ताज़ा खबरें

प्रदूषण को देखते हुये जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने वकीलों को वर्चुअल हियरिंग चुनने की सलाह दी
प्रदूषण को देखते हुये जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने वकीलों को वर्चुअल हियरिंग चुनने की सलाह दी

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने दिल्ली की तेजी से बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए वकीलों को वर्चुअल तौर पर पेश होने की सलाह दी।यह टिप्पणी मेंशनिंग राउंड के दौरान की गई। अदालत में मौजूद वकीलों ने बताया कि जस्टिस नरसिम्हा ने बार के सदस्यों से कहा कि मौजूदा प्रदूषण स्तर से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए वे शारीरिक रूप से उपस्थित होने के बजाय वर्चुअल हियरिंग की सुविधा का उपयोग करें। सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने यह कहा कि कई वकील पहले से ही मास्क पहन रहे हैं, तो...

सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल चुनाव नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल चुनाव नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के चुनाव नियमों को चुनौती दी गई।इन नियमों के तहत जिला और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को राज्य बार काउंसिल चुनावों में उम्मीदवार बनने से रोक दिया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पदाधिकारियों को इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की खंडपीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि यह मुद्दा विचार योग्य है। हालांकि अदालत ने इस चरण में अंतरिम राहत देने...

राहुल गांधी पर सोशल मीडिया पोस्ट का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने रौशन सिन्हा को दी अग्रिम जमानत
राहुल गांधी पर सोशल मीडिया पोस्ट का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने रौशन सिन्हा को दी अग्रिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रौशन सिन्हा को उस मामले में अग्रिम जमानत दी, जिसमें उन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया गया था।मामले की पृष्ठभूमिराहुल गांधी ने 2024 आम चुनावों के बाद लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया था। उसी दिन रौशन सिन्हा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कथित रूप से यह दावा किया कि राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक कहा। इस पोस्ट के आधार पर तेलंगाना में एक कांग्रेस...

चार साल से आरोप तय न होना चौंकाने वाला: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र कोर्ट और प्रशासन पर जताई कड़ी नाराजगी
चार साल से आरोप तय न होना चौंकाने वाला: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र कोर्ट और प्रशासन पर जताई कड़ी नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र कोर्ट द्वारा पिछले चार वर्षों से एक आरोपी के खिलाफ आरोप तय न किए जाने पर तीखी नाराजगी व्यक्त की है। अदालत ने कहा कि यह स्थिति चौंकाने वाली है और राज्य प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाती है।मामले की पृष्ठभूमियह मामला उस आरोपी से जुड़ा है, जो चार वर्षों से जेल में बंद है, जबकि मुकदमे में आरोप तय तक नहीं किए गए हैं। महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह दलील दी गई कि मुकदमे में देरी सह-आरोपियों की टालमटोल भरी रणनीति के कारण हुई।हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को सिरे से...

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों और उनके आसपास के एक किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों और उनके आसपास के एक किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (13 नवंबर) को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के भीतर और ऐसे राष्ट्रीय उद्यान या वन्यजीव अभयारण्य से एक किलोमीटर के दायरे में कोई भी खनन गतिविधि नहीं होगी।कोर्ट ने कहा कि यद्यपि गोवा फाउंडेशन मामले में गोवा के संबंध में खनन पर ऐसा प्रतिबंध लगाया गया। फिर भी इस प्रतिबंध को अखिल भारतीय स्तर पर लागू करने की आवश्यकता है।कोर्ट ने आदेश दिया,"इस न्यायालय का लगातार यह मत रहा है कि संरक्षित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियां वन्यजीवों के...

सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों को क्षमा नीतियां बनाने का अंतिम अवसर दिया, हाईकोर्ट से प्रगति की निगरानी करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने पांच राज्यों को क्षमा नीतियां बनाने का अंतिम अवसर दिया, हाईकोर्ट से प्रगति की निगरानी करने को कहा

असम, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्यों में क्षमा और समयपूर्व रिहाई नीतियों के कार्यान्वयन में विफलता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित हाईकोर्ट को अपने अधिकार क्षेत्र में इन नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी और सुनिश्चित करने के लिए स्वतः संज्ञान रिट याचिका दर्ज करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने राज्य सरकारों को सलाह दी कि वे पात्र दोषी की समयपूर्व रिहाई की प्रक्रिया "दोषी की पात्रता से कम से कम छह महीने पहले शुरू करें ताकि दोषी के समयपूर्व रिहाई...

सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान समर्थक और अश्लील सोशल मीडिया पोस्ट के लिए असम के प्रोफ़ेसर पर मामला दर्ज होने पर कड़ी फटकार लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान समर्थक और अश्लील सोशल मीडिया पोस्ट के लिए असम के प्रोफ़ेसर पर मामला दर्ज होने पर कड़ी फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने असम के एक प्रोफ़ेसर मोहम्मद जॉयनल आब्दीन की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन पर पाकिस्तान के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट और महिलाओं के ख़िलाफ़ अश्लील पोस्ट करने के आरोप में मामला दर्ज होने पर नाराज़गी जताई और कहा कि उनका "विकृत मानसिकता" है और वह इंटरनेट का दुरुपयोग कर रहे हैं।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। यह पीठ गुवाहाटी हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाले व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें जुलाई में...

लैंगिक न्याय में प्रगति केवल कोर्ट की बदौलत नहीं: चीफ जस्टिस गवई ने सिविल सोसाइटी और महिला आंदोलनों की भूमिका को स्वीकार किया
'लैंगिक न्याय में प्रगति केवल कोर्ट की बदौलत नहीं': चीफ जस्टिस गवई ने सिविल सोसाइटी और महिला आंदोलनों की भूमिका को स्वीकार किया

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने मंगलवार (12 नवंबर) को कहा कि लैंगिक समानता की दिशा में भारत की प्रगति केवल न्यायपालिका के बल पर नहीं, बल्कि नागरिक समाज की निरंतर सतर्कता, महिला आंदोलनों की दृढ़ता और आम नागरिकों के साहस के कारण हुई है, जिन्होंने संविधान के न्याय के दृष्टिकोण के प्रति संस्थाओं को जवाबदेह बनाया है।नई दिल्ली में "सभी के लिए न्याय: लैंगिक समानता और समावेशी भारत का निर्माण" विषय पर 30वें जस्टिस सुनंदा भंडारे स्मृति व्याख्यान देते हुए, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालयों और...

यौन अपराधों का आरोप लगाने वाली महिलाओं की पहचान प्रकाशित करने वाले यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया
यौन अपराधों का आरोप लगाने वाली महिलाओं की पहचान प्रकाशित करने वाले यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राजस्थान राज्य को भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 72 (कुछ अपराधों की पीड़िता की पहचान का खुलासा, आदि) के तहत उचित कदम उठाने का निर्देश दिया। यह निर्देश तब दिया गया, जब उसे बताया गया कि पीड़िता की पहचान, उनके नाम और अदालती कार्यवाही, याचिकाकर्ता द्वारा यूट्यूब चैनलों पर प्रकाशित की गई, जो BNS की धारा 69 (छलपूर्ण तरीकों से यौन संबंध बनाना आदि) के तहत आरोपी है।BNS की धारा 69 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति धोखे से या बिना इरादे के किसी महिला से शादी करने का वादा करके...

नई नियुक्तियां होने तक मौजूदा NGT सदस्य अपने पद पर बने रहेंगे: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
नई नियुक्तियां होने तक मौजूदा NGT सदस्य अपने पद पर बने रहेंगे: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के मौजूदा सदस्य नई नियुक्तियां होने और नियुक्त सदस्यों के कार्यभार ग्रहण करने तक अपने पद पर बने रहेंगे और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहेंगे।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ एनजीटी में रिक्त पदों को भरने के लिए भारत सरकार को निर्देश देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। आवेदकों ने चिंता व्यक्त की थी कि नई दिल्ली स्थित मुख्य पीठ के दो सदस्य क्रमशः 13 नवंबर, 2025 और 14...

Order 8 Rule 6A CPC | प्रतिदावा केवल वादी के विरुद्ध दायर किया जा सकता है, सह-प्रतिवादी के विरुद्ध नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया
Order 8 Rule 6A CPC | प्रतिदावा केवल वादी के विरुद्ध दायर किया जा सकता है, सह-प्रतिवादी के विरुद्ध नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि प्रतिवादी द्वारा सह-प्रतिवादियों के विरुद्ध प्रतिदावा दायर नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रतिदावा केवल वादी के विरुद्ध उस वाद-कारण पर दायर किया जा सकता है, जो वादी द्वारा दायर किए गए वाद-कारण से संबंधित या उससे संबद्ध हो।जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की खंडपीठ ने झारखंड हाईकोर्ट के उस निर्णय को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें प्रतिवादी द्वारा सह-प्रतिवादी के विरुद्ध प्रतिदावा दायर करने की अनुमति दी गई।हाईकोर्ट का यह तर्क कि...

