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राजस्थान न्यायालय शुल्क और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961 की धारा 4 और 5 के तहत न्यायालयों और सार्वजनिक कार्यालयों में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए शुल्क भुगतान का नियम
राजस्थान न्यायालय शुल्क और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961 की धारा 4 और 5 के तहत न्यायालयों और सार्वजनिक कार्यालयों में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए शुल्क भुगतान का नियम

राजस्थान न्यायालय शुल्क और वाद मूल्यांकन अधिनियम, 1961 (Rajasthan Court Fees and Suits Valuation Act, 1961) एक महत्वपूर्ण कानून है जो न्यायालयों (Courts) और सार्वजनिक कार्यालयों (Public Offices) में दस्तावेज़ों (Documents) के लिए शुल्क (Fee) के भुगतान को नियंत्रित करता है।इस अधिनियम के अध्याय II (Chapter II) में शुल्क की देयता (Liability to Pay Fee) से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं कि सरकार को कानूनी कार्यवाहियों (Legal Proceedings) और प्रशासनिक...

हाईकोर्ट जज पर कैसे होती है कानूनी कार्रवाई, कितनी मिलती है सैलरी?
हाईकोर्ट जज पर कैसे होती है कानूनी कार्रवाई, कितनी मिलती है सैलरी?

भारत में हाईकोर्ट न्याय व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वोच्च न्यायालयों के रूप में काम करते हैं और संविधान व कानून की रक्षा करते हैं। हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति, उनका वेतन और उन्हें हटाने की प्रक्रिया भारतीय संविधान में तय की गई है ताकि न्यायपालिका स्वतंत्र और निष्पक्ष बनी रहे।हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 217 के तहत हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति होती है। यह प्रक्रिया कई अधिकारियों की भागीदारी से पूरी होती है, जिनमें...

Explainer | क्या किसी मौजूदा जज के खिलाफ़ FIR दर्ज की जा सकती है? जज के खिलाफ़ शिकायत पर इन-हाउस जांच प्रक्रिया क्या है?
Explainer | क्या किसी मौजूदा जज के खिलाफ़ FIR दर्ज की जा सकती है? जज के खिलाफ़ शिकायत पर इन-हाउस जांच प्रक्रिया क्या है?

गुरसिमरन कौर बख्‍शीदिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास से कथित रूप से बेहिसाब धन बरामद होने की खबरों ने कानूनी बिरादरी में खलबली मचा दी है।जबकि यह समझा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम जस्टिस वर्मा को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है और दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस मामले की जांच कर रहे हैं, आम जनता द्वारा कई चिंताएं जताई जा रही हैं, जो बिल्कुल सही है।यदि किसी न्यायाधीश के पास कथित रूप से बेहिसाब नकदी पाई जाती है, तो क्या इस मुद्दे पर पहले एफआईआर दर्ज नहीं की...