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सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 85: आदेश 18 नियम 16 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 18 वाद की सुनवाई और साक्षियों की परीक्षा है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 18 के नियम 16 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-16. साक्षी की तुरन्त परीक्षा करने की शक्ति- (1) जहाँ साक्षी न्यायालय की अधिकारिता से बाहर जाने वाला है या इस बात का पर्याप्त कारण न्यायालय को समाधानप्रद रूप में दर्शित कर दिया जाता है कि उसका साक्ष्य तुरन्त क्यों लिया जाना चाहिए वहाँ न्यायालय वाद के संस्थित किए जाने के पश्चात् किसी भी समय ऐसे साक्षी का साक्ष्य किसी...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 85: आदेश 18 नियम 16 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 18 वाद की सुनवाई और साक्षियों की परीक्षा है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 18 के नियम 16 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-16. साक्षी की तुरन्त परीक्षा करने की शक्ति- (1) जहाँ साक्षी न्यायालय की अधिकारिता से बाहर जाने वाला है या इस बात का पर्याप्त कारण न्यायालय को समाधानप्रद रूप में दर्शित कर दिया जाता है कि उसका साक्ष्य तुरन्त क्यों लिया जाना चाहिए वहाँ न्यायालय वाद के संस्थित किए जाने के पश्चात् किसी भी समय ऐसे साक्षी का साक्ष्य किसी...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 84: आदेश 18 नियम 5 व 6 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 18 वाद की सुनवाई और साक्षियों की परीक्षा है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 18 के नियम 5 एवं 6 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम- 5 जिन मामलों की अपील हो सकती है उनमें साक्ष्य कैसे लिखा जाएगा-जिन मामलों में अपील की जाती है उन मामलों में हर साक्षी का साक्ष्य-(क) न्यायालय की भाषा में-(1) न्यायाधीश द्वारा या उसकी उपस्थिति में और उसके वैयक्तिक निदेशन और अधीक्षण में लिखा जाएगा: या (2) न्यायाधीश के बोलने के साथ ही टाइपराईटर पर टाईप किया...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 83: आदेश 18 नियम 4 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 18 वाद की सुनवाई और साक्षियों की परीक्षा है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 18 के नियम 4 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-4 साक्ष्य का अभिलेखन (1) प्रत्येक मामले में किसी साक्षी की मुख्य परीक्षा शपथ-पत्र पर होगी और उसकी प्रतियां उस पक्षकार द्वारा, जो उसे साक्ष्य देने के लिए बुलाता है, विरोधी पक्षकार को दी जायेगी :परन्तु जहां दस्तावेज फाइल किए गए हों और पक्षकार उन दस्तावेजों पर निर्भर करते हों, वहाँ शपथ-पत्र के साथ फाइल किए गए ऐसे...
सुप्रीम कोर्ट ने रिमिशन एप्लिकेशन तय करने के लिए कारकों को संक्षेप में प्रस्तुत किया
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने न केवल बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की माफी को रद्द कर दिया, बल्कि माफी आवेदनों पर विचार करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश भी प्रदान किए। सुप्रीम कोर्ट ने उन प्रमुख कारकों पर प्रकाश डाला जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए, आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत ऐसी याचिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की पेशकश की।यह फैसला न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जवल भुइयां की पीठ ने दिया, जिन्होंने बिलकिस बानो द्वारा दायर एक रिट याचिका के साथ-साथ दोषियों...
