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श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि के पास विध्वंसः सुप्रीम कोर्ट ने य‌‌थास्थिति आदेश में विस्तार देने से इनकार किया
श्रीकृष्‍ण जन्मभूमि के पास विध्वंसः सुप्रीम कोर्ट ने य‌‌थास्थिति आदेश में विस्तार देने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि के पीछे बसी एक बस्ती में रेलवे अधिकार‌ियों की ओर से किए जा रहे विध्वंस अभियान के संबंध में 16 अगस्त को दिए गए यथास्थिति आदेश को बढ़ाने से इनकार कर दिया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ को रेलवे ने सूचित किया कि विध्वंस पूरा हो गया है। न्यायालय ने याचिकाकर्ता के अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाया और कहा कि वह विध्वंस से प्रभावित नहीं है क्योंकि वह विवादित क्षेत्र में नहीं रहता है। पीठ ने याचिकाकर्ता को रेलवे द्वारा...

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले में मेडिकल आधार पर दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को दी गई अंतरिम जमानत 1 सितंबर तक बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले में मेडिकल आधार पर दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को दी गई अंतरिम जमानत 1 सितंबर तक बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येन्द्र जैन को मेडिकल आधार पर दी गई अंतरिम जमानत की अवधि 1 सितंबर तक बढ़ा दी। जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था, लेकिन उन्हें मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दे दी गई थी।जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की खंडपीठ जैन की याचिका पर विचार कर रही थी, जिसमें पिछले साल उन्हें जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी...

परीक्षण पहचान परेड संविधान के अनुच्छेद 20(3) का उल्लंघन नहीं, आरोपी टीआईपी में शामिल होने से इनकार नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट
परीक्षण पहचान परेड संविधान के अनुच्छेद 20(3) का उल्लंघन नहीं, आरोपी टीआईपी में शामिल होने से इनकार नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड का आयोजन संविधान के अनुच्छेद 20(3) का उल्लंघन नहीं है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि एक आरोपी इस आधार पर खुद की टीआईपी कराने से रोक नहीं सकता कि कि उसे इसके लिए मजबूर किया जा सकता है।पीठ ने समवर्ती हत्या की सजा के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए टीआईपी पर ये टिप्पणियां कीं। अपील में उठने वाले मुद्दों में से एक यह था कि क्या कोई आरोपी इस आधार पर टीआईपी, जिसे जांच अधिकारी ने कराने का प्रस्ताव किया है, में भाग...

यदि बहुमत के फैसले को खारिज कर दिया जाता है तो किसी मध्यस्थ की असहमतिपूर्ण राय को अवॉर्ड के रूप में नहीं माना जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
यदि बहुमत के फैसले को खारिज कर दिया जाता है तो किसी मध्यस्थ की असहमतिपूर्ण राय को अवॉर्ड के रूप में नहीं माना जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में माना कि यदि बहुमत के फैसले को रद्द कर दिया जाता है तो असहमतिपूर्ण राय को अवार्ड के रूप में नहीं माना जा सकता। इस मामले में तीन सदस्यीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच विवाद में एक अवार्ड पारित किया था। निर्णय में अधिकांश प्रश्नों पर एकमत था, जबकि कुछ प्रश्नों पर मध्यस्थों में से एक का असहमतिपूर्ण दृष्टिकोण था।बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह कहते हुए फैसला रद्द कर दिया कि ट्रिब्यूनल का बहुमत...

मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई मामलों को असम स्थानांतरित किया, गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से जजों को नामित करने को कहा
मणिपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई मामलों को असम स्थानांतरित किया, गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से जजों को नामित करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मणिपुर जातीय हिंसा से संबंधित यौन हिंसा के मामलों को, जिन्हें सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया है, असम में स्थानांतरित करने के लिए कई निर्देश जारी किए। कोर्ट ने आदेश में कहा, "मणिपुर में समग्र वातावरण और आपराधिक न्याय प्रशासन की निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए" यह आवश्यक है।न्यायालय ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सीबीआई मामलों को संभालने के लिए गुवाहाटी में अदालतें नामित करने को कहा। जांच एजेंसी द्वारा रिमांड, हिरासत के...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम 2023 के खिलाफ चुनौती को रिकॉर्ड पर लाने की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम 2023 के खिलाफ चुनौती को रिकॉर्ड पर लाने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) को अपनी रिट याचिका में संशोधन करने की अनुमति दी। उक्त याचिका जीएनसीटीडी (संशोधन) अध्यादेश 2023 को चुनौती देते हुए दायर की गई। याचिका में हाल ही में पारित अधिनियम को चुनौती देने की कोशिश की गई, जिसने अध्यादेश की जगह ली है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ के समक्ष जीएनसीटीडी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डॉ.अभिषेक मनु सिंघवी ने एडवोकेट शादान फरासत की...

