हाईकोर्ट
NSA | 'गिरोह' के किसी अन्य सदस्य द्वारा किए गए अपराध के लिए हिरासत को नहीं बढ़ाया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि दंडात्मक कानून के तहत 'गिरोह' को परिभाषित नहीं किया गया। किसी व्यक्ति की निवारक हिरासत को केवल इसलिए नहीं बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि उसके कथित गिरोह के सदस्य ने अन्य अपराध किए।जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत याचिकाकर्ता की हिरासत की अवधि को रद्द करते हुए कहा,"दंडात्मक कानून में 'गिरोह' की ऐसी कोई परिभाषा नहीं है, केवल गैरकानूनी सभा के गठन का प्रावधान है। याचिकाकर्ता उस गैरकानूनी सभा का...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार को नर्सिंग एडमिशन परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य को स्टूडेंट लीडर का एडमिशन फॉर्म स्वीकार करने का निर्देश दिया, जिसे लंबित आपराधिक मामलों के कारण बेसिक BSC और MSC नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करने से रोक दिया गया था।जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ ने कहा कि बिना किसी दोषसिद्धि के केवल लंबित आपराधिक कार्यवाही होने से किसी उम्मीदवार को शिक्षा प्राप्त करने से अयोग्य नहीं ठहराया जाना चाहिए, खासकर जब आरोप नैतिक पतन से जुड़े न हों।"हम देखते हैं कि इस मामले में याचिकाकर्ता स्टूडेंट है। नैतिक पतन से...
BCI संशोधन अधिकार क्षेत्र ग्रहण नहीं कर सकता, जब मामला राज्य बार काउंसिल के समक्ष लंबित हो: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के उस आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई, जिसमें उसने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास मलिक के विरुद्ध पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल के अंतरिम निर्णय को स्थगित कर दिया था।जुलाई में पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल ने मलिक का लाइसेंस निलंबित किया तथा धन के गबन से संबंधित उनके विरुद्ध शिकायतों पर अंतिम निर्णय होने तक उन्हें किसी भी न्यायालय में प्रैक्टिस करने से रोक दिया था। BCI ने निर्णय को पलट दिया।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल...
दुर्भाग्य है कि छोटी बेटियों की मां को बिना किसी प्रथम दृष्टया सबूत के हेरोइन और ड्रग मनी रखने के आरोप में ज़मानत देने से मना कर दिया गया: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अगस्त में बिना किसी प्रथम दृष्टया सबूत के केवल 12 ग्राम हेरोइन और 10,000 रुपये की ड्रग मनी रखने के आरोप में गिरफ्तार की गई तीन छोटी बेटियों की मां को ज़मानत दी।हाईकोर्ट ने कहा,"तीन बेटियों की मां, जिनकी उम्र 4, 2 और 1 वर्ष है, 4 अगस्त 2024 से 12 ग्राम हेरोइन रखने के आरोप में एफआईआर में बंद है, जो अधिकतम मध्यवर्ती मात्रा का सिर्फ 4.8% है और 10,000 रुपये को पुलिस ने बिना किसी प्रथम दृष्टया सबूत के ड्रग मनी करार दिया। उसके अत्यंत दुर्भाग्य से इन सबके बावजूद योग्य...
विभागीय पदोन्नति समिति के निर्णयों में न्यायिक हस्तक्षेप प्रतिबंधित एमपी हाईकोर्ट ने मानकों को स्पष्ट किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ग्वालियर: जस्टिस अनिल वर्मा ने जूनियर इंजीनियर (विद्युत सुरक्षा) एम.एच. कुरैशी द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें असिस्टेंट इंजीनियर (विद्युत सुरक्षा) के पद पर पदोन्नति से इनकार करने को चुनौती दी गई।न्यायालय ने विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) का निर्णय बरकरार रखा, जिसमें याचिकाकर्ता द्वारा आवश्यक मानदंडों को पूरा करने में विफलता का हवाला दिया गया। इस बात पर जोर दिया कि DPC के निर्णयों में न्यायिक हस्तक्षेप केवल विशिष्ट परिस्थितियों में ही उचित है।मामले की...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को दी जा रही मेडिकल देखभाल के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रशासन को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मेडिकल देखभाल प्रदान करने वाले अस्पतालों के नामों का खुलासा करने का निर्देश दिया और समुदाय के लिए पेंशन योजनाओं के निर्माण पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी।चीफ जस्टिस ताशी रबस्तान और जस्टिस पुनीत गुप्ता की पीठ ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण और अधिकारों से संबंधित जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किए।एजाज अहमद बंड और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक NALSA बनाम...