प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 का संक्षिप्त विवरण
अधिनियम का इतिहास:1991 का प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का मकसद 15 अगस्त 1947 के बाद के धार्मिक स्थलों की स्थिति को यथावत करना है और किसी भी पूजा स्थल के परिवर्तन को रोकना है, साथ ही उनके धार्मिक चरित्र की रक्षा करना है। 15 अगस्त 1947 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जब वह एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक, और संप्रभु राज्य बना, जिसमें कोई राज्य धर्म नहीं है और सभी धर्मों को बराबरी से देखा जाता है। 1991 में, राम जन्मभूमि आंदोलन के चरम पर, संसद ने वर्शिप एक्ट (विशेष प्रावधान) अधिनियम पारित किया और राष्ट्रपति ने...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 82: आदेश 18 नियम 2 से 3(क) के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 18 वाद की सुनवाई और साक्षियों की परीक्षा है। इस आदेश के अंतर्गत साक्षी की परीक्षा से संबंधित प्रावधान है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 2,3(क) व 3 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-2 कथन और साक्ष्य का पेश किया जाना - (1) उस दिन जो वाद की सुनवाई के लिए नियत किया गया हो, या किसी अन्य दिन जिस दिन के लिए सुनवाई स्थगित की गई हो, वह पक्षकार जिसे आरम्भ करने का अधिकार है, अपने मामले का कथन करेगा और उन विवाद्यकों के समर्थन में अपना साक्ष्य पेश...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 81: आदेश 18 नियम 1 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 18 वाद की सुनवाई और साक्षियों की परीक्षा। वास्तविकता में इस प्रक्रम पर कोई वाद का विचारण प्रारंभ होता है। विवाधक तय हो जाने के पश्चात न्यायालय वाद की सुनवाई शुरू करते हुए साक्षियों की परीक्षा करता है। यह आदेश इस संहिता के महत्वपूर्ण आदेशों में से एक है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 18 के नियम 1 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-1 आरम्भ करने का अधिकार-आरम्भ करने का अधिकार वादी को तब के सिवाय है जब कि वादी द्वारा अधिकथित तथ्यों को...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 80: आदेश 17 (स्थगन) के नियम 3 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 17 किसी वाद में स्थगन के अर्थ को स्पष्ट करते हुए यह बताता है कि अदालत किन किन परिस्थितियों में स्थगन आदेश दे सकती है। इस आलेख के अंतर्गत नियम-3 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-3 पक्षकारों में से किसी पक्षकार के साक्ष्य, आदि पेश करने में असफल रहने पर भी न्यायालय आगे कार्यवाही कर सकेगा-जहां वाद का कोई ऐसा पक्षकार जिसे समय अनुदत्त किया गया है, अपना साक्ष्य पेश करने में या अपने साक्षियों को हाजिर कराने में या वाद को आगे प्रगति के...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 79: आदेश 17 (स्थगन) के नियम 2 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 17 किसी वाद में स्थगन के अर्थ को स्पष्ट करते हुए यह बताता है कि अदालत किन किन परिस्थितियों में स्थगन आदेश दे सकती है। आदेश 17 का नियम-2 स्थगित दिनांक को उपसंजात होने में असफल रहने पर अपनायी जाने वाली प्रक्रिया से संबंधित है।नियम-2 यदि पक्षकार नियत दिन पर उपसंजात होने में असफल रहते है तो प्रक्रिया-वाद की सुनाई जिस दिन के लिए स्थगित हुई है, यदि उस दिन पक्षकार या उनमें से कोई उपसंजात होने में असफल रहते हैं, तो न्यायालय आदेश 9 द्वारा उस...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 78: आदेश 17 (स्थगन) के नियम 1 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश किसी वाद में स्थगन के अर्थ को स्पष्ट करते हुए यह बताता है कि अदालत किन किन परिस्थितियों में स्थगन आदेश दे सकती है। यह आदेश के अंतर्गत न्यायालय को स्थगन के मामले में व्यापक शक्तियां दी गई है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 17 के नियम 1 पर टिका प्रस्तुत किया जा रहा है।नियम-1 न्यायालय समय दे सकेगा और सुनवाई स्थगित कर सकेगा (1) यदि वाद के किसी भी प्रक्रम पर पर्याप्त हेतुक दर्शित किया जाता है तो न्यायालय लेखबद्ध कारणों से पक्षकारों या उनमें से...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 77: आदेश 16(क) के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 16(क) कारागार में परिरुद्ध या निरुद्ध साक्षियों की हाजिरी के प्रावधान करता है। यह एक छोटा सा आदेश है जो यह स्पष्ट करता है कि यदि कोई साक्षी जेल में निरुद्ध है तब उसकी हाजिरी किसी सिविल वाद में कैसे करवाई जा सकती है। इस आदेश के अंतर्गत कुल 7 नियम समाविष्ट किये गए हैं जिनका इस आलेख में उल्लेख किया जा रहा है, इस प्रकार इस आलेख के अंतर्गत समस्त आदेश 16(क) पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-1 परिभाषाएं-इस आदेश में -(क) "निरुद्ध" के...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 76: आदेश 16 नियम 14 से 21 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 16 साक्षियों को समन करना और उनकी हाजिरी से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 14 से 21 तक के प्रावधानों पर प्रकाश डाला जा रहा है।