हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट का Jolly LLB 3 के टीज़र को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता से सवाल, पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश पढ़ें
गुजरात हाईकोर्ट ने आगामी फिल्म Jolly LLB 3 के टीज़र को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता से गुरुवार (11 सितंबर) को कहा कि वह पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को पढ़ें, जिसमें इसी तरह की याचिका खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद ही अपनी याचिका के संबंध में कोई निर्णय लें।फिल्म में अक्षय कुमार और अरशद वारसी मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म 19 सितंबर को रिलीज़ होने वाली है।याचिकाकर्ता स्वयं उपस्थित हुए थे। उन्होंने जस्टिस निराल आर...
इतने संवेदनशील क्यों हो रहे हैं?: शिवलिंग की तस्वीर हटाने की याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका (PIL) को खारिज किया, जिसमें आयुर्वेदिक कंपनी के लोगो से शिवलिंग की तस्वीर हटाने की मांग की गई थी।मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा,"आप इन चीजों को लेकर इतने संवेदनशील क्यों हो रहे हैं? धार्मिक भावनाओं में यह अचानक वृद्धि क्यों?"चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन प्राइवेट लिमिटेड नामक 108 साल पुरानी कंपनी के उत्पादों की पैकेजिंग पर शिवलिंग की तस्वीर के इस्तेमाल के खिलाफ दायर याचिका पर...
सहमति से रिश्ता, भले एक विवाहित हो, मान्य: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दो वयस्कों के बीच का संबंध यदि उनमें से एक विवाहित हो—को अदालतें पुराने नजरिए से नहीं देख सकतीं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि न्यायाधीश अपनी व्यक्तिगत नैतिकता ऐसे व्यक्तियों पर थोप नहीं सकते।जस्टिस स्वरना कांत शर्मा ने कहा,“यदि दो वयस्क, भले ही उनमें से एक विवाहित हो, साथ रहने या शारीरिक संबंध बनाने का निर्णय लेते हैं, तो उन्हें अपने निर्णय के परिणामों की जिम्मेदारी भी उठानी होगी। न्यायाधीश अपनी व्यक्तिगत नैतिकता उन पर नहीं थोप सकते। साथ ही, अदालतें यह भी अनदेखा...
स्वीकृत लोन का भुगतान न करना आत्महत्या के लिए उकसाने के समान नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
औरंगाबाद स्थित बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हाल ही में यह निर्णय दिया कि केवल इसलिए कि वित्तीय कंपनी ने प्रक्रियागत आवश्यकताओं के अभाव में स्वीकृत लोन राशि का भुगतान नहीं किया और/या प्रसंस्करण शुल्क की मांग की या एक किस्त अग्रिम ले ली। लोन आवेदक आत्महत्या कर लेता है तो उक्त फर्म या उसके कर्मचारियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने या मानहानि का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस हितेन वेनेगावकर की खंडपीठ ने कहा कि वित्तीय कंपनी के कर्मचारियों का कृत्य 'उकसाने' के समान नहीं हो...
सहमति से वयस्क रिश्ते में रह सकते हैं, भले ही उनमें से कोई एक विवाहित हो: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दो सहमति से वयस्कों के बीच के रिश्ते को, भले ही उनमें से एक विवाहित हो, अदालतें पुराने नज़रिए से नहीं देख सकतीं। साथ ही जज ऐसे व्यक्तियों पर अपनी व्यक्तिगत नैतिकता नहीं थोप सकते।जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने कहा,"यदि दो वयस्क, भले ही उनमें से एक विवाहित हो, साथ रहने या यौन संबंध बनाने का फैसला करते हैं तो उन्हें ऐसे फैसले के परिणामों की ज़िम्मेदारी भी लेनी चाहिए। जज अपने सामने आने वाले पक्षों पर अपनी व्यक्तिगत नैतिकता नहीं थोप सकते। साथ ही अदालतें इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं...
