हाईकोर्ट

अस्पष्ट और तर्कहीन आदेश रद्द: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नगर परिषद अध्यक्ष को हटाने के फैसले पर लगाई रोक
अस्पष्ट और तर्कहीन आदेश रद्द: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नगर परिषद अध्यक्ष को हटाने के फैसले पर लगाई रोक

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत पंजाब म्युनिसिपल एक्ट 1911 की धारा 22 के तहत नगर परिषद, समाना के अध्यक्ष को पद से हटा दिया गया था। कोर्ट ने इसे पूरी तरह से अस्पष्ट और तर्कहीन आदेश माना।जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी और जस्टिस विकास सूरी की खंडपीठ ने मामले को राज्य सरकार को वापस भेज दिया, ताकि वह इस तथ्य पर नए सिरे से निर्णय ले सके कि क्या जिस बैठक में याचिकाकर्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया गया, वह 1911 अधिनियम के प्रावधानों के तहत वैध रूप से...

सिर्फ इतना कहना कि बेटी दुखी थी या अक्सर रोती थी 498A के तहत ससुराल वालों या पति को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं : बॉम्बे हाईकोर्ट
सिर्फ इतना कहना कि 'बेटी दुखी थी' या 'अक्सर रोती थी' 498A के तहत ससुराल वालों या पति को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं : बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी महिला के ससुराल वालों या पति को केवल इस आधार पर धारा 498A (क्रूरता) के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता कि महिला के माता-पिता ने कहा हो कि उनकी बेटी शादी में 'असंतुष्ट' थी या 'रोती रहती थी'।जस्टिस मिलिंद सथाये ने पुणे की सत्र न्यायालय के 17 नवंबर 1998 के फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें रामप्रकाश मनोहर को धारा 498A (क्रूरता) और धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत उसकी पत्नी रेखा की आत्महत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। रेखा ने नवंबर...

मूल दस्तावेज़ के खो जाने या नष्ट होने का सख्त प्रमाण मिलने पर ही स्वीकार होगे द्वितीयक साक्ष्य: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
मूल दस्तावेज़ के खो जाने या नष्ट होने का सख्त प्रमाण मिलने पर ही स्वीकार होगे द्वितीयक साक्ष्य: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अहम निर्णय में कहा कि अदालतें तभी द्वितीयक साक्ष्य स्वीकार कर सकती हैं जब मूल दस्तावेज़ के खो जाने, नष्ट होने या विपक्षी पक्ष द्वारा जानबूझकर रोककर रखने का ठोस और विश्वसनीय प्रमाण प्रस्तुत किया जाए। केवल आरोप लगाना या बिना साक्ष्य के दावा करना इस आधार पर पर्याप्त नहीं होगा।जस्टिस अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने कहा,“जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि वादी द्वारा पंजीकरण के लिए कोई मूल दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं किया गया था। उसने केवल वसीयत की फोटोकॉपी जमा की थी और इस संबंध में...

घरेलू सहायिका आत्महत्या मामले में SP MLA और पत्नी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत, ट्रायल पर लगी रोक
घरेलू सहायिका आत्महत्या मामले में SP MLA और पत्नी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत, ट्रायल पर लगी रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में भदोही से समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक ज़ाहिद बेग @ ज़ाहिद जमाल बेग और उनकी पत्नी सीमा बेग के खिलाफ चल रहे सेशन ट्रायल की आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। विधायक और उनकी पत्नी पर उनकी घरेलू सहायिका की आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ ने विधायक और उनकी पत्नी द्वारा दायर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 528 के तहत याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया। यह याचिका दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग कर रही थी।आवेदकों की ओर से...

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर विभाजित फैसला, मामला चीफ जस्टिस की पीठ को भेजा गया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर विभाजित फैसला, मामला चीफ जस्टिस की पीठ को भेजा गया

जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने विभाजित फैसला सुनाया। राशिद ने ट्रायल कोर्ट द्वारा संसद सत्र में शामिल होने के लिए दी गई हिरासत परोल की अनुमति के साथ लगाए गए चार लाख रुपये के खर्चे को चुनौती दी थी।जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस अनुप जयराम भांबनी की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। जहां जस्टिस विवेक चौधरी ने राशिद की याचिका को खारिज कर दिया, वहीं जस्टिस भांबनी ने याचिका को स्वीकार कर लिया।दोनों जजों के बीच मतभेद होने के कारण अब यह मामला...

