कलकत्ता हाईकोर्ट

शवों का कुप्रबंधन, बायोमेडिकल कचरे को फिर से बेचना: आरजी कर के पूर्व उप-अधीक्षक ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
शवों का कुप्रबंधन, बायोमेडिकल कचरे को फिर से बेचना: आरजी कर के पूर्व उप-अधीक्षक ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उप-अधीक्षक अख्तर अली ने पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें पूर्व प्रिंसिपल द्वारा गंभीर अवैधानिकताएं किए जाने का आरोप लगाया गया।अपनी याचिका में अली ने आरोप लगाया कि घोष ने शवों का कुप्रबंधन, बायोवेस्ट को खुले बाजार में फिर से बेचना, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग आदि जैसे गंभीर अवैधानिक कार्य शुरू किए।अली ने कहा कि इन सभी के बारे में पश्चिम बंगाल के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के समक्ष शिकायत की गई, लेकिन प्रो. (डॉ.)...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूर्व आरजी कर प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष की मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने मांग वाली याचिका खारिज की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूर्व आरजी कर प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष की मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने मांग वाली याचिका खारिज की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष की याचिका पर मीडिया आउटलेट्स को समाचार प्रसारित करने से रोकने का आदेश जारी करने से इनकार किया। पूर्व प्रिंसिपल ने मीडिया ट्रायल का आरोप लगाया है।जस्टिस शम्पा सरकार की एकल पीठ ने घोष की याचिका अस्वीकार करते हुए मीडिया को एनिमेटेड नाटकीयता से बचने और व्यक्ति राय के बजाय वस्तुनिष्ठ समाचार प्रकाशित करने की चेतावनी दी।कोर्ट ने कहा,"मीडिया यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति (नागरिक समाज के सदस्य) राष्ट्रीय महत्व के मामले में भाग लें। इस मामले में घटना ने...

RG Kar Hospital Rape-Murder: कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका ने पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ राज्य सरकार की SIT जांच को दिखावा बताया
RG Kar Hospital Rape-Murder: कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका ने पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ राज्य सरकार की SIT जांच को दिखावा बताया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना पर मामले की सुनवाई की।इस घटना के बाद 14 अगस्त को घटना के विरोध में एक रात अस्पताल में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई।इससे पहले हाईकोर्ट ने बलात्कार और हत्या की जांच CBI को सौंप दी थी। इसके बाद मामले को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने स्वतः संज्ञान में लिया, जिसने अस्पताल की सुरक्षा CISF कर्मियों द्वारा करने का आदेश दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि...

कोलकाता अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले में PUCL ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
कोलकाता अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले में PUCL ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने कोलकाता में आरजी कर कॉलेज और अस्पताल परिसर में सेकेंड ईयर की पीजी मेडिकल स्टूडेंट के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।वकील झूमा सेन द्वारा दायर याचिका में क्रूर बलात्कार और हत्या की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई और ऑरेलियानो फर्नांडीस बनाम गोवा राज्य और अन्य में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (POSH Act) के...

BREAKING | राज्य मशीनरी की विफलता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने RG कर अस्पताल में तोड़फोड़ को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठाया
BREAKING | राज्य मशीनरी की विफलता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने RG कर अस्पताल में तोड़फोड़ को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठाया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 14 अगस्त की रात को कोलकाता के RG कर अस्पताल में बड़े पैमाने पर हुई तोड़फोड़ और हिंसा को रोकने के लिए निवारक उपायों की कमी पर सवाल उठाया।राज्य ने प्रस्तुत किया कि पुलिस ने प्रतिरोध किया लेकिन 5000-7000 की भीड़ ने बाधाओं को तोड़ दिया और कई पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया।इस बात पर गौर करते हुए कि इतने बड़े पैमाने पर हुई हिंसा पुलिस अधिकारियों द्वारा खुफिया जानकारी प्राप्त करने में कमी की ओर इशारा करती है, चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने मौखिक रूप...