बिलकिस बानो केस - सुप्रीम कोर्ट का पिछला फैसला सजा माफी आदेश के न्यायिक पुनर्विचार पर रोक नहीं लगाएगा : सुप्रीम कोर्ट
बिलकिस बानो केस - सुप्रीम कोर्ट का पिछला फैसला सजा माफी आदेश के न्यायिक पुनर्विचार पर रोक नहीं लगाएगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बिलकिस बानो मामले में 'न्यायिक औचित्य' के तर्क को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा, हम समन्वय पीठ के फैसले पर कोई निर्णय नहीं कर रहे हैं।कोर्ट ने कहा कि 2021 का फैसला जिसने गुजरात सरकार को सज़ा माफी के आवेदनों पर विचार करने की अनुमति दी, बाद में पारित छूट आदेशों पर पुनर्विचार करने पर रोक नहीं लगाएगा।जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ गुजरात में 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान कई हत्याओं और हिंसक यौन उत्पीड़न के लिए आजीवन कारावास की सजा पाए 11...

बहुत सावधानी बरती जाए : सुप्रीम कोर्ट ने डाइंग डिक्लेयेरेशन पर भरोसा करने के लिए कारकों की सूची दी
'बहुत सावधानी' बरती जाए : सुप्रीम कोर्ट ने डाइंग डिक्लेयेरेशन पर भरोसा करने के लिए कारकों की सूची दी

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मौत की सजा पाए एक कैदी को बरी करते हुए दोहराया कि मृत्यु से पहले दिए गए बयानों (Dying Declaration) पर भरोसा करते समय 'बहुत सावधानी' बरती जानी चाहिए, जबकि कानून ऐसे बयानों के लिए सत्यता का अनुमान लगाता है। अदालत ने कहा-“यह अभियोजन पक्ष का कर्तव्य है कि वह उचित संदेह से परे आरोपी के खिलाफ आरोप स्थापित करे। संदेह का लाभ हमेशा आरोपी के पक्ष में जाना चाहिए। यह सच है कि मरने से पहले दिया गया बयान एक ठोस साक्ष्य है जिस पर भरोसा किया जा सकता है, बशर्ते यह साबित हो कि वह...

अनुच्छेद 370 |  अंत साधन को औचित्यपूर्ण नहीं ठहरा सकता : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दसवें दिन केंद्र से कहा
अनुच्छेद 370 | ' अंत साधन को औचित्यपूर्ण नहीं ठहरा सकता' : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दसवें दिन केंद्र से कहा

अनुच्छेद 370 मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दसवें दिन, केंद्र सरकार ने 2019 के राष्ट्रपति के आदेश का समर्थन करते हुए अपनी दलीलें शुरू कीं। इस आदेश ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को कमजोर कर दिया था।सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ के समक्ष अटॉर्नी जनरल (एजी) आर वेंकटरमणी ने दलीलें शुरू कीं। शुरुआत में, सीजेआई ने संघ से एक दिलचस्प सवाल पूछा और पूछा कि क्या साध्य साधनों को उचित ठहरा सकता है। उन्होंने मौखिक रूप...

हमारी संवैधानिक विरासत उन घटनाओं से भरी हुई है, जिन्हें बनाने में उन्होंने मदद की: सीजेआई चंद्रचूड़ ने दिवंगत सीनियर एडवोकेट शांति भूषण को श्रद्धांजलि दी
'हमारी संवैधानिक विरासत उन घटनाओं से भरी हुई है, जिन्हें बनाने में उन्होंने मदद की': सीजेआई चंद्रचूड़ ने दिवंगत सीनियर एडवोकेट शांति भूषण को श्रद्धांजलि दी

सुप्रीम कोर्ट के फुट कोर्ट संदर्भ में गुरुवार को आयोजित समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने अनुभवी वकील, राजनेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री स्वर्गीय शांति भूषण को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका 31 जनवरी 2023 को निधन हो गया था। सीजेआई ने भूषण की लोकतंत्र के संवैधानिक सार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और शांति की अदम्य भावना की प्रशंसा की।सीजेआई ने कहा,'हमारी संवैधानिक विरासत उन घटनाओं से भरी हुई है, जिन्हें बनाने या आकार देने में श्री शांति भूषण ने मदद की।'वकील के रूप में...