Waqf Act | क्या संपत्तियों को वक्फ के रूप में अधिसूचित करने से पहले धारा 4 के तहत प्रारंभिक सर्वेक्षण आवश्यक है?: सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार
Waqf Act | क्या संपत्तियों को वक्फ के रूप में अधिसूचित करने से पहले धारा 4 के तहत प्रारंभिक सर्वेक्षण आवश्यक है?: सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस मुद्दे पर विचार करने का निर्णय लिया कि क्या किसी संपत्ति को वक्फ घोषित करने के लिए उक्त अधिनियम की धारा 5 के तहत राजपत्र अधिसूचना जारी करने से पहले वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 4 के अनुसार वक्फ संपत्तियों का प्रारंभिक सर्वेक्षण करना आवश्यक है।जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ इस मामले पर विचार कर रही है। यह मुद्दा कर्नाटक वक्फ राज्य बोर्ड की कुछ वक्फ संपत्तियों से संबंधित विशेष अनुमति याचिका में उठा था, जिसमें आरोप लगाया गया कि 1995 के अधिनियम की...

हाईकोर्ट द्वारा दर्ज किए गए बयान का बाद में वकील द्वारा खंडन नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट द्वारा दर्ज किए गए बयान का बाद में वकील द्वारा खंडन नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि हाईकोर्ट रिकॉर्ड कोर्ट हैं और उनकी कार्यवाही में जो कुछ भी दर्ज किया जाता है, उसे सही माना जाता है। बाद में पक्षकारों या वकील द्वारा उसका खंडन नहीं किया जा सकता।जस्टिस मनमोहन और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की खंडपीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 15 सितंबर, 2025 के आदेश के विरुद्ध दायर विशेष अनुमति याचिका का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की।याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें प्रथम अपीलीय न्यायालय का आदेश रद्द कर दिया गया और उसके वकील द्वारा कथित रूप से दिए...

मोटर दुर्घटना दावा | पॉलिसी उल्लंघन के बावजूद बीमा कंपनियों को पीड़ितों को मुआवज़ा देना होगा, वाहन मालिक से भी वसूला जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट
मोटर दुर्घटना दावा | पॉलिसी उल्लंघन के बावजूद बीमा कंपनियों को पीड़ितों को मुआवज़ा देना होगा, वाहन मालिक से भी वसूला जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि बीमा कंपनियाँ मोटर दुर्घटना के मामलों में पीड़ितों को मुआवज़ा देने के अपने दायित्व से बच नहीं सकतीं भले ही पॉलिसी की किसी शर्त का उल्लंघन हुआ हो। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बीमा कंपनियों के पास उसके बाद भी वाहन मालिक से मुआवज़ा वसूलने का अधिकार सुरक्षित है।जस्टिस संजय करोल और मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने एक दावेदार की अपील स्वीकार करते हुए और तेलंगाना हाईकोर्ट का आदेश रद्द करते हुए टिप्पणी की, जिसमें केवल इसलिए मुआवज़ा देने से इनकार कर दिया गया था क्योंकि मृतक पांच सीटों...

ऐसी घटनाएं रोकने के सुझाव दें: सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई पर जूता फेंकने के मामले में सुनवाई टाली
'ऐसी घटनाएं रोकने के सुझाव दें': सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई पर जूता फेंकने के मामले में सुनवाई टाली

सुप्रीम कोर्ट ने आज सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा दायर उस अवमानना याचिका की सुनवाई स्थगित कर दी, जो अधिवक्ता राकेश किशोर के खिलाफ दायर की गई थी। किशोर ने 6 अक्टूबर को विष्णु मूर्ति मामले में दिए गए सीजेआई बी.आर. गवई के बयान पर आपत्ति जताते हुए उन पर जूता फेंकने का प्रयास किया था।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने पहले ही यह संकेत दिया था कि वे इस मामले में आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के इच्छुक नहीं हैं और इसके बजाय भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए...