हिरासत के दौरान आरोपी द्वारा अपना मोबाइल फोन न दिखाना 'असहयोग' नहीं: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि हिरासत में रहने के दौरान आरोपी द्वारा पुलिस को अपना मोबाइल फोन न दिखाना 'असहयोग' नहीं माना जा सकता, क्योंकि आरोपी को संविधान के अनुच्छेद 20(3) के तहत संरक्षण प्राप्त है।जस्टिस डॉ. वी.आर.के. कृपा सागर की एकल पीठ पूर्व सांसद एन. सुरेश बाबू और व्यवसायी अवुतु श्रीनिवास रेड्डी (याचिकाकर्ता) की जमानत याचिकाओं पर विचार कर रही थी।अभियोजन पक्ष का कहना है कि याचिकाकर्ताओं ने YSRCP पार्टी के 70 अन्य लोगों के साथ जबरन TDP के राज्य कार्यालय में प्रवेश किया और TDP समर्थकों और...
Bahraich Violence | 'यह कहने का कोई कारण नहीं कि UP Govt विध्वंस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करेगी': इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (इसके उपाध्यक्ष, यूपी ईस्ट, सैयद महफूजुर रहमान के माध्यम से) द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई क। उक्त याचिका में बहराइच हिंसा मामले में आरोपियों की संपत्तियों को ध्वस्त करने की उत्तर प्रदेश सरकार की प्रस्तावित कार्रवाई को चुनौती दी गई है।रविवार की शाम 6 बजे मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने प्रभावित व्यक्तियों को यूपी सरकार द्वारा जारी किए गए विध्वंस नोटिस का जवाब देने...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना नेता के खिलाफ 'पन्ना खोके एकदम ओके' चिल्लाने वाले वकील के खिलाफ दर्ज FIR रद्द की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक वकील के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द कर दिया, जिसने कुछ किसानों के साथ, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के काफिले के सामने आंदोलन किया था, जो शिवसेना (एकनाथ शिंदे) समूह में शामिल हो गए थे, "पन्नास खोके, ठीक है" (पचास करोड़ सब ठीक है) जैसे नारे लगाकर आंदोलन किया था।विशेष रूप से, इस नारे का इस्तेमाल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए किया गया है, जिन्होंने मूल शिवसेना के 40 विधायकों के साथ विद्रोह कर दिया और भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा के गठबंधन में शामिल...
भोजन तैयार नहीं करने को लेकर दंपति/परिवार के सदस्यों के बीच तीखी बहस आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए पर्याप्त नहीं: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा है कि भोजन की तैयारी जैसे घरेलू मुद्दों पर परिवार के सदस्यों के बीच तीखी बहस को रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं माना जा सकता है।जस्टिस एमए चौधरी ने दो आरोपियों राकेश कुमार और हरबंस लाल को प्रिन्सिपल सेशन जज , राजौरी द्वारा बरी किए जाने को चुनौती देने वाली राज्य की आपराधिक अपील को खारिज करते हुए ये टिप्पणियां कीं। यह मामला 1 मई, 2009 को राकेश कुमार की पत्नी संजोक्ता कुमारी की आत्महत्या से उपजा था। पुलिस रिपोर्ट के...
किसानों के विरोध के बीच 2024 सीजन की फसल के लिए जगह बनाने के लिए पिछले सीजन के धान को उठाने की याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार, FCI से स्टेटस रिपोर्ट मांगी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आज पंजाब सरकार और भारतीय खाद्य निगम (FCI) से पंजाब में खरीफ विपणन सीजन 2024-2025 के लिए भंडारण सुविधा से धान उठाने और मिल्ड चावल के लिए जगह बनाने के निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर स्थिति रिपोर्ट मांगी है।कथित तौर पर, एफसीआई के गोदामों में भंडारण स्थान की कमी और मंडियों में नए धान के आगमन ने राज्य में संकट को बढ़ा दिया है। किसानों ने 13 अक्टूबर से पूरे पंजाब में अपने धान की खरीद न होने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। चीफ़ जस्टिस शील नागू और जस्टिस...