नियम-14 जो व्यक्ति वाद में पर व्यक्ति हैं उन्हें न्यायालय साक्षियों के रुप में स्वप्रेरणा से समन कर सकेगा-हाजिरी और उपस्थिति के बारे में इस संहिता के उपबंधों और तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन रहते हुए, जहां न्यायालय किसी भी समय यह आवश्यक समझता है कि [ किसी ऐसे व्यक्ति की परीक्षा की जाए जिसके अन्तगर्त...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 75: आदेश 16 नियम 10 से 13 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 16 साक्षियों को समन करना और उनकी हाजिरी से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत उन नियमों पर चर्चा की जा रही है जो यह स्पष्ट करते हैं कि जब साक्षी को हाज़िर होने हेतु आदेश किया जाए और वह हाज़िर होने में असफल हो तब क्या प्रक्रिया होगी। इस आलेख के अंतर्गत महत्वपूर्ण नियम 10,11,12 एवं 13 पर विश्लेषण किया जा रहा है।नियम-10 जहां साक्षी समन का अनुपालन करने में असफल रहता है वहां प्रक्रिया-(1) जहां वह व्यक्ति जिसके नाम साक्ष्य देने को हाजिर होने के...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 74: आदेश 16 नियम 1 व 1(क) के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 16 साक्षियों को समन करना और उनकी हाजिरी से संबंधित है। जब किसी वाद का निपटारा प्रथम सुनवाई को नहीं होता है तब न्यायालय आगे की कार्यवाही करते हैं साक्षियों को समन जारी कर विचारण प्रारंभ किया जाता है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 1 व 1(क) के प्रावधानों पर चर्चा की जा रही है।नियम-1 साक्षियों की सूची और साक्षियों को रामन- (1) ऐसी तारीख को या इसके पूर्व जो न्यायालय नियत करे और जो विवाद्यकों का निपटारा ] कर दिए जाने से पन्द्रह दिन पश्चात् न हो,...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 73: आदेश 15 नियम 4 एवं 5 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 15 प्रथम सुनवाई में वाद का निपटारा है। यह आदेश उन प्रावधानों को स्पष्ट करता है जो यह बताते हैं कि न्यायालय किन मामलों में प्रथम सुनवाई को वाद का निपटारा कर सकता है और किस प्रक्रिया से कर सकता है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 15 के नियम 4 व 3 पर संयुक्त रूप से टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-4 साक्ष्य पेश करने में असफलता-जहाँ समन वाद के अन्तिम निपटारे के लिए निकाला गया है और दोनों में से कोई भी पक्षकार वह साक्ष्य पेश करने में पर्याप्त...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 72: आदेश 15 नियम 1 से 3 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 15 प्रथम सुनवाई में वाद का निपटारा है। यह आदेश उन प्रावधानों को स्पष्ट करता है जो यह बताते हैं कि न्यायालय किन मामलों में प्रथम सुनवाई को वाद का निपटारा कर सकता है और किस प्रक्रिया से कर सकता है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 15 के नियम 1,2 व 3 पर संयुक्त रूप से टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-1 जब पक्षकारों में कोई विवाद नहीं है-जहाँ वाद की प्रथम सुनवाई में यह प्रतीत होता है कि विधि के या तथ्य के किसी प्रश्न पर पक्षकारों में विवाद नहीं...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 71: आदेश 14 नियम 5 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 14 विवाद्यकों का स्थिरीकरण और विधि विवाद्यकों के आधार पर या उन विवाद्यकों के आधार पर जिन पर रजामन्दी (सहमति) हो गई है वाद का अवधारण से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत इस आदेश के नियम 5 पर प्रकाश डाला जा रहा है।नियम-5 विवाद्यकों का संशोधन और उन्हें काट देने की शक्ति (1) न्यायालय डिक्री पारित करने से पूर्व किसी भी समय ऐसे निबन्धनों पर जो वह ठीक समझे, विवाद्यकों का संशोधन कर सकेगा या अतिरिक्त विवाद्यकों की विरचना कर सकेगा और ऐसे सभी...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 70: आदेश 14 नियम 3 एवं 4 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 14 विवाद्यकों का स्थिरीकरण और विधि विवाद्यकों के आधार पर या उन विवाद्यकों के आधार पर जिन पर रजामन्दी (सहमति) हो गई है वाद का अवधारण से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत इस आदेश के नियम 3 एवं 4 पर विवेचना की जा रही है।नियम- 3 वह सामग्री जिससे विवाद्यकों की विरचना की जा सकेगी-न्यायालय निम्नलिखित सभी सामग्री से या उसमें से किसी से विवाद्यकों की विरचना कर सकेगा-(क) पक्षकारों द्वारा या उनकी ओर से उपस्थित किन्हीं व्यक्तियों द्वारा या ऐसे...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 69: आदेश 14 नियम 2 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 14 विवाद्यकों का स्थिरीकरण और विधि विवाद्यकों के आधार पर या उन विवाद्यकों के आधार पर जिन पर रजामन्दी (सहमति) हो गई है वाद का अवधारण से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत इस आदेश के नियम 2 पर चर्चा की जा रही है।नियम-2 न्यायालय द्वारा सभी विवाद्यकों पर निर्णय सुनाया जाना(1) इस बात के होते हुए भी कि वाद का निपटारा प्रारम्भिक विवाद्यक पर किया जा सकेगा, न्यायालय उपनियम (2) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए सभी विवाद्यकों पर निर्णय सुनायेगा।(2)...