PMLA का सख्ती से पालन किए बिना ज़ब्त संपत्ति को अपने पास रखने की अनुमति देना प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों के उद्देश्य को कमज़ोर करता है: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि PMLA के प्रावधानों का सख्ती से पालन किए बिना ज़ब्त संपत्ति को अपने पास रखने की अनुमति देना इस अधिनियम के विधायी अधिदेश का उल्लंघन होगा। इसमें प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों को शामिल करने के मूल उद्देश्य को ही कमज़ोर करेगा।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि PMLA के तहत तलाशी, ज़ब्ती, ज़ब्ती, कुर्की और रखने की प्रक्रियाएं प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों से जुड़ी हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य की कार्रवाई...
जीवित जन्म लेने पर व्यवहार्य भ्रूण के अधिकारों के लिए कोई कानून नहीं, कानून निर्माताओं को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कानून को व्यवहार्यता के स्तर पर मातृ स्वायत्तता और भ्रूण के अधिकारों के बीच संतुलन को स्पष्ट रूप से रेखांकित करना चाहिए।जस्टिस अरुण मोंगा ने कहा कि वैधानिक सीमा से परे टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी करने के मामलों की बढ़ती संख्या के साथ भ्रूण की व्यवहार्यता का प्रश्न गर्भपात न्यायशास्त्र में काफी महत्वपूर्ण हो गया।अदालत ने कहा,"कानून को व्यवहार्यता के स्तर पर मातृ स्वायत्तता और भ्रूण के अधिकारों के बीच संतुलन को स्पष्ट रूप से रेखांकित करना चाहिए। निस्संदेह, जब तक...
छोटी नोकझोंक क्रूरता नहीं: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
तलाक की अर्जी खारिज करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि साधारण वैवाहिक मतभेद, छोटी-मोटी नोकझोंक या रोज़मर्रा की तकरारें हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13 के तहत "क्रूरता (Cruelty)" नहीं मानी जा सकतीं।जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल और जस्टिस दीपिंदर सिंह नलवा ने कहा, “धारा 13 के तहत क्रूरता वही मानी जाएगी, जो पीड़ित जीवनसाथी के मन में यह उचित आशंका पैदा करे कि साथ रहना उसके लिए हानिकारक या खतरनाक है। सामान्य झगड़े या छोटी-छोटी बातें क्रूरता के दायरे में नहीं आतीं। इस मामले में पति की ओर से...
यूसुफ पठान ने बिना किसी आदेश के सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण किया, इसलिए उन्हें भूखंड छोड़ना होगा: गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाीकोर्ट ने हाल ही में वडोदरा नगर निगम को पूर्व क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद यूसुफ पठान द्वारा एक भूखंड पर अतिक्रमण हटाने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने वाला आदेश बरकरार रखा।ऐसा करते हुए अदालत ने कहा कि पठान द्वारा बिना किसी प्रतिफल के भूखंड पर "लंबे समय तक कब्ज़ा" रखने से उन्हें ज़मीन पर कोई अधिकार नहीं मिलता। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह की अवैधता को जारी नहीं रखा जा सकता। पठान को अतिक्रमणकारी पाते हुए अदालत ने कहा कि उन्हें भूखंड आवंटित करने का कोई आदेश पारित नहीं...
दिल्ली हाईकोर्ट ने नए डेंटल कॉलेज खोलने के लिए राज्य सरकार की NOC अनिवार्य करने वाला नियम बरकरार रखा
दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय दंत चिकित्सा परिषद (नए डेंट कॉलेजों की स्थापना, नए या हायर रिसर्च या ट्रेनिंग कोर्स शुरू करना और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन क्षमता में वृद्धि) विनियम, 2006 के खंड 6(2)(ई) के प्रभाव को बरकरार रखा, जो नए डेंटल कॉलेजों की स्थापना, नए रिसर्च कोर्स आदि की अनुमति से संबंधित है।उल्लेखनीय है कि ये विनियम डेंटल एक्ट, 1948 की धारा 20 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय दंत चिकित्सा परिषद द्वारा तैयार किए गए ।विनियम 6 पात्रता और अर्हता मानदंडों से संबंधित है।विनियम 6(2) में...