चाइल्ड केयर लीव पुरुष और महिला दोनों सरकारी कर्मचारियों को दी जानी चाहिए, पारिवारिक जिम्मेदारियों को माता और पिता द्वारा साझा किया जाना चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट
चाइल्ड केयर लीव पुरुष और महिला दोनों सरकारी कर्मचारियों को दी जानी चाहिए, पारिवारिक जिम्मेदारियों को माता और पिता द्वारा साझा किया जाना चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि चाइल्ड केयर लाभ का लाभ पुरुष और महिला दोनों कर्मचारियों को दिया जाना चाहिए। पारिवारिक जिम्मेदारियों को माता और पिता द्वारा साझा किया जाना चाहिए।ऐसे व्यक्ति के मामले पर विचार करते हुए, जिसके दो नाबालिग बच्चे थे और कुछ महीने पहले ही उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी, जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने कहा,"ऐसा प्रतीत होता है कि अब समय आ गया है, जब सरकार को अपने कर्मचारियों के साथ पुरुष और महिला कर्मचारियों के बीच किसी भी तरह के भेदभाव के बिना समान व्यवहार करना चाहिए।...

BREAKING | कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या: हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI को सौंपी
BREAKING | कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या: हाईकोर्ट ने मामले की जांच CBI को सौंपी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में द्वितीय वर्ष की पीजी मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या की जांच सीबीआई को सौंप दी।चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पीड़िता के माता-पिता की याचिका भी शामिल थी, जिसमें जांच को स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की मांग की गई।राज्य पुलिस के तहत जांच की प्रगति पर चिंता व्यक्त करते हुए पीठ ने कहा:पीड़िता के माता-पिता को आशंका है कि अगर जांच को इसी तरह जारी रहने दिया गया तो यह...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर परिसर में डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले को आत्महत्या के रूप में दर्ज करने के आरोपों पर राज्य सरकार से जवाब मांगा
कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर परिसर में डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले को आत्महत्या के रूप में दर्ज करने के आरोपों पर राज्य सरकार से जवाब मांगा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में सेकेंड ईयर की पीजी स्टूडेंट के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में कई याचिकाओं पर सुनवाई की। स्टूडेंट आधी रात को अपना राउंड पूरा करने के बाद परिसर के सेमिनार हॉल में आराम करने चली गई थी।चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार से सवाल पूछे, जब आरोप लगाए गए कि पुलिस ने शुरू में मृतक की मौत को आत्महत्या के रूप में दर्ज किया था, जिसकी सूचना उसके माता-पिता को दी गई, जिन्हें शव देखने की...

BREAKING | कॉलेज कैंपस में PG मेडिकल स्टुडेंट के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका
BREAKING | कॉलेज कैंपस में PG मेडिकल स्टुडेंट के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका

कलकत्ता हाईकोर्ट में द्वितीय वर्ष की PG मेडिकल स्टुडेंट के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर जनहित याचिका दायर की गई। उक्त स्टुडेंट RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी, जहां वह सुबह के समय अपनी रात्रि ड्यूटी पूरी करने के बाद आराम कर रही थी।इस याचिका का उल्लेख चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ के समक्ष किया गया।स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, प्रशिक्षु डॉक्टर ने अपनी रात्रि पाली पूरी कर ली थी और 9 अगस्त की सुबह उसे क्रूर हालत में पाए...

वक्फ संपत्ति का दर्जा स्थायी, वक्फ बोर्ड की अनुमति के बिना मुतवल्ली पट्टे अमान्य: कलकत्ता हाईकोर्ट
वक्फ संपत्ति का दर्जा स्थायी, वक्फ बोर्ड की अनुमति के बिना मुतवल्ली पट्टे अमान्य: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने माना कि एक बार जब कोई संपत्ति वक्फ घोषित हो जाती है, तो वह अनिश्चित काल तक वक्फ ही रहती है। इसने माना कि मुतवल्ली वक्फ बोर्ड की पूर्व स्वीकृति के बिना वक्फ संपत्ति का पट्टा नहीं ले सकता।इसलिए, खंडपीठ ने माना कि संपत्ति के संबंध में कोई भी समझौता या समझ, चाहे लिखित हो या मौखिक, कानून द्वारा पूरी तरह से अनधिकृत है और शुरू से ही अमान्य है।हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा मामले में संपत्ति को 1895 में 49 वर्षों की अवधि के...

