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Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने धोखे से धर्मांतरण पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने धोखे से धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए एख स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया। इसके साथ याचिका वापस लेने के रूप में खारिज कर दी।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ बेंच के समक्ष लंबित मामले में एक याचिका दायर करने की अनुमति दी।पीठ ने कहा,“हमें आपको क्यों सुनना चाहिए? आप अभियोग के लिए एक आवेदन दायर करते हैं। हम आपको सुनेंगे, अन्यथा याचिकाओं की बहुलता होगी।"पीठ इसी...

क्या विदेशी पुलिस को भारतीयों को गिरफ्तार न करने के लिए कहा जा सकता है? : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीयों की विदेश में सुरक्षित यात्रा के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली जनहित याचिका खारिज की
'क्या विदेशी पुलिस को भारतीयों को गिरफ्तार न करने के लिए कहा जा सकता है?' : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीयों की विदेश में सुरक्षित यात्रा के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली जनहित याचिका खारिज की

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सोमवार को विदेश में भारतीयों की सुरक्षित यात्रा के लिए दिशानिर्देशों की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिका एक ऐसे व्यक्ति द्वारा दायर की गई थी जिसे गलत पहचान के कारण अबू धाबी में हिरासत में लिया गया था। याचिका में विदेश जाने वाले भारत के सभी नागरिकों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की मांग की गई थी।याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे चार दिनों तक हिरासत में रखा गया और उसे...

संविधान सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले वकीलों की हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति पर रोक नहीं लगाता : सुप्रीम कोर्ट
संविधान सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने वाले वकीलों की हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति पर रोक नहीं लगाता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भारत के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने से रोकता हो।जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एएस ओक ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यही टिप्पणी की।याचिका में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 217 के अनुसार, एक व्यक्ति जिसे स्टेट बार काउंसिल में इनरोल किया गया है और बाद में सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस ट्रांसफर कर दी गई है, उस हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए अयोग्य...

सुप्रीम कोर्ट ने जेलर को धमकी देने के मामले में मुख्तार अंसारी को बरी करने के आदेश को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने जेलर को धमकी देने के मामले में मुख्तार अंसारी को बरी करने के आदेश को रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत 23 साल पुराने एक मामले में 5 साल जेल की सजा सुनाई थी। साथ ही जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने वर्ष 1999 में दर्ज एक मामले में गैंगस्टर्स अधिनियम के तहत अंसारी को आरोपों से बरी करने के एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा पारित 2020 के आदेश को रद्द कर दिया था।जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस विक्रम नाथ ने सोमवार की...

सुप्रीम कोर्ट ने सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ एफआईआप दर्ज करने की अनुमति के लिए टीएमसी मंत्री बीरबाहा हांसदा को हाईकोर्ट जाने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ एफआईआप दर्ज करने की अनुमति के लिए टीएमसी मंत्री बीरबाहा हांसदा को हाईकोर्ट जाने को कहा

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ टीएमसी मंत्री बीरबाहा हांसदा द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें नंदीग्राम के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना एफआईआर दर्ज करने पर रोक लगा दी गई।आदिवासी नेता हांसदा ने अधिकारी के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत...

Supreme Court
स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी कोटा: हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 4 जनवरी को करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगी।हाईकोर्ट ने अपने फैसले में राज्य को 4 जनवरी को ओबीसी आरक्षण के बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए कहा गया था।भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका मेंशन की थी जिन्होंने मामले की तत्काल लिस्ट करने की मांग की थी। अदालत बुधवार, 4 जनवरी 2023 को मामले की सुनवाई करने के लिए सहमत हुई।इलाहाबाद हाईकोर्ट...

आरबीआई ने नोटबंदी की सिफारिश करने में स्वतंत्र रूप से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया, पूरी क़वायद 24 घंटे में हो गई : जस्टिस बीवी नागरत्ना
आरबीआई ने नोटबंदी की सिफारिश करने में स्वतंत्र रूप से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया, पूरी क़वायद 24 घंटे में हो गई : जस्टिस बीवी नागरत्ना

सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने नोटबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपने असहमतिपूर्ण फैसले में कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित पूरे 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को रद्द करने की सिफारिश करने में स्वतंत्र रूप से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया।जस्टिस नागरत्ना ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तुत निर्णय से संबंधित रिकॉर्ड का हवाला देते हुए यह राय बनाई।जस्टिस नागरत्ना ने कहा, "रिकॉर्ड (आरबीआई द्वारा प्रस्तुत) को देखने पर, मुझे वहां "...

