जानिए हमारा कानून
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 68: आदेश 14 नियम 1 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 14 विवाद्यकों का स्थिरीकरण और विधि विवाद्यकों के आधार पर या उन विवाद्यकों के आधार पर जिन पर रजामन्दी (सहमति) हो गई है वाद का अवधारण से संबंधित है। यह विचारण से ठीक पूर्व का प्रक्रम है। इस स्तर पर न्यायालय किसी भी वाद में वाद प्रश्न तय कर देती है अर्थात उन नियमों को तय कर देती है जिस पर विचारण कर न्यायलय अपना निर्णय देगी। यह संहिता का एक महत्वपूर्ण आदेश है एवं इसका विस्तार पूर्वक अध्ययन किया जाना चाहिए। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 14 के...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 67: आदेश 13(क) के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 13(क) संक्षिप्त निर्णय से संबंधित है। यह आदेश वाणिज्यिक वादों हेतु संहिता में डाला गया है। यह संहिता में नया जोड़ा गया छोटा आदेश है। इस आलेख के अंतर्गत इस आदेश 13(क) पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।आदेश 13(क)- संक्षिप्त निर्णयनियम-1 ऐसे वादों की व्याप्ति और वर्ग, जिनको यह आदेश लागू होता है-(1) इस आदेश में वह प्रक्रिया उपवर्णित है, जिसके द्वारा कोई न्यायालय मौखिक साक्ष्य अभिलिखित किये बिना किसी वाणिज्यिक विवाद स सम्बन्धित किसी दावे का...
भारतीय न्याय संहिता के 'हिट एंड रन' प्रावधान में ऐसा क्या है, जिससे मचा हुआ हल्ला
हाल ही में ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) में शामिल प्रावधान के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया, जिसमें हिट एंड रन मामलों में मौत के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।हिट एंड रन मामलों पर क्या कहता है नया कानून?BNS की धारा 106 (2) में कहा गया कि "जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है,...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 66: आदेश 13 नियम 7 से 11 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 13 दस्तावेजों का पेश किया जाना परिबद्ध किया जाना और लौटाया जाना से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 13 के नियम 7,8,9,10 व 11 पर विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।नियम-7 गृहीत दस्तावेजों का अभिलेख में सम्मिलित किया जाना और नामंजूर की गई दस्तावेज को लौटाया जाना(1) हर ऐसी दस्तावेजों जो साक्ष्य में ग्रहण कर ली गई है या जहाँ नियम 5 के अधीन मूल प्रति के स्थान में उसकी प्रति रखी गई है वहाँ उसकी प्रति, वाद के अभिलेख का भाग होगी।(2) दस्तावेजें...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 65: आदेश 13 नियम 3 से 6 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 13 दस्तावेजों का पेश किया जाना परिबद्ध किया जाना और लौटाया जाना से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 13 के नियम 3,4,5 एवं 6 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-3 विसंगत या अग्राही दस्तावेजों का नामंजूर किया जाना-न्यायालय वाद के किसी भी प्रक्रम में ऐसी किसी भी दस्तावेज को, जिसे वह विसंगत या अन्यथा अग्राह्य समझता है, ऐसे नामंजूर करने के आधारों को अभिलिखित करके नामंजूर कर सकेगा।नियम-4 साक्ष्य में गृहीत दस्तावेजों पर पृष्ठांकन-ठीक...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 64: आदेश 13 नियम 1 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 13 दस्तावेजों का पेश किया जाना परिबद्ध किया जाना और लौटाया जाना से संबंधित है। कोई भी वाद दस्तावेजों की बुनियादी पर टिका होता है, इस आदेश के अंतर्गत दस्तावेजों से संबंधित प्रावधान किए गए हैं, यह बताया गया है कि दस्तावेज कब कैसे पेश किए जाएंगे और उन्हें कैसे लौटाया जाएगा। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 13 के नियम 1 पर चर्चा की जा रही है।नियम-1 मूल दस्तावेजों का विवाद्यकों के स्थिरीकरण के समय या उसके पूर्व पेश किया जाना- (1) पक्षकार या उनके...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 63: आदेश 12 नियम 4 से 6 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 12 स्वीकृति से संबंधित है। आपराधिक विधि की तरह ही सिविल लॉ में भी स्वीकृति के प्रावधान दिए गए हैं जहां कोई पक्षकार किसी भी मामले को स्वीकार कर सकता है। स्वीकृति के इस आदेश में अलग अलग नियम हैं जो पूरी तरह से स्वीकृति के प्रावधानों को स्पष्ट कर देते हैं। इस आलेख के अंतर्गत इस आदेश के महत्वपूर्ण नियमों 4,5 एवं 6 पर विवेचना की जा रही है।