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दिल्ली आबकारी नीति घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई 4 सितंबर तक के लिए स्थगित की
दिल्ली आबकारी नीति घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई 4 सितंबर तक के लिए स्थगित की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 4 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी।सिसोदिया राष्ट्रीय राजधानी में अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी (आप) नेता इस साल फरवरी से हिरासत में हैं और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों उनकी जांच कर रहे हैं।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ दिल्ली हाई...

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के अंडमान और निकोबार के मुख्य सचिव को निलंबित करने और अवज्ञा के लिए एलजी पर जुर्माना लगाने के आदेश पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के अंडमान और निकोबार के मुख्य सचिव को निलंबित करने और अवज्ञा के लिए एलजी पर जुर्माना लगाने के आदेश पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की पोर्ट ब्लेयर सर्किट बेंच द्वारा पारित आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन के मुख्य सचिव केशव चंद्रा को निलंबित कर दिया गया और एडमिरल डी.के. जोशी, उपराज्यपाल पर जुर्माना लगाया गया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उपराज्यपाल को निर्देशों को लागू नहीं करने के लिए "अपनी निधि से" 5 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष तत्काल आदेश की मांग करते हुए भारत के अटॉर्नी जनरल आर...

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम - हाईकोर्ट भ्रष्टाचार के मामलों में अनुमति की वैधता पर विशेष अदालत के निष्कर्षों को राय दर्ज किए बिना पलट नहीं सकता कि न्याय की विफलता कैसे हुई
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम - हाईकोर्ट भ्रष्टाचार के मामलों में अनुमति की वैधता पर विशेष अदालत के निष्कर्षों को राय दर्ज किए बिना पलट नहीं सकता कि न्याय की विफलता कैसे हुई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट भ्रष्टाचार के मामलों में अनुमति की वैधता पर विशेष अदालत द्वारा दर्ज किए गए निष्कर्षों को बिना इस बात पर कोई राय दर्ज किए पलट नहीं सकता है कि आरोपी के साथ वास्तव में न्याय की विफलता कैसे हुई।इस मामले में, कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) के साथ पठित धारा 13(1)(ई) के तहत लगाए गए अपराधों से इस आधार पर बरी करते हुए एक याचिका की अनुमति दी कि सरकार द्वारा प्रतिवादी-अभियुक्त पर ट्रायल चलाने की अनुमति अवैध और अधिकार क्षेत्र के...

मोटर दुर्घटना दावा उस क्षेत्र के एमएसीटी के समक्ष दायर करने की आवश्यकता नहीं, जहां दुर्घटना हुई: सुप्रीम कोर्ट
मोटर दुर्घटना दावा उस क्षेत्र के एमएसीटी के समक्ष दायर करने की आवश्यकता नहीं, जहां दुर्घटना हुई: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दावेदारों के लिए मोटर वाहन अधिनियम (एमवी एक्ट) की धारा 166 के तहत मुआवजे के लिए उस क्षेत्र पर एमएसीटी के समक्ष आवेदन दायर करना अनिवार्य नहीं, जहां दुर्घटना हुई।जस्टिस दीपांकर दत्ता ने ट्रांसफर याचिका पर फैसला करते हुए कहा कि दावेदार उस स्थानीय सीमा के भीतर एमएसीटी से संपर्क कर सकते हैं, जिसके अधिकार क्षेत्र में वे रहते हैं या व्यवसाय करते हैं या प्रतिवादी रहते हैं।दुर्घटनाग्रस्त वाहन के मालिक द्वारा दायर इस ट्रांसफर याचिका में यह आधार उठाया गया कि दुर्घटना पश्चिम बंगाल के...

सुप्रीम कोर्ट ने टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ स्कूल नौकरी घोटाले मामले में सीबीआई, ईडी जांच की अनुमति देने वाले हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ स्कूल नौकरी घोटाले मामले में सीबीआई, ईडी जांच की अनुमति देने वाले हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के दो आदेशों पर रोक लगा दी, जिसमें पश्चिम बंगाल बोर्ड के पूर्व निदेशक, तृणमूल कांग्रेस विधायक माणिक भट्टाचार्य के खिलाफ प्राथमिक शिक्षा शिक्षक नियुक्ति घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया गया।जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की खंडपीठ ने चीफ जस्टिस के समक्ष याचिकाकर्ता द्वारा किए गए तत्काल अनुरोध के बाद असूचीबद्ध मामले को उठाए जाने के बाद भट्टाचार्य को राहत...

