सुप्रीम कोर्ट
'NIA को स्पष्टीकरण देना चाहिए': सुप्रीम कोर्ट ने आरोपपत्र में वर्णित गवाह के बयान और वास्तविक बयान के बीच विसंगति को चिन्हित किया
प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दायर आरोपपत्र में संरक्षित गवाह के बयान को "पूरी तरह से विकृत" बताया।जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने पाया कि आरोपपत्र में दिया गया बयान मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किए गए वास्तविक बयान से अलग है।आरोपपत्र में संरक्षित गवाह जेड का एक बयान शामिल था, जिसमें आरोप लगाया गया कि 29 मई, 2022 को अपीलकर्ता ने अहमद पैलेस में...
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल भर्ती घोटाले मामले में ED समन को चुनौती देने वाली अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी द्वारा स्कूल भर्ती घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय के समन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। दोनों ने दावा किया कि कोलकाता उनका सामान्य निवास स्थान है, उन्होंने ईडी के समन को चुनौती दी क्योंकि उन्हें नई दिल्ली में उपस्थित होने को कहा गया था।जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ दो याचिकाओं पर विचार कर रही थी - एक, अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा द्वारा दायर की गई, और दूसरी,...
S. 193 IPC | किसी वादी के खिलाफ झूठी गवाही की कार्यवाही कब शुरू की जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने समझाया
वादी के खिलाफ झूठी गवाही की कार्यवाही रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 193 के तहत झूठी गवाही के अपराध के लिए कार्यवाही शुरू करने के लिए मानदंड निर्धारित किए।जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ वादी द्वारा दायर अपील पर फैसला कर रही थी, जिसमें जमानत रद्द करने की कार्यवाही में न्यायालय के समक्ष झूठा हलफनामा दाखिल करने के लिए अपीलकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 193 के तहत शिकायत दर्ज करने का...
यथास्थिति के आदेश की अनदेखी कर इमारतें गिराने वाले अधिकारियों से मुआवज़ा वसूलें: सुप्रीम कोर्ट ने पटना के अधिकारियों की खिंचाई की
सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति के आदेश की अनदेखी कर कुछ संरचनाओं को गिराने के लिए पटना नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों की कड़ी आलोचना की।इस मामले में याचिकाकर्ता कथित तौर पर सार्वजनिक भूमि पर उनके द्वारा बनाए गए घरों और इमारतों को गिराने के निर्देशों से व्यथित थे।याचिकाकर्ताओं ने बिहार सार्वजनिक भूमि अतिक्रमण अधिनियम, 1956 की धारा 11 के तहत पारित बेदखली आदेशों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट के समक्ष रिट याचिकाएं दायर की थीं। हालांकि, हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार किया, जिसके बाद उन्होंने...
क्या विचाराधीन कैदियों की अधिकतम हिरासत अवधि को सीमित करने वाली धारा 479 BNSS पूर्वव्यापी रूप से लागू होगी? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 479 - दंड प्रक्रिया संहिता की जगह - देश भर के विचाराधीन कैदियों पर पूर्वव्यापी रूप से लागू होगी। यह प्रावधान अधिकतम अवधि प्रदान करता है, जिसके लिए किसी विचाराधीन कैदी को हिरासत में रखा जा सकता है।धारा 479 BNSS धारा 436ए सीआरपीसी के अनुरूप है।यह मुद्दा तब उठा जब जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच भारत में जेलों में भीड़भाड़ के मुद्दे को संबोधित करने के लिए शुरू की गई जनहित याचिका...
याचिका खारिज होने पर आत्महत्या की धमकी देने वाले याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा
जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर. महादेवन की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत रूप से सुना, जिसने इंजीनियरिंग कॉलेजों में कई मुद्दों को इंगित करते हुए याचिका दायर की।हिंदी में बोलने वाले याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट और अन्य मंचों के समक्ष उपाय खोजने के लिए इधर-उधर भटक रहा है। याचिकाकर्ता ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई जजों, प्रधानमंत्री और भारत के राष्ट्रपति के सचिव को प्रतिवादी के रूप में जोड़ा था।जस्टिस खन्ना ने उनसे हिंदी...
