सुप्रीम कोर्ट
सिविल जज भर्ती: सुप्रीम कोर्ट ने 3 साल की प्रैक्टिस या 70% LLB मार्क्स मानदंड पूरा न करने वाले उम्मीदवारों को बाहर करने के आदेश पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 13 जून के आदेश पर रोक लगाई, जिसमें भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया गया और सिविल जज जूनियर डिवीजन (एंट्री लेवल) भर्ती परीक्षा 2023 के लिए कट-ऑफ अंकों की पुनर्गणना करने का आदेश दिया गया।जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एस.वी.एन. भट्टी की खंडपीठ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दायर एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा पारित निर्णय को चुनौती दी गई। उक्त निर्णय में प्रारंभिक परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने वाले सभी उम्मीदवारों को बाहर करने का...
सुप्रीम कोर्ट ने Congress कार्यकर्ता की हत्या की CBI जांच खारिज करने के फैसले में हस्तक्षेप करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फरवरी 2018 में केरल में युवा कांग्रेस (Congress) कार्यकर्ता शुहैब की हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग वाली याचिका खारिज की।कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया, जिसने शुहैब की हत्या की CBI जांच के लिए एकल पीठ के निर्देश को खारिज कर दिया था।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने शुहैब के माता-पिता सीपी मोहम्मद और एसपी रजिया द्वारा केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज की। हालांकि...
'यह न्यायालय अपनी गलतियों को स्वीकार करने से पीछे नहीं हटेगा': सुप्रीम कोर्ट ने आदेश वापस लेने के ED के आवेदन को अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर आवेदन को अनुमति दी, जिसमें पुराने आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी। उक्त आदेश में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कुछ आरोपियों को तब तक बलपूर्वक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया गया था, जब तक कि कार्यवाही को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं का हाईकोर्ट द्वारा अंतिम रूप से निपटारा नहीं कर दिया जाता।ED ने 4 जुलाई, 2023 को पारित आदेश को वापस लेने की मांग इस आधार पर की थी कि इसे पारित करने से पहले उसका पक्ष नहीं सुना गया था।जस्टिस संजय कुमार और...
समान साक्ष्य पेश किए जाने पर एक आरोपी को दोषी और दूसरे को बरी नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जब दो आरोपियों के खिलाफ समान या एक जैसे साक्ष्य पेश किए गए हों, तो कोर्ट एक आरोपी को दोषी करार नहीं दे सकता और दूसरे को बरी नहीं कर सकता।ऐसा करते हुए कोर्ट ने यह पाते हुए कि समान अपराधों के लिए आरोपित अन्य सह-आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। उनके बरी किए जाने को चुनौती देने वाली कोई अपील दायर नहीं की गई, आरोपी/अपीलकर्ता को बरी कर दिया।जावेद शौकत अली कुरैशी बनाम गुजरात राज्य 2023 लाइव लॉ (एससी) 782 का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा,"जब दो आरोपियों के खिलाफ समान या...
UAPA की मंजूरी को आरोपी द्वारा आम तौर पर जल्द से जल्द चुनौती दी जानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत अभियोजन के लिए मंजूरी को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि अधिकारी ने अपना विवेक नहीं लगाया है या सामग्री पर्याप्त नहीं थी। हालांकि, आरोपी द्वारा ऐसी चुनौती आदर्श रूप से जल्द से जल्द उठाई जानी चाहिए।कोर्ट ने यह भी कहा कि UAPA में सीआरपीसी या भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जैसा कोई प्रावधान नहीं है, जो अमान्य मंजूरी को बचा सके।कोर्ट ने आज गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 45(2) के संदर्भ में कहा,"UAPA मंजूरी को...