फर्म के पार्टनर के खिलाफ चेक केस को केवल इस पुख्ता सबूत के आधार पर रद्द किया जा सकता है कि उसे चेक जारी करने से कोई सरोकार नहीं था: सुप्रीम कोर्ट
फर्म के पार्टनर के खिलाफ चेक केस को केवल इस पुख्ता सबूत के आधार पर रद्द किया जा सकता है कि उसे चेक जारी करने से कोई सरोकार नहीं था: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फर्म के किसी भागीदार के खिलाफ चेक मामले को सीआरपीसी की धारा 482 के तहत तब तक रद्द नहीं किया जा सकता जब तक कि इस बात का निर्विवाद सबूत न हो कि उसका चेक जारी करने से कोई सरोकार नहीं था। हाईकोर्ट ने उन सामग्रियों को ध्यान में रखते हुए फर्म के एक भागीदार के खिलाफ समन आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें संकेत दिया गया था कि जिन तारीखों पर फर्म द्वारा लिए गए परिसर के किराए के भुगतान के दायित्व के निर्वहन के लिए चेक जारी किए गए थे, वह फर्म से पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके थे और उस...

बिलकिस बानो केस - क्या उसे वकालत करने की अनुमति दी जा सकती है? दोषी के वकील के रूप में काम करने के बारे में बताए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
बिलकिस बानो केस - 'क्या उसे वकालत करने की अनुमति दी जा सकती है?' दोषी के वकील के रूप में काम करने के बारे में बताए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने गुरुवार को मौखिक रूप से कहा कि कानून को एक महान पेशा माना जाता है। यह टिप्पणी तब आई जब बिलकिस बानो के बलात्कारियों में से एक के वकील ने अदालत को सूचित किया कि वह अब गुजरात में मोटर वाहन दुर्घटना दावा वकील के रूप में प्रैक्टिस कर रहा है। इतना ही नहीं, न्यायाधीश ने राज्य बार काउंसिल में एक वकील के नामांकन पर दोषसिद्धि के प्रभाव के बारे में भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा कि क्या किसी दोषी को दोषसिद्धि के बाद भी लॉ प्रैक्टिस करने का लाइसेंस दिया जा...

किसी पोस्ट पर सेवानिवृत्ति की आयु वैसी ही एक अन्य पोस्ट पर सेवानिवृत्ति की आयु के आधार पर नहीं बढ़ाई जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
किसी पोस्ट पर सेवानिवृत्ति की आयु वैसी ही एक अन्य पोस्ट पर सेवानिवृत्ति की आयु के आधार पर नहीं बढ़ाई जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में माना कि कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु पूरी तरह वैधानिक नियमों द्वारा निर्धारित की जाती है। यह माना गया कि भले ही नौकरी के दो पदों पर समान कार्य हों, यह समानता किसी कर्मचारी की सेवा शर्तों में बदलाव की गारंटी नहीं देती है (सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज बनाम बिकार्टन दास)।सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “सेवानिवृत्ति की आयु हमेशा किसी विशेष पद पर नियुक्ति को नियंत्रित करने वाले वैधानिक नियमों द्वारा शासित होती है। इसलिए, भले ही यह कहा जाए कि दोनों...

एक बार जब नियुक्ति अवैध घोषित कर दी जाती है और शुरू से ही अमान्य हो जाती है तो कोई कानूनी रूप से सेवा में बने नहीं रह सकता और वेतन का दावा नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट
एक बार जब नियुक्ति अवैध घोषित कर दी जाती है और शुरू से ही अमान्य हो जाती है तो कोई कानूनी रूप से सेवा में बने नहीं रह सकता और वेतन का दावा नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

असम की एक सहायक शिक्षिका ने वेतन भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक केस दायर किया था। उसे 2001 के बाद से वेतन जारी नहीं किया गया था। मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने जब एक बार नियुक्ति को अवैध और शून्य घोषित कर दिया हो तो कैंसिलेशन ऑर्डर को चुनौती देने के अभाव में सेवा में बने रहना अप्रतिरक्ष्य हो जाता है।कोर्ट ने ने माना कि कैंसिलेशन ऑर्डर का विरोध न कर पाना अपीलकर्ता को सेवा में बने रहने के कानूनी अधिकार और परिणामी वेतन दावों का दावा करने से रोकता...

सुप्रीम कोर्ट ने पोर्ट ब्लेयर गैंग रेप मामले में अंडमान के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को दी गई जमानत की पुष्टि की
सुप्रीम कोर्ट ने पोर्ट ब्लेयर गैंग रेप मामले में अंडमान के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण को दी गई जमानत की पुष्टि की

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया। जितेंद्र नारायण पर अन्य शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ 21 वर्षीय लड़की ने सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है।जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने निलंबित एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अधिकारी की जमानत रद्द करने की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।नारायण की जमानत रद्द करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं की सूची में पीड़िता भी शामिल...

