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[ज्ञानवापी] न्याय के हित में साइंटिफिक सर्वेक्षण जरूरी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज की
[ज्ञानवापी] 'न्याय के हित में साइंटिफिक सर्वेक्षण जरूरी': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज की

Gyanvapi ASI Survey Updates- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में ASI पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने वाराणसी जिला जज के 21 के जुलाई के सर्वे के आदेश को बरकरार रखा। ASI सर्वे को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी।हाईकोर्ट ने कहा- न्यायहित में ASI का सर्वे जरूरी है। कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करने की आवश्यकता है। जुलाई के अंतिम सप्ताह में हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से लगातार दो दिन बहस चली थी। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की...

अखबारों में छपी रिपोर्ट केवल सुना-सुनाया साक्ष्य है, सिर्फ इसलिए कि रिपोर्ट अखबार में छपी है, इसे विश्वसनीय अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
अखबारों में छपी रिपोर्ट केवल सुना-सुनाया साक्ष्य है, सिर्फ इसलिए कि रिपोर्ट अखबार में छपी है, इसे विश्वसनीय अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दोहराया है कि एक अखबार की रिपोर्ट केवल सुना-सुनाया साक्ष्य है और इसे भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के तहत केवल द्वितीयक साक्ष्य के रूप में माना जा सकता है।जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने अपर्याप्त सबूतों के कारण हत्या के आरोपी दो अपीलकर्ताओं को दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द करते हुए कहा:“...एक अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति को केवल इसलिए अधिक विश्वसनीयता नहीं दी जा सकती क्योंकि यह एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई है और बड़े पैमाने पर जनता के लिए...

मैं दोषी नहीं हूं; अगर मुझे माफी मांगनी होती तो पहले ही मांग लेता: सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने मोदी-सरनेम मानहानि मामले में कहा
मैं दोषी नहीं हूं; अगर मुझे माफी मांगनी होती तो पहले ही मांग लेता: सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने 'मोदी-सरनेम' मानहानि मामले में कहा

सुप्रीम कोर्टर में दायर अपने नवीनतम हलफनामे में कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने आपराधिक मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि "सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है" टिप्पणी के लिए उन्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है।"गांधी ने शिकायतकर्ता द्वारा उन्हें कॉल किए जाने के जवाब में कहा,"याचिकाकर्ता का कहना है और उसने हमेशा कहा है कि वह अपराध का दोषी नहीं है और दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है और अगर उसे माफी मांगनी होती और अपराध को कम करना होता, तो वह ऐसा बहुत पहले ही कर चुका...

बेटी को 500 रुपये न देने पर अचानक उकसावा : सुप्रीम कोर्ट ने पति की हत्या करने वाली महिला की दोषसिद्धि में संशोधन किया
"बेटी को 500 रुपये न देने पर अचानक उकसावा" : सुप्रीम कोर्ट ने पति की हत्या करने वाली महिला की दोषसिद्धि में संशोधन किया

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में अपने पति की हत्या की आरोपी महिला की सजा को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) से बदलकर धारा 304 भाग 1 आईपीसी (गैर इरादतन हत्या) कर दिया।जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा, "मृतक द्वारा अपनी बेटी को 500/- रुपये का भुगतान करने के लिए सहमत ना होने के कारण उकसावे के चलते आत्म-नियंत्रण की शक्ति से वंचित होने पर आरोपी द्वारा मृतक की मृत्यु की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।" कोर्ट ने माना कि ये मामला आईपीसी की धारा 300 (अचानक और गंभीर उकसावे) के...

अनुच्छेद 370 को निरस्त नहीं किया जा सकता क्योंकि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने विघटित होने से पहले कभी इसकी सिफारिश नहीं की :  कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
अनुच्छेद 370 को निरस्त नहीं किया जा सकता क्योंकि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने विघटित होने से पहले कभी इसकी सिफारिश नहीं की : कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की, जिसने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर (J&K) का विशेष दर्जा छीन लिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।आज की सुनवाई के पहले दिन सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि अनुच्छेद 370 अब 'अस्थायी प्रावधान' नहीं है और जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के...

