सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल चुनाव नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

Amir Ahmad

13 Nov 2025 3:29 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल चुनाव नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के चुनाव नियमों को चुनौती दी गई।

    इन नियमों के तहत जिला और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को राज्य बार काउंसिल चुनावों में उम्मीदवार बनने से रोक दिया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पदाधिकारियों को इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की खंडपीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि यह मुद्दा विचार योग्य है। हालांकि अदालत ने इस चरण में अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।

    जस्टिस सूर्या कांत ने टिप्पणी की,

    “यह नियम 2016 में बनाए गए थे। याचिकाकर्ताओं ने उन्हें 2025 में चुनौती दी है, जब बार काउंसिल चुनाव नज़दीक हैं। इस समय स्थगन आदेश देना उचित नहीं होगा।”

    एसोसिएशन और उसके अध्यक्ष की ओर से दाखिल की गई।

    सीनियर एडवोकेट पी.बी. सुरेश ने अदालत से आग्रह किया कि आगामी उत्तर प्रदेश राज्य बार काउंसिल चुनाव में याचिकाकर्ता संघ के पदाधिकारियों के नामांकन पत्र स्वीकार किए जाएं। लेकिन अदालत ने यह अंतरिम राहत देने से इंकार किया।

    याचिका में कहा गया कि BCI चुनाव नियम, 2016 का अध्याय III असंवैधानिक है, क्योंकि यह एक वर्ग के वकीलों (जिला और हाईकोर्ट बार संघों के पदाधिकारियों) के साथ भेदभाव करता है, जबकि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को छूट देता है।

    याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 19(1)(c) (संघ बनाने की स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है।

    याचिका में कहा गया,

    “सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को विशेषाधिकार देना और बाकी वकीलों को इससे वंचित करना स्पष्ट रूप से मनमाना है। यह किसी भी तर्कसंगत आधार पर उचित नहीं ठहराया जा सकता।”

    याचिकाकर्ताओं ने अनुरोध किया कि सभी जिला और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के समान चुनाव लड़ने का अवसर दिया जाए।

    साथ ही यह प्रावधान जोड़ा जाए कि वे चाहें तो चुनाव के बाद अपने पद से त्यागपत्र दे सकते हैं।

    याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि 31 अक्टूबर 2025 को बुलंदशहर बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 2016 के नियमों के तहत पदाधिकारियों को चुनाव लड़ने से रोकना संविधान के विरुद्ध है।

    सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य प्रतिवादियों से जवाब मांगा। अब इस पर आगे की सुनवाई आगामी तिथि पर होगी।

    Next Story