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए राज्यपाल और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया : सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में बताया
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए राज्यपाल और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया : सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में बताया

सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मुद्दे पर गुरुवार की कार्यवाही में राकांपा सांसद मोहम्मद अकबर लोन की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल ने तर्क दिया कि पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल और केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 से छुटकारा पाने के लिए मिलकर काम किया। अनुच्छेद 370 को निरस्त करना संविधान से हटकर किया गया एक विशुद्ध राजनीतिक कृत्य था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की संविधान पीठ...

अनुच्छेद 370 मामला : क्या संसद जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के लिए अपनी संशोधन शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकती? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा [दिन 2]
अनुच्छेद 370 मामला : क्या संसद जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के लिए अपनी संशोधन शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकती? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा [दिन 2]

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपनी सुनवाई फिर से शुरू की, जिसने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर (J&K) का विशेष दर्जा छीन लिया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की संविधान पीठ ने सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल की दलीलें सुनीं, जो राकांपा सांसद मोहम्मद अकबर लोन की ओर से पेश हुए थे। आज की कार्यवाही के दौरान सिब्बल ने अपनी दलील...

ज्ञानवापी मामला : मस्जिद समिति ने मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद एचसी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
ज्ञानवापी मामला : मस्जिद समिति ने मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद एचसी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण के लिए वाराणसी जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की चुनौती को गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा खारिज करने के बाद मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट में समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है और मामले की जल्द सुनवाई का आग्रह किया है।इस मामले का उल्लेख वकील निज़ाम पाशा ने संविधान पीठ के समक्ष किया जो अनुच्छेद 370 की कार्यवाही की सुनवाई कर रही थी। आज शाम 4 बजे जैसे ही संविधान पीठ उठने...

कुनो में चीतों की मौत| केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, मृत्युदर परेशान करने वाली लेकिन ज्यादा चिंताजनक नहीं
कुनो में चीतों की मौत| केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, मृत्युदर परेशान करने वाली लेकिन ज्यादा चिंताजनक नहीं

अफ्रीकी महाद्वीप से मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किए गए चीतों की हाल ही में हुई मौतों के मद्देनजर, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि भले ही चीतों की मौतें परेशान करने वाली हैं, लेकिन वे 'अनावश्यक रूप से चिंताजनक' नहीं हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस सप्ताह कुनो राष्ट्रीय उद्यान में एक और चीते की मौत हो गई है, जिससे पिछले पांच महीनों में मरने वालों की संख्या नौ हो गई है।पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने...

क्या ईएसआई एक्ट एनजीटी क्षेत्राधिकार को अपवर्जित करता है? सुप्रीम कोर्ट ने गैस रिसाव मुआवजे पर एनजीटी के फैसले की पुष्टि करते हुए कानून के प्रश्न को खुला छोड़ा
क्या ईएसआई एक्ट एनजीटी क्षेत्राधिकार को अपवर्जित करता है? सुप्रीम कोर्ट ने गैस रिसाव मुआवजे पर एनजीटी के फैसले की पुष्टि करते हुए कानून के प्रश्न को खुला छोड़ा

सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में राउरकेला स्टील प्लांट में हुई जहरीली गैस रिसाव के पीड़ितों को राहत और मुआवजे के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। जस्टिस एस. रवींद्र भट्ट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ राउरकेला स्टील प्लांट द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने एनजीटी द्वारा दिए गए मुआवजे के फैसले में हस्तक्षेप नहीं किया और अपीलकर्ता को 8 सप्ताह के भीतर इसे जमा करने का निर्देश दिया।इस मामले में कानून का एक प्रासंगिक सवाल खड़ा हो गया था- क्या...

बिहार जाति आधारित जनगणना | राज्य सरकार के सर्वेक्षण को सही ठहराने वाले पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर
बिहार जाति आधारित 'जनगणना' | राज्य सरकार के सर्वेक्षण को सही ठहराने वाले पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर

बिहार सरकार के जाति-आधारित सर्वेक्षण को बरकरार रखने के पटना हाईकोर्ट के फैसले के ‌खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। यह फैसला हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सुनाया, जिसने इस तर्क को खारिज कर दिया कि जाति के आधार पर डेटा एकत्र करने का प्रयास जनगणना के समान है, और इस कवायद को "उचित योग्यता के साथ शुरू की गई पूरी तरह से वैध प्रक्रिया" माना गया।याचिकाकर्ताओं में अखिलेश कुमार और गैर सरकारी संगठन 'एक सोच एक प्रयास' शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, एक अन्य गैर सरकारी संगठन, यूथ फॉर इक्वेलिटी...

