सुप्रीम कोर्ट ने करुणानिधि की स्मृति में 'पेन स्टैच्यू' बनाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया

Sharafat

1 Aug 2023 12:45 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने करुणानिधि की स्मृति में पेन स्टैच्यू बनाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डीएमके नेता एम. करुणानिधि की याद में 134 फीट ऊंची 'पेन स्टैच्यू' बनाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

    जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त की। याचिकाकर्ता ने अन्य उपायों का लाभ उठाने के लिए याचिका वापस लेने का फैसला किया। तदनुसार, याचिका को वैकल्पिक उपचार प्राप्त करने की स्वतंत्रता के साथ वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कहा कि प्रस्तावित स्ट्रकचर तटीय क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है और मछुआरों की आजीविका को प्रभावित कर सकती है।

    जस्टिस कौल ने कहा, "अगर यह पर्यावरण के बारे में है तो एनजीटी इस पर विचार कर सकती है। एनजीटी के पास जाएं। क्या हमें यहीं बैठे-बैठे सब कुछ तय कर लेना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट को कुछ ऐसा न बनाएं जैसा उसे नहीं होना चाहिए।"

    राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पी. विल्सन ने पीठ को अवगत कराया कि अब इस मामले में कुछ भी नहीं बचा है क्योंकि स्मारक के निर्माण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी दे दी गई है। उनके मुताबिक याचिका निरर्थक हो गई है। उन्होंने प्रस्तुत किया कि वर्तमान याचिका जनवरी, 2023 में दायर की गई थी जिसमें राज्य सरकार और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (मंत्रालय) को निर्देश देने की मांग की गई थी कि मरीना बेंच पर स्मारक के निर्माण को आगे न बढ़ाया जाए क्योंकि इससे तट के किनारे पारिस्थितिकी तंत्र और समुद्री जीवन को नुकसान होगा।

    [केस टाइटल : नल्लथम्बी और अन्य। बनाम तमिलनाडु राज्य और अन्य। डब्ल्यूपी(सी) नंबर 213/2023]

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