अपराध के दौरान दोषी की आयु, परिवार की सामाजिक और आपराधिक पृष्ठभूमि मृत्युदंड कम करने में प्रासंगिक : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृत्युदंड कम करने में अन्य परिस्थितियों के साथ-साथ अपराध के समय दोषी की आयु भी प्रासंगिक होगी।यह देखते हुए कि अपराध के समय दोषी की आयु 22 वर्ष थी और वह समाज के सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से आता था, जहां उसके और उसके परिवार के सदस्यों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने उसकी मृत्युदंड की सजा को 20 वर्ष की निर्धारित आजीवन कारावास में बदलकर उसे राहत प्रदान की।यह वह मामला था, जिसमें दोषी को...
तिरुपति के लड्डू में मिलावटी घी का इस्तेमाल नहीं किया गया: पूर्व TTD चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
तिरुपति मंदिर के लड्डू विवाद के मद्देनजर, राज्यसभा सांसद और पूर्व TTD चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर तिरुपति के लड्डू में मिलावट के आरोपों की स्वतंत्र जांच के लिए कोर्ट की निगरानी वाली समिति या कोर्ट के रिटायर जज के साथ-साथ डोमेन विशेषज्ञों से जांच कराने की मांग की है।उपरोक्त के अलावा, रेड्डी ने प्रतिवादी अधिकारियों को "लैब रिपोर्ट की विस्तृत फोरेंसिक रिपोर्ट और उस रिपोर्ट में इस्तेमाल किए गए घी के स्रोत और सभी अतिरिक्त विवरणों के साथ प्रीक्योरमेंट के...
बच्चों का यौन शोषण करने की इच्छा बाल यौन शोषण सामग्री देखने के समान: सुप्रीम कोर्ट
'चाइल्ड पोर्नोग्राफी' के संग्रह को दंडित करने वाले अपने हालिया फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 'बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री' के उपभोग या भंडारण के कृत्य में बाल यौन शोषण के अपराध का एक समान उद्देश्य निहित है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि हालांकि व्यावहारिक रूप से अलग-अलग, CSEAM और बाल यौन शोषण दोनों के कृत्य "सामान्य, दुर्भावनापूर्ण इरादे को साझा करते हैं: शोषण करने वाले की यौन संतुष्टि के लिए बच्चे का शोषण और...
सेक्स एजुकेशन पश्चिमी अवधारणा नहीं, गलत धारणा है कि यह युवाओं के बीच संकीर्णता को प्रोत्साहित करती है: सुप्रीम कोर्ट
"एक और आम धारणा यह है कि सेक्स एजुकेशन एक पश्चिमी अवधारणा है जो पारंपरिक भारतीय मूल्यों के साथ संरेखित नहीं है। इस दृष्टिकोण ने विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिरोध को जन्म दिया है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ राज्यों में स्कूलों में सेक्स एजुकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।"सुप्रीम कोर्ट ने आज बाल अश्लील सामग्री के खिलाफ एक ऐतिहासिक फैसले में कहा।चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला की खंडपीठ ने कहा, "इस प्रकार का विरोध व्यापक और प्रभावी यौन स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में...
इंटरनेट पर जानबूझकर बिना डाउनलोड किए चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना POCSO Act के तहत 'कब्जा' माना जाएगा: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इंटरनेट पर बिना डाउनलोड किए बाल पोर्नोग्राफी देखना भी यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) की धारा 15 के अनुसार ऐसी सामग्री का "कब्जा" माना जाएगा।धारा 15 बाल पोर्नोग्राफिक सामग्री को प्रसारित करने के इरादे से संग्रहीत या रखने के अपराध से संबंधित है। निर्णय में यह भी कहा गया कि प्रसारित करने के इरादे का अंदाजा किसी व्यक्ति द्वारा सामग्री को डिलीट करने और रिपोर्ट करने में विफलता से लगाया जा सकता है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) और जस्टिस जेबी पारदीवाला की...
चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बिना हटाए या रिपोर्ट किए संग्रहित करना संचारित करने के इरादे को दर्शाता है, POCSO Act के तहत अपराध बनता है: सुप्रीम कोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए, जिसमें कहा गया कि संचारित करने के इरादे के बिना बाल पोर्नोग्राफिक सामग्री का भंडारण करना यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) के तहत अपराध नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (23 सितंबर) को कहा कि ऐसी सामग्री को बिना हटाए या रिपोर्ट किए संग्रहित करना संचारित करने के इरादे को दर्शाता है।यह देखते हुए कि हाईकोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही रद्द करने में गंभीर त्रुटि की, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने निर्णय रद्द किया और...
Arbitration | गैर-हस्ताक्षरकर्ता पक्ष का आचरण और हस्ताक्षरकर्ताओं के साथ संबंध बाध्य होने के इरादे का संकेत दे सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट
हाल ही में एक फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता समझौता गैर-हस्ताक्षरकर्ता पक्ष पर अनिवार्य रूप से गैर-बाध्यकारी नहीं है। ऐसा पक्ष, भले ही हस्ताक्षरकर्ता न हो, अपने आचरण या हस्ताक्षरकर्ता पक्षों के साथ संबंधों के माध्यम से बाध्य होने का इरादा रख सकता है। एक रेफरल कोर्ट को प्रथम दृष्टया दृष्टिकोण से मुद्दे का निर्धारण करना चाहिए; हालांकि, अंततः, यह मध्यस्थ ट्रिब्यूनल ही है, जो साक्ष्य के आधार पर इसका निर्णय लेगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और...
महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मचारी दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश के हकदार : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को राहत देते हुए कहा कि वे सार्वजनिक अवकाश के साथ-साथ प्रत्येक माह के दूसरे और चौथे शनिवार को मिलने वाली छुट्टियों का लाभ पाने के हकदार हैं।इसमें प्रतिवादी राज्य के लोक निर्माण विभाग में कार्यरत कर्मचारी थे। 27 फरवरी 2004 को प्रतिवादी कर्मचारियों को कालेलकर अवार्ड के अनुसार परिवर्तित अस्थायी प्रतिष्ठान में रखा गया।वर्ष 1967 में लागू कालेलकर अवार्ड महाराष्ट्र राज्य में विभिन्न परियोजनाओं के तहत विभिन्न स्थानों या जिलों...
सुप्रीम कोर्ट ने अल्ट्रा टेक को हस्तांतरित सीमेंट परियोजना के लिए 3.05 करोड़ रुपये से अधिक भूमि अधिग्रहण मुआवजे के लिए JAL को उत्तरदायी ठहराया
सुप्रीम कोर्ट ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को हिमाचल प्रदेश में जेएएल द्वारा संचालित सीमेंट परियोजना के लिए सुरक्षा क्षेत्र स्थापित करने के लिए अधिग्रहित की गई भूमि को 2022 के पूरक अवार्ड के तहत 3.05 करोड़ रुपये से अधिक के मुआवजे के भुगतान के लिए उत्तरदायी ठहराया।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि हालांकि परियोजना को 2017 में अल्ट्रा-टेक सीमेंट लिमिटेड को हस्तांतरित किया गया, लेकिन अधिग्रहण की कार्यवाही JAL, अल्ट्रा-टेक और राज्य सरकार के बीच व्यवस्था की योजना...
S. 304-B IPC | दहेज की मांग का तथ्य साबित नहीं हुआ : सुप्रीम कोर्ट ने माता-पिता को बरी किया
सुप्रीम कोर्ट ने दहेज हत्या के आरोप में मृतक पत्नी के माता-पिता को बरी कर दिया, क्योंकि दहेज की मांग का तथ्य साबित नहीं हुआ।कोर्ट ने दोहराया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304-बी के तहत किसी आरोपी को दोषी ठहराने के लिए यह साबित होना चाहिए कि उसकी मृत्यु से ठीक पहले मृतका को विवाह के संबंध में दहेज की कथित मांग के संबंध में क्रूरता या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था।इस मामले में मृतका के माता-पिता ने मृतका के पति और सास-ससुर के खिलाफ दहेज हत्या की शिकायत की। आरोप लगाया कि शादी के तुरंत बाद...
