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हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा: सुप्रीम कोर्ट ने आयोग द्वारा रोके गए उम्मीदवारों को अस्थायी रूप से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी
हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा: सुप्रीम कोर्ट ने आयोग द्वारा रोके गए उम्मीदवारों को अस्थायी रूप से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन याचिकाकर्ता-उम्मीदवारों को 9 जुलाई, 2023 को आयोजित हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा में बैठने की अस्‍थायी रूप से अनुम‌ति दे दी है, जिन्हें हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (आयोग) ने परीक्षा में शामिल होने के लिए ‌उचित प्रारूप में क्रेडेंशियल सर्टीफिकेट जमा नहीं करने के कारण रोक दिया था। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने अंतरिम राहत प्रदान करते हुए आयोग को याचिकाकर्ताओं को आवश्यक प्रवेश पत्र जारी करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि...

न्यायपालिका और संविधान के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यति नरसिंहानंद को अवमानना नोटिस भेजा
न्यायपालिका और संविधान के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यति नरसिंहानंद को अवमानना नोटिस भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक अवमानना याचिका में नोटिस जारी किया, जो एक इंटरव्यू के बाद दायर की गई थी जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट और भारतीय संविधान के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। वीडियो इंटरनेट पर काफी वायरल हुआ था।जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की डिवीजन बेंच कार्यकर्ता शची नेली की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हालांकि पीठ प्रतिवादी को नोटिस जारी करने और उसकी प्रतिक्रिया मांगने पर सहमत हुई, लेकिन कोई वापसी योग्य तारीख नहीं दी गई।पूरा...

स्कूल घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के अगस्त तक 32 हजार शिक्षकों के नए सिलेक्शन करने का आदेश रद्द किया
स्कूल घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के अगस्त तक 32 हजार शिक्षकों के नए सिलेक्शन करने का आदेश रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश रद्द कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को अगस्त 2023 के अंत से पहले 32,000 शिक्षक पदों के लिए नए सिरे से चयन करने का निर्देश दिया गया था।जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने कलकत्ता हाईकोर्ट से स्कूल जॉब्स फॉर कैश घोटाले से संबंधित अपील पर जल्द से जल्द फैसला करने को भी कहा।सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया,“इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि यह बड़ी संख्या में सहायक शिक्षकों के चयन और नियुक्ति से...

कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न: सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ताओं/गवाहों को प्रतिशोध से बचाने के लिए निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया
कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न: सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ताओं/गवाहों को प्रतिशोध से बचाने के लिए निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें यौन उत्पीड़न की शिकायतों के मामलों में शिकायतकर्ताओं/गवाहों/अन्य व्यक्तियों को आरोपी व्यक्तियों या संबंधित संगठनों द्वारा प्रतिशोध/उत्पीड़न के कृत्यों से बचाने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। उसी याचिकाकर्ता द्वारा इसी प्रार्थना के साथ दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2020 में विचार करने से इनकार कर दिया था, जिससे सरकार को प्रतिनिधित्व प्रस्तुत करने का विकल्प खुला रह गया।चीफ जस्टिस...

गैर इरादतन हत्या| धारा 308 आईपीसी के तहत सजा टिकने वाली नहीं है अगर आरोपी का मौत का इरादा या जानकारी ना हो: सुप्रीम कोर्ट
गैर इरादतन हत्या| धारा 308 आईपीसी के तहत सजा टिकने वाली नहीं है अगर आरोपी का मौत का इरादा या जानकारी ना हो: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक बस कंडक्टर को दी गई धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) के तहत सजा को संशोधित कर दिया, क्योंकि उसने कथित तौर पर घंटी बजाई थी, जो ड्राइवर को वाहन शुरू करने का संकेत था, जिसके कारण पीड़ित गिर गया और घायल हो गया, साथ ही उसे आईपीसी की धारा 338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत इस आधार पर दोषी ठहराया गया कि कंडक्टर ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करने में लापरवाही बरती थी और उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसके कृत्य से...

