इलाहाबाद हाईकोट

संत रामपाल की किताबों में हिंदू देवी-देवताओं के अभद्र चित्रण को लेकर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब
संत रामपाल की किताबों में हिंदू देवी-देवताओं के अभद्र चित्रण को लेकर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है कि क्या वह स्वयंभू संत रामपाल महाराज के इशारे पर कथित रूप से प्रकाशित पुस्तकों, पर्चों और अन्य साहित्य को जब्त करने की मांग करने वाले एक ज्ञापन पर कोई कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखती है, जिसमें कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं के अभद्र चित्रण शामिल हैं।जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने ट्रस्ट हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस और इसके 17 सदस्यों और पदाधिकारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ताओं ने कथित...

हाईकोर्ट ने UP PCS(J) Exam प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देने वाली जस्टिस माथुर आयोग की रिपोर्ट पर पक्षकारों से जवाब मांगा
हाईकोर्ट ने UP PCS(J) Exam प्रक्रिया में सुधार का सुझाव देने वाली जस्टिस माथुर आयोग की रिपोर्ट पर पक्षकारों से जवाब मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को जस्टिस गोविंद माथुर (हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस) की अध्यक्षता वाले सदस्यीय आयोग द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया, जिसमें उत्तर प्रदेश पीसीएस (जे) प्रतियोगी परीक्षाओं (UP PCS(J) Exam) के संचालन में तत्काल सुधार और प्रक्रियात्मक संशोधनों की सिफारिश की गई।जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने दर्ज किया कि प्रारंभिक रिपोर्ट (भाग-I) 14 सेटों में प्रस्तुत की गई। इसके साथ संलग्न एक कवर लेटर में निर्दिष्ट किया गया कि...

दिल्ली भवन को लेकर किरायेदार नहीं कर सकते विरोध, जीवन की सुरक्षा किरायेदारी अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण: इलाहाबाद हाईकोर्ट
दिल्ली भवन को लेकर किरायेदार नहीं कर सकते विरोध, जीवन की सुरक्षा किरायेदारी अधिकारों से अधिक महत्वपूर्ण: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जर्जर भवन में रह रहे किरायेदारों के जीवन को खतरे से बचाना उत्तर प्रदेश नगरीय परिसरों का किरायेदारी विनियमन अधिनियम, 2021 के तहत उनके किरायेदारी अधिकारों की तुलना में अधिक प्राथमिकता रखता है।जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा,“किरायेदार उस भवन के शीघ्र ध्वस्तीकरण (डिमोलिशन) का विरोध नहीं कर सकते, विशेष रूप से तब जब संबंधित प्राधिकरणों ने स्थल का निरीक्षण कर यह पाया हो कि भवन को गिराना अनिवार्य है। वर्ष 1959 के अधिनियम के तहत...

भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले अपराध को लागू करने से पहले उचित सावधानी बरतनी चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट
भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले अपराध को लागू करने से पहले उचित सावधानी बरतनी चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 को लागू करने से पहले उचित सावधानी और एक समझदार व्यक्ति के मानकों का पालन किया जाना चाहिए, जो भारत की संप्रभुता एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कथित कृत्यों को आपराधिक बनाती है।न्यायालय ने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर बोले गए शब्द या पोस्ट भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत आते हैं, इसलिए इन्हें संकीर्ण रूप से नहीं समझा जाना चाहिए, जब तक कि वे ऐसी प्रकृति के न हों, जो किसी देश की संप्रभुता और अखंडता को प्रभावित करते हों या...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में अपराध स्थल जांच की SOP की समीक्षा हेतु स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में अपराध स्थल जांच की SOP की समीक्षा हेतु स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्त्वपूर्ण आदेश में उत्तर प्रदेश में अपराध स्थलों की जांच के लिए अपनाई जा रही मानक प्रक्रियाओं (Standard Operating Procedure - SOP) की समीक्षा और सुधार हेतु एक अलग आपराधिक जनहित याचिका (Criminal PIL) दायर करने का निर्देश दिया।जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस बृजराज सिंह की खंडपीठ ने आदेश में कहा,"हम इस मत पर हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य में अपराध स्थल जांच के लिए जो मानक संचालन प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए, उसके संदर्भ में, ताकि अभियोजन की प्रक्रिया बार-बार विफल न हो, एक अलग...