नोटरी द्वारा नोटरी रजिस्टर में प्रविष्टि न करना कदाचार : सुप्रीम कोर्ट
एक मामले में जहां नोटरी पर आरोप लगाया गया कि उसने याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति में उसके हलफनामे को नोटरीकृत किया और याचिकाकर्ता ने विशेष अनुमति याचिका दाखिल करने से इनकार किया था, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में टिप्पणी की कि नोटरी नियम 1956 के नियम 11 का उल्लंघन करते हुए नोटरी की ओर से किया गया कोई भी कार्य या चूक कदाचार के बराबर होगी। ऐसा नोटरी नोटरी बनने के लिए अयोग्य होगा।जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा,"नोटरी एक्ट 1952 नोटरी के पेशे को नियंत्रित करता है। नोटरी...
सुप्रीम कोर्ट ने कार्यस्थल पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाने वाली पूर्व Google कर्मचारी की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने बर्खास्त Google कर्मचारी द्वारा दायर रिट याचिका खारिज की, जिसने कार्यस्थल पर कथित धार्मिक भेदभाव के बारे में प्रधानमंत्री को शिकायत लिखी थी।याचिकाकर्ता जाहिद शौकत ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि वह अपनी बर्खास्तगी और उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय को की गई अपनी लिखित शिकायतों पर कार्रवाई न किए जाने से व्यथित है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी।सीजेआई...
सुप्रीम कोर्ट ने SHUATS यूनिवर्सिटी के कुलपति और अधिकारियों के खिलाफ धर्म परिवर्तन मामले में एजी की दलीलें सुनीं
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर एसएलपी पर सुनवाई की, जिसमें सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस (SHUATS) के कुलपति (डॉ) राजेंद्र बिहारी लाल, निदेशक विनोद बिहारी लाल और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ कथित अवैध धर्म परिवर्तन के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में SHUATS के कुलपति और अन्य अधिकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। जनवरी 2024 में, उन्होंने अंतरिम...
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के कारण एफआईआर रद्द करने की याचिका 'निरर्थक' बताते हुए खारिज करने का आदेश खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस निर्णय की आलोचना की, जिसमें एफआईआर रद्द करने की मांग करने वाली याचिका केवल इसलिए "निरर्थक" घोषित की गई, क्योंकि याचिकाकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया था।जस्टिस अभय ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने हाईकोर्ट का आदेश खारिज किया, जिसमें याचिका के गुण-दोष पर विचार किए बिना उसे खारिज कर दिया गया था।अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा,"हाईकोर्ट ने बहुत ही अजीब दृष्टिकोण अपनाया। प्रार्थना एफआईआर रद्द करने की थी। याचिका के गुण-दोष के आधार पर निर्णय करना हाईकोर्ट...
प्राइवेट सिटीजन दलीय निष्ठा बदलने के लिए स्वतंत्र; गैर-निर्वाचित व्यक्तियों को छूट देने के लिए 10वीं अनुसूची को चुनौती नहीं दी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (20 सितंबर) को संविधान की 10वीं अनुसूची की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली रिट याचिका खारिज कr। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस आधार पर वैधता को चुनौती नहीं दी जा सकती कि दलबदल विरोधी कानून निजी व्यक्तियों पर लागू नहीं होते जो अपनी राजनीतिक निष्ठा बदलते हैं।10वीं अनुसूची 1985 में 52वें संविधान संशोधन द्वारा पेश की गई, जिसमें केंद्र और राज्यों के विधानमंडलों के सदन के सदस्यों के लिए दलबदल विरोधी कानून बनाए गए। संशोधन का उद्देश्य सांसदों को संसद/राज्य विधानमंडल के लिए चुने जाने...


















