हाईकोर्ट

वरिष्ठता का दावा तब तक स्वीकार्य नहीं, जब तक कि स्थानांतरण आदेश में पूर्व सेवा को स्पष्ट रूप से समाप्त नहीं कर दिया जाता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
वरिष्ठता का दावा तब तक स्वीकार्य नहीं, जब तक कि स्थानांतरण आदेश में पूर्व सेवा को स्पष्ट रूप से समाप्त नहीं कर दिया जाता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि वरिष्ठता के लिए दावा कायम नहीं रखा जा सकता, जहां स्थानांतरण की शर्तों में स्पष्ट रूप से प्रावधान है कि पिछली सेवा को वरिष्ठता के उद्देश्य से नहीं गिना जाएगा। जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस रंजन शर्मा ने कहा, “जब यह शर्त प्रदान की गई कि पिछली वरिष्ठता जब्त कर ली जाएगी, तो भविष्य में वरिष्ठता के लिए दावा नहीं किया जा सकता। यदि ऐसा कोई तरीका अपनाया जाता है तो यह अपात्रों को पात्र बनाने और उक्त पद को ऐसे व्यक्ति द्वारा भरने के बराबर होगा जो कट ऑफ डेट के समय पात्र...

कोई भी कानून से ऊपर नहीं: हाईकोर्ट ने अपहरण मामले में संलिप्तता की जांच के लिए ADPG को गिरफ्तार करने का दिया आदेश
'कोई भी कानून से ऊपर नहीं': हाईकोर्ट ने अपहरण मामले में संलिप्तता की जांच के लिए ADPG को गिरफ्तार करने का दिया आदेश

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को अपहरण मामले में कथित संलिप्तता की जांच के लिए एडिशनल पुलिस डायरेक्टर जनरल (ADPG) एचएम जयराम को गिरफ्तार करने का आदेश दिया।जस्टिस ने केवी कुप्पम विधायक "पूवई" जगन मूर्ति से भी जांच अधिकारियों के साथ सहयोग करने को कहा।जस्टिस पी वेलमुरुगन ने पुलिस को कानून के अनुसार ADPG के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि एक लोक सेवक होने के नाते जयराम जनता के प्रति जवाबदेह हैं। जज ने कहा कि जनता को यह कड़ा संदेश जाना चाहिए कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं...

FSL रिपोर्ट गायब, मात्रा के कॉमर्शियल होने पर संदेह: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने NDPS मामले में दी जमानत
FSL रिपोर्ट गायब, मात्रा के कॉमर्शियल होने पर संदेह: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने NDPS मामले में दी जमानत

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने NDPS Act के तहत आरोपी को जमानत दी, जिसमें कहा गया कि अभियोजन पक्ष जांच में अंतराल और महत्वपूर्ण FSL रिपोर्ट की अनुपस्थिति के कारण कॉमर्शियल मात्रा में प्रतिबंधित दवाओं के कब्जे को प्रथम दृष्टया साबित करने में विफल रहा।जस्टिस संजय धर की पीठ ने जमानत याचिका को यह देखते हुए स्वीकार कर लिया कि आरोपी से जब्त कथित कोडीन सिरप की 11 बोतलों में से केवल 3 को ही रासायनिक विश्लेषण के लिए भेजा गया था, जिससे इस बात पर गंभीर संदेह पैदा होता है कि क्या शेष बोतलों में कोई प्रतिबंधित...

