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सुप्रीम कोर्ट ने 85 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार, हत्या और डकैती के आरोपी को किया बरी, दिया यह तर्क
सुप्रीम कोर्ट ने 85 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार, लूट और हत्या के आरोपी व्यक्ति की दोषसिद्धि यह कहते हुए रद्द की कि अभियोजन पक्ष का मामला, जो केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है, उचित संदेह से परे दोष सिद्ध करने में विफल रहा। कोर्ट ने कहा कि एक महत्वपूर्ण गवाह, जिसे आखिरी बार आरोपी के साथ देखा गया, उससे पूछताछ न किए जाने से जांच में महत्वपूर्ण अंतराल रह गए और झूठे आरोप लगाने की प्रबल संभावना पैदा हो गई।अपीलकर्ता मोहम्मद समीर खान को सेकेंड एडिशनल सेशन जज (बम विस्फोट मामलों के लिए स्पेशल...
अवैध निर्माण के खिलाफ मामले में गैर-हाजिर रहने पर सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर नगर आयुक्त को तलब किया
कथित अवैध निर्माण के नियमितीकरण से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि दस्ती सहित नोटिस दिए जाने के बावजूद, पक्षकारों ने उपस्थित न होने का फैसला क्यों किया। इसने जबलपुर नगर निगम आयुक्त को अगली सुनवाई में उपस्थित होकर यह स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया कि नोटिस दिए जाने के बावजूद कोई अधिकारी क्यों नियुक्त नहीं किया गया।न्यायालय ने याचिकाकर्ता के वकील से दस्ती सहित नोटिस जारी होने के बावजूद दो अन्य प्रतिवादियों को नोटिस न देने पर भी सवाल किया। न्यायालय ने मौखिक...
Motor Accident | रूट परमिट का उल्लंघन होने पर भी बीमाकर्ता को मुआवज़ा देना होगा: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनियां दुर्घटना पीड़ितों को सिर्फ़ इसलिए मुआवज़ा देने से इनकार नहीं कर सकतीं, क्योंकि संबंधित वाहन अपने स्वीकृत रूट से भटक गया था। मोटर वाहन बीमा के सामाजिक उद्देश्य पर ज़ोर देते हुए, कोर्ट ने कहा कि इस तरह के तकनीकी आधार पर मुआवज़ा देने से इनकार करना "न्याय की भावना के विरुद्ध" होगा।जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने वाहन मालिक के. नागेंद्र और बीमाकर्ता, द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा दायर अपीलों को खारिज करते हुए ये...
सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के खिलाफ हिट-एंड-रन मामले को पंजाब से दिल्ली ट्रांसफर किया
पीड़ित परिवार द्वारा पक्षपात की आशंका जताए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कार्यरत न्यायिक मजिस्ट्रेट से जुड़े हिट-एंड-रन मामले की सुनवाई पंजाब से दिल्ली ट्रांसफर की। न्यायिक अधिकारी पंजाब में कार्यरत हैं।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता (पीड़ित की पत्नी) के वकील राजा चौधरी की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।सुनवाई के दौरान, न्यायिक अधिकारी के वकील ने अदालत को बताया कि उन्हें मुकदमे के ट्रांसफर पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, उन्होंने अनुरोध किया कि मुकदमे को...
बाद के बयानों में मामूली विसंगतियां, यदि विश्वसनीय और सुसंगत पाई जाती हैं तो पहले मृत्यु पूर्व कथन को कमज़ोर नहीं करतीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (29 अक्टूबर) को मृतका द्वारा दिए गए पहले मृत्यु पूर्व कथन के आधार पर महिला की हत्या के आरोप में दोषसिद्धि बरकरार रखी। कोर्ट ने कहा कि कई मृत्यु पूर्व कथनों के बावजूद, यदि वह विश्वसनीय, सुसंगत और पुष्टिकारी साक्ष्यों द्वारा समर्थित है तो पहले कथन को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस विपुल एम. पंचोली की खंडपीठ ने गुजरात हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा, जिसमें अपीलकर्ता-आरोपी को बरी करने के फैसले को पलट दिया गया। खंडपीठ ने कहा कि पीड़िता द्वारा उपस्थित...
जिला जजों की नियुक्तियां | पदोन्नत जजों के लिए कोटा पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हाईकोर्ट का विवेकाधिकार नहीं छीना जाएगा
जिला न्यायाधीश के पदों पर कार्यरत न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति के लिए कोटा होना चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह नियुक्तियां करने में हाईकोर्ट की विवेकाधिकार शक्तियों को छीनने का कोई निर्देश जारी नहीं करेगा।अदालत ने यह भी कहा कि वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी श्रेणियों, पदोन्नत न्यायाधीशों और सीधी भर्ती वाले न्यायाधीशों, की आकांक्षाओं की समान रूप से रक्षा हो।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस...