क्या नोटबंदी ने अपने उद्देश्यों को प्राप्त किया, इसकी वैधता तय करने के लिए प्रासंगिक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
क्या नोटबंदी ने अपने उद्देश्यों को प्राप्त किया, इसकी वैधता तय करने के लिए प्रासंगिक नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने साल 2016 में केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी को सही ठहराते हुए कहा कि यह सवाल कि क्या नोटबंदी ने अपने उद्देश्यों को प्राप्त किया है, इसकी वैधता तय करने के लिए यह प्रासंगिक नहीं है।पांच जजों की संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने अन्य चार जज जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन के फैसले से असहमति जताई।जस्टिस गवई ने कहा,"यह प्रासंगिक नहीं है कि तय उद्देश्यों...

CJI DY Chandrachud
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट में दर्ज जजमेंट्स के डिजिटल वर्जन के लिए E-SCR प्रोजेक्ट लॉन्च किया

भारत के चीफ जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट में दर्ज जजमेंट्स के डिजिटल वर्जन के लिए इलेक्ट्रॉनिक सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट्स (E-SCR) प्रोजेक्ट लॉन्च किया।सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा,"यह देश भर के वकीलों के लिए एक फ्री सेवा उपलब्ध है, इसलिए युवा जूनियर्स को भुगतान नहीं करना पड़ेगा। एक इलास्टिक सर्च फैसिलिटी है। हम कुछ हफ्तों में अनुसरण किए गए, प्रतिष्ठित और सम्मिलित निर्णयों को शामिल करके सर्च इंजन में सुधार कर रहे हैं। अभी 01.01.2022 तक के जजमेंट शामिल किए गए हैं। मैंने 2022 के...

सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी वी नागरत्ना ने नोटबंदी को गलत माना, जस्टिस ने कहा- नोटबंदी गैरकानूनी थी
सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बी वी नागरत्ना ने नोटबंदी को गलत माना, जस्टिस ने कहा- नोटबंदी गैरकानूनी थी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच जजों की पीठ ने केंद्र सरकार के 2016 के नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले की पुष्टि की। कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी का फैसला लेते समय अपनाई गई प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी। इसलिए उस अधिसूचना को रद्द करने की कोई जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ में से केवल एक जज जस्टिस बी.वी नागरत्ना ने नोटबंदी को गैरकानूनी कहा।जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि केन्द्र सरकार के कहने पर सभी सीरीज़ नोट को प्रचलन से बाहर करना काफी गंभीर विषय है।जस्टिस ने कहा कि नोटबंदी का...

सड़क दुर्घटना - यदि अलग- अलग राज्यों में दावे  किए गए हैं तो बाद वाले उस ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर होंगे जहां पहला दावा दायर हुआ था : सुप्रीम कोर्ट
सड़क दुर्घटना - यदि अलग- अलग राज्यों में दावे किए गए हैं तो बाद वाले उस ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर होंगे जहां पहला दावा दायर हुआ था : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कई दावेदारों वाले मोटर दुर्घटना के मामले में, यदि दावेदार अलग-अलग हाईकोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के ट्रिब्यूनलों में अलग-अलग दावा याचिका दायर करते हैं, तो पहली दावा याचिका को सुनवाई योग्य माना जाना चाहिए और बाद की दावा याचिकाओं को उस ट्रिब्यूनल में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए जहां पहली याचिका दायर की गई थी। ऐसी बाद की दावा याचिकाओं के स्थानांतरण के लिए सुप्रीम कोर्ट में कोई स्थानांतरण याचिका दायर करने की आवश्यकता नहीं है। न्यायालय ने आगे सभी हाईकोर्ट...

