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आश्चर्य है कि हाईकोर्ट ने उस मामले में वकील को जारी पुलिस समन रद्द नहीं किया, जिसमें वह पेश हुआ था: सुप्रीम कोर्ट
आश्चर्य है कि हाईकोर्ट ने उस मामले में वकील को जारी पुलिस समन रद्द नहीं किया, जिसमें वह पेश हुआ था: सुप्रीम कोर्ट

जांच अधिकारियों द्वारा वकीलों को मनमाने ढंग से तलब करने के स्वतः संज्ञान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट द्वारा समन प्राप्त वकील की याचिका पर विचार करने से इनकार करने पर कड़ी नाराजगी जताई।पीठ ने कहा कि एक संवैधानिक न्यायालय होने के नाते हाईकोर्ट द्वारा ऐसी याचिका पर विचार करने से इनकार करना उसकी अंतर्निहित शक्तियों का परित्याग है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने स्वतः संज्ञान मामले में यह फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि जांच...

Civil Service Exams | दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर लाने की योजना: सुप्रीम कोर्ट में UPSC ने बताया
Civil Service Exams | दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर लाने की योजना: सुप्रीम कोर्ट में UPSC ने बताया

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि जैसे ही उसे उचित बुनियादी ढांचा मिल जाएगा, वह UPSC परीक्षा में दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर लाने की योजना बना रहा है।UPSC ने अपने हलफनामे में कहा,"जैसे ही विभिन्न केंद्रों पर सुरक्षित तरीके से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए उचित बुनियादी ढांचे/सॉफ्टवेयर और उचित परीक्षण की व्यवहार्यता और उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी, आयोग स्क्रीन रीडिंग सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराकर दृष्टिबाधित उम्मीदवारों के लिए परीक्षाएं आयोजित...

Falcon Invoice Scam : सुप्रीम कोर्ट ने 6 राज्यों में दर्ज FIR को क्लब करने की याचिका पर नोटिस जारी किया
Falcon Invoice Scam : सुप्रीम कोर्ट ने 6 राज्यों में दर्ज FIR को क्लब करने की याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने चार्टर्ड अकाउंटेंट शरद तोशनीवाल द्वारा दायर रिट याचिका पर कई राज्यों को नोटिस जारी किया, जिसमें 792 करोड़ रुपये के फाल्कॉम इनवॉइस घोटाले से संबंधित FIR को एक साथ करने की मांग की गई।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने मामले की सुनवाई की।तोशनीवाल ने 12 FIR को एक साथ करने और एक ही जगह मुकदमा चलाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब तक उनके खिलाफ तेलंगाना में 4, महाराष्ट्र में 3, दिल्ली में 1, राजस्थान...

टेंडर अथॉरिटी टेंडर आमंत्रण सूचना के विपरीत शर्तें नहीं लगा सकता: सुप्रीम कोर्ट
टेंडर अथॉरिटी टेंडर आमंत्रण सूचना के विपरीत शर्तें नहीं लगा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (31 अक्टूबर) को ने एक टेंडर प्रक्रिया में एक बोलीदाता को अयोग्य ठहराए जाने का फैसला खारिज कर दिया और कहा कि टेंडर अथॉरिटी ने बोलीदाता को टेंडर आमंत्रण सूचना (NIT) में निर्धारित नहीं की गई शर्त को पूरा करने के लिए बाध्य किया।अदालत ने कहा,"हमारा मानना ​​है कि अपीलकर्ता की तकनीकी बोली को इस आधार पर खारिज करना कि अपीलकर्ता का प्रमाण पत्र जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी नहीं किया गया, NIT की शर्तों के विरुद्ध है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।"जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या...

Motor Accident Compensation | विदेश में अर्जित आय को नियंत्रित किया जाना चाहिए या नहीं: सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला
Motor Accident Compensation | विदेश में अर्जित आय को नियंत्रित किया जाना चाहिए या नहीं: सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने मोटर दुर्घटना के उन मामलों में मुआवज़े का आकलन कैसे किया जाए, इस प्रश्न को एक बड़ी पीठ को भेज दिया, जहां मृतक विदेश में कार्यरत था। यह निर्णय इस बात पर भिन्न न्यायिक उदाहरणों के मद्देनज़र लिया गया कि क्या विदेश में अर्जित आय को मानक कटौती और गुणक लागू करने से पहले नियंत्रित किया जाना चाहिए।जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ ने यह आदेश हरि शंकर ब्रह्मा के परिवार के सदस्यों, थारुनोजू ईश्वरम्मा और अन्य द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए पारित किया। ब्रह्मा की 2009 में...