सुप्रीम कोर्ट ने औसत से कम फैसले के आधार पर पदोन्नति से इनकार के खिलाफ न्यायिक अधिकारी की चुनौती खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने "औसत से कम" फैसले के आधार पर पदोन्नति से इनकार के खिलाफ न्यायिक अधिकारी की चुनौती खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक न्यायिक अधिकारी द्वारा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति से इनकार करने के पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की छह सदस्यीय समिति ने यह कहते हुए उन्हें पदोन्नति देने से इनकार कर दिया था कि उनके फैसले "औसत से नीचे" थे। अधिकारी ने फैसले को हाईकोर्ट के न्यायिक पक्ष में चुनौती दी। हाई कोर्ट से उनकी याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।यह तर्क दिया गया कि...

जातिगत दावों की जांच के लिए एफ़िनिटी टेस्ट को लिटमस टेस्ट के रूप में लागू नहीं किया जा सकता, संविधान-पूर्व दस्तावेज़ों को उच्चतम संभावित मूल्य प्राप्त है: सुप्रीम कोर्ट
जातिगत दावों की जांच के लिए 'एफ़िनिटी टेस्ट' को लिटमस टेस्ट के रूप में लागू नहीं किया जा सकता, संविधान-पूर्व दस्तावेज़ों को उच्चतम संभावित मूल्य प्राप्त है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जाति संबंधी दावों की जांच के दौरान 'एफिनिटी टेस्ट' को लिटमस टेस्ट के रूप में लागू नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा,"यदि कोई आवेदक संविधान के अनुसार प्रामाणिक और वास्तविक दस्तावेज प्रस्तुत करने में सक्षम है, जो दर्शाता है कि वह एक आदिवासी समुदाय से है, तो उसके दावे को खारिज करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि 1950 से पहले, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश में शामिल जनजातियों को कोई आरक्षण प्रदान नहीं किया गया था।"इस मामले में, अनुसूचित जनजाति जाति प्रमाणपत्र जांच समिति ने...

केवल मौलिक निर्धारण ही रेस जुडिकाटा से प्रभावित होते हैं, आकस्मिक या संपार्श्विक निष्कर्षों से नहीं: सुप्रीम कोर्ट
केवल मौलिक निर्धारण ही 'रेस जुडिकाटा' से प्रभावित होते हैं, आकस्मिक या संपार्श्विक निष्कर्षों से नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि बाद की कार्यवाही में कोर्ट के मौलिक निर्णय ही रेस जुडिकाटा से प्रभावित होते हैं। यदि कोर्ट कोई आकस्मिक, पूरक या गैर-आवश्यक टिप्पणियां करता है, जो मौलिक नहीं हैं मगर अंतिम निर्धारण के लिए 'संपार्श्विक' हैं, तो वे 'संपार्श्विक निर्धारण' रेस जुड‌िकाटा से प्रभावित नहीं होंगे। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की खंडपीठ ने यदैया और अन्य बनाम तेलंगाना राज्य और अन्य में दायर एक अपील पर फैसला सुनाते हुए 'मौलिक निर्धारण' और 'संपार्श्विक निर्धारण' के बीच अंतर करने के लिए...

कोई सबूत नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने 26 साल पुराने बलात्कार मामले में दो आरोपियों को बरी किया
"कोई सबूत नहीं": सुप्रीम कोर्ट ने 26 साल पुराने बलात्कार मामले में दो आरोपियों को बरी किया

सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के मामले में आरोपी दो लोगों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि उन्हें अपराध से जोड़ने के लिए रिकॉर्ड पर कोई सबूत नहीं लाया गया।अवतार सिंह, सोहन लाल और ज्ञान सिंह पर पीड़िता के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया। अभियोजन पक्ष का मामला यह है कि 22.07.1996 को लगभग 8 बजे, जब महिला मक्का का खेत के पास गई, अवतार सिंह उसे जबरन बेहोश कर अपने साथ एक कमरे में ले गया। अवतार सिंह ने उसे चाकू दिखाकर धमकाया और उसके साथ बलात्कार किया। अगले दिन ज्ञान सिंह ने उसके साथ बलात्कार किया और बाद...