आईबीसी - एनसीएलएटी को अपने फैसले  वापस लेने का अधिकार है, लेकिन उन पर   पुनर्विचार करने का अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के फैसले पर मुहर लगाई
आईबीसी - एनसीएलएटी को अपने फैसले ' वापस लेने 'का अधिकार है, लेकिन उन पर ' पुनर्विचार' करने का अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के फैसले पर मुहर लगाई

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बनाम मेसर्स एमटेक ऑटो लिमिटेड के वित्तीय ऋणदाताओं और अन्य के मामले में दायर अपील पर फैसला सुनाते हुए राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय ट्रिब्यूनल ( "एनसीएलएटी") के पांच सदस्यीय पीठ के फैसले को बरकरार रखा है , जिसमें यह माना गया कि एनसीएलएटी को अपने फैसले वापस लेने का अधिकार है, लेकिन उन पर पुनर्विचार करने का नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी के फैसले की पुष्टि की है और आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर...

सुनिश्चित करें कि दिल्ली-एनसीआर में विहिप-बजरंग दल की रैलियों में कोई नफरत भरे भाषण या हिंसा न हो: सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से कहा
सुनिश्चित करें कि दिल्ली-एनसीआर में विहिप-बजरंग दल की रैलियों में कोई नफरत भरे भाषण या हिंसा न हो: सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर आज दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल द्वारा आयोजित विरोध मार्च में कोई हिंसा या नफरत भरे भाषण न हों। दिल्ली-एनसीआर में वीएचपी-बजरंग दल की रैलियों को रोकने के लिए दायर एक तत्काल आवेदन पर सुनवाई के लिए दोपहर 2 बजे आयोजित एक विशेष बैठक में, अदालत ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की...

ईडी के पास पुलिस हिरासत मांगने का कोई निहित अधिकार नहीं: सेंथिल बालाजी के मामले में मुकुल रोहतगी का तर्क
'ईडी के पास पुलिस हिरासत मांगने का कोई निहित अधिकार नहीं': सेंथिल बालाजी के मामले में मुकुल रोहतगी का तर्क

सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने मंगलवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास किसी आरोपी को पहले 15 दिनों के भीतर भी पुलिस हिरासत में लेने का कोई निहित अधिकार नहीं है, जब इसके लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी।उन्होंने कहा,“शुरुआती 15 दिनों की समाप्ति के बाद जांच की अवधि के दौरान आगे की रिमांड केवल न्यायिक हिरासत में ही हो सकती है। जबकि पहले 15 दिनों में हिरासत या तो पुलिस या न्यायिक हो सकती है, लेकिन इस अवधि के समाप्त होने के बाद केवल एक डिब्बा उपलब्ध होगा, जो कि न्यायिक...

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर एम शिवशंकर को 2 महीने के लिए अंतरिम जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर एम शिवशंकर को 2 महीने के लिए अंतरिम जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर को मेडिकल आधार पर 2 महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी।शिवशंकर ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर लाइफ मिशन भ्रष्टाचार मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। LIFE (आजीविका, समावेशन और वित्तीय सशक्तिकरण) मिशन परियोजना बेघरों के लिए केरल सरकार द्वारा शुरू की गई आवास परियोजना है।जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस एम एम सुंदरेश की खंडपीठ ने अंतरिम जमानत इस आधार पर दी कि उन्हें सर्जरी और...

नूंह सांप्रदायिक हिंसा के बाद दिल्ली-एनसीआर में वीएचपी-बजरंग दल की रैलियों को रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
नूंह सांप्रदायिक हिंसा के बाद दिल्ली-एनसीआर में वीएचपी-बजरंग दल की रैलियों को रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

नूंह और गुरुग्राम में सांप्रदायिक झड़पों के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा प्रस्तावित रैलियों को रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर किया गया।यह याचिका हेट स्पीच से संबंधित लंबित रिट याचिका में इंटरलोक्यूटरी एप्लीकेशन (आईए) के रूप में दायर की गई।जस्टिस अनिरुद्ध बोस के समक्ष सीनियर एडवोकेट चंदर उदय सिंह ने तत्काल सूचीबद्ध करने से पहले आवेदन का उल्लेख किया, क्योंकि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और अगले चार सीनियर जज अनुच्छेद 370 मामले की सुनवाई के...