व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दों पर अत्यावश्यकता की भावना के साथ निर्णय लिया जाना चाहिए: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दों पर अत्यावश्यकता की भावना के साथ निर्णय लिया जाना चाहिए: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर मुद्दे पर हो रही आलोचनाओं के मुद्दे पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि करीब 14 लाख मामलों के निस्तारण में विलंब इसलिए हो रहा है कि किसी ना किसी प्रकार के रिकॉर्ड या दस्तावेज का इंतजार किया जा रहा है और करीब 63 लाख से ज्यादा मामले इसलिए लंबित हैं क्योंकि वकील उपलब्ध नहीं है। सीजेआई ने इस संबंध में नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड के आंकड़ों को पेश किया।सीजेआई ने कहा, "हमें वास्तव में यह सुनिश्चित करने के लिए बार के समर्थन की आवश्यकता है कि हमारी अदालतें...

भागीदारों में से एक की मौत फर्म द्वारा शुरू की गई सिविल कार्यवाही की निरंतरता को बाधित नहीं करती: सुप्रीम कोर्ट
भागीदारों में से एक की मौत फर्म द्वारा शुरू की गई सिविल कार्यवाही की निरंतरता को बाधित नहीं करती: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि भागीदारों में से एक की मृत्यु फर्म द्वारा शुरू की गई दीवानी कार्यवाही की निरंतरता को बाधित नहीं करती है।कमल इंजीनियरिंग वर्क्स एक साझेदारी फर्म थी जिसमें दो साझेदार थे - शिव सिंह गलुंडिया और उनके बेटे - सुमेर सिंह गलुंडिया। फर्म ने अनुबंध के विशिष्ट प्रदर्शन, नुकसान, घोषणा और स्थायी निषेधाज्ञा के लिए दीवानी मुकदमा दायर किया।ट्रायल कोर्ट ने मुकदमे को खारिज कर दिया और इसलिए उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष प्रथम अपील दायर की।उस अपील के लंबित रहने के दौरान, भागीदारों में से एक...

मोटर वाहन दुर्घटना : सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस द्वारा पहली दुर्घटना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए, स्पेशल पुलिस यूनिट गठन करने को कहा
मोटर वाहन दुर्घटना : सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस द्वारा पहली दुर्घटना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए, स्पेशल पुलिस यूनिट गठन करने को कहा

मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 2019 और संबंधित नियमों का उचित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, न्यायालय ने सभी राज्यों के पुलिस विभाग को तीन महीने के भीतर प्रत्येक पुलिस स्टेशन में एक स्पेशल यूनिट और प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों को तैनात करने का निर्देश दिया।जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने कहा, "एमवी संशोधन अधिनियम और उसके तहत बनाए गए नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मोटर दुर्घटना दावा मामलों से निपटने के लिए निर्दिष्ट प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की आवश्यकता...

जमानत और व्यक्तिगत स्वतंत्रता: सुप्रीम कोर्ट के साल 2022 के कुछ उल्लेखनीय जजमेंट/ऑर्डर
जमानत और व्यक्तिगत स्वतंत्रता: सुप्रीम कोर्ट के साल 2022 के कुछ उल्लेखनीय जजमेंट/ऑर्डर

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने इस महीने की शुरुआत में टिप्पणी की थी कि सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई मामला छोटा नहीं है और उसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए। पिछले वर्ष व्यक्तिगत स्वतंत्रता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेशों पर एक विस्तृत नज़र डालने से संकेत मिलता है कि शीर्ष अद्लात ने कई मामलों में भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार की गारंटी दी है।इस वर्ष की सबसे बड़ी हाइलाइट्स में से एक यह थी कि शीर्ष अदालत ने केंद्र को...

यूपी शहरी निकाय चुनाव बिना ओबीसी कोटे के कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
यूपी शहरी निकाय चुनाव बिना ओबीसी कोटे के कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग/राज्य सरकार को ओबीसी आरक्षण प्रदान किए बिना शहरी स्थानीय निकाय चुनावों को तुरंत अधिसूचित करने का निर्देश देने के दो दिन बाद, यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की है।गौरतलब हो कि 27 दिसंबर को जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी कोटा प्रदान करने वाला राज्य सरकार की...