शिवसेना और NCP चुनाव चिन्ह विवाद की अंतिम सुनवाई 21 जनवरी को करेगी सुप्रीम कोर्ट
शिवसेना और NCP चुनाव चिन्ह विवाद की अंतिम सुनवाई 21 जनवरी को करेगी सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चुनाव चिन्ह विवाद से जुड़ी याचिकाओं की अंतिम सुनवाई की तारीख तय करते हुए मामला 21 जनवरी, 2026 को सुनने का निर्णय लिया।मुख्य याचिका शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) द्वारा दायर की गई, जिसमें चुनाव आयोग के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता दी गई और उसे धनुष-बाण चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की खंडपीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई। अदालत...

Delhi-NCR प्रदूषण मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 17 नवंबर तक टाली, पंजाब-हरियाणा से मांगी पराली जलाने पर रिपोर्ट
Delhi-NCR प्रदूषण मामला: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 17 नवंबर तक टाली, पंजाब-हरियाणा से मांगी पराली जलाने पर रिपोर्ट

Delhi-NCR में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा सरकारों को पराली जलाने पर रोक के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।अदालत ने कहा कि दोनों राज्य बताएँ कि प्रदूषण के इस बड़े कारण को रोकने के लिए उन्होंने अब तक क्या ठोस कदम उठाए हैं।चीफ जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ मामले में दाखिल पर्यावरणीय याचिकाओं पर सुनवाई की।सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने...

आरक्षण के बाद छह महीने से लंबित फैसलों की जानकारी सार्वजनिक करें हाईकोर्ट्स: सुप्रीम कोर्ट का सुझाव
आरक्षण के बाद छह महीने से लंबित फैसलों की जानकारी सार्वजनिक करें हाईकोर्ट्स: सुप्रीम कोर्ट का सुझाव

न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रस्ताव रखा कि देश के सभी हाईकोर्ट्स अपनी वेबसाइट पर 'डैशबोर्ड' तैयार करें, जिसमें यह जानकारी उपलब्ध हो कि किन मामलों में फैसले सुरक्षित रखे गए, कब उच्चारित किए गए और कब वेबसाइट पर अपलोड हुए।जस्टिस सूर्या कांत और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन (या बगची मूल पाठ में बगची) की खंडपीठ ने कहा कि अब समय आ गया कि यह जानकारी सार्वजनिक की जाए कि किसी हाईकोर्ट में किस जज ने कितने निर्णय सुरक्षित रखे कितने निर्णय...

हाईकोर्ट की विवेकाधीन शक्ति को सीमित नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
'हाईकोर्ट की विवेकाधीन शक्ति को सीमित नहीं किया जा सकता': केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (KHCAA) ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह तर्क दिया है कि हाईकोर्ट को पहली बार में ही अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) याचिकाओं को सुनने का जो विवेकाधिकार प्राप्त है, उसे किसी भी प्रकार से सीमित नहीं किया जा सकता। एसोसिएशन ने कहा कि हाईकोर्ट की अधिकारिता पर किसी भी तरह की पाबंदी लगाना न्यायिक अतिक्रमण (Judicial Overreach) होगा, जो विधायी मंशा (Legislative Intent) और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है। एसोसिएशन ने...

क्या हाईकोर्ट सेशन कोर्ट की अनदेखी करके अग्रिम ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने मामला तीन जजों की बेंच को सौंपा
क्या हाईकोर्ट सेशन कोर्ट की अनदेखी करके अग्रिम ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने मामला तीन जजों की बेंच को सौंपा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह मुद्दा तीन जजों की बेंच को सौंप दिया कि क्या हाईकोर्ट सेशन कोर्ट में गए बिना दायर अग्रिम ज़मानत याचिकाओं पर सीधे विचार कर सकते हैं।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की दो जजों की बेंच ने आदेश दिया कि इस मामले को तीन जजों की बेंच के समक्ष रखा जाए।सितंबर में वर्तमान पीठ ने मोहम्मद रसल सी बनाम केरल राज्य मामले में इस मुद्दे पर विचार किया था, जब केरल हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम ज़मानत मामलों पर सीधे विचार करने की प्रथा पर असहमति जताई गई। कोर्ट ने यह विचार व्यक्त किया...