तर्क की प्रक्रिया के जरिए जिस त्रुटि का पता लगाया जाना है, उसे रिकॉर्ड के समक्ष स्पष्ट त्रुटि नहीं कहा जा सकताः सुप्रीम कोर्ट
तर्क की प्रक्रिया के जरिए जिस त्रुटि का पता लगाया जाना है, उसे रिकॉर्ड के समक्ष स्पष्ट त्रुटि नहीं कहा जा सकताः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक त्रुटि जो खुद स्पष्ट नहीं है और तर्क की प्रक्रिया के जरिए जिसका पता लगाया जाना है, उसे रिकॉर्ड के समक्ष स्पष्ट त्रुटि नहीं कहा जा सकता।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा, रिकॉर्ड के समक्ष एक त्रुटि, ऐसी त्रुटि होनी चाहिए, जा रिकॉर्ड को देखने मात्र से ही स्पष्ट हो जाए और इसके लिए उन बिंदुओं पर तर्क की किसी लंबी प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, जहां दो राय हो सकती हैं।अदालत ने एक मध्यस्थता मामले (जेमिनी बे ट्रांसक्रिप्शन प्राइवेट लिमिटेड बनाम...

क्या व्यभिचार के आरोपों को साबित करने के लिए पति या पत्नी के निजता के अधिकार का उल्लंघन किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा
क्या व्यभिचार के आरोपों को साबित करने के लिए पति या पत्नी के निजता के अधिकार का उल्लंघन किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने पति द्वारा दायर उस विशेष अनुमति याचिका में नोटिस जारी किया है, जिसमें अदालत के उस निर्देश को चुनौती दी गई, जिसमें उसकी पत्नी की याचिका- जो उस पर व्यभिचार का आरोप लगा रही है- उसको उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड और होटल में ठहरने से संबंधित विवरण प्राप्त करने और संरक्षित करने की अनुमति दी गई।याचिकाकर्ता ने मुद्दा उठाया कि क्या तलाक की कार्यवाही में व्यभिचार के आरोप के मामले में पति या पत्नी की निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया जा सकता है।जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस संजय कुमार की...

हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ एसएलपी को वापस लेने के बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी सुनवाई योग्य ? सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को संदर्भ भेजा
हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ एसएलपी को वापस लेने के बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी सुनवाई योग्य ? सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को संदर्भ भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मुद्दे को एक बड़ी बेंच संदर्भित किया - क्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुनर्विचार में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता स्वचालित रूप से उक्त मामले को एस्केलेशन मैट्रिक्स में शामिल है और विशेष अनुमति याचिका का उपाय फिर से उपलब्ध कराती है ?जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया। इस संबंध में, इसने रजिस्ट्री को एक बड़ी पीठ के गठन के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया।यह...

पतियों द्वारा पंचायतों में महिला आरक्षण के दुरुपयोग के खिलाफ याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मंत्रालय में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी
पतियों द्वारा पंचायतों में महिला आरक्षण के दुरुपयोग के खिलाफ याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को मंत्रालय में प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि पंचायतों में महिला आरक्षण का दुरुपयोग किया जा रहा है क्योंकि आरक्षित सीटों पर अपनी पत्नियों के चुनाव जीतने के बाद पति प्रॉक्सी के माध्यम से ग्राम पंचायत चला रहे हैं। अनुच्छेद 243डी(3) में महिलाओं के लिए पंचायत में कम से कम ⅓ सीटें आरक्षित करने की परिकल्पना की गई है। एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, स्वाति जिंदल के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि हालांकि आरक्षण लागू किया गया है, लेकिन वास्तव में यह एक...