बांग्लादेश से हो रहा अवैध प्रवास बदल रहा असम की जनसांख्यिकी, राज्य में बढ़ रहा है असंतोष: गुवाहाटी हाईकोर्ट
बांग्लादेश से हो रहा अवैध प्रवास बदल रहा असम की जनसांख्यिकी, राज्य में बढ़ रहा है असंतोष: गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि बांग्लादेश से हो रहा अवैध प्रवास असम की जनसांख्यिकी (demography) को बदल रहा है, जिसके कारण राज्य में व्यापक असंतोष फैल रहा है।कोर्ट ने यह भी माना कि राज्य सरकार के पास “घोषित विदेशी नागरिकों” (declared foreign nationals) को देश से बाहर निकालने की पूरी शक्ति है। अगर किसी कारण से ऐसे व्यक्तियों को निष्कासित (expel) नहीं किया जा सकता, तो राज्य सरकार उन्हें रोजगार पाने, भूमि खरीदने, भारतीय नागरिक से विवाह करने आदि से रोक सकती है — इसके...

पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति लेकर सास-ससुर को छोड़ा: राजस्थान हाईकोर्ट का सैलरी से 20K काटने का आदेश
पति की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति लेकर सास-ससुर को छोड़ा: राजस्थान हाईकोर्ट का सैलरी से 20K काटने का आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पति की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्त हुई विधवा के वेतन का एक हिस्सा काटे और उसे उसके आश्रित ससुर के खाते में जमा करे। न्यायालय ने पाया कि विधवा ने नियुक्ति मिलते ही अपने ससुराल का घर छोड़ दिया और सास-ससुर को त्याग दिया।जस्टिस फरजंद अली की पीठ ने यह राय व्यक्त की कि अनुकंपा नियुक्ति किसी व्यक्ति विशेष को उसकी व्यक्तिगत क्षमता में नहीं बल्कि मृतक पर आश्रित पूरे परिवार के प्रतिनिधि के रूप में दी जाती है। इसलिए...

पढ़ाई पर ध्यान दो: LLB में 499/500 अंकों की मांग करने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट पर लगाया 20 हजार का जुर्माना
पढ़ाई पर ध्यान दो: LLB में 499/500 अंकों की मांग करने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट पर लगाया 20 हजार का जुर्माना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में लॉ स्टूडेंट द्वारा दायर याचिका को 20,000 के जुर्माने के साथ खारिज कर दिया। छात्रा ने छत्रपति साहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अपनी पहले सेमेस्टर की LLB परीक्षा में 500 में से 499 अंक देने की मांग की थी।जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने याचिकाकर्ता को पुरानी मुकदमेबाज बताया यह देखते हुए कि उसने 2021 और 2022 के बीच कम से कम दस याचिकाएँ जिनमें रिट, समीक्षा और विशेष अपीलें शामिल हैं, दायर की थीं।पांच वर्षीय LLB पाठ्यक्रम की स्टूडेंट ने...

दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश: पत्रकार रजत शर्मा के डीपफेक वीडियो होस्ट करने वाले यूट्यूब चैनल बंद करें
दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश: पत्रकार रजत शर्मा के डीपफेक वीडियो होस्ट करने वाले यूट्यूब चैनल बंद करें

दिल्ली हाईकोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के डीपफेक और मनगढ़ंत वीडियो को होस्ट और प्रसारित करने वाले दो यूट्यूब चैनलों को तत्काल हटाने का आदेश दिया। न्यायालय ने यह फैसला रजत शर्मा के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा की मांग वाली एक याचिका पर सुनाया।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने यूट्यूब प्लेटफॉर्म की मेजबानी करने वाली गूगल एलएलसी को 36 घंटे के भीतर इन दोनों चैनलों को हटाने का निर्देश दिया।इसके साथ ही कोर्ट ने गूगल को एक सप्ताह के भीतर शर्मा को इन चैनलों के BSI विवरण संपर्क जानकारी और...