नियम-4 तथ्यों को स्वीकृत करने की सूचना-कोई भी पक्षकार किसी भी अन्य पक्षकार से सुनवाई के लिए नियत दिन...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 62: आदेश 12 नियम 1 से 3(क) तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 12 स्वीकृति से संबंधित है। आपराधिक विधि की तरह ही सिविल लॉ में भी स्वीकृति के प्रावधान दिए गए हैं जहां कोई पक्षकार किसी भी मामले को स्वीकार कर सकता है। यह आदेश इन ही स्वीकृति के प्रावधानों को अलग अलग नियमों में निश्चित करता है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 12 के नियम 1,2,2(क),3 एवं 3(क) विवेचना प्रस्तुत की जा रही है।नियम-1 मामले की स्वीकृति की सूचना-वाद का कोई भी पक्षकार अपने लिखित अभिवचन द्वारा या अन्यथा लिखित रूप में सूचना दे सकेगा कि...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 61: आदेश 11 नियम 19 से 23 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 (Civil Procedure Code,1908) का आदेश 11 परिप्रश्न एवं प्रकटीकरण से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत संयुक्त रूप से नियम 19,20,21,22 एवं 23 पर विवेचना की जा रही है।नियम-19 सत्यापित प्रतियां (1) जहां किन्हीं कारबार की बहियों के लिए आवेदन किया गया है यहां यदि न्यायालय यह ठीक समझे तो वह मूल बहियों के निरीक्षण का आदेश देने के बजाय उनमें की किन्हीं प्रविष्टियों की प्रति देने के लिए और किसी ऐसे व्यक्ति के, जिसने मूल प्रविष्टियों से प्रति की तुलना कर ली है, शपथपत्र द्वारा उन...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 60: आदेश 11 नियम 15 से 18 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 11 परिप्रश्न एवं प्रकटीकरण से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत संयुक्त रूप से नियम 15,16,17 एवं 18 पर विवेचना की जा रही है।नियम-15 अभिवचनों या शपथपत्रों में निर्दिष्ट दस्तावेजों का निरीक्षण-वाद का हर पक्षकार किसी भी ऐसे अन्य पक्षकार को, जिसके अभिवचनों या शपथपत्रों में किसी दस्तावेज के प्रति निर्देश किया गया है[या जिसने अपने अभिवचनों से उपाबद्ध किसी सूची में किसी दस्तावेज की प्रविष्टि की है]विवाद्यकों के स्थिरीकरण के समय या उसके पूर्व।...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 59: आदेश 11 नियम 12 से 14 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 11 परिप्रश्न एवं प्रकटीकरण से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत संयुक्त रूप से नियम 12,13 एवं 14 पर विवेचना की जा रही है।नियम-12 दस्तावेजों के प्रकटीकरण के लिए आवेदन- कोई भी पक्षकार कोई भी शपथपत्र फाइल किए बिना न्यायालय से ऐसे आदेश के लिए आवेदन कर सकेगा जो किसी वाद के किसी अन्य पक्षकार को निदेश करता हो कि वह उसमें प्रश्नगत किसी बात से संबंधित ऐसी दस्तावेजों का, जो उसके कब्जे या शक्ति में हो या रही हों, शपथपत्र पर प्रकटीकरण करे। ऐसे...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 58: आदेश 11 नियम 6 से 11 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 11 परिप्रश्न एवं प्रकटीकरण से संबंधित है। इस आलेख के अंतर्गत संयुक्त रूप से नियम 6,7,8,9,10 एवं 11 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-6 परिप्रश्नों के सम्बन्ध में उत्तर द्वारा आक्षेप किसी भी परिप्रश्न का उत्तर देने की बाबत इस आधार पर कि वह परिप्रश्न कलंकात्मक या विसंगत है या वाद के प्रयोजन के लिए सद्भावपूर्वक प्रदर्शित नहीं किया गया है या वे विषय जिनके बारे में पूछताछ की गई है, उस प्रक्रम में पर्याप्त रूप से तात्विक नहीं है या...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 57: आदेश 11 नियम 1 से 5 तक के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 11 परिप्रश्न एवं प्रकटीकरण से संबंधित है। यह आदेश थोड़ा कठिन है क्योंकि अदालतों में इस आदेश को कम उपयोग में लिया जाता है। किसी वाद में वादी एवं प्रतिवादी भी न्यायालय की आज्ञा से कुछ प्रश्न पूछ सकते हैं एवं जिससे पूछे जा रहे हैं उसे उसका उत्तर देना होता है। यह प्रतिपरीक्षण के अतिरिक्त होता है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 11 के नियम 1 से 5 तक के प्रावधानों पर चर्चा की जा रही है।नियम-1 परिप्रश्नों द्वारा प्रकटीकरण कराना किसी भी वाद में वादी...