पक्षकारों को नोटिस जारी करना निष्पक्ष सुनवाई नियम का हिस्सा है, संपत्ति म्यूटेशन कार्यवाही में इसका पालन किया जाना चाहिए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फिर से पुष्टि की
संपत्ति म्यूटेशन कार्यवाही में नोटिस जारी करने के महत्व पर जोर देते हुए, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने पुष्टि की कि नोटिस जारी करना - निष्पक्ष सुनवाई नियम का एक अनिवार्य घटक, यह सुनिश्चित करता है कि पक्षों को किसी भी कार्यवाही में उपस्थित होने का पर्याप्त अवसर दिया जाए - चाहे वह अदालत के समक्ष हो या किसी सक्षम प्राधिकारी के समक्ष। ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने पाया कि 2015 में जब याचिकाकर्ताओं के मकान के म्यूटेशन को खारिज करने का आदेश पारित किया गया था, तब राज्य द्वारा याचिकाकर्ता को कभी...
बिना उचित जांच के अनुशासनात्मक कार्रवाई अवैधः मेघालय हाईकोर्ट
मेघालय हाईकोर्ट की एक पीठ ने एक फैसले में कहा कि उचित अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं का पालन किए बिना गारो हिल्स स्वायत्त जिला परिषद (GHADC) से श्री सेनोरा जॉनी अरेंग को बर्खास्त करना अवैध था। जस्टिस डब्ल्यू डिएंगदोह ने पाया कि बर्खास्तगी ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन किया, विशेष रूप से याचिकाकर्ता को बर्खास्त करने से पहले जांच करने में विफलता हुई। कोर्ट ने GHADC को याचिकाकर्ता को सभी वित्तीय लाभों के साथ बहाल करने का आदेश दिया गया।कोर्ट ने फैसले में बर्खास्तगी से पहले औपचारिक जांच की...
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले विधायकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने कहा, उम्मीद है कि चुनाव आयोग 'फर्जी मतदान' से बचने के लिए कोई मॉड्यूल विकसित करेगा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार (18 अक्टूबर) को एक स्वतंत्र विधायक द्वारा डुप्लीकेट वोटर कार्ड के मुद्दे को उजागर करने वाली याचिका को खारिज करते हुए भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि वह 'स्वतंत्र और निष्पक्ष' चुनाव कराएगा। जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और संतोष चपलगांवकर की खंडपीठ ने उम्मीद जताई कि ईसीआई आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कोई 'फर्जी' मतदान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कोई 'मॉड्यूल' विकसित करेगा।पीठ ने कहा कि विधायक चंद्रकांत निंबा पाटिल ने इस तथ्य को उजागर...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 35 वर्षीय विधि छात्र को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया, कॉलेज की गलती के कारण उसे प्रवेश दिया गया था
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 35 वर्षीय विधि छात्र को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिसे ब्रोशर के नियमों के विरुद्ध विधि महाविद्यालय में प्रवेश दिया गया था और पहले सेमेस्टर की परीक्षा में सफल होने के बाद उसका प्रवेश रद्द कर दिया गया था। जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस विकास बधवार की पीठ ने कहा कि छात्र ने महाविद्यालय के साथ धोखाधड़ी नहीं की है, “यह आश्चर्यजनक है कि विधि महाविद्यालय ने न केवल लापरवाही से काम किया है, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हुए उनसे फीस वसूलने के लिए...