किसी घटना या भारत का उल्लेख किए बिना केवल पाकिस्तान का समर्थन करना BNS की धारा 152 के अंतर्गत नहीं आता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
किसी घटना या भारत का उल्लेख किए बिना केवल पाकिस्तान का समर्थन करना BNS की धारा 152 के अंतर्गत नहीं आता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि किसी घटना का उल्लेख किए बिना या भारत का नाम लिए बिना केवल पाकिस्तान का समर्थन करना, प्रथम दृष्टया, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के तहत अपराध नहीं बनता है, जो भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों को दंडित करती है।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने यह टिप्पणी एक 18 वर्षीय लड़के [रियाज़] को ज़मानत देते हुए की। रियाज़ पर BNS की धारा 152 और धारा 196 के तहत कथित तौर पर एक इंस्टाग्राम स्टोरी पोस्ट करने का आरोप है।इस स्टोरी...

क्या BNS की धारा 111 में संगठित अपराध शामिल होने के कारण गैंगस्टर एक्ट निरर्थक नहीं हो गया? हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा
क्या BNS की धारा 111 में 'संगठित अपराध' शामिल होने के कारण गैंगस्टर एक्ट निरर्थक नहीं हो गया? हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 111, जो 'संगठित अपराध' के अपराध को परिभाषित और दंडित करती है, उसके लागू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के प्रावधान 'अनावश्यक' हो गए।जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस अवनीश सक्सेना की खंडपीठ ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब भी मांगा।खंडपीठ ने टिप्पणी की,"इस न्यायालय का मानना ​​है कि BNS की धारा 111 का प्रावधान, उत्तर प्रदेश गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधानों...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने PIL याचिकाकर्ताओं को मिल रहीं धमकियों पर जताई चिंता, लिया स्वतः संज्ञान
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने PIL याचिकाकर्ताओं को मिल रहीं धमकियों पर जताई चिंता, लिया स्वतः संज्ञान

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतिक्रमण की शिकायतें लेकर जनहित याचिका दायर करके अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ताओं के सामने 'रोजमर्रा की बीमारी' का न्यायिक नोटिस लिया है।न्यायालय ने कहा कि ऐसे याचिकाकर्ताओं को नियमित रूप से धमकाया जाता है, अक्सर शारीरिक हमले या धमकियों के माध्यम से, अतिक्रमणकारियों द्वारा स्वयं या कभी-कभी, सरकारी अधिकारियों द्वारा भी। जस्टिस जेजे मुनीर की पीठ ने अतिक्रमण के आरोपों से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें याचिकाकर्ता ने दावा किया था...

वादियों को कार्यवाही शुरू करने के लिए अधिक राशि जमा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता; फोटो-पहचान शुल्क पर 125 रुपये की सीमा: इलाहाबाद हाईकोर्ट
वादियों को कार्यवाही शुरू करने के लिए अधिक राशि जमा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता; फोटो-पहचान शुल्क पर 125 रुपये की सीमा: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट में फोटो पहचान पत्र के लिए अत्यधिक शुल्क हटाने संबंधी एकल न्यायाधीश के आदेश को आंशिक रूप से बरकरार रखते हुए, की लखनऊ पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट में मामले या हलफनामा दायर करने के लिए वादियों से 22.11.2024 के कार्यालय ज्ञापन में निर्धारित राशि से अधिक राशि नहीं ली जा सकती।यह देखते हुए कि इलाहाबाद और लखनऊ स्थित फोटो पहचान केंद्रों पर छपी रसीदों में अंतर था, जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस श्री प्रकाश सिंह की पीठ ने कहा,“दोनों बार एसोसिएशनों को, जो इस बात पर सहमत हैं, निर्देश दिया...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहलगाम हमले के बाद सरकार पर सवाल उठाने वाले कथित पोस्ट के मामले में अग्रिम जमानत दी; कहा- आरोपी के कृत्य से समाज को नुकसान नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहलगाम हमले के बाद सरकार पर सवाल उठाने वाले कथित पोस्ट के मामले में अग्रिम जमानत दी; कहा- 'आरोपी के कृत्य से समाज को नुकसान नहीं'

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को अज़ाज़ अहमद नामक व्यक्ति को अग्रिम ज़मानत दे दी। उन पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद सोशल मीडिया पर सरकार पर सवाल उठाने वाली एक पोस्ट डालने के आरोप में धारा 353(3) और 152 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। ज़मानत याचिका स्वीकार करते हुए, जस्टिस विक्रम डी चौहान की पीठ ने कहा कि एजीए यह साबित नहीं कर पाए कि उन्हें राहत देने से व्यापक समाज पर कोई प्रभाव पड़ेगा, या कि अगर उन्हें ज़मानत दी जाती है, तो स्वतंत्र, निष्पक्ष और पूर्ण जांच...

