विचाराधीन कैदियों/दोषियों को पर्याप्त चिकित्सा उपचार पाने का अधिकार: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सांसद अतुल राय को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी
LiveLaw News Network
31 Jan 2024 7:30 AM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को घोसी के सांसद अतुल राय को यह देखते हुए कि वह "जानलेवा" बीमारी से पीड़ित हैं] चिकित्सा आधार पर 22 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी। जस्टिस मोहम्मद फैज़ आलम खान की पीठ ने आदेश में कहा कि अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो, व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति सर्वोपरि है। उन्होंने निर्देश दिया कि राय को दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा किया जाए।
जस्टिस खान ने कहा, “मुकदमे की अवधि में हिरासत को दंडात्मक प्रकृति का नहीं कहा जा सकता। हिरासत में किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी चिंता का ध्यान राज्य को रखना होता है और न्यायपालिका उस पर गहनता से नजर रखती है और उसका मूल्यांकन किया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति को अपना पर्याप्त और प्रभावी ढंग से चिकित्सीय इलाज कराने का अधिकार है, भले ही वह विचाराधीन हो या दोषी हो।”
इसके अलावा, यह देखते हुए कि स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार भी भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के पहलुओं में से एक है, न्यायालय ने कहा कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित हिरासत में लिए गए व्यक्ति को पर्याप्त और प्रभावी चिकित्सा उपचार की अनुमति दी जानी चाहिए।
राय को यह राहत आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में दायर अंतरिम जमानत याचिका पर मिली है, जहां वह आईपीसी की धारा 120-बी, 167, 195-ए, 218, 306, 504 और 506 के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं।
कोर्ट ने फैसले से पहले एसजीपीजीआई के निदेशक के पत्र और हाईकोर्ट के आदेशों के तहत गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के साथ एक पूरक हलफनामे का अवलोकन किया और कहा कि राय कैंसर से पीड़ित हैं और उन्हें फियोक्रोमोसाइटोमा का संदेह है।
कोर्ट ने पाया कि राय की बीमारियों पर राज्य ने भी कोई विवाद नहीं किया है, बल्कि राय के विभिन्न प्रकार के परीक्षण कराए गए थे, जिनकी अगस्त-सितंबर, 2023 के महीने में सलाह दी गई थी ताकि घातक बीमारियों का पता लगाया जा सके और अन्य प्राण-घातक बीमारियों का मूल्यांकन किया जा सके।
केस टाइटलः अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय बनाम यूपी राज्य, प्रधान सचिव गृह, लखनऊ के माध्यम से, 2024, लाइव लॉ (एबी) 61
केस साइटेशन: 2024 लाइवलॉ (एबी) 61