सुप्रीम कोर्ट ने 4 दोषियों की समयपूर्व रिहाई के निर्देश के अनुपालन में देरी के लिए उत्तर प्रदेश राज्य पर जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने 4 दोषियों की समयपूर्व रिहाई के निर्देश के अनुपालन में देरी के लिए उत्तर प्रदेश राज्य पर जुर्माना लगाया

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य को उन सभी चार व्यक्तियों को 10,000/- रुपये का जुर्माना अदा करने को कहा, जिनकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित समय से पहले रिहाई में राज्य द्वारा देरी की गई।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने यह कहते हुए जुर्माना लगाया कि दोषियों की रिहाई में लंबी देरी के लिए अधिकारियों की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं है।सुप्रीम कोर्ट ने 21 अप्रैल 2023 को चार दोषियों को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया था, जिन्होंने तीन लोगों की हत्या के...

सोशल मीडिया पर चाइल्ड पोर्न, रेप वीडियो के वायरस होने को रोकने के लिए पर्याप्त प्रगति हुई: सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका बंद की
'सोशल मीडिया पर चाइल्ड पोर्न, रेप वीडियो के वायरस होने को रोकने के लिए पर्याप्त प्रगति हुई': सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका बंद की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी और सामूहिक बलात्कार और बलात्कार के वीडियो के अंधाधुंध वायरल होने को नियंत्रित करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका (पीआईएल) बंद कर दी। कोर्ट ने याचिका बंद करने का फैसला तब लिया जब इस मामले के लिए न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी।कोर्ट ने 2015 में प्रज्वला नाम के एनजीओ द्वारा तत्कालीन सीजेआई एचएल दत्तू को भेजे गए पत्र के आधार पर यह स्वत: संज्ञान जनहित याचिका शुरू की थी।जस्टिस बी.आर. गवई और...

सेल डीड में ता खुबज़ुल बदलैन अभिव्यक्ति का उपयोग अपने आप में लेनदेन की वास्तविक प्रकृति का निर्धारण नहीं करेगा : सुप्रीम कोर्ट.
सेल डीड में 'ता खुबज़ुल बदलैन' अभिव्यक्ति का उपयोग अपने आप में लेनदेन की वास्तविक प्रकृति का निर्धारण नहीं करेगा : सुप्रीम कोर्ट.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सेल डीड में 'ता खुबज़ुल बदलैन' अभिव्यक्ति का उपयोग अपने आप में लेनदेन की वास्तविक प्रकृति का निर्धारण नहीं करेगा।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने कहा, जब सेल डीड में एक विशिष्ट पठन होता है कि संपत्ति में टाइटल और कब्जा विक्रेता को दे दिया गया है, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है जिसे खारिज नहीं किया जा सकता है।इस मामले में, वादी ने तर्क दिया कि प्रतिवादी ने 04 फरवरी 1963 को वादी के पक्ष में 10,000 रुपये के बदले में एक पंजीकृत सेल डीड निष्पादित की। प्रतिवादी ने...

मणिपुर हिंसा : सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों की समिति बनाने पर विचार
मणिपुर हिंसा : सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों की समिति बनाने पर विचार

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मणिपुर हिंसा से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए स्थिति का समग्र मूल्यांकन, पुनर्वास, घरों की बहाली और पूर्व-जांच सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों की एक समिति के गठन पर विचार किया, जिससे बयान दर्ज करने से संबंधित प्रक्रियाएं उचित तरीके से की जा सकें। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान राज्य पुलिस द्वारा अब तक की गई "सुस्त" और "धीमी" जांच के बारे में चिंता व्यक्त की । सीजेआई के साथ पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस...

