शवों का कुप्रबंधन, बायोमेडिकल कचरे को फिर से बेचना: आरजी कर के पूर्व उप-अधीक्षक ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Amir Ahmad

22 Aug 2024 7:30 AM GMT

  • शवों का कुप्रबंधन, बायोमेडिकल कचरे को फिर से बेचना: आरजी कर के पूर्व उप-अधीक्षक ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

    आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उप-अधीक्षक अख्तर अली ने पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें पूर्व प्रिंसिपल द्वारा गंभीर अवैधानिकताएं किए जाने का आरोप लगाया गया।

    अपनी याचिका में अली ने आरोप लगाया कि घोष ने शवों का कुप्रबंधन, बायोवेस्ट को खुले बाजार में फिर से बेचना, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग आदि जैसे गंभीर अवैधानिक कार्य शुरू किए।

    अली ने कहा कि इन सभी के बारे में पश्चिम बंगाल के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के समक्ष शिकायत की गई, लेकिन प्रो. (डॉ.) संदीप घोष के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    आरोप है कि प्रो. (डॉ.) संदीप घोष इतने शक्तिशाली हैं कि उन्हें दो बार दूसरे अस्पतालों में ट्रांसफर किया गया लेकिन सबसे कम समय में ही उन्हें फिर से आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में बहाल कर दिया गया।

    याचिका में कहा गया कि प्रो. (डॉ.) संदीप घोष को इस राज्य के राजनीतिक नेताओं और उच्च अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है। इसी कारण से उन्हें इस राज्य के लोगों की जान जोखिम में डालने के बावजूद सुरक्षा दी जा रही है।

    याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि ताला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन अब हटाए गए प्रिंसिपल के खिलाफ कोई मामला शुरू करने से इनकार किया गया।

    इसमें गंभीर मुद्दे शामिल हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं। राज्य पुलिस प्राधिकरण इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच नहीं कर सकता, क्योंकि इस मामले में इस राज्य के कई प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं। याचिका में आरोप लगाया गया कि निर्दोष लोगों की खातिर मामले की उचित जांच की जानी चाहिए।

    अपनी याचिका में अली ने यह भी आरोप लगाया कि इतने शक्तिशाली व्यक्ति से भिड़ने के कारण उनकी जान जोखिम में है और अदालत को उनकी जान की रक्षा करने की आवश्यकता है।

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