क्या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए धारा 65बी साक्ष्य अधिनियम प्रमाणपत्र अनिवार्य करने वाला 'पीवी अनवर' निर्णय पूर्वव्यापी रूप से लागू होता है? सुप्रीम कोर्ट करेगा तय
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर विचार किया कि क्या अनवर पीवी बनाम पीके बशीर एवं अन्य के मामले में दिए गए निर्णय को पूर्वव्यापी रूप से लागू किया जाना चाहिए या केवल भावी रूप से।जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ ने इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की सहायता मांगी।अनवर पीवी में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि द्वितीयक साक्ष्य के रूप में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के साथ भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65बी के तहत प्रमाणपत्र होना चाहिए, तभी वह न्यायालय में...
लाडली बहना जैसी योजनाओं पर रोक लगाएंगे : सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण मुआवजा न देने पर महाराष्ट्र सरकार को चेताया
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को मामले में उचित मुआवजा राशि न देने के लिए कड़ी फटकार लगाई, जिसमें राज्य ने करीब छह दशक पहले व्यक्ति की संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था और इसके बदले में उसे अधिसूचित वन भूमि आवंटित कर दी थी।कोर्ट ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार जमीन खोने वाले व्यक्ति को उचित मुआवजा नहीं देती है तो वह "लाडली बहना" जैसी योजनाओं पर रोक लगाने का आदेश देगी और अवैध रूप से अधिग्रहित भूमि पर बने ढांचों को गिराने का निर्देश देगी।जस्टिस गवई ने कहा,"हम आपकी सभी...
गिरफ्तारी से बचने के लिए धक्का-मुक्की करना आपराधिक बल प्रयोग नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 353 के तहत दोषसिद्धि खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 353 के तहत अपीलकर्ता को दोषमुक्त करने और सजा सुनाए जाने को खारिज किया।वर्तमान अपील में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 14 अक्टूबर, 2009 के आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें स्पेशल जज द्वारा धारा 353 के तहत अपीलकर्ता को दोषसिद्ध किए जाने और 1000 रुपये का जुर्माना लगाए जाने की पुष्टि की गई थी।इस मामले में शिकायतकर्ता ने शिक्षा गारंटी भवन के निर्माण के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। अपीलकर्ता को अध्यक्ष के खिलाफ झूठे आरोप...
भ्रामक विज्ञापन: सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि, बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का मामला बंद किया, माफी स्वीकार की
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि लिमिटेड, इसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और सह-संस्थापक बाबा रामदेव के खिलाफ अदालती वचन का उल्लंघन करते हुए भ्रामक मेडिकल विज्ञापन प्रकाशित करने के मामले में लंबित अवमानना की कार्यवाही बंद की। अवमानना करने वालों को जारी किए गए नोटिस को खारिज करते हुए कोर्ट ने चेतावनी दी कि उन्हें अदालत के सभी भावी आदेशों का पालन करना चाहिए और अपने पिछले आचरण को नहीं दोहराना चाहिए।जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने 14 मई को आदेश सुरक्षित रख लिया था और...
जमानत नियम है, जेल अपवाद, यहां तक कि UAPA जैसे विशेष कानूनों में भी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत नियम है, जेल अपवाद' यहां तक कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 (UAPA Act) जैसे विशेष कानूनों में भी।जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कथित सदस्यों को कथित तौर पर PFI प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के लिए अपनी संपत्ति किराए पर देने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी।कोर्ट ने कहा,“जब जमानत देने का मामला हो तो अदालत को जमानत देने में संकोच नहीं करना चाहिए। अभियोजन पक्ष के आरोप बहुत गंभीर हो सकते हैं,...
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट के बाद फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा अडानी के खिलाफ जांच का मामला
SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की ओर से हितों के टकराव के आरोपों को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर किया गया। उक्त आवेद में पहला का आवेदन स्वीकार करने की मांग की गई, जिसमें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ लंबित जांच पूरी करने का निर्देश देने की मांग की गई।यह आवेदन विशाल तिवारी द्वारा दायर किया गया, जो 2023 में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक थे, जिन्होंने अडानी ग्रुप द्वारा...
आरोपी को केवल विदेशी होने के आधार पर जमानत देने से मना नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने से मना किए गए विदेशी नागरिक की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस दृष्टिकोण पर आपत्ति व्यक्त की कि किसी आरोपी को केवल इसलिए जमानत देने से मना किया जा सकता है, क्योंकि वह एक विदेशी नागरिक है।जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने विवादित फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया। हालांकि हाईकोर्ट के तर्क को गलत बताया।जस्टिस खन्ना ने कहा,"गैर-नागरिकों को जमानत देने के मामले में हाईकोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों पर...
सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी के लिए पैसे के आरोपों से उत्पन्न मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।विधायक और पूर्व मंत्री को पिछले साल जून में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नौकरी के लिए पैसे के मामले में गिरफ्तार किया। उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था।जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ ने सेंथिल बालाजी की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ...
केवल बाल पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना ही POCSO/IT अधिनियमों के अंतर्गत अपराध नहीं: सुप्रीम कोर्ट केरल हाईकोर्ट के आदेश पर विचार करेगा
सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि किसी के मोबाइल फोन पर बाल पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना ही POCSO Act, 2012 या सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अंतर्गत अपराध नहीं माना जा सकता।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।याचिकाकर्ता ने केरल हाईकोर्ट के उस निर्णय को चुनौती दी, जिसमें कहा गया कि यौन रूप से...
उत्तर प्रदेश के जेल सचिव द्वारा आदर्श आचार संहिता का हवाला देकर कैदी की माफी पर फैसला न करने पर सुप्रीम कोर्ट हैरान
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को हलफनामे पर अपना रुख रखने का निर्देश दिया कि मुख्यमंत्री सचिवालय ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का हवाला देते हुए दोषी की स्थायी छूट याचिका से संबंधित फाइल को स्वीकार करने से इनकार किया।कोर्ट ने 13 मई, 2024 को कहा कि आदर्श आचार संहिता छूट पर फैसला करने में आड़े नहीं आएगी।जस्टिस अभय ओक ने टिप्पणी की,"वह बेशर्मी से कह रहे हैं कि 13 मई को इस कोर्ट के आदेश के बावजूद उन्होंने (सीएम सचिवालय) आचार संहिता खत्म होने तक इंतजार किया। वे...
सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अपने आदेश का उल्लंघन करने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से स्पष्टीकरण मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से प्रथम दृष्टया सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा।जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ वैवाहिक विवाद से उत्पन्न मामले की सुनवाई कर रही थी। न्यायालय ने अंतिम भरण-पोषण के संबंध में निश्चित राशि के भुगतान का आदेश दिया था। इसके अलावा न्यायालय ने दोनों पक्षकारों के बीच कार्यवाही निलंबित करने का भी आदेश दिया। इसमें आपराधिक धमकी के लिए दायर शिकायत भी शामिल थी।हालांकि, सुप्रीम कोर्ट...
सुप्रीम कोर्ट ने टाइम्स ऑफ इंडिया के आर्टिकल को लेकर बेनेट कोलमैन के संपादकीय निदेशक के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार प्रकाशित करने वाली बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड के संपादकीय निदेशक जयदीप बोस के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाई।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले में नोटिस जारी किया और कोर्ट के किसी भी अगले आदेश तक कार्यवाही पर रोक लगाने का निर्देश दिया।कोर्ट ने आदेश दिया,"अगले आदेश तक आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी।"बोस ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें भारतीय...
सुप्रीम कोर्ट ने आयकर पुनर्मूल्यांकन नोटिस के खिलाफ पर्यावरण वकील की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण वकील रित्विक दत्ता द्वारा दायर याचिका खारिज किया। याचिका में आयकर विभाग द्वारा 2019-20 के लिए रिटर्न के पुनर्मूल्यांकन के लिए जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी गई।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने चुनौती खारिज करते हुए कहा कि मूल्यांकन कार्यवाही के चरण में ही याचिकाकर्ता के लिए पर्याप्त उपचार उपलब्ध हैं। दत्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उन्हें राहत देने से इनकार करने के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर...
क्या मुस्लिम पुलिसकर्मी दाढ़ी रखने के अधिकार को धार्मिक प्रथा के रूप में स्वीकार कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार
सुप्रीम कोर्ट ने अपील सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की, जिसमें यह मुद्दा उठाया गया कि क्या दाढ़ी रखने के कारण मुस्लिम पुलिसकर्मी को निलंबित करना अनुच्छेद 25 के तहत धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने महाराष्ट्र राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) के मुस्लिम कांस्टेबल द्वारा उठाए गए उक्त मुद्दे की जांच करने पर सहमति व्यक्त की, जिसे दाढ़ी रखने के कारण 1951 के बॉम्बे पुलिस मैनुअल के विरुद्ध निलंबित किया...




