गंभीर अपराधों में जब साक्ष्य अभियुक्त को अपराध से जोड़ते हों तो ट्रायल में देरी अपने आप में ज़मानत का आधार नहीं हो सकती: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अभियुक्त के शीघ्र मुकदमे का अधिकार, हालांकि पवित्र है, मगर उन मामलों में कम नहीं किया जा सकता, जहां अभियुक्त के विरुद्ध दोष सिद्ध होने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हों।जस्टिस रविंदर दुदेजा ने कहा,"मुकदमे में देरी, हालांकि खेदजनक है, अपने आप में गंभीर और जघन्य अपराधों से जुड़े मामलों में ज़मानत का आधार नहीं है। खासकर जहां साक्ष्य अभियुक्त को अपराध से जोड़ते हों।"पीठ एक "भाड़े के हत्यारे" द्वारा दायर ज़मानत याचिका पर विचार कर रही थी। उसके बारे में कहा गया कि उसने पीड़िता को...
गृहिणी के प्रयासों से पति की संपत्ति बनती है, पर स्वामित्व अधिकार देने का कानून नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि इस समय गृहिणियों द्वारा घर, परिवार और बच्चों की देखभाल में किए गए योगदान को मान्यता देने के लिए कोई वैधानिक आधार मौजूद नहीं है। ऐसे योगदान अक्सर “छिपे हुए और कम आंके गए” रहते हैं, इसलिए इन आधारों पर न तो स्वामित्व अधिकार तय किए जा सकते हैं और न ही इनके मूल्य का आकलन किया जा सकता है।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा, “शायद भविष्य में विधायिका ऐसे कदम उठाए जिससे गृहिणियों के योगदान को अर्थपूर्ण ढंग से दर्शाया जा सके और उनके अधिकारों...
मद्रास हाईकोर्ट ने ईशा फाउंडेशन पर प्रदूषण नियमों के उल्लंघन के आरोप वाली याचिका खारिज की
मद्रास हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें ईशा फाउंडेशन पर सीवेज और गंदे पानी को पास की जमीन पर छोड़ने का आरोप लगाया गया था और अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।चीफ़ जस्टिस मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुल मुरुगन की खंडपीठ ने नोट किया कि इसी मुद्दे पर याचिकाकर्ता ने बाद में एक और याचिका दायर की थी, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निरीक्षण कर संतोषजनक रिपोर्ट दी थी। इसके बाद कोर्ट ने माना कि मौजूदा याचिका में अब कुछ नहीं बचा है और उसे खारिज कर दिया।...
दिल्ली हाईकोर्ट का एयर इंडिया यात्री पर सख्त रुख, आक्रामक व्यवहार के आरोप में नए सिरे से आरोप तय करने का आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर इंडिया की उड़ान में आक्रामक और अभद्र व्यवहार के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ नए सिरे से आरोप तय करने का आदेश दिया। आरोपी पर चालक दल को धमकाने और उड़ान के दौरान विमान का दरवाजा खोलने की कोशिश करने का भी आरोप है।जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने आरोपी हार्वे मान की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। मान ने अपने खिलाफ तय किए गए आरोपों को चुनौती दी। कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष ने जिन तीन लोगों को गवाह के रूप में नामित किया, उनके बयान दर्ज ही नहीं किए गए।कोर्ट ने कहा कि ट्रायल...
पटना हाईकोर्ट ने बिहार के शराबबंदी कानून को 'ड्रैकोनियन' बताया, कहा- घर जब्त करना मनमाना
पटना हाईकोर्ट ने बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 और बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क नियम, 2021 के प्रावधानों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें 'ड्रैकोनियन' (अत्याचारी) बताया। कोर्ट ने कहा कि ये कानून अधिकारियों को बिना किसी स्पष्ट दिशा-निर्देश के मनमाने और बेलगाम अधिकार देते हैं, जिससे घरों को जब्त करने का एक परेशान करने वाला चलन शुरू हो गया।एक्टिंग चीफ जस्टिस पीबी बाजनथ्री और जस्टिस एसबी पीडी सिंह की खंडपीठ ने महेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।...