गलती से शिकायत वापस लेने पर वकील की त्रुटी के कारण वादी को परेशानी नहीं उठानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
गलती से शिकायत वापस लेने पर वकील की त्रुटी के कारण वादी को परेशानी नहीं उठानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बीमा दावे से संबंधित मामले में कहा कि वकील की त्रुटी के कारण किसी वादी को परेशान नहीं होना चाहिए। केवल वकील की त्रुटी के कारण किसी पक्ष को कष्ट नहीं उठाना चाहिए।जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ एनसीडीआरसी के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बीमा दावा खारिज कर दिया गया।इस मामले में एनसीडीआरसी ने पहले माना कि चूंकि शिकायत वापस ले ली गई, इसलिए कोई नई शिकायत दर्ज नहीं की जा सकती, क्योंकि यह नागरिक प्रक्रिया संहिता1 (सीपीसी) के आदेश XXIII नियम...

[ज्ञानवापी] न्याय के हित में साइंटिफिक सर्वेक्षण जरूरी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज की
[ज्ञानवापी] 'न्याय के हित में साइंटिफिक सर्वेक्षण जरूरी': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज की

Gyanvapi ASI Survey Updates- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में ASI पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने वाराणसी जिला जज के 21 के जुलाई के सर्वे के आदेश को बरकरार रखा। ASI सर्वे को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी।हाईकोर्ट ने कहा- न्यायहित में ASI का सर्वे जरूरी है। कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करने की आवश्यकता है। जुलाई के अंतिम सप्ताह में हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से लगातार दो दिन बहस चली थी। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की...

अखबारों में छपी रिपोर्ट केवल सुना-सुनाया साक्ष्य है, सिर्फ इसलिए कि रिपोर्ट अखबार में छपी है, इसे विश्वसनीय अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
अखबारों में छपी रिपोर्ट केवल सुना-सुनाया साक्ष्य है, सिर्फ इसलिए कि रिपोर्ट अखबार में छपी है, इसे विश्वसनीय अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दोहराया है कि एक अखबार की रिपोर्ट केवल सुना-सुनाया साक्ष्य है और इसे भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के तहत केवल द्वितीयक साक्ष्य के रूप में माना जा सकता है।जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने अपर्याप्त सबूतों के कारण हत्या के आरोपी दो अपीलकर्ताओं को दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द करते हुए कहा:“...एक अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति को केवल इसलिए अधिक विश्वसनीयता नहीं दी जा सकती क्योंकि यह एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई है और बड़े पैमाने पर जनता के लिए...

मैं दोषी नहीं हूं; अगर मुझे माफी मांगनी होती तो पहले ही मांग लेता: सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने मोदी-सरनेम मानहानि मामले में कहा
मैं दोषी नहीं हूं; अगर मुझे माफी मांगनी होती तो पहले ही मांग लेता: सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी ने 'मोदी-सरनेम' मानहानि मामले में कहा

सुप्रीम कोर्टर में दायर अपने नवीनतम हलफनामे में कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने आपराधिक मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि "सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है" टिप्पणी के लिए उन्हें माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है।"गांधी ने शिकायतकर्ता द्वारा उन्हें कॉल किए जाने के जवाब में कहा,"याचिकाकर्ता का कहना है और उसने हमेशा कहा है कि वह अपराध का दोषी नहीं है और दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है और अगर उसे माफी मांगनी होती और अपराध को कम करना होता, तो वह ऐसा बहुत पहले ही कर चुका...

बेटी को 500 रुपये न देने पर अचानक उकसावा : सुप्रीम कोर्ट ने पति की हत्या करने वाली महिला की दोषसिद्धि में संशोधन किया
"बेटी को 500 रुपये न देने पर अचानक उकसावा" : सुप्रीम कोर्ट ने पति की हत्या करने वाली महिला की दोषसिद्धि में संशोधन किया

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में अपने पति की हत्या की आरोपी महिला की सजा को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) से बदलकर धारा 304 भाग 1 आईपीसी (गैर इरादतन हत्या) कर दिया।जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा, "मृतक द्वारा अपनी बेटी को 500/- रुपये का भुगतान करने के लिए सहमत ना होने के कारण उकसावे के चलते आत्म-नियंत्रण की शक्ति से वंचित होने पर आरोपी द्वारा मृतक की मृत्यु की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।" कोर्ट ने माना कि ये मामला आईपीसी की धारा 300 (अचानक और गंभीर उकसावे) के...