सुप्रीम कोर्ट ने करुणानिधि की स्मृति में पेन स्टैच्यू बनाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने करुणानिधि की स्मृति में 'पेन स्टैच्यू' बनाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डीएमके नेता एम. करुणानिधि की याद में 134 फीट ऊंची 'पेन स्टैच्यू' बनाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त की। याचिकाकर्ता ने अन्य उपायों का लाभ उठाने के लिए याचिका वापस लेने का फैसला किया। तदनुसार, याचिका को वैकल्पिक उपचार प्राप्त करने की स्वतंत्रता के साथ वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।याचिकाकर्ता की ओर से पेश...

राजस्थान हाईकोर्ट ने आरटीओ की एसीआर से प्रतिकूल प्रविष्टियां हटाई, कहा-एक ही वर्ष में उनका प्रदर्शन असंतोषजनक और उत्कृष्ट नहीं हो सकता
राजस्थान हाईकोर्ट ने आरटीओ की एसीआर से प्रतिकूल प्रविष्टियां हटाई, कहा-एक ही वर्ष में उनका प्रदर्शन असंतोषजनक और उत्कृष्ट नहीं हो सकता

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में एक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में वर्ष 2005-2006 में की गई प्रतिकूल प्रविष्टियों को रद्द कर दिया और उन्हें बाहर कर दिया। जस्टिस अनूप कुमार ढांड की सिंगल जज बेंच ने कहा,“यहां यह ध्यान देने योग्य है कि प्रश्नगत वर्ष के लिए याचिकाकर्ता की एसीआर समीक्षा अधिकारी द्वारा भरी गई थी, न कि रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा, जो इसे भरने में सक्षम नहीं था, हालांकि, बाद के चरण में जब विभाग द्वारा उनकी टिप्पणियां मांगी गईं याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत...

मणिपुर में मशीनरी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है, कोई कानून-व्यवस्था नहीं बची: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर पुलिस को फटकार लगाई, डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा
'मणिपुर में मशीनरी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है, कोई कानून-व्यवस्था नहीं बची': सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर पुलिस को फटकार लगाई, डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मणिपुर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और पुलिस महानिदेश को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया।कोर्ट ने आज की सुनवाई में राज्य में जातीय हिंसा से संबंधित मणिपुर पुलिस की जांच को "सुस्त" बताया और बेहद तल्ख होकर कहा कि "राज्य की कानून-व्यवस्था और मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है"।कोर्ट यह जानकर हैरान था कि लगभग तीन महीने तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी और हिंसा पर दर्ज 6000 एफआईआर में से अब तक केवल कुछ ही गिरफ्तारियां हुई हैं। कोर्ट ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक...

याचिका इस धारणा पर आधारित है कि हिंसा के लिए एक समुदाय दोषी: सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर पर जनहित याचिका खारिज की
'याचिका इस धारणा पर आधारित है कि हिंसा के लिए एक समुदाय दोषी': सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर पर जनहित याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर से संबंधित एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि याचिका इस धारणा के साथ दायर की गई थी कि जातीय हिंसा के लिए एक विशेष समुदाय को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका की व्यापक प्रकृति और इसकी धारणा पर आपत्ति व्यक्त की कि मणिपुर में हिंसा के लिए एक विशेष समुदाय पूरी तरह से जिम्मेदार था। अदालत ने याचिकाकर्ता को एक विशिष्ट प्रार्थना के साथ वापस आने का सुझाव...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2007 एनडीपीएस मामले में 9 साल से अधिक की सजा के बाद तीन लोगों को बरी किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 2007 एनडीपीएस मामले में 9 साल से अधिक की सजा के बाद तीन लोगों को बरी किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत एक मामले में तीन लोगों को बरी कर दिया है, यह देखते हुए कि अभियोजन साक्ष्य में भारी खामियां और अपर्याप्तताएं थीं। अगस्त 2007 में दर्ज मामले में ट्रायल कोर्ट ने फरवरी 2014 में तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी।जस्टिस हरप्रीत सिंह बरार की पीठ ने कहा,“न्याय वितरण की नींव जनता की आस्था और विश्वास पर टिकी हुई है। प्रत्येक आरोपी प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों का हकदार है और जांच एजेंसियां...