बैंक कर्मचारी को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने संबंधी आंचलिक कार्यालय समिति की रिपोर्ट अपराधी को अवश्य दी जानी चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट
बैंक कर्मचारी को 'धोखाधड़ी' के रूप में वर्गीकृत करने संबंधी आंचलिक कार्यालय समिति की रिपोर्ट अपराधी को अवश्य दी जानी चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि धोखाधड़ी के वर्गीकरण हेतु आंचलिक कार्यालय समिति की रिपोर्ट अपराधी कर्मचारी को अवश्य दी जानी चाहिए ताकि वह उसे चुनौती दे सके।यह भी कहा कि यदि RBI के मास्टर निर्देश में निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है तो अपराधी कर्मचारी को "धोखाधड़ी" करने वाला घोषित करने वाला आदेश लागू रह सकता है और वह धोखाधड़ी के वर्गीकरण हेतु आंचलिक कार्यालय समिति की रिपोर्ट के विरुद्ध उचित कानूनी उपाय अपना सकता है।धोखाधड़ी के वर्गीकरण हेतु आंचलिक कार्यालय समिति ऐसा संगठन है, जिसके आंचलिक...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयोग के क्रियान्वयन में पुलिस बल उपलब्ध न कराने पर SSP को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयोग के क्रियान्वयन में पुलिस बल उपलब्ध न कराने पर SSP को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक आदेश पारित कर गोरखपुर के सीनियर पुलिस अधीक्षक (SSP) को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया कि उन्होंने हाईकोर्ट के आयोग का क्रियान्वयन कर रहे लघुवाद कोर्ट जज को आवश्यक पुलिस बल उपलब्ध कराने के उसके आदेश का पालन क्यों नहीं किया।जस्टिस जे.जे. मुनीर की पीठ भानु प्रताप और अन्य द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी, जो गोरखपुर जिले के खजनी तहसील के टप्पा हवेली, ग्राम कटया में तालाब की भूमि पर कथित अतिक्रमण और अवैध निर्माण से...

निर्माण अनुमति की अर्जी लंबित रखने पर बिल्डर को देरी का दोष नहीं दिया जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की रद्दीकरण कार्रवाई को किया खारिज
निर्माण अनुमति की अर्जी लंबित रखने पर बिल्डर को देरी का दोष नहीं दिया जा सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की रद्दीकरण कार्रवाई को किया खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) द्वारा निर्माण की अनुमति की अर्जी लंबित रखी गई हो तो बिल्डर को पट्टा करार में निर्धारित समय सीमा में फ्लैट न बनाने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता।जस्टिस प्रकाश पडिया की एकल पीठ ने काइनेटिक बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्राधिकरण द्वारा पट्टा रद्द करने की कार्रवाई खारिज की।अदालत ने कहा,“जब विकास प्राधिकरण ने निर्माण की अनुमति देने की अर्जी को अपने पास लंबित रखा तो यह नहीं कहा जा सकता कि...

पत्नी की हत्या कर स्टोर रूम में सिगरेट-पानी संग छिपने वाले पूर्व IIS अधिकारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत
पत्नी की हत्या कर स्टोर रूम में सिगरेट-पानी संग छिपने वाले पूर्व IIS अधिकारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व भारतीय सूचना सेवा (IIS) अधिकारी नितिन नाथ सिंह को जमानत दी। उन पर अपनी वकील पत्नी रेनू सिन्हा की 2023 में हत्या करने और गिरफ्तारी से बचने के लिए नोएडा स्थित अपने घर के स्टोर रूम में छिपने का आरोप है।जस्टिस सिद्धार्थ की पीठ ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि आरोपी सीनियर नागरिक हैं और कोई कट्टर अपराधी नहीं हैं, जो समाज की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकें। कोर्ट ने यह भी ध्यान दिया कि आरोपी के पास पर्याप्त संपत्ति है और उसके फरार होने की आशंका नहीं है।अभियोग के अनुसार सितंबर,...