ड्राइविंग स्कूल लाइसेंस धारक की मृत्यु पर स्वतः रद्द होने का कोई प्रावधान नहीं, राज्य को उत्तराधिकारी को हस्तांतरण की अनुमति देनी चाहिए: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि लाइसेंसधारी की मृत्यु पर मोटर ड्राइविंग स्कूल चलाने के लिए लाइसेंस को स्वतः रद्द करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि इसके लिए कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। इसलिए न्यायमूर्ति रेखा बोराना की पीठ ने इस आशय के आदेश को रद्द कर दिया और परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि वह मृतक की पत्नी (याचिकाकर्ता) की योग्यता का आकलन लागू कानूनों के तहत करे, ताकि उसे ऐसा लाइसेंस दिया जा सके और यदि वह योग्य पाई जाती है, तो उसके पति का लाइसेंस उसके नाम पर स्थानांतरित कर दिया...
दिल्ली हाईकोर्ट ने पुनर्विचार याचिका को अनुमति दी, कम योग्यता के आधार पर याचिकाकर्ता को नियुक्त करने के प्रतिवादियों को दिए गए निर्देश को वापस लिया
दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एक पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें प्रतिवादी को एक अभ्यर्थी (रिट याचिकाकर्ता) की नियुक्ति को वापस लेने का निर्देश देने वाले आदेश पर पुनर्विचार की मांग की गई थी। पीठ में जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर शामिल हैं। पूनर्विचार की मांग इस आधार पर की गई थी कि अभ्यर्थी ने मेरिट सूची में अपना स्थान नहीं बनाया था, हालांकि, एकल न्यायाधीश ने प्रतिवादियों को उसकी नियुक्ति के प्रस्ताव को वापस लेने का निर्देश दिया था।न्यायालय ने हाईकोर्ट के उस आदेश का...
अवैध रूप से प्रतिबंधित पदार्थ ले जा रहे वाहन का स्वामित्व मात्र NDPS Act के तहत अपराध में संलिप्तता का संकेत नहीं देता: राजस्थान हाईकोर्ट
964 किलोग्राम पोस्ता भूसा के संबंध में NDPS Act के तहत आरोपित आरोपी को जमानत देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस राजेंद्र प्रकाश सोनी की पीठ ने फैसला सुनाया कि जिस वाहन से प्रतिबंधित पदार्थ बरामद किया गया, उसके स्वामित्व या उससे संबंध मात्र से यह संकेत नहीं मिलता कि आरोपी को अपराध की जानकारी थी या वह वास्तव में उसमें संलिप्त था।मामले के तथ्य यह थे कि पुलिस को चौराहे पर वाहन खड़ा मिला, जिसका टायर पंक्चर था> चालक की तरफ के दरवाजे पर गोली के निशान थे और चालक की सीट पर खून लगा था। जब उसकी तलाशी...
गुजरात हाईकोर्ट ने जजों, कर्मचारियों और उनके परिवार के लिए निःशुल्क और कैशलेस चिकित्सा सुविधा शुरू की
गुजरात हाईकोर्ट ने जजों, न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवारों के लिए निःशुल्क और कैसलेस चिकित्सा सुविधाओं की शुरुआत की है। चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और हाईकोर्ट चिकित्सा सुविधा समिति के जजों के मार्गदर्शन में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य वित्तीय बोझ के बिना सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। हाईकोर्ट कैंपस में चिकित्सा सुविधाअपने कर्मचारियों की स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, गुजरात हाईकोर्ट के परिसर में एक समर्पित चिकित्सा सुविधा स्थापित की गई है। यह सुविधा...
MP Civil Services (Pension) Rules | रिटायरमेंट के बाद विभागीय जांच जारी रह सकती है, दंड आदेश केवल राज्यपाल द्वारा पारित किया जा सकता है: हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्वालियर में रिटायर्ड वन रेंजर हरिवल्लभ चतुर्वेदी पर जुर्माना लगाने वाला आदेश रद्द कर दिया। न्यायालय ने कहा कि मध्य प्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के तहत उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।न्यायालय ने कहा कि सरकारी कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद केवल राज्यपाल ही विभागीय जांच के आधार पर ऐसे दंडात्मक आदेश जारी कर सकते हैं।जस्टिस अनिल वर्मा की अध्यक्षता वाली अदालत ने कहा,“नियम 1976 के नियम 9(2)(ए) के अनुसार सेवानिवृत्ति से पहले विभागीय जांच शुरू की गई। इसलिए...