पटाखे फोड़ना, मूर्ति विसर्जन, लाउडस्पीकर बजाना अनिवार्य धार्मिक प्रथाएं नहीं, कोई भी धर्म प्रदूषण की अनुमति नहीं देता: जस्टिस ए.एस. ओक
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय एस. ओक ने कहा कि कोई भी धर्म पर्यावरण के क्षरण की अनुमति नहीं देता या उसे उचित नहीं ठहराता, और उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि धर्म के नाम पर प्रदूषण को लगातार उचित ठहराया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित "स्वच्छ वायु, जलवायु न्याय और हम - एक सतत भविष्य के लिए एक साथ" विषय पर एक व्याख्यान में बोलते हुए, जस्टिस ओक ने अनुष्ठानों के नाम पर प्रदूषणकारी गतिविधियों को रोकने की भावुक अपील की।जस्टिस ओक ने कहा, "पर्यावरण की रक्षा करने में...
विशिष्ट निष्पादन मुकदमे में वादी को अनुबंध की समाप्ति को अमान्य घोषित करने की घोषणा कब मांगनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (29 अक्टूबर) को एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि अनुबंध के विशिष्ट निष्पादन की मांग करने वाले वादी को कब यह घोषणा भी मांगनी चाहिए कि दूसरे पक्ष द्वारा अनुबंध की समाप्ति अमान्य थी।न्यायालय ने अनुबंध की समाप्ति और गलत अस्वीकृति के बीच अंतर करते हुए स्पष्ट किया कि अनुबंध के विशिष्ट निष्पादन की मांग करने से पहले वादी को अनुबंध को अमान्य घोषित करने की घोषणा कब मांगनी चाहिए।न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जब कोई अनुबंध स्पष्ट रूप से समाप्ति का अधिकार प्रदान...
'रचनात्मक आलोचना नहीं': जस्टिस अभय ओक ने संजीव सान्याल द्वारा न्यायपालिका को "विकसित भारत की राह में सबसे बड़ी बाधा" बताए जाने पर कहा
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय एस. ओक ने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की कि न्यायपालिका 'विकसित भारत' के सपने की राह में सबसे बड़ी बाधा है।सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित "स्वच्छ वायु, जलवायु न्याय और हम - एक सतत भविष्य के लिए एक साथ" विषय पर एक व्याख्यान में बोलते हुए जस्टिस ओक ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को न्यायपालिका की रचनात्मक आलोचना करने का अधिकार है। हालांकि, सान्याल की आलोचना अरचनात्मक थी,...
सोनम वांगचुक की नज़रबंदी पुरानी FIR पर आधारित, समय सीमा के भीतर पूरी तरह से आधार नहीं दिए गए: गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
डॉ. गीतांजलि अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दायर की, जिसमें उनके पति और लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की नज़रबंदी को चुनौती देते हुए अतिरिक्त आधार दिए गए हैं। सोनम को हाल ही में लद्दाख में हुए विरोध प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980 के तहत हिरासत में लिया गया।उन्होंने दलील दी कि नज़रबंदी आदेश और नज़रबंदी के आधार कानून की नज़र में टिकने योग्य नहीं हैं, क्योंकि वे अप्रासंगिक आधारों, पुरानी FIR, असंगत सामग्री, स्वार्थी बयानों और जानकारी को छिपाने...
PC Act | मांग और स्वीकृति के सबूत के बिना केवल करेंसी नोटों की बरामदगी दोषसिद्धि के लिए अपर्याप्त: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (28 अक्टूबर) को 3,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार पूर्व सहायक श्रम आयुक्त को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि रिश्वत की मांग और स्वीकृति का तथ्य संदेह से परे साबित नहीं हुआ।जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें अपीलकर्ता-आरोपी को बरी करने वाले ट्रायल कोर्ट के सुविचारित फैसले में हस्तक्षेप किया गया। खंडपीठ ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष का मामला विसंगतियों से भरा हुआ, जहां रिश्वत की मांग...
आपराधिक मुकदमों में आरोप तय करने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, देशभर में दिशा-निर्देश जारी करने पर विचार
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आपराधिक मुकदमों में आरोप तय करने में हो रही अत्यधिक देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। यह देरी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 251(b) के तहत दिए गए स्पष्ट प्रावधान के बावजूद हो रही है, जिसके अनुसार जिन मामलों की सुनवाई केवल सत्र न्यायालय द्वारा की जानी है, उनमें पहली सुनवाई से 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाने चाहिए।न्यायालय ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोप तय करने में देरी आपराधिक कार्यवाहियों के ठहराव का प्रमुख कारण है। इसलिए, यह “संपूर्ण देश में एक समान...
अगर प्रत्यक्ष साक्ष्य मौजूद हों तो हथियार की बरामदगी जरूरी नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने हत्या की सजा बरकरार रखी
सुप्रीम कोर्ट ने 28 अक्टूबर को दोहरे हत्याकांड मामले में चार दोषियों की सजा बरकरार रखते हुए 2011 से लंबित आपराधिक अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि भले ही एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई हो और हथियार बरामद न हुए हों, लेकिन अभियोजन पक्ष का मामला प्रत्यक्षदर्शियों की सुसंगत गवाही और मेडिकल साक्ष्य पर आधारित है, जिससे साबित होता है कि आरोपियों ने जानबूझकर और इरादतन शिकायतकर्ता पक्ष पर घातक हथियारों से हमला किया।जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने Nankaunoo बनाम उत्तर प्रदेश...