जिला न्यायपालिका में स्टेनोग्राफर, बेंच क्लर्क संवेदनशील पद, इन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट
जिला न्यायपालिका में स्टेनोग्राफर, बेंच क्लर्क संवेदनशील पद, इन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि स्टेनोग्राफर और बेंच क्लर्क जैसे पद जिला न्यायपालिका में संवेदनशील पद हैं और इन पदों पर कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट (Contractually) पर नियुक्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे स्थायी कर्मचारियों के समान जिम्मेदारियां या दायित्व साझा नहीं करेंगे।जस्टिस अरिंदम मुखर्जी की एकल पीठ ने उत्तर और दक्षिण 24 परगना जजों के पद पर स्टेनोग्राफर और बेंच क्लर्कों को कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त करने की मांग करने वाली दो भर्ती अधिसूचनाओं पर रोक लगा दी।न्यायालय ने कहा:यह दुख की बात है कि राज्य...

फोरेंसिक विज्ञान में क्षमता निर्माण BNSS प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक: कलकत्ता हाईकोर्ट
फोरेंसिक विज्ञान में क्षमता निर्माण BNSS प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के प्रावधानों के प्रभावी और उचित कार्यान्वयन के लिए अनिवार्य है जो जांच में फोरेंसिक विज्ञान के उपयोग पर जोर देता है।जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस बिस्वरूप चौधरी की खंडपीठ ने BNSS के विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से बताया, जो जांच के दौरान फोरेंसिक विज्ञान के उपयोग का आह्वान करते हैं, जबकि मौजूदा फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (FSL) की वर्तमान क्षमता अपर्याप्त है।BNSS की धारा 176(3)...

यौन उत्पीड़न के Gender-Specific कानून के तहत केवल पुरुषों पर ही मुकदमा चलाया जा सकता है: कलकत्ता हाईकोर्ट
यौन उत्पीड़न के 'Gender-Specific' कानून के तहत केवल पुरुषों पर ही मुकदमा चलाया जा सकता है: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354ए के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप महिलाओं के खिलाफ लागू नहीं किए जा सकते, क्योंकि प्रावधान विशेष रूप से "पुरुष" शब्द से शुरू होता है।जस्टिस अजय कुमार गुप्ता की एकल पीठ ने प्रावधान का अवलोकन किया, जो इस प्रकार शुरू होता है,"[354ए. यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के लिए दंड--(1) कोई पुरुष निम्नलिखित में से कोई भी कृत्य करता है--"यह माना गया,"यह सुरक्षित रूप से स्वीकार किया जा सकता है कि कोई महिला आईपीसी की धारा 354ए के तहत आरोपी...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्यपाल आनंद बोस के खिलाफ बयान देने से ममता बनर्जी पर लगी रोक हटाई
कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्यपाल आनंद बोस के खिलाफ बयान देने से ममता बनर्जी पर लगी रोक हटाई

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ कोई भी बयान देने से रोक हटा दी। राज्यपाल ने उन पर मानहानि का मुकदमा किया था।मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि महिलाओं ने उनसे कहा था कि राज्यपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न के हालिया दावों के बीच वे राजभवन जाने से डरती हैं।एकल पीठ द्वारा राज्यपाल के खिलाफ कोई भी ऐसा बयान देने से रोके जाने के बाद मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी, जिसे मानहानिकारक माना जा सकता है।जस्टिस आई.पी. मुखर्जी और...

ट्रायल कोर्ट को बिना सोचे-समझे गिरफ्तारी का वारंट जारी नहीं करना चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट
ट्रायल कोर्ट को बिना सोचे-समझे गिरफ्तारी का वारंट जारी नहीं करना चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि ट्रायल कोर्ट बिना सोचे-समझे और कानून के तहत उसे उचित ठहराए बिना गिरफ्तारी का वारंट जारी नहीं कर सकता।जस्टिस सुव्रा घोष की एकल पीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट रद्द कर दिया, जिन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 के तहत आरोप लगाए गए, जबकि उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने बिना सोचे-समझे याचिकाकर्ताओं के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।आरोप पत्र में याचिकाकर्ताओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत अपराध का आरोप नहीं लगाया गया और आरोपित...

