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सुप्रीम कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में Congress MLA के खिलाफ ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर किया
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक (Congress MLA) राजेंद्र भारती के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दिल्ली ट्रांसफर किया। भारती ने आरोप लगाया था कि बचाव पक्ष के गवाहों पर दबाव डाला गया था।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने भारती की याचिका पर भारती की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (राज्य की ओर से) और सीनियर एडवोकेट अधिवक्ता सौरभ मिश्रा शिकायतकर्ता की ओर पेश की गईं दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया, जिसमें भारती ने...
नागपुर का फ़ुटाला झील वेटलैंड नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण की अनुमति दी, NGO की याचिका ख़ारिज
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें नागपुर की फ़ुटाला झील को वेटलैंड्स (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत 'वेटलैंड' के रूप में वर्गीकृत करने से इनकार कर दिया गया था। इस फैसले के साथ ही राज्य के अधिकारियों को झील के आसपास फ्लोटिंग रेस्तरां, बैंक्वेट हॉल, म्यूजिकल फाउंटेन और व्यूइंग गैलरी जैसे अस्थायी निर्माण कार्यों को आगे बढ़ाने की अनुमति मिल गई।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने नागपुर स्थित NGO...
कोमा में गए कर्मचारी को दो साल से वेतन न देना अमानवीय, अनुच्छेद 21 का उल्लंघन: राजस्थान हाईकोर्ट ने 7 दिन में बकाया देने का आदेश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की उस बेरुखी पर कड़ी नाराज़गी जताई, जिसमें एक सरकारी कर्मचारी, जो 2023 से कोमा में है, उसको दो साल से वेतन नहीं दिया जा रहा और उसके इलाज के बिलों की अदायगी भी नहीं की गई। अदालत ने इसे अमानवीय मनमाना और अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का उल्लंघन बताया।जस्टिस रवि चिरानिया की पीठ ने कहा कि राज्य का यह रवैया न केवल संवेदनहीन है बल्कि कानून द्वारा स्थापित सिद्धांतों के भी विपरीत है। अदालत ने बिना राज्य का जवाब मांगे सीधे निर्देश दिया कि कर्मचारी के वेतन और चिकित्सीय...
BREAKING| न्यायिक अधिकारियों के लिए पदोन्नति मामले पर अब संविधान पीठ करेगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (7 अक्टूबर) को न्यायिक सेवा में पदोन्नति के सीमित अवसरों के कारण प्रवेश स्तर के पदों पर नियुक्त होने वाले युवा न्यायिक अधिकारियों के करियर में आने वाले ठहराव से संबंधित मुद्दों को संविधान पीठ को सौंप दिया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ मामले में यह संदर्भ आदेश पारित किया।इससे पहले, खंडपीठ ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए हाईकोर्ट और राज्य सरकारों से जवाब मांगा था। मामले में एमिक्स क्यूरी...
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मध्य प्रदेश में कफ सिरफ से हुई मौतों का मामला, CBI जांच की मांग
मध्य प्रदेश और राजस्थान में ज़हरीले कफ सिरप के सेवन से बच्चों की हाल ही में हुई मौतों के बाद सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई, जिसमें इस घटना की स्वतंत्र, अदालत की निगरानी में जांच और दवा सुरक्षा तंत्र की राष्ट्रव्यापी समीक्षा की मांग की गई।वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर इस याचिका में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) युक्त दूषित कफ सिरप के निर्माण, टेस्ट और वितरण की व्यापक जांच के लिए एक रिटायर सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या एक्सपर्ट...
वैवाहिक स्थिति की घोषणा समाज के मूल को प्रभावित करती है, केवल सक्षम न्यायालय द्वारा ही हो सकती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में यह टिप्पणी की कि वैवाहिक स्थिति की घोषणा समाज के मूल को प्रभावित करती है और यह केवल हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के तहत सक्षम न्यायालय द्वारा ही की जा सकती है।जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस सैयद क़मर हसन रिज़वी की खंडपीठ ने अवलोकन किया,"यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि पक्षकारों की वैवाहिक स्थिति की घोषणा समाज के मूल को प्रभावित करती है। हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के आलोक में घोषणा केवल पक्षों के बीच उपयुक्त कार्यवाही में और कानून की अन्य...
घरेलू हिंसा अधिनियम (DV Act) की आधारभूत धारा
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 12 के शब्द जिसके अन्तर्गत अधिनियम के अधीन आदेश या अनुतोष पाने के लिए प्रक्रिया दी गई है, प्रदर्शित करती है कि ऐसी कार्यवाही के लिए समय सीमा निश्चित नहीं है एवं यह प्रदर्शित करना अपेक्षित होता है कि अधिनियम के अधीन आवेदक व्यक्ति व्यक्ति है। अधिनियम की धारा 12 मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन दाखिल करने हेतु प्रावधान करती है एवं इसकी उपधारा (1) प्रावधानित करती है कि कोई व्यक्ति व्यक्ति या संरक्षण अधिकारी या व्यक्ति व्यक्ति की ओर से कोई अन्य व्यक्ति...
