आरोपी को तभी जमानत मिलेगी जब पीड़िता जमानतदार होगी: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की शर्त को 'बेतुका' कहा

Shahadat

3 July 2024 5:28 AM GMT

  • आरोपी को तभी जमानत मिलेगी जब पीड़िता जमानतदार होगी: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की शर्त को बेतुका कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 जुलाई) को पटना हाई कोर्ट द्वारा जमानत के लिए लगाई गई 'बेतुकी' शर्त पर निराशा व्यक्त की, जिसमें आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी गई कि अपराध की पीड़िता उसकी जमानतदार होगी। कोर्ट ने इस बात पर अफसोस जताया कि इस शर्त के कारण याचिकाकर्ता को रिहाई के आदेश के बावजूद एक साल तक जेल में रहना पड़ा।

    जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस उज्जल भुइयां की वेकेशन बेंच ऐसे मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें पटना हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस असामान्य शर्त पर जमानत दी थी कि अपराध की पीड़िता याचिकाकर्ता की जमानतदार होगी।

    कोर्ट ने याचिका में नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस तरह की 'बेतुकी' शर्त के कारण याचिकाकर्ता, जिसे मूल रूप से जुलाई 2023 में जमानत दी गई, तब से जेल में है।

    वेकेशन बेंच ने कहा,

    "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई ऐसी बेतुकी शर्तों के कारण याचिकाकर्ता को जुलाई 2023 में ही जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया, फिर भी वह अभी भी जेल में बंद है।"

    यह मामला 26 जनवरी, 2023 को याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से संबंधित है, जो नाबालिग लड़की को सामान्य इरादे से खरीदने के अपराध के लिए दर्ज की गई। (आईपीसी की धारा 366ए सपठित धारा 34)।

    हाईकोर्ट ने 25 जुलाई, 2023 के अपने आदेश में जमानत की उक्त शर्त लगाई। पीड़िता द्वारा स्वयं ऐसी 'असामान्य' शर्त को पूरा करना असंभव देखते हुए याचिकाकर्ता ने जमानत आदेश में संशोधन की मांग की। संशोधन आवेदन को हाईकोर्ट ने 12 जनवरी, 2024 के विवादित आदेश के माध्यम से खारिज कर दिया।

    सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई, 2023 के अपने आदेश में हाईकोर्ट की जमानत शर्तों के संचालन पर रोक लगा दी। अब मामले की सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी।

    केस टाइटल: शरवन कुमार यादव @शरवन यादव बनाम बिहार राज्य विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) डायरी नंबर 27349/2024

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