2012 में मानसिक रूप से विकलांग बच्चियों के साथ
2012 में मानसिक रूप से विकलांग बच्चियों के साथ 'न्यू ईयर पार्टी' पर कार्रवाई नहीं होने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार और उसके अधिकारियों को खुद पर 'शर्म' आनी चाहिए कि वे 11 साल बाद भी यह नहीं बता पाए कि क्या उन्होंने दिसंबर 2012 में 'चौंकाने वाली' न्यू ईयर पार्टी के लिए चिल्ड्रन एड सोसाइटी (CAS) और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है, जिसमें मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए बने गृह में 20 मानसिक रूप से विकलांग लड़कियों को 'कम कपड़ों में' डांसरों के साथ नाचने के लिए मजबूर किया गया था।याचिका के अनुसार मुंबई के मानखुर्द में...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के लापता व्यक्ति के मामले में डीजीपी से हलफनामा मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के लापता व्यक्ति के मामले में डीजीपी से हलफनामा मांगा

जनता की शिकायतों को प्राप्त करने और उनका समाधान करने के अपने कर्तव्य से बचने के लिए राज्य के पुलिस अधिकारियों की कड़ी आलोचना करने वाले एक कड़े आदेश पारित करने के लगभग एक सप्ताह बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आईपीएस राजीव कृष्ण को वाराणसी के लापता 21 वर्षीय व्यक्ति के मामले के संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस हरवीर सिंह की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि सुनवाई की तारीख 12 जून तक मामले में कोई प्रगति न होना घृणित' है, जबकि लापता...

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अस्थायी संगीत शिक्षिका को पेंशन के लिए अपनी सेवा की योग्यता के लिए राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग करने का निर्देश दिया
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अस्थायी संगीत शिक्षिका को पेंशन के लिए अपनी सेवा की योग्यता के लिए राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियों का उपयोग करने का निर्देश दिया

गुवाहाटी हाईकोर्ट के जस्टिस रॉबिन फुकन की एकल पीठ ने 18 वर्षों तक लगातार सेवा देने के बाद एक अस्थायी संगीत शिक्षक द्वारा दायर नियमितीकरण के लिए याचिका खारिज कर दी न्यायालय ने माना कि दावा न्यायिकता द्वारा वर्जित था क्योंकि इस पर पहले ही निर्णय हो चुका था। हालांकि, न्यायालय ने एक और उपाय प्रदान किया कि याचिकाकर्ता को असम सेवा (पेंशन) नियम, 1969 के नियम 31 और 235 के तहत विवेकाधीन शक्तियों को लागू करने के लिए राज्यपाल से संपर्क करना चाहिए। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ये नियम पेंशन लाभों पर विचार...

अनुच्छेद 20(1) के तहत प्रतिबंध के कारण स्पष्ट प्रावधान के अभाव में आधार अधिनियम के दंडात्मक प्रावधानों को पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट
अनुच्छेद 20(1) के तहत प्रतिबंध के कारण स्पष्ट प्रावधान के अभाव में आधार अधिनियम के दंडात्मक प्रावधानों को पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस उदय कुमार की पीठ ने माना कि आधार अधिनियम, 2016 का बारीकी से अध्ययन करने पर पता चलता है कि इसमें पूर्वव्यापी आवेदन की अनुमति देने वाला कोई प्रावधान नहीं है। जब अधिनियम को पूर्वव्यापी प्रकृति का बनाने वाला कोई प्रावधान नहीं है, तो अधिनियम के लागू होने से पहले किए गए कृत्यों पर इसे लागू करना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20(1) का उल्लंघन होगा। राज्य का 2016 में यानी अधिनियम के लागू होने के बाद कथित अपराध का पता लगाने पर भरोसा करना गलत है, क्योंकि प्रासंगिक तिथि कृत्य का...

बलात्कार के लिए दोषी ठहराने के लिए केवल यौन संभोग का मेडिकल साक्ष्य अपर्याप्त, आरोपी को कृत्य से जोड़ता प्रत्यक्ष साक्ष्य होना चाहिए: J&K हाईकोर्ट
बलात्कार के लिए दोषी ठहराने के लिए केवल यौन संभोग का मेडिकल साक्ष्य अपर्याप्त, आरोपी को कृत्य से जोड़ता प्रत्यक्ष साक्ष्य होना चाहिए: J&K हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि केवल यौन संबंध की पुष्टि करने वाले चिकित्सा साक्ष्य, POCSO अधिनियम या बलात्कार के आरोपों के तहत दोष सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। जस्टिस संजय धर ने दो नाबालिग लड़कियों के अपहरण और यौन उत्पीड़न के आरोपी बासित बशीर के खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आरोपी को इस कृत्य से जोड़ने वाले प्रत्यक्ष या परिस्थितिजन्य साक्ष्य होने चाहिए। न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि अभियोजन पक्ष याचिकाकर्ता को कथित अपराधों से जोड़ने में विफल रहा,...