वकीलों को मुवक्किलों के साथ संचार का खुलासा करने के लिए जांच एजेंसियों द्वारा दी जाने वाली धमकियों से बचाना ही BSA की धारा 132 का उद्देश्य: सुप्रीम कोर्ट
वकीलों को मुवक्किलों के साथ संचार का खुलासा करने के लिए जांच एजेंसियों द्वारा दी जाने वाली धमकियों से बचाना ही BSA की धारा 132 का उद्देश्य: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने जांच अधिकारियों द्वारा वकीलों को मनमाने ढंग से समन भेजने से बचाने के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) की धारा 132-134 का उद्देश्य वकीलों को अपने मुवक्किलों के साथ विशेष संचार का खुलासा करने के लिए अनावश्यक धमकाने से बचाना है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने जांच एजेंसियों द्वारा अभियुक्तों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को मनमाने ढंग से समन भेजने के मुद्दे पर कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान...

इन-हाउस काउंसल वकील नहीं, नियोक्ता के साथ उनका संवाद BSA की धारा 132 के तहत संरक्षित नहीं: सुप्रीम कोर्ट
इन-हाउस काउंसल 'वकील' नहीं, नियोक्ता के साथ उनका संवाद BSA की धारा 132 के तहत संरक्षित नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इन-हाउस वकीलों और उनके नियोक्ताओं के बीच संवाद भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) की धारा 132 के तहत मुवक्किल-वकील विशेषाधिकार द्वारा संरक्षित नहीं है, क्योंकि एडवोकेट एक्ट, 1961 के अर्थ में इन-हाउस काउंसल 'वकील' नहीं हैं।हालांकि, कोर्ट ने माना कि इन-हाउस वकील और उनकी कंपनी के कानूनी सलाहकार के बीच संवाद BSA की धारा 134 के तहत प्रकटीकरण से संरक्षित रहेगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने यह टिप्पणी जांच एजेंसियों द्वारा अपने...

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी किया
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला: पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने आज छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया है। यह गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले से जुड़ी है।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और एन. हरिहरन बघेल की ओर से पेश हुए, जबकि एडिसनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ईडी की ओर से उपस्थित थे। बघेल की ओर से हिरासत से रिहाई की मांग की गई, लेकिन...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की नई राजिंदर नगर मार्केट में कामर्शियल उपयोग के लिए दुरुपयोग की गई संपत्ति की सीलिंग बरकरार रखी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की नई राजिंदर नगर मार्केट में कामर्शियल उपयोग के लिए दुरुपयोग की गई संपत्ति की सीलिंग बरकरार रखी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (31 अक्टूबर) को नई राजिंदर नगर मार्केट, दिल्ली में एक संपत्ति की डी-सीलिंग की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि आवासीय मंजिलों का कामर्शियल उपयोग अवैध है और सीलिंग उचित थी।चीफ़ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने कहा कि संपत्ति को “दुकान-कम-निवास” (shop-cum-residence) के रूप में स्वीकृति मिली थी, जिसमें केवल भूतल पर व्यापार की अनुमति थी, जबकि ऊपरी मंजिलें आवासीय उपयोग के लिए थीं। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा पेश किया गया न्यायिक...

BREAKING| BSA की धारा 132 के तहत अपवादों को छोड़कर वकीलों को समन जारी नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए निर्देश
BREAKING| BSA की धारा 132 के तहत अपवादों को छोड़कर वकीलों को समन जारी नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (31 अक्टूबर) को कुछ निर्देश जारी किए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जांच एजेंसियां आपराधिक मामलों में अभियुक्तों को दी गई कानूनी सलाह के आधार पर वकीलों को मनमाने ढंग से समन जारी न करें।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने जांच एजेंसियों द्वारा अभियुक्तों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों को मनमाने ढंग से समन जारी करने के मुद्दे पर कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लिए गए मामले में यह निर्णय सुनाया।यद्यपि कोर्ट ने कोई...

सुप्रीम कोर्ट ने CAPF में IPS अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति घटाने के निर्देश पर पुनर्विचार याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने CAPF में IPS अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति घटाने के निर्देश पर पुनर्विचार याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने 23 मई 2025 के उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की थी, जिसमें यह माना गया था कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) सभी कैडर से संबंधित मामलों में ऑर्गेनाइज्ड ग्रुप-A सर्विसेज (OGAS) का हिस्सा हैं।उस निर्णय में अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि प्रत्येक CAPF में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के प्रतिनियुक्ति वाले पदों की संख्या सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (SAG) स्तर तक धीरे-धीरे कम की जाए, ताकि CAPF अधिकारियों...

Delhi Riots UAPA Case | 5 साल जेल में, हिंसा का कोई सबूत नहीं: उमर खालिद, शरजील इमाम और गुलफिशा ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई ज़मानत की गुहार
Delhi Riots UAPA Case | '5 साल जेल में, हिंसा का कोई सबूत नहीं': उमर खालिद, शरजील इमाम और गुलफिशा ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई ज़मानत की गुहार

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों की व्यापक साजिश के मामले में उमर खालिद, शरजील इमाम और गुलफिशा फातिमा द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। इन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया।जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने सह-आरोपी मीरान हैदर, मोहम्मद सलीम खान और शिफा उर रहमान के साथ-साथ दिल्ली पुलिस की दलीलें सुनने के लिए मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित की।ये याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 2...

सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए वकीलों के डिजिटल डिवाइस की प्रस्तुति पर निर्देश जारी किए, कहा- मुवक्किलों के दस्तावेज़ BSA की धारा 132 के अंतर्गत नहीं आते
सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए वकीलों के डिजिटल डिवाइस की प्रस्तुति पर निर्देश जारी किए, कहा- मुवक्किलों के दस्तावेज़ BSA की धारा 132 के अंतर्गत नहीं आते

सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों के दस्तावेज़ों और डिजिटल डिवाइस, जिनमें मुवक्किलों की जानकारी हो सकती है, उनकी प्रस्तुति को विनियमित करने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुवक्किल से संबंधित लेकिन वकील द्वारा रखे गए दस्तावेज़, भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) की धारा 132 के तहत विशेषाधिकार के अंतर्गत नहीं आते, चाहे वे दीवानी या आपराधिक कार्यवाही में हों। हालांकि, ऐसी प्रस्तुति में सख्त प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का पालन किया जाना चाहिए।आपराधिक मामलों में यदि किसी वकील को मुवक्किल का...

पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की बार काउंसिलों के चुनाव जल्द ही अधिसूचित किए जाएंगे: BCI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की बार काउंसिलों के चुनाव जल्द ही अधिसूचित किए जाएंगे: BCI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) का यह बयान दर्ज किया कि पंजाब और हरियाणा राज्य बार काउंसिल के चुनाव की घोषणा दस दिनों के भीतर कर दी जाएगी और 31 दिसंबर, 2025 तक प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास किया जाएगा।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने दर्ज किया,"BCI अध्यक्ष मिस्टर मनन कुमार मिश्रा ने हमें आश्वासन दिया कि पंजाब और हरियाणा राज्य बार काउंसिल के चुनाव की अधिसूचना 10 दिनों के भीतर कर दी जाएगी और 31 दिसंबर, 2025 तक चुनाव संपन्न कराने का प्रयास किया जाएगा।"जस्टिस कांत...

Stray Dogs Case | उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आना होगा: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति देने से किया इनकार
Stray Dogs Case | 'उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आना होगा': सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति देने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा आवारा कुत्तों के मामले में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को प्रत्यक्ष रूप से पेश होने से छूट देने की याचिका खारिज की।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने मुख्य सचिवों को वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति देने से इनकार किया और अपने निर्देशों का पालन न करने पर नाराजगी जताई।जस्टिस नाथ ने कहा,"नहीं, उन्हें प्रत्यक्ष रूप से आने दीजिए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अदालत उन समस्याओं से निपटने में समय बर्बाद कर रही है,...

अपराध वासना का नहीं, प्रेम का परिणाम: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी और पीड़िता के बीच विवाह को ध्यान में रखते हुए POCSO Act के तहत दोषसिद्धि रद्द की
'अपराध वासना का नहीं, प्रेम का परिणाम': सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी और पीड़िता के बीच विवाह को ध्यान में रखते हुए POCSO Act के तहत दोषसिद्धि रद्द की

संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक दुर्लभ फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे व्यक्ति की दोषसिद्धि और सजा रद्द की, जिसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 366 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) की धारा 6 के तहत दोषी पाया गया। यह फैसला पीड़िता से उसके बाद के विवाह और उनके स्थापित पारिवारिक जीवन को ध्यान में रखते हुए सुनाया गया।अदालत ने अपीलकर्ता पर अपनी पत्नी और बच्चे को न छोड़ने और जीवन भर उनका सम्मानपूर्वक पालन-पोषण करने की शर्त भी लगाई। साथ...

750 रुपये से अधिक एनरोलमेंट फीस लेने पर बार काउंसिलों पर अवमानना ​​की कार्रवाई होगी: सुप्रीम कोर्ट
750 रुपये से अधिक एनरोलमेंट फीस लेने पर बार काउंसिलों पर अवमानना ​​की कार्रवाई होगी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य बार काउंसिलों को पिछले साल जारी अपने निर्देशों का पालन करने का आखिरी मौका दिया, जिसमें एनरोलमेंट फीस के रूप में 750 रुपये से अधिक फीस न लेने का निर्देश दिया गया।गौरव कुमार बनाम भारत संघ (2024) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बार काउंसिल एडवोकेट एक्ट, 1961 की धारा 24 के तहत निर्धारित फीस से अधिक एनरोलमेंट फीस नहीं ले सकते। धारा 24 में प्रावधान है कि सामान्य वर्ग के वकीलों के लिए एनरोलमेंट फीस 750 रुपये और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के वकीलों के लिए 125 रुपये से...