डिजिटल तकनीक से बदल रहा अपराध का चेहरा, सोशल मीडिया पर अश्लील तस्वीरों का प्रसार बर्बाद कर सकता है ज़िंदगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट
डिजिटल तकनीक से बदल रहा अपराध का चेहरा, सोशल मीडिया पर अश्लील तस्वीरों का प्रसार बर्बाद कर सकता है ज़िंदगी: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए हाल ही में कहा कि जब किसी की अश्लील तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित की जाती हैं, तो यह ज़िंदगियों को तबाह कर सकती हैं।जस्टिस अजय भनोट की एकल पीठ ने टिप्पणी की,“डिजिटल तकनीक अपराध का चेहरा बदल रही है। किसी व्यक्ति की अश्लील तस्वीरें जब सोशल मीडिया जैसे सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की जाती हैं तो वे ज़िंदगी को तबाह कर सकती हैं। यह समाज की कड़वी सच्चाई है।”आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 74, 352, 351(2), 64(1) और...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज में DRT के काम न करने पर चिंता जताई, वित्त मंत्रालय से नियुक्तियों में तेजी लाने को कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज में DRT के काम न करने पर चिंता जताई, वित्त मंत्रालय से नियुक्तियों में तेजी लाने को कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रयागराज में पीठासीन अधिकारी की कमी के कारण ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) के लंबे समय से काम न करने पर संज्ञान लिया। स्थिति को 'चिंताजनक' बताते हुए न्यायालय ने वित्त मंत्रालय से डीआरटी में रिक्त पदों को तत्काल भरने का आग्रह किया।जस्टिस शेखर बी सराफ और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरि की खंडपीठ ने एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें याचिकाकर्ता ने SARFAESI Act, 2002 की धारा 14 के तहत पारित एकपक्षीय आदेश को चुनौती दी थी।याचिकाकर्ता ने जबरन वसूली...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता से विवाह और बच्चे के जन्म को ध्यान में रखते हुए POCSO दोषी को दी जमानत, कहा- अपराध का दोष समाप्त हो गया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता से विवाह और बच्चे के जन्म को ध्यान में रखते हुए POCSO दोषी को दी जमानत, कहा- 'अपराध का दोष समाप्त हो गया'

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को POCSO Act के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को जमानत दी। मामले में कहा गया दोषी ने पीड़िता से विवाह किया है और वे दोनों पति-पत्नी के रूप में साथ रह रहे है। उनके विवाह से एक बच्चा भी पैदा हुआ है।हालांकि यह देखते हुए कि दोषी का कृत्य "न केवल अवैध बल्कि अनैतिक भी था", जस्टिस राजीव मिश्रा की पीठ ने कहा कि "आवेदक/अपीलकर्ता द्वारा किया गया कोई भी अपराध यदि कोई हो, समाप्त हो गया," क्योंकि बाद के घटनाक्रमों में दोनों पक्षों के बीच विवाह और उनके बेटे का जन्म शामिल है।संक्षेप में...

BNSS ने मृत्युदंड या आजीवन कारावास वाले अपराधों में अग्रिम जमानत पर उत्तर प्रदेश संशोधन (CrPC) की रोक हटाई: इलाहाबाद हाईकोर्ट
BNSS ने मृत्युदंड या आजीवन कारावास वाले अपराधों में अग्रिम जमानत पर उत्तर प्रदेश संशोधन (CrPC) की रोक हटाई: इलाहाबाद हाईकोर्ट

एक महत्वपूर्ण फैसले में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना है कि 1 जुलाई, 2024 से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) के लागू होने के साथ, जिसने सीआरपीसी को निरस्त कर दिया, CrPC की धारा 438 (6) के तहत निहित प्रतिबंध (जैसा कि यूपी राज्य में लागू था) मृत्यु या आजीवन कारावास के दंडनीय मामलों में अग्रिम जमानत देने पर, अब लागू नहीं होता है।दूसरे शब्दों में, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि चूंकि BNSS की धारा 482, जो अब अग्रिम जमानत को नियंत्रित करती है, CrPC की धारा 438 (6) के तहत निहित किसी भी निषेध को...

कृष्ण जन्मभूमि मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद को सभी कार्यवाहियों में विवादित ढांचा कहने की याचिका खारिज की
कृष्ण जन्मभूमि मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद को सभी कार्यवाहियों में विवादित ढांचा कहने की याचिका खारिज की

कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़ी चल रही वादों में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को वह याचिका खारिज की, जिसमें आग्रह किया गया था कि भविष्य की सभी कार्यवाहियों में शाही ईदगाह मस्जिद की जगह 'विवादित ढांचा' शब्द का प्रयोग किया जाए।जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकल पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि यह आवेदन “फिलहाल के लिए खारिज” किया जाता है।यह आवेदन मूल वाद संख्या 13/2023 में एडवोकेट महेन्द्र प्रताप सिंह ने दाखिल किया था, जिसे कई अन्य पक्षों ने भी समर्थन दिया था, जिनमें वाद संख्या 07/2023 के...