सुप्रीम कोर्ट

हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट भूल गए कि सजा के तौर पर जमानत नहीं रोकी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट भूल गए कि सजा के तौर पर जमानत नहीं रोकी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट

देश भर की अदालतों को महत्वपूर्ण संदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस बात पर अफसोस जताया कि हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट भूल गए हैं कि सजा के तौर पर जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुयान की खंडपीठ ने कहा,"समय के साथ ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट कानून के एक बहुत ही सुस्थापित सिद्धांत को भूल गए हैं कि सजा के तौर पर जमानत नहीं रोकी जा सकती।"खंडपीठ पाकिस्तान से जाली मुद्रा की कथित तस्करी के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA Act) के तहत गिरफ्तार...

BREAKING| केंद्र सरकार ने NEET-UG 2024 रद्द करने का विरोध किया, कहा- पूरी परीक्षा रद्द करने से लाखों लोग प्रभावित होंगे
BREAKING| केंद्र सरकार ने NEET-UG 2024 रद्द करने का विरोध किया, कहा- पूरी परीक्षा रद्द करने से लाखों लोग प्रभावित होंगे

केंद्र सरकार ने NEET-UG 2024 परीक्षा रद्द करने का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। उक्त हलफनामा में कहा गया कि गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में पूरी परीक्षा रद्द करना तर्कसंगत नहीं है।केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 8 जुलाई को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले दायर हलफनामे में कहा गया,"परीक्षा पूरी तरह से रद्द करने से 2024 में प्रश्नपत्र देने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को गंभीर रूप से खतरा होगा।"इस बात पर सहमति जताते हुए कि सिद्ध...

विवाह समानता मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को विचार करेगा
विवाह समानता मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को विचार करेगा

समलैंगिक विवाह को मान्यता देने से इनकार करने वाले फैसले पर पुनर्विचार की मांग करने वाली याचिकाएं 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध हैं। उल्लेखनीय है कि पुनर्विचार याचिकाओं पर नई बेंच द्वारा विचार किया जाएगा, क्योंकि फैसला सुनाने वाली 5 जजों की बेंच के दो जज- जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एस रवींद्र भट- अब रिटायर हो चुके हैं।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीवी नागरत्ना बेंच के रिटायर सदस्यों की जगह लेंगे। अन्य जज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस...

यदि अभियोजन एजेंसी त्वरित सुनवाई सुनिश्चित नहीं कर सकती तो उन्हें अपराध की गंभीरता का हवाला देते हुए जमानत का विरोध नहीं करना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
यदि अभियोजन एजेंसी त्वरित सुनवाई सुनिश्चित नहीं कर सकती तो उन्हें अपराध की गंभीरता का हवाला देते हुए जमानत का विरोध नहीं करना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 (UAPA Act) के तहत मामले में मुकदमे में देरी के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि अभियोजन एजेंसी किसी आरोपी के त्वरित सुनवाई के अधिकार की रक्षा नहीं कर सकती है तो वे इस आधार पर उसकी जमानत याचिका का विरोध नहीं कर सकते कि अपराध गंभीर था।कोर्ट ने कहा,"चाहे कोई अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो, आरोपी को भारत के संविधान के तहत त्वरित सुनवाई का अधिकार है।"कोर्ट ने पाकिस्तान से नकली भारतीय मुद्राओं की कथित तस्करी के मामले में...

बिहार में ढहते पुलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सभी पुलों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग
बिहार में ढहते पुलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सभी पुलों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग

सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई। उक्त याचिका में बिहार सरकार को संपूर्ण स्ट्रक्चरल ऑडिट (Structural Audit) करने और किसी भी कमजोर पुल की पहचान करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति के गठन के निर्देश देने की मांग की गई, जिसे ध्वस्त या मजबूत करने की आवश्यकता हो सकती है।यह याचिका पिछले 15 दिनों में 9 पुलों (निर्माणाधीन पुलों सहित) के ढहने की रिपोर्ट के मद्देनजर दायर की गई। याचिका के अनुसार, पुलों के ढहने से क्षेत्र में पुल के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और विश्वसनीयता के बारे...