अदालत की गरिमा बनाए रखने के लिए वकील को मना करने पर दलीलें रोकना जरूरी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि एक बार जब बेंच अपना मन बता दे और वकील से आगे की दलीलें न देने का अनुरोध करे तो उस निर्देश का सम्मान किया जाना चाहिए।कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि इसके बाद लगातार जोर देना किसी उद्देश्य को पूरा नहीं करता और यह अदालती कार्यवाही की गरिमा को प्रभावित करता है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने 28 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा,"एक बार जब कोर्ट अपना मन बता देता है और वकील से आगे की दलीलें देने से परहेज करने का अनुरोध करता है तो इसका...
अगर जूनियर जज केसों की सुनवाई छोड़ जिला जज परीक्षा पर ध्यान देंगे तो निचली न्यायपालिका संकट में पड़ जाएगी: सुप्रीम कोर्ट
उच्च न्यायिक सेवा में वरिष्ठता और पदोन्नति को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में सुनवाई शुरूसुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मंगलवार को उच्च न्यायिक सेवा (Higher Judicial Service) में आपसी वरिष्ठता (inter-se seniority) और जिला जज पदों में पदोन्नति कोटा से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई शुरू की। यह मामला उन निचली अदालत के न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति से जुड़ा है, जो सिविल जज (जूनियर डिवीजन) या न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में सेवा शुरू करते हैं और बाद में पदोन्नति के सीमित अवसरों के कारण कैरियर में...
NALSA के निःशुल्क कानूनी सहायता कार्यक्रम के तहत दोषी की सहमति के बिना याचिका दायर करना प्रक्रिया का दुरुपयोग: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एक दोषी द्वारा 2,298 दिनों की देरी से दायर विशेष अनुमति याचिका (SLP) खारिज की। न्यायालय ने कहा कि याचिका केवल कानूनी सहायता कार्यक्रम के तहत दोषी की सहमति के बिना दायर की गई और ऐसा करना प्रक्रिया का दुरुपयोग है।जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की खंडपीठ कमलजीत कौर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें 2018 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया था। यह याचिका हाईकोर्ट के फैसले के लगभग सात साल बाद कानूनी सहायता के माध्यम से दायर की...
MBBS Stipend | सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजों को स्टाइपेंड डिटेल्स का खुलासा करने के निर्देश का पालन न करने पर NMC को फटकार लगाई, कहा- 'नींद से जागो'
मेडिकल स्टूडेंट्स को स्टाइपेंड न दिए जाने से संबंधित कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय मेडिकल आयोग (NMC) की जुलाई में जारी अपने ही निर्देश का पालन न करने पर कड़ी आलोचना की, जिसमें सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को सात दिनों के भीतर स्टाइपेंड डिटेल अनिवार्य रूप से प्रकट करने का निर्देश दिया गया।जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने NMC को दो सप्ताह के भीतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने टिप्पणी की कि उम्मीद है कि NMC "नींद" से जागेगा और अपने ही...
अंतरिम आवेदन दाखिल करने से पहले उन्हें प्रतिपक्षी पक्ष को अवश्य तामील किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को याद दिलाया
एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेजों को रिकॉर्ड में दर्ज करने से पहले प्रतिपक्षी पक्ष को न दिए जाने की प्रथा और ऐसे मामलों में न्यायालय रजिस्ट्री द्वारा उनकी जांच न किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। यह टिप्पणी एक चल रहे मामले में दायर अंतरिम आवेदन के संबंध में आई, जिसे रजिस्ट्री ने दूसरे पक्ष को पूर्व सूचना दिए बिना स्वीकार कर लिया था।जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT)...
Delhi Ridge Tree Felling | DDA ने वनीकरण के लिए वन विभाग को 46 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए: मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में बताया
दिल्ली रिज वृक्ष कटाई अवमानना मामले में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर किया, जिसमें न्यायालय के पूर्व निर्देशों के अनुपालन में प्रतिपूरक वनीकरण/वृक्षारोपण की दिशा में उठाए गए कदमों का विवरण दिया गया।हलफनामे में कहा गया कि 29.09.2025 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में DDA उपाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त (राजस्व) और वन विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक हुई, जिसमें DDA ने बताया कि उसने मांग के अनुसार वृक्षारोपण और रखरखाव (7 वर्ष तक) के लिए वन विभाग को 46.13 करोड़ रुपये...
BSP नेता की हत्या मामले की CBI जांच की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची उनकी पत्नी
मृत CBI नेता और प्रमुख दलित एक्टिविस्ट आर्मस्ट्रांग की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की, जिसमें उनकी हत्या की CBI जांच की मांग का समर्थन किया गया।आर्मस्ट्रांग की पत्नी पोरकोडी ने मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ तमिलनाडु राज्य द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका में हस्तक्षेप याचिका दायर की, जिसमें राज्य पुलिस द्वारा हत्या के मामले में दायर आरोपपत्र रद्द कर दिया गया था और जांच CBI को सौंप दी गई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर को आरोपपत्र रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश पर...




