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सत्र न्यायालय को क्रिकेटर मोहम्मद शमी घरेलू हिंसा मामले में एक महीने में फैसला करने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सत्र न्यायालय को क्रिकेटर मोहम्मद शमी घरेलू हिंसा मामले में एक महीने में फैसला करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सत्र न्यायालय को भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के खिलाफ 2018 में उनकी पत्नी हसीन जहां द्वारा दायर क्रूरता और हमले के मामले में जारी वारंट से संबंधित याचिका का निपटारा करने का निर्देश दिया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा शमी के खिलाफ सत्र न्यायालय द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने वाले आदेश को चुनौती देने वाली हसीन जहां की याचिका को खारिज करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही...

पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाए: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्वांकरा लिमिटेड को तमिलनाडु पीसीबी को 5.5 करोड़ जमा करने का निर्देश दिया
"पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाए": सुप्रीम कोर्ट ने पूर्वांकरा लिमिटेड को तमिलनाडु पीसीबी को 5.5 करोड़ जमा करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने एनजीटी, चेन्नई पीठ के फैसले के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई की, जिसमें चेन्नई स्थित एक निजी बिल्डर कंपनी को पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन के लिए 5.5 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि "अनुपालन न करने के साथ-साथ पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए भी मुआवजा दिया जाए।" इसने पूर्वांकरा प्रोजेक्ट्स को 30 अक्टूबर 2023 को या उससे पहले तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 5.50 करोड़ रुपये जमा करने का...

सज्जनतापूर्ण आचरण को गलत न समझें, कोर्ट में दिए गए बयानों को लेकर सावधान रहें, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील को फटकार लगाई
सज्जनतापूर्ण आचरण को गलत न समझें, 'कोर्ट में दिए गए बयानों को लेकर सावधान रहें, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील को फटकार लगाई

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को एक मामले पर सुनवाई के दौरान उस समय गहरी नाराजगी व्यक्त की जब एक वकील एक मामले पर बहस करता रहा, जबकि पीठ ने स्पष्ट कर दिया था कि याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दुष्ट हाथी 'अरीकोम्बन' की भलाई की मांग की गई थी, जिसे मानव बस्तियों के लिए खतरे के मद्देनजर केरल के जंगल से स्थानांतरित किया गया था।शुरुआत में पीठ ने "एरीकोम्बन" से...

बकाया वेतन के लिए ये स्थापित करने का प्रारंभिक बोझ कर्मचारी पर है कि वह बर्खास्तगी के बाद लाभकारी रूप से नियोजित नहीं था : सुप्रीम कोर्ट
बकाया वेतन के लिए ये स्थापित करने का प्रारंभिक बोझ कर्मचारी पर है कि वह बर्खास्तगी के बाद लाभकारी रूप से नियोजित नहीं था : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) को एक कंडक्टर को बकाया वेतन के बदले में 3 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया जिसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और बाद में श्रम न्यायालय के आदेश द्वारा इस आधार पर बहाल कर दिया गया था कि अपीलकर्ता (कंडक्टर) ने यह स्थापित करके बोझ का निर्वहन किया था कि वह बर्खास्तगी के बाद तेरह महीने तक बेरोजगार था।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने कहा,“यह स्वीकार करना संभव नहीं है कि तेरह वर्षों की पूरी अवधि के दौरान अपीलकर्ता के पास आय...

पॉक्सो एक्ट | 12 साल से कम उम्र के बच्चे के खिलाफ पेनेट्रेटिव सेक्‍सुअल असॉल्ट गंभीर यौन हमला के रूप में दंडनीय: सुप्रीम कोर्ट
पॉक्सो एक्ट | 12 साल से कम उम्र के बच्चे के खिलाफ पेनेट्रेटिव सेक्‍सुअल असॉल्ट 'गंभीर यौन हमला' के रूप में दंडनीय: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतें पॉक्सो अधिनियम में निर्धारित न्यूनतम सजा से कम सजा नहीं दे सकती हैं। जस्टिस अभय एस ओका और ज‌स्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि विभिन्न प्रकार के बाल शोषण के अपराधों के लिए अधिक कठोर दंड प्रदान करने के लिए पॉक्सो अधिनियम बनाया गया था।इस मामले में, ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दंडनीय अपराध के लिए दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 5,000 रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया (आईपीसी की धारा 377 के तहत दंडनीय अपराध के लिए सात साल के...