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पुलिस द्वारा वकील पर बेरहमी से हमला का विरोध किया, न्यायिक कार्यवाही से दूर रहने का प्रस्ताव पास किया
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पुलिस द्वारा वकील पर 'बेरहमी से हमला' का विरोध किया, न्यायिक कार्यवाही से दूर रहने का प्रस्ताव पास किया

कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सोमवार को वकील पर पुलिस कर्मियों द्वारा 'बेरहमी से हमला' करने की घटना पर सभी न्यायिक कार्यवाही से दूर रहने का प्रस्ताव पास किया।वकील का पर हमला करने वाले पुलिस अधिकारी का नाम सब-इंस्पेक्टर सुदीप्तो सान्याल है। सब इंस्पेक्टर ने वकील पर तब हमला किया, जब 21.07.2024 को बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत नेपालगंज पुलिस चौकी पर शाम लगभग 5:00 बजे अपने मुवक्किल की कॉल पर उपस्थित होने के लिए पहुंचे थे।22 जुलाई की तारीख वाले अपने नोटिस में बार एसोसिएशन ने...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बिजली की कीमतों में कथित वृद्धि को लेकर CESC कार्यालय के बाहर BJP की रैली की अनुमति दी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने बिजली की कीमतों में कथित वृद्धि को लेकर CESC कार्यालय के बाहर BJP की रैली की अनुमति दी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बिजली की कीमतों में कथित वृद्धि को लेकर कोलकाता के विक्टोरिया हाउस में कलकत्ता विद्युत आपूर्ति निगम (CESC) के कार्यालयों के बाहर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी। कोलकाता पुलिस द्वारा अनुमति देने से इनकार करने के बाद प्रदर्शनकारियों ने रैली आयोजित करने की अनुमति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की एकल पीठ ने कुछ शर्तें निर्धारित करते हुए और अधिकतम 1,000 प्रदर्शनकारियों की उपस्थिति को सीमित करते हुए विरोध रैली की...

सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक बयान देने से रोकने वाले आदेश को चुनौती दी
सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक बयान देने से रोकने वाले आदेश को चुनौती दी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान देने से रोकने वाले आदेश को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी।यह विवादित आदेश जस्टिस कृष्ण राव की एकल पीठ ने पारित किया था। उन्होंने कहा था कि यदि अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया होता तो इससे राज्यपाल को गंभीर और अपूरणीय क्षति हो सकती है।इससे पहले, मुख्यमंत्री ने अदालत को बताया था कि उनके बयानों में उन्होंने कहा था कि महिलाओं ने उनसे कहा कि राज्यपाल द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण वे राजभवन जाने...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस को BJP नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ दर्ज सभी मामलों का ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस को BJP नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ दर्ज सभी मामलों का ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ दर्ज सभी पुलिस शिकायतों की केस डायरी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा।अधिकारी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के खिलाफ दायर याचिका पर चल रही सुनवाई के दौरान यह बात कही गई। याचिका में कहा गया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि राज्य सरकार उनके तृणमूल कांग्रेस से BJP में शामिल होने के कारण उनसे बदला ले रही है।जस्टिस जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि जब तक...

BREAKING | राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ अपमानजनक बयान न दे मुख्यमंत्री: कलकत्ता हाईकोर्ट
BREAKING | राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ अपमानजनक बयान न दे मुख्यमंत्री: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान देने से रोक दिया।जस्टिस कृष्ण राव की एकल पीठ ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि राज्यपाल संवैधानिक प्राधिकारी हैं, जो किसी भी मंच पर इस तरह की टिप्पणियों के खिलाफ खुद का बचाव नहीं कर सकते हैं और यदि प्रतिवादियों को अपमानजनक बयान देने से नहीं रोका गया तो इससे राज्यपाल को अपूरणीय क्षति और चोट पहुंचेगी।इससे पहले...