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट: मेडिकल कोर्स में पूर्ण डोमिसाइल आरक्षण असंवैधानिक, खाली सीटें बाहरी उम्मीदवारों के लिए खोलें
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट: मेडिकल कोर्स में पूर्ण डोमिसाइल आरक्षण असंवैधानिक, खाली सीटें बाहरी उम्मीदवारों के लिए खोलें

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि भले ही केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने के लिए मेडिकल और संबद्ध व्यावसायिक कॉलेजों में सीटों का एक हिस्सा आरक्षित कर सकता है लेकिन ऐसा आरक्षण पूर्ण नहीं हो सकता।न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि स्थानीय आवेदकों की काउंसलिंग के बाद भी सीटें खाली रह जाती हैं तो डोमिसाइल (अधिवास) प्रतिबंध में ढील दी जानी चाहिए, जिससे बाहर के उम्मीदवार भी उन सीटों पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।जस्टिस संजय धर की पीठ जम्मू कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी और...

बार एसोसिएश नें खुद भरें बिजली का बिल: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- वकील कोर्ट के अधिकारी हैं, लेकिन निजी व्यवसायी भी हैं
बार एसोसिएश नें खुद भरें बिजली का बिल: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- वकील कोर्ट के अधिकारी हैं, लेकिन निजी व्यवसायी भी हैं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि राज्य सरकार को बार एसोसिएशनों के बिजली बिलों का भुगतान करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।कोर्ट ने कहा कि यद्यपि वकील न्यायालय के अधिकारी होते हैं लेकिन वे निजी डॉक्टरों का एक निकाय भी हैं। उन्हें उन सुविधाओं की लागत स्वयं वहन करनी चाहिए जिनका वे उपयोग करते हैं।जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ ने सिविल बार एसोसिएशन, बस्ती द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया।याचिका में जिला न्यायालय परिसर के भीतर स्थित बार एसोसिएशन भवन के बिजली...

संविधान विशेषाधिकार का चार्टर नहीं: प्रमोशन में आरक्षण के लिए वैधानिक संशोधन जरूरी, कार्यकारी आदेश पर्याप्त नहीं : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
संविधान विशेषाधिकार का चार्टर नहीं: प्रमोशन में आरक्षण के लिए वैधानिक संशोधन जरूरी, कार्यकारी आदेश पर्याप्त नहीं : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि संविधान के अनुच्छेद 309 के तहत बनाए गए सक्षम वैधानिक नियम के अभाव में केवल कार्यकारी कार्रवाई या नीतिगत निर्णय के आधार पर पदोन्नति में आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता।जस्टिस संदीप मौदगिल की पीठ ने पाया कि हरियाणा स्वास्थ्य विभाग अधीनस्थ कार्यालय लिपिकीय स्टाफ (समूह-सी) सेवा नियम 1997 और समूह-बी सेवा नियम, 1982 में पदोन्नति में ऐसे आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं था। इसके बावजूद, विभाग ने आरक्षण का विस्तार करते हुए अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से संबंधित...

रेप मामलों में पीड़िता का चरित्र हथियार नहीं बन सकता, सहमति का मतलब नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट
रेप मामलों में पीड़िता का चरित्र हथियार नहीं बन सकता, सहमति का मतलब नहीं : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि बलात्कार के मामलों में पीड़िता का चरित्र, चाहे वह कितना भी दागदार क्यों न हो उसे सहमति का अर्थ देने के लिए उसके खिलाफ हथियार नहीं बनाया जा सकता।"जस्टिस अमित महाजन ने इस बात पर जोर दिया कि यहां तक कि एक इच्छुक साथी जो कुछ पैसे के बदले किसी क्लाइंट के साथ जाती है वह भी बलात्कार की शिकार हो सकती है।कोर्ट ने यह टिप्पणी एक बलात्कार के आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए की, जिसने अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की मांग की। आरोपी, एक विवाहित व्यक्ति...