निश्चित अवधि की सज़ा को सामान्य रूप से निलंबित किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने 70 वर्षीय दिव्यांग व्यक्ति को ज़मानत दी; लापरवाही बरतने के लिए हाईकोर्ट को फटकार लगाई
'निश्चित अवधि की सज़ा को सामान्य रूप से निलंबित किया जाना चाहिए': सुप्रीम कोर्ट ने 70 वर्षीय दिव्यांग व्यक्ति को ज़मानत दी; लापरवाही बरतने के लिए हाईकोर्ट को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (3 जुलाई) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश पर नाराज़गी जताई, जिसमें 70 वर्षीय बीमार व्यक्ति की सज़ा निलंबित करने की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए लापरवाही बरतने का फ़ैसला किया गया। याचिकाकर्ता को ज़मानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निश्चित अवधि की सज़ा के मामलों में सज़ा निलंबित करने की याचिका पर उदारतापूर्वक विचार किया जाना चाहिए, जब तक कि कोई असाधारण परिस्थिति न पैदा हो।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुयान की वेकेशन बेंच ने कहा,"कानून में यह स्पष्ट...

छत्तीसगढ़ के प्राथमिक विद्यालयों में बी.एड डिग्री धारकों की नियुक्ति रद्द करने के फैसले की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट
छत्तीसगढ़ के प्राथमिक विद्यालयों में बी.एड डिग्री धारकों की नियुक्ति रद्द करने के फैसले की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (4 जुलाई) को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस फैसले की वैधता पर विचार करने पर सहमति जताई, जिसमें प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में बी.एड डिग्री धारकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई।जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वेकेशन बेंच बी.एड. योग्यता रखने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के पद के लिए पात्र मानने के नियम रद्द करने और उसके बाद उनकी नियुक्तियों को रद्द करने की चुनौती पर सुनवाई कर रही थी।याचिकाओं के मौजूदा बैच ने छत्तीसगढ़...

छेड़छाड़ के मामले में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा दावा की गई प्रतिरक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
छेड़छाड़ के मामले में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा दावा की गई प्रतिरक्षा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली राजभवन की पूर्व कर्मचारी ने संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार आपराधिक अभियोजन से राज्यपाल द्वारा दावा की गई प्रतिरक्षा (Immunity) को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अनुच्छेद 361 राज्यपाल के खिलाफ पुलिस जांच पर रोक नहीं लगाता। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि राज्यपाल आपराधिक कृत्यों के संबंध में पूर्ण उन्मुक्ति का दावा नहीं कर सकते। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि ऐसी उन्मुक्ति...

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर जेल में बंद कुकी अंडरट्रायल कैदी को मेडिकल उपचार के लिए असम ले जाने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर जेल में बंद कुकी अंडरट्रायल कैदी को मेडिकल उपचार के लिए असम ले जाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने (3 जुलाई को) ऐसे मामले में अपनी निराशा व्यक्त की, जिसमें मणिपुर सेंट्रल जेल में बंद आरोपी को मेडिकल जांच के लिए बाहर नहीं ले जाया जा सका, क्योंकि वह कुकी समुदाय से है।कोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया कि वह आरोपी को असम के गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ले जाने और वहां उसकी जांच कराने के लिए तुरंत आवश्यक व्यवस्था करे।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त करने और 15 जुलाई, 2024 को या उससे पहले कोर्ट के समक्ष...

आरोप नवंबर 2022 में तय किए गए तो साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग अब तक क्यों शुरू नहीं हुई? सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा
आरोप नवंबर 2022 में तय किए गए तो साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग अब तक क्यों शुरू नहीं हुई? सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 जुलाई) को ट्रायल कोर्ट से नवंबर 2022 में आरोप तय किए जाने के बावजूद ट्रायल में साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग शुरू नहीं करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुयान की वेकेशन बेंच ने कहा,“हम यह समझने में विफल हैं कि यदि आरोप नवंबर 2022 में तय किए गए तो इस तिथि तक साक्ष्यों की रिकॉर्डिंग क्यों शुरू नहीं हुई। यह सवाल हाईकोर्ट को विवादित आदेश पारित करते समय पूछना चाहिए था। ट्रायल कोर्ट को इस संबंध में स्पष्टीकरण देना चाहिए।”याचिकाकर्ता/आरोपी पर...

हाथरस भगदड़ मामला: लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका
हाथरस भगदड़ मामला: लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

हाथरस में 02 जुलाई को हुई भगदड़ की घटना में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई।इसके अलावा, याचिका में कोर्ट से उत्तर प्रदेश राज्य को इस घटना के लिए स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने और व्यक्ति, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ उनके लापरवाह आचरण के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया।यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके, याचिकाकर्ता...