प्रयोग से वक़्फ़ के रूप में मानी जाने वाली ज़ियारत को वक़्फ़ घोषित करने के लिए औपचारिक अधिसूचना की आवश्यकता नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
प्रयोग से वक़्फ़ के रूप में मानी जाने वाली ज़ियारत को वक़्फ़ घोषित करने के लिए औपचारिक अधिसूचना की आवश्यकता नहीं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि कोई ज़ियारत (दरगाह), दरगाह या अन्य धार्मिक संपत्ति जो जम्मू और कश्मीर वक़्फ़ अधिनियम, 1978 की धारा 3(ड)(i) के तहत प्रयोग से वक़्फ़ (Wakaf by user) के रूप में योग्य हो, उसे वक़्फ़ के रूप में मान्यता देने के लिए किसी औपचारिक घोषणा या अधिसूचना की आवश्यकता नहीं है।जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने ज़ियारत को लेकर जम्मू-कश्मीर वक़्फ़ बोर्ड द्वारा किए गए अधिग्रहण को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की। अदालत ने कहा कि प्रयोग आधारित...

अपराध शाखा की मंजूरी के लिए सेवानिवृत्ति लाभ नहीं रोक सकते: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट
अपराध शाखा की मंजूरी के लिए सेवानिवृत्ति लाभ नहीं रोक सकते: जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश सेखरी की एकल पीठ ने कहा कि केवल अपराध शाखा से मंजूरी लंबित होने के आधार पर सेवानिवृत्ति लाभ नहीं रोका जा सकता, खासकर तब जब एफआईआर को 'सिद्ध नहीं' के रूप में बंद कर दिया गया हो। न्यायालय ने फैसला सुनाया कि भले ही एफआईआर की जांच लंबित हो, लेकिन यह 'न्यायिक कार्यवाही' नहीं है, और इस प्रकार, इसका उपयोग सेवानिवृत्ति लाभ से इनकार करने के लिए नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार, न्यायालय ने नियोक्ता को ब्याज सहित सभी सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करने का...

ग्रेच्युटी अधिनियम की प्रयोज्यता निर्धारित करते समय दैनिक वेतनभोगी और कैजुअल कर्मचारियों की गणना की जानी चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट
ग्रेच्युटी अधिनियम की प्रयोज्यता निर्धारित करते समय दैनिक वेतनभोगी और कैजुअल कर्मचारियों की गणना की जानी चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस शम्पा दत्त (पॉल) की सिंगल जज बेंच ने मिदनापुर जिला सेवा-सह-विपणन एवं औद्योगिक सहकारी संघ लिमिटेड के एक पूर्व कर्मचारी को ग्रेच्युटी देने की अनुमति दे दी। न्यायालय ने माना कि संघ ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 की धारा 1(3)(सी) के दायरे में आता है। न्यायालय ने माना कि 34 वर्ष की सेवा के बाद इन देय राशियों से इनकार करना अनुचित श्रम व्यवहार है। पृष्ठभूमिरेजाउल हक मिदनापुर जिला सेवा-सह-विपणन एवं औद्योगिक सहकारी संघ लिमिटेड के साथ एक सामान्य सहायक और कैशियर के रूप में काम...

ठहरा हुआ समुद्र: समकालीन शिपिंग दुर्घटनाएं और भारत के अप्रमाणित समुद्री कानून