बिना संज्ञेय अपराध पुलिस पूछताछ नहीं कर सकती: मद्रास हाईकोर्ट ने करंट पेपर इन्क्वायरी की प्रथा पर लगाई फटकार
बिना संज्ञेय अपराध पुलिस पूछताछ नहीं कर सकती: मद्रास हाईकोर्ट ने करंट पेपर इन्क्वायरी की प्रथा पर लगाई फटकार

मद्रास हाईकोर्ट ने बिना किसी वैधानिक आधार के पुलिस अधिकारियों द्वारा करंट पेपर इन्क्वायरी आयोजित करने की प्रथा की कड़ी आलोचना की है।जस्टिस बी. पुगलेंधी ने कहा कि इस तरह की अनौपचारिक कार्यवाही को कानून के तहत कोई मान्यता प्राप्त नहीं है और किसी भी व्यक्ति को पुलिस के सामने पेश होने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, जब तक कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 173 के अनुसार किसी संज्ञेय अपराध का खुलासा और रिकॉर्ड न किया गया हो।न्यायालय ने कहा, "यह अदालत यह नोट करने के लिए बाध्य है कि 'करंट...

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रत्यारोपित 253 पेड़ों की जीपीएस-टैग वाली तस्वीरें मांगी, कहा- तस्वीरें दिखाती हैं कि पेड़ पूरी तरह काटे गए, लगाए नहीं गए
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रत्यारोपित 253 पेड़ों की जीपीएस-टैग वाली तस्वीरें मांगी, कहा- तस्वीरें दिखाती हैं कि पेड़ 'पूरी तरह काटे गए, लगाए नहीं गए

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कथित रूप से 'प्रत्यारोपित किए गए 253 पेड़ों की जीपीएस लोकेशन के साथ तस्वीरें पेश करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है। न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद मौजूदा तस्वीरों से पता चलता है कि इनमें से किसी भी पेड़ को प्रत्यारोपित नहीं किया गया है,बल्कि उन्हें पूरी तरह से काट दिया गया है।चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब वह एक समाचार रिपोर्ट पर लिए गए स्वत: संज्ञान के मामले की सुनवाई कर रही थी। इस...

राजस्थान हाईकोर्ट ने साइबर क्राइम आरोपी को दी सशर्त जमानत, शर्तों में टेलीग्राम और व्हाट्सएप यूज करने पर लगाई रोक
राजस्थान हाईकोर्ट ने साइबर क्राइम आरोपी को दी सशर्त जमानत, शर्तों में टेलीग्राम और व्हाट्सएप यूज करने पर लगाई रोक

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में साइबर अपराध के एक 19 वर्षीय आरोपी को सशर्त ज़मानत दी, जिसमें टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल करने पर रोक भी शामिल है, जमानत दी गई।जस्टिस समीर जैन ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि आवेदक युवा है, "जो अपनी किशोरावस्था के अंतिम चरण में है" और वह 15.07.2025 से हिरासत में है। कोर्ट ने कहा कि आरोप पत्र दायर किया जा चुका है।इस प्रकार, मामले के गुण/दोष पर टिप्पणी किए बिना इस कोर्ट ने निम्नलिखित शर्तों के अधीन ज़मानत याचिका स्वीकार कर ली:1. आवेदक अपने नाम...

दिल्ली हाईकोर्ट ने अर्धसैनिक बलों के कर्मियों द्वारा तबादलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं में वृद्धि की ओर इशारा किया, कहा- इसमें तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता
दिल्ली हाईकोर्ट ने अर्धसैनिक बलों के कर्मियों द्वारा तबादलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं में वृद्धि की ओर इशारा किया, कहा- इसमें तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अर्धसैनिक बलों के कर्मियों द्वारा अपने तबादलों को चुनौती देने वाली याचिकाओं की उसके पास प्रतिदिन बाढ़ आ रही है।जस्टिस सी. हरिशंकर और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि न्यायालय को ऐसे मंच के रूप में नहीं देखा जा सकता, जहां स्थानांतरण आदेशों के कार्यान्वयन की गारंटी हो, भले ही स्थानांतरण दिशानिर्देशों का उल्लंघन न करता हो।कोर्ट ने कहा कि उसने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की कि कर्मियों को अनावश्यक असुविधा न हो और दिशानिर्देशों का पूरी ईमानदारी से पालन किया...