सुप्रीम कोर्ट ने विचाराधीन कैदी की जमानत को 2 महीने तक सीमित करने के हाईकोर्ट के आदेश की आलोचना की
सुप्रीम कोर्ट ने विचाराधीन कैदी की जमानत को 2 महीने तक सीमित करने के हाईकोर्ट के आदेश की आलोचना की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (2 जुलाई) को स्थापित कानूनी स्थिति को दोहराया कि अभियुक्त का त्वरित सुनवाई का अधिकार मौलिक अधिकार है। यह जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार से निकटता से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश की निंदा की जिसमें उक्त सिद्धांत की अनदेखी की गई और याचिकाकर्ता को केवल दो महीने के लिए जमानत पर रिहा कर दिया गया, जबकि मुकदमे को समाप्त होने में काफी समय लगेगा।कोर्ट उड़ीसा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए जमानत आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था। विवादित आदेश के...

आरोपी को तभी जमानत मिलेगी जब पीड़िता जमानतदार होगी: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की शर्त को बेतुका कहा
आरोपी को तभी जमानत मिलेगी जब पीड़िता जमानतदार होगी: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की शर्त को 'बेतुका' कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 जुलाई) को पटना हाई कोर्ट द्वारा जमानत के लिए लगाई गई 'बेतुकी' शर्त पर निराशा व्यक्त की, जिसमें आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी गई कि अपराध की पीड़िता उसकी जमानतदार होगी। कोर्ट ने इस बात पर अफसोस जताया कि इस शर्त के कारण याचिकाकर्ता को रिहाई के आदेश के बावजूद एक साल तक जेल में रहना पड़ा।जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुइयां की वेकेशन बेंच ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें पटना हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस असामान्य शर्त पर जमानत दी थी कि अपराध की पीड़िता...

NEET-UG 2024 | परीक्षा रद्द करने की जगह सभी OMR Sheet का पुनर्मूल्यांकन किया जाए: सुप्रीम कोर्ट में याचिका
NEET-UG 2024 | परीक्षा रद्द करने की जगह सभी OMR Sheet का पुनर्मूल्यांकन किया जाए: सुप्रीम कोर्ट में याचिका

NEET-UG 2024 विवाद से संबंधित नवीनतम घटनाक्रम में एक रिट याचिका दायर की गई। उक्त याचिका में कहा गया कि इस परीक्षा रद्द करना मनमाना निर्णय होगा। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करेगा।याचिकाकर्ताओं ने साथ ही इस वर्ष परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों ने कहा है कि परीक्षा रद्द करना गंभीर अन्याय होगा और उन उम्मीदवारों पर गंभीर असर पड़ेगा, जिन्होंने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है। इसके अलावा, इस तरह के रद्दीकरण से योग्य उम्मीदवारों को गंभीर...

सुप्रीम कोर्ट ने 1999 के हत्या मामले में दोषी विधायक उदय भान सिंह की अंतरिम जमानत बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने 1999 के हत्या मामले में दोषी विधायक उदय भान सिंह की अंतरिम जमानत बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने 1999 के हत्या मामले में दोषी ठहराए गए बहुजन समाज पार्टी (BSP) नेता और पूर्व विधायक उदय भान सिंह की अंतरिम जमानत बढ़ा दी। कोर्ट ने उनकी अवमानना ​​याचिका पर भी नोटिस जारी किया, जिसमें राज्य के अधिकारियों द्वारा उनकी समयपूर्व रिहाई के आदेश के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया गया।जस्टिस एएस ओक और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वेकेशन बेंच सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश के गृह सचिवालय विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार के खिलाफ दायर अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कोर्ट के...

नए आपराधिक कानूनों भ्रम पैदा करते हैं और वकीलों पर बोझ बढ़ाते हैं: सुप्रीम कोर्ट कानूनों के अवलोकन की मांग को लेकर याचिका दायर
नए आपराधिक कानूनों भ्रम पैदा करते हैं और वकीलों पर बोझ बढ़ाते हैं: सुप्रीम कोर्ट कानूनों के अवलोकन की मांग को लेकर याचिका दायर

नए आपराधिक कानूनों (New Criminal Laws) का आकलन करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी की मांग करने वाली सुप्रीम कोर्ट की जनहित याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया कि ये कानून भ्रम पैदा करते हैं और वकीलों पर बोझ बढ़ाते हैं।तीन New Criminal Laws की व्यवहार्यता का आकलन करने और उनकी पहचान करने के लिए तत्काल एक्सपर्ट कमेटी गठित करने के लिए विशिष्ट निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर की गई। इसके अलावा, एओआर कुंवर सिद्धार्थ द्वारा दायर याचिका में तीन New Criminal Laws के संचालन...