1996 लाजपत नगर बम विस्फोट मामला: सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को बिना किसी छूट के आजीवन कारावास की सजा सुनाई
1996 लाजपत नगर बम विस्फोट मामला: सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को बिना किसी छूट के आजीवन कारावास की सजा सुनाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 1996 के लाजपत नगर बम विस्फोट मामले में दो आरोपियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा और उन्हें बिना छूट के आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा बरी किए गए पहले मौत की सजा पाने वाले दो अन्य दोषियों की सजा भी बहाल कर दी गई और उन्हें उनके शेष प्राकृतिक जीवन तक के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ मोहम्मद नौशाद और जावेद अहमद खान की दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही थी, साथ ही नौशाद...

परिसरों में जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए?: रोहित वेमुला और पायल तड़वी की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी से कहा
'परिसरों में जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए?': रोहित वेमुला और पायल तड़वी की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूजीसी से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने इसे 'बेहद संवेदनशील मामला' करार देते हुए रोहित वेमुला और पायल तड़वी की माताओं की जनहित याचिका पर यूजीसी से जवाब मांगा है। याचिका में उच्च शिक्षा संस्थानों में एससी/एसटी समुदायों के छात्रों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए दिशानिर्देश दिए जाने की मांग की गई थी।मामला जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की डिवीजन बेंच के समक्ष था।जस्टिस बोपन्ना ने यूजीसी से कहा,“अंततः यह उन छात्रों और अभिभावकों के हित में है जिनके बच्चों ने अपनी जान गंवाई है। भविष्य में ऐसा न हो, इसका कम...

ट्रायल कोर्ट को साक्ष्य दर्ज करने से पहले बाल गवाहों की उचित प्रारंभिक जांच करनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
ट्रायल कोर्ट को साक्ष्य दर्ज करने से पहले बाल गवाहों की उचित प्रारंभिक जांच करनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को अपने साक्ष्य दर्ज करने से पहले नाबालिग गवाहों की उचित प्रारंभिक जांच करनी होगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि क्या नाबालिग उससे पूछे गए प्रश्नों को समझने में सक्षम है और तर्कसंगत उत्तर देने में सक्षम है।इस मामले में, सत्र न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 34 सहपठित धारा 302 और आईपीसी की धारा 34 सहपठित धारा 449 और 324 के तहत दोषी ठहराया था। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दोषसिद्धी को बरकरार रखा, जो मुख्य रूप से एक नाबालिग गवाह की गवाही पर...

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में इंटरनेट शटडाउन के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार किया, याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में इंटरनेट शटडाउन के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार किया, याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राज्य में हिंसा की कथित घटनाओं के जवाब में 3 मई, 2023 से मणिपुर में लगाए गए इंटरनेट प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि मणिपुर हाईकोर्ट के पास पहले से ही मामला है और इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट याचिका पर विचार नहीं कर सकता है।यह याचिका मणिपुर राज्य के दो निवासियों, मणिपुर हाईकोर्ट के वकील चोंगथम विक्टर सिंह और व्यवसायी...

सुप्रीम कोर्ट सेवाओं पर एलजी को अधिभावी शक्तियां देने वाले केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की चुनौती पर 10 जुलाई को सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट सेवाओं पर एलजी को अधिभावी शक्तियां देने वाले केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की चुनौती पर 10 जुलाई को सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई, 2023 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में सेवारत सिविल सेवकों को नियंत्रित करने के लिए जीएनसीटीडी की शक्तियों को छीनने के लिए लाए गए अध्यादेश को चुनौती दी गई।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष दिल्ली सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डॉ. एएम सिंघवी ने इस मामले का उल्लेख किया।सबसे पहले, सीजेआई...