किसी पक्षकार या उनके वकील की अनुपस्थिति में भी आपराधिक पुनर्विचार याचिका पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
किसी पक्षकार या उनके वकील की अनुपस्थिति में भी आपराधिक पुनर्विचार याचिका पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि पुनर्विचार याचिका पर विचार करने के मापदंडों के अनुसार, पक्षकार या पक्षकार के वकील की अनुपस्थिति में भी पुनर्विचार याचिका पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाना चाहिए।न्यायालय ने मदन लाल कपूर बनाम राजीव थापर, (2007) 7 एससीसी 623 में फैसले का उल्लेख किया, जिसमें यह माना गया कि एक आपराधिक अपील को डिफ़ॉल्ट के लिए खारिज नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही यह माना गया कि यह नियम आपराधिक पुनर्विचार पर भी लागू होगा।जस्टिस सी टी रविकुमार और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ हाईकोर्ट...

हाईकोर्ट कानून के महत्वपूर्ण प्रश्न तय किए बिना नियमित दूसरी अपील स्वीकार नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट कानून के महत्वपूर्ण प्रश्न तय किए बिना नियमित दूसरी अपील स्वीकार नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने अपील पर सुनवाई करते हुए सीपीसी की धारा 100 से संबंधित कानून की स्थापित स्थिति को दोहराया। न्यायालय ने कहा कि प्रावधान स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि पहली अपीलीय अदालत तथ्यों के प्रश्नों पर अंतिम अदालत है, लेकिन केवल अगर कानून का कोई महत्वपूर्ण प्रश्न है तो दूसरी अपील पर विचार किया जा सकता और हाईकोर्ट द्वारा ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्न उठाए जा सकते हैं। कानून का जवाब दिया जाना चाहिए।जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने उक्त निर्देश दिया।वर्तमान अपील...

अनुच्छेद 370 | सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 की आत्म-सीमित प्रकृति के संबंध में विचार किया, पूछा जेएंडके संविधान कैसे भारतीय संसद को बाध्य कर सकता है ? [ दिन -9]
अनुच्छेद 370 | सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 की 'आत्म-सीमित' प्रकृति के संबंध में विचार किया, पूछा जेएंडके संविधान कैसे भारतीय संसद को बाध्य कर सकता है ? [ दिन -9]

जम्मू-कश्मीर क्षेत्र को विशेष स्वायत्तता प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर चल रही सुनवाई नौवें दिन तक पहुंच गई। कार्यवाही का संचालन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ द्वारा किया जा रहा है और इसमें जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।जैसे ही याचिकाकर्ताओं ने अपनी अंतिम दलीलें पेश कीं, पीठ ने वकील से व्यावहारिक प्रश्न पूछे। अनुच्छेद 370 की 'आत्म-सीमित' प्रकृति के संबंध में...

हम इस तरह से जमानत बेचना कैसे शुरू कर सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट ने कहा आम तौर पर जमानत की कठिन शर्तें नहीं लगाई जानी चाहिए
"हम इस तरह से जमानत बेचना कैसे शुरू कर सकते हैं": सुप्रीम कोर्ट ने कहा आम तौर पर जमानत की कठिन शर्तें नहीं लगाई जानी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (23 अगस्त) को इस बात पर जोर दिया कि कठिन शर्तों के साथ जमानत केवल असाधारण परिस्थितियों में ही दी जानी चाहिए, सामान्य मामलों में नहीं। पीठ ने कहा कि सुनवाई से पहले हिरासत का इस्तेमाल केवल तभी किया जाना चाहिए जब समाज के लिए स्पष्ट खतरा हो या वास्तविक चिंता हो कि आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है या गवाहों को प्रभावित कर सकता है। अदालत ने यशिक जिंदल बनाम भारत संघ (2023) के मामले का भी हवाला दिया और कहा कि इसी तरह का रास्ता अपनाने की जरूरत है।जस्टिस एस रवींद्र भट और...

अनुच्छेद 370 मामला - अगर उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जाती है तो भगवान जाने वे और क्या करेंगे: गोपाल शंकरनारायणन ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश कीं [दिन 9]
अनुच्छेद 370 मामला - "अगर उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जाती है तो भगवान जाने वे और क्या करेंगे": गोपाल शंकरनारायणन ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश कीं [दिन 9]

सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को भंग करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर संविधान पीठ की सुनवाई के नौवें दिन बुधवार को सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने कहा, " अगर उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी गई तो भगवान जाने वे और क्या करेंगे।" शंकरनारायणन ने याचिकाकर्ताओं के लिए तर्क समाप्त करते हुए कुछ "चरम उदाहरणों" का उपयोग करते हुए तर्क दिया कि केंद्र के कार्यों को बरकरार रखना बड़ी शरारत के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है, जिससे अनुच्छेद 368 के तहत प्रक्रिया से संशोधन...