आपराधिक मामलों में योगदान देने वाली लापरवाही का सिद्धांत लागू नहीं: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट किया कि आपराधिक मामलों में योगदान देने वाली लापरवाही का सिद्धांत लागू नहीं होता। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई ड्राइवर लापरवाही से गाड़ी चलाकर किसी की मौत का कारण बनता है तो वह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304A के तहत दंडनीय होगा भले ही पीड़ित की ओर से भी कुछ लापरवाही रही हो।जस्टिस मल्लिकार्जुन राव की एकल पीठ ने आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (APSRTC) के एक बस चालक की अपील पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। बस चालक को एक 75 वर्षीय महिला...
सिर्फ टैक्स केस लंबित होने से विदेश यात्रा पर रोक नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट का अहम फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ सिर्फ टैक्स संबंधी मुकदमा लंबित होने के आधार पर उसे विदेश यात्रा करने से नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि विदेश यात्रा का अधिकार मौलिक अधिकार है।जस्टिस एस.एम. मोदक ने यह टिप्पणी राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए की। DRI ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कस्टम एक्ट के तहत दर्ज मामले में आरोपी को विदेश जाने की अनुमति दी गई।मामले के अनुसार आरोपी फर्नीचर व्यवसायी...
समय पर फैसले सुनाने का निर्देश देने वाला सुप्रीम कोर्ट का आदेश राजस्व न्यायालयों पर भी लागू: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि अनिल राय बनाम बिहार राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश जिसमें किसी पीठ द्वारा फैसला सुनाने के लिए अधिकतम 6 महीने की अवधि निर्धारित की गई, राजस्व न्यायालयों पर भी लागू होता है।जस्टिस आलोक माथुर ने कहा, "हमें कोई कारण नहीं दिखता कि सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश को सिविल कोर्ट के विकल्प के रूप में स्वामित्व विवादों के निपटारे के लिए राजस्व न्यायालयों तक भी क्यों न बढ़ाया जाए।"याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उत्तर प्रदेश भूमि अधिग्रहण एवं भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा...
दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉ रिसर्चर के वेतन पर राज्य सरकार से मांगा जवाब, पूछा- 2022 से बढ़ा हुआ वेतन क्यों नहीं?
दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉ रिसर्चर के मासिक वेतन में बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि वह 1 अक्टूबर 2022 से लागू होने वाले बढ़े हुए वेतन को क्यों नहीं दे रही, जबकि इस पर हाई कोर्ट की समिति और चीफ जस्टिस की मंजूरी मिल चुकी है।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस रजनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ 13 लॉ रिसर्चर्स द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इन रिसर्चर्स ने अपने मासिक वेतन को 65,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये करने के साथ-साथ बकाया राशि की भी...
आपराधिक न्यायालय को CrPC की धारा 299 लागू करने से पहले अभियुक्त की फरारी के बारे में पूरी तरह से संतुष्ट होना आवश्यक: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता अभियुक्त के विरुद्ध CrPC 1973 की धारा 299 (अब BNSS की धारा 335) लागू करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि यह प्रावधान केवल जांच अधिकारी के अनुरोध पर आकस्मिक रूप से लागू नहीं किया जा सकता।अदालत ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने केवल जांच अधिकारी और कांस्टेबल के बयानों के आधार पर कार्रवाई की, जबकि अभियुक्त के फरार होने के पर्याप्त प्रमाण नहीं है और उसकी तत्काल गिरफ्तारी की कोई संभावना नहीं है।जस्टिस मोहम्मद यूसुफ वानी की पीठ ने ट्रायल...




