दिल्ली हाईकोर्ट ने JAG महिला सेना अधिकारियों को परमानेंट कमीशन के लिए याचिका पर जल्द सुनवाई के निर्देश दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय सेना की जज एडवोकेट जनरल JAG शाखा की महिला अधिकारियों की याचिका पर सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (AFT) को जल्द से जल्द फैसला करने का निर्देश दिया। ये अधिकारी सेना में स्थायी कमीशन की मांग कर रही हैं।वर्तमान में ये महिला अधिकारी शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) पर कार्यरत हैं।जस्टिस सी. हरि शंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि ये अधिकारी सेवा में हैं, इसलिए वे सेना अधिनियम 1950 के प्रावधानों के अधीन हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण अधिनियम,...
घरेलू हिंसा अधिनियम (DV Act) में घरेलू हिंसा का मतलब
इस अधिनियम की धारा 3 "घरेलू हिंसा" की विस्तृत परिभाषा अन्तर्विष्ट करती है एवं बड़ी मात्रा में कार्य एवं लोप को शामिल करती है जो व्यथित व्यक्ति के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन, अंग की या चाहे उसकी मानसिक या शारीरिक भलाई की अपहानि या क्षति या खतरा करता है। इसमें शारीरिक दुरुपयोग, लैंगिक दुरुपयोग, मौखिक एवं भावनात्मक दुरुपयोग साथ ही साथ आर्थिक दुरुपयोग सम्मिलित है। इस प्रकार घरेलू हिंसा पद के अर्थों के अधीन विभिन्नप्रकार के कार्य एवं लोप शामिल हैं।अधिनियम की धारा 12 के अधीन अनुतोष अधिनियम के लागू होने...
दिल्ली में वकीलों के बेसमेंट ऑफिस को सील करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वकीलों द्वारा संचालित बेसमेंट ऑफिस को सील करने से संबंधित मामले की सुनवाई की।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ उन वकीलों द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने ग्रेटर कैलाश-1 में अपने चैंबर बनाने के लिए बेसमेंट ऑफिस खरीदा था। बाद में निगरानी समिति के आदेश पर 2019 में उनके ऑफिस को सील कर दिया गया।पीड़ित वकीलों की ओर से सीनियर एडवोकेट गुरु कृष्ण कुमार पेश हुए।कोर्ट ने एमिक्स क्यूरी सीनियर एडवोकेट अनीता शेनॉय को बुधवार को...
रिटायरमेंट के बाद अनुशासनात्मक कार्यवाही अमान्य: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद किसी सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती और पेंशन से वसूली तभी संभव है, जब लापरवाही या धोखाधड़ी के कारण सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाने का कोई विशिष्ट आरोप विधिवत रूप से स्थापित और सिद्ध हो जाए।पृष्ठभूमि तथ्ययाचिकाकर्ता को 11 नवंबर, 1990 को जम्मू-कश्मीर पुलिस में उप-निरीक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। 31 मार्च, 2000 को उन्हें निरीक्षक के पद पर पदोन्नत...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने NEET-UG स्टूडेंट्स की सीट रद्द होने के बाद ज़ब्त किए गए 10 लाख वापस करने की याचिका पर नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (6 अक्टूबर) को 2024 NEET-UG मेडिकल उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें प्राइवेट कॉलेज द्वारा आवंटित सीटों को रद्द करने के लिए आवेदन करने के बाद काउंसलिंग के दौरान जमा किए गए ₹10-10 लाख वापस करने की मांग की गई।इस याचिका में मध्य प्रदेश निजी व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश विनियमन एवं शुल्क निर्धारण) अधिनियम, 2007 (जिसे 2018 में संशोधित किया गया) के नियम 12(7)(ga) की वैधता को भी चुनौती दी गई, जिसके तहत याचिकाकर्ताओं द्वारा जमा किए गए ₹10 लाख...
'फादर स्टेन स्वामी की स्वाभाविक मृत्यु हुई, उन्हें शीघ्र मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया': राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया
बॉम्बे हाईकोर्ट को सोमवार को सूचित किया गया कि फादर स्टेन स्वामी की मृत्यु पर अनिवार्य मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट मई की शुरुआत में महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (MSHRC) के समक्ष प्रस्तुत की गई, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि उनकी मृत्यु 'स्वाभाविक' है।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस रंजीतसिंह भोंसले की खंडपीठ को राज्य द्वारा सूचित किया गया कि MSHRC के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर) अनंत बदर और सदस्य संजय कुमार की पीठ ने 2 मई, 2025 को मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट स्वीकार की थी, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया कि स्वामी...
