सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को करेगा NEET-UG याचिकाओं पर सुनवाई

Shahadat

2 July 2024 8:58 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को करेगा NEET-UG याचिकाओं पर सुनवाई

    चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की सुप्रीम कोर्ट की बेंच 8 जुलाई को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित कदाचार और अनियमितताओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

    सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित 8 जुलाई की कॉज लिस्ट से पता चलता है कि मामले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच के समक्ष सूचीबद्ध हैं।

    गौरतलब है कि 17 मई को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच ने NEET-UG परीक्षा के पेपर लीक का आरोप लगाने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 8 जुलाई (गर्मियों की छुट्टियों के बाद फिर से खुलने का दिन) के लिए तय की थी। उस दिन बेंच ने नतीजों की घोषणा पर रोक लगाने की प्रार्थना को भी ठुकरा दिया।

    4 जून को NEET-UG के नतीजे घोषित होने के बाद NTA द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया की निष्पक्षता, 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के मुद्दे और परीक्षा के संचालन की CBI जांच की आवश्यकता पर चिंता जताते हुए कई याचिकाएं दायर की गईं। साथ ही NEET-UG को नए सिरे से आयोजित करने की प्रार्थना की गई।

    क्या है NEET-UG मामला?

    सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कई याचिकाएं दायर की गईं, जिसमें आरोप लगाया गया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा 5 मई को आयोजित राष्ट्रव्यापी परीक्षा में गड़बड़ी की गई, क्योंकि पेपर लीक के कई मामले सामने आए। NEET-UG के नतीजों की घोषणा के बाद कुछ व्यक्तियों को 'बैक-डोर एंट्री' देने के लिए कथित तौर पर 'समय की हानि' के आधार पर 1536 उम्मीदवारों को 'मनमाने ढंग से' ग्रेस मार्क्स दिए जाने के खिलाफ अतिरिक्त याचिकाएं भी दायर की गईं।

    एक याचिका में NEET-UG 2024 के नतीजों को वापस लेने और नई परीक्षा आयोजित करने की भी मांग की गई है। अतिरिक्त याचिकाएं भी दायर की गईं, जिनमें परीक्षा के संचालन में कथित गड़बड़ियों की CBI जांच की मांग की गई। इन मामलों में नोटिस जारी किया गया और 8 जुलाई को संयुक्त सुनवाई के लिए एक साथ रखा गया।

    वेकेशनल बेंच द्वारा सुनवाई के दौरान मुख्य घटनाक्रम

    जब याचिकाएं वेकेशन बेंच के समक्ष सुनवाई के लिए आईं तो न्यायालय ने कई मौकों पर मौखिक रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि यदि NTA की ओर से कोई गलती हुई है तो उसे जवाबदेही स्वीकार करनी चाहिए। न्यायालय ने यह भी कहा कि NTA के लिए यह ज़रूरी है कि वह न्यायालय को कुशलतापूर्वक जवाब दे, क्योंकि इस बात पर विचार किया जा रहा है कि NEET-UG परीक्षाओं की 'पवित्रता' किस तरह प्रभावित हुई।

    उल्लेखनीय है कि जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच द्वारा इन मामलों की सुनवाई के दौरान संघ ने न्यायालय को सूचित किया कि 1563 उम्मीदवारों के ग्रेस मार्क्स रद्द करने का निर्णय लिया गया।

    21 जून को जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने 6 जुलाई से शुरू होने वाली NEET-UG की काउंसलिंग/सीट आवंटन प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार किया। बेंच ने मौखिक रूप से कहा कि कोई भी मेडिकल एडमिशन लंबित याचिकाओं के अंतिम नतीजे के अधीन होगा।

    22 जून को शिक्षा मंत्रालय ने 'परीक्षा प्रक्रिया के सिस्टम में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और NTA की संरचना और कार्यप्रणाली' पर सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय समिति गठित की। विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन करेंगे।

    केस टाइटल: वंशिका यादव बनाम भारत संघ W.P.(C) नंबर 000335 - / 2024 और संबंधित मामले

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