंभिक दृष्टिकोण को बदलने के लिए राजी करने के बाद कि नोटबंदी को चुनौती एक अकादमिक मुद्दा बन गया है, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को याचिकाकर्ताओं द्वारा योग्यता के आधार पर उठाई गई कानूनी दलीलों पर सुनवाई शुरू की।जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना की एक संविधान पीठ 58 याचिकाओं पर विचार कर रही है, जिनमें केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को चुनौती दी गई हैं।पिछली...

यूनिफॉर्म सिविल कोड का कोई भी प्रयास महिला केंद्रित हो जबकि ये अन्य लिंगों के लिए नुकसानदेह न हो: जस्टिस नागरत्ना
यूनिफॉर्म सिविल कोड का कोई भी प्रयास महिला केंद्रित हो जबकि ये अन्य लिंगों के लिए नुकसानदेह न हो: जस्टिस नागरत्ना

जस्टिस बी वी नागरत्ना ने कहा, "महिलाओं के खिलाफ प्रणालीगत भेदभाव को दूर करने के लिए बनाए गए कानून, विशेष रूप से संपत्ति के अधिकार के संबंध में, परिवार के पुरुष सदस्यों और समाज द्वारा बड़े पैमाने पर स्वीकार किए जाने चाहिए। मुझे महिलाओं को भी सावधान करना चाहिए- यह महिला विरोधी नहीं है, मैं महिलाओं के खिलाफ कुछ नहीं कह रही हूं- लेकिन मैं केवल महिलाओं को यह कहने के लिए सावधान कर रही हूं कि महिलाओं को पैतृक या वैवाहिक परिवारों से संपत्ति प्राप्त करने के अपने अधिकारों को लागू करने का प्रयास करना...