कोर्ट समन में जालसाज़ी न्यायपालिका में जनता के विश्वास को कम करती है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने समझौते के बावजूद अग्रिम ज़मानत देने से किया इनकार
न्यायिक दस्तावेज़ों में जालसाज़ी की गंभीरता पर ज़ोर देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कोर्ट समन में जालसाज़ी करने की आरोपी महिला को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार किया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के कृत्यों से "न्यायपालिका में जनता के विश्वास पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और जनता के विश्वास को कमज़ोर करता है।"याचिकाकर्ता पर एक सह-अभियुक्त के प्रकटीकरण बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया, जिसने कथित तौर पर हिसार के एडिशनल सेशन जज की कोर्ट द्वारा जारी किए गए न्यायिक समन में जालसाज़ी की, जिसमें फर्जी UID...
बीमा कंपनी मुआवज़ा देने से इनकार करने के लिए छिपे या अज्ञात प्रावधानों का इस्तेमाल नहीं कर सकती: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि कोई बीमा कंपनी मुआवज़ा देने से इनकार करने के लिए उन प्रावधानों का सहारा नहीं ले सकती, जो समझौते पर हस्ताक्षर करते समय बीमित व्यक्ति को नहीं बताए गए।सद्भावना के सिद्धांत पर ज़ोर देते हुए अदालत ने टिप्पणी की कि बीमा कंपनी का यह कर्तव्य है कि वह बीमित व्यक्ति को सभी प्रावधानों के बारे में सूचित करे।ब्लू पेंसिल सिद्धांत (जो आपत्तिजनक प्रावधान को शुरू से ही अमान्य घोषित कर देता है) को लागू करते हुए और टेक्सको मार्केटिंग (प्रा.) लिमिटेड बनाम टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस...
नौकरशाही की चूक के लिए कोई क्षमादान नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य द्वारा अपील दायर करने में 992 दिनों की देरी खारिज की
यह दोहराते हुए कि पर्याप्त न्याय की आड़ में समय-सीमा के कानून को पराजित नहीं किया जा सकता, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपील दायर करने में 992 दिनों की देरी के लिए क्षमादान की मांग करने वाली राज्य की याचिका खारिज की।जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा,"अब यह एक सुस्थापित सिद्धांत बन गया कि न्यायालय पर्याप्त न्याय के पक्ष में तो झुकते हैं। हालांकि, वे समय-सीमा के कानून को पराजित करके या विरोधी पक्ष को गंभीर नुकसान पहुंचाकर ऐसा नहीं कर सकते। समय-सीमा का कानून सार्वजनिक नीति पर आधारित होने के कारण...
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अनिवार्य हाईकोर्ट नियमों की अवहेलना करने पर पुलिसकर्मी के खिलाफ चालान दाखिल करने का आदेश रद्द किया
प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों की अनिवार्य प्रकृति को दोहराते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट नियमों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ चालान दाखिल करने का निर्देश दिया गया।अदालत ने कहा कि किसी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई या आलोचना हाईकोर्ट नियमों के अध्याय 1, भाग H, नियम 6 का कड़ाई से पालन करना चाहिए, जिसके अनुसार निर्णय की कॉपी जिला मजिस्ट्रेट को भेजनी होती है, जिन्हें इसे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को...
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और RBI से निष्क्रिय बैंक खातों तक पहुंच के लिए पोर्टल की मांग वाली जनहित याचिका पर जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें व्यक्तियों को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और अन्य वित्तीय नियामकों द्वारा विनियमित संस्थाओं में रखी गई सभी वित्तीय संपत्तियों की एक व्यापक सूची तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल की मांग की गई।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने आकाश गोयल द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश पारित किया।सीनियर एडवोकेट मुक्ता गुप्ता याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुईं और उन्होंने कहा कि यह मामला छोटे निवेशकों/जमाकर्ताओं से संबंधित...
एक राज्य के भीतर पूर्व आपूर्ति की आवश्यकता वाली निविदा शर्त अतार्किक, अनुच्छेद 19(1)(g) का उल्लंघन: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (6 अक्टूबर) को छत्तीसगढ़ सरकार की उस निविदा शर्त को रद्द कर दिया, जिसके तहत बोलीदाताओं को राज्य के सरकारी स्कूलों को खेल किट की आपूर्ति के लिए बोली में भाग लेने के लिए पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार की एजेंसियों को कम से कम ₹6 करोड़ की आपूर्ति का पूर्व अनुभव दिखाना अनिवार्य है।अदालत ने कहा कि किसी निविदा में भाग लेने की पात्रता को केवल एक ही राज्य के भीतर संचालित संस्थाओं तक सीमित रखना न केवल अतार्किक है, बल्कि खेल किटों की कुशल और प्रभावी आपूर्ति सुनिश्चित करने के...
दिल्ली पुलिस ने सीजेआई पर हमला करने वाले वकील को किया रिहा, बताई यह वजह
दिल्ली पुलिस ने 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर को रिहा कर दिया, जिन्होंने ओपन कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से इनकार किया।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वकील को अब रिहा कर दिया गया, क्योंकि कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने उनके खिलाफ कोई भी आरोप लगाने से इनकार किया।रिपोर्ट में बताया कि पुलिस ने उसके पास से एक सफ़ेद कागज़ का नोट बरामद किया, जिस पर लिखा है: "मेरा संदेश हर...




