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 56: आदेश 10 नियम 3 एवं 4 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 10 न्यायालय द्वारा पक्षकारों की विवाधक तय करने के पूर्व ली जाने वाली परीक्षा है। यह दोनों नियम पक्षकारों की ऐसी परीक्षा का सार लिखे जाने के निर्देश न्यायालय को देते हैं। जैसे पूर्व के आलेख में बताया गया है कि नियम 1 एक आज्ञापक प्रावधान है, जब नियम 1 के अंतर्गत परीक्षा कर ली जाती है तब नियम 3 के अंतर्गत उक्त परीक्षा का सार लिखा जाता है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 3 व 4 पर संयुक्त रूप से टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-3 परीक्षा का सार...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 55: आदेश 10 नियम 1 एवं 2 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 10 न्यायालय द्वारा पक्षकारों की विवाधक तय करने के पूर्व ली जाने वाली परीक्षा है। संहिता का यह आदेश एक छोटा सा आदेश है जिसमें कुल चार नियम हैं। इस आदेश को संहिता में रखे जाने का उद्देश्य विचारण पूर्व न्यायालय पक्षकारों के मध्य विवाद को समझ सकें एवं उस विवाद के आधार पर विवाधक बिंदु तय कर सके, यह आदेश न्यायालय के काम में सरलता दिए जाने हेतु संहिता में दिया गया है। इस आलेख के अंतर्गत आदेश 10 के नियम 1 व 2 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 54: आदेश 9 नियम 13 एवं 14 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 9 पक्षकारों के अदालत में उपस्थित होने एवं नहीं होने के संबंध में प्रावधान निश्चित करता है। आदेश 9 का नियम 13 एवं 14 के अधीन एकपक्षीय डिक्री होने पर उसे अपास्त किये जाने हेतु प्रावधान दिए गए हैं। यह अधिकार एक प्रतिवादी का है, इसे अंतर्गत वह अपने विरुद्ध होने वाली किसी डिक्री को अपास्त करने हेतु आवेदन कर सकता है। इस आलेख के अंतर्गत इन दोनों ही नियमों पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-13 प्रतिवादी के विरुद्ध एकपक्षीय डिक्री को...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 53: आदेश 9 नियम 9 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 9 पक्षकारों के अदालत में उपस्थित होने एवं नहीं होने के संबंध में प्रावधान निश्चित करता है। आदेश 9 का नियम 9 नियम 8 के अधीन वाद के खारिज होने पर नया वाद लाने के अधिकार पर रोक लगाता है। यह नियम प्रकार से रेस्जुडिकेट के सिद्धांत पर आधारित है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 9 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-9 व्यतिक्रम के कारण वादी के विरुद्ध पारित डिक्री नए वाद का वर्जन करती है- (1) जहाँ वाद नियम 8 के अधीन पूर्णतः या भागतः खारिज कर दिया...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 52: आदेश 9 नियम 8 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 9 पक्षकारों के अदालत में उपस्थित होने एवं नहीं होने के संबंध में प्रावधान निश्चित करता है। आदेश 9 का नियम 8 केवल प्रतिवादी के उपस्थित होने के संबंध में प्रावधान करता है। यदि किसी वाद में केवल प्रतिवादी उपस्थित होता है तब न्यायालय क्या उपचार कर सकता है यह इस नियम में स्पष्ट किया गया है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 8 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-8 जहाँ केवल प्रतिवादी उपसंजात होता है वहाँ प्रक्रिया- जहाँ वाद की सुनवाई के लिए पुकार...
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 आदेश भाग 51: आदेश 9 नियम 7 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 9 पक्षकारों के अदालत में उपस्थित होने एवं नहीं होने के संबंध में प्रावधान निश्चित करता है। आदेश 9 का नियम 7 प्रतिवादी के अनुपस्थित रहने बाद उपस्थित होकर अनुपस्थिति के हेतुक बताने के संबंध में है। इस आलेख के अंतर्गत नियम 7 पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-7 जहाँ प्रतिवादी स्थगित सुनवाई के दिन उपसंजात होता है और पूर्व अनुपसंजाति के लिए अच्छा हेतुक दिखाता है वहाँ प्रक्रिया-जहाँ न्यायालय ने एकपक्षीय रूप में वाद की सुनवाई स्थगित कर...
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 आदेश भाग 50: आदेश 9 नियम 5 एवं 6 के प्रावधान
सिविल प्रक्रिया संहिता,1908(Civil Procedure Code,1908) का आदेश 9 पक्षकारों के अदालत में उपस्थित होने एवं नहीं होने के संबंध में प्रावधान निश्चित करता है। आदेश 9 का नियम 5 वादी द्वारा समन तामील के खर्चे देने में व्यतिक्रम से संबंधित है एवं नियम 6 प्रतिवादी द्वारा उपस्थित नहीं होने से संबंधित है। इन दोनों परिस्थितियों में न्यायालय क्या निर्णय ले सकता है यह प्रावधान इन नियमों में स्पष्ट होते हैं। इस आलेख के अंतर्गत इन दोनों नियमों पर टिप्पणी प्रस्तुत की जा रही है।नियम-5 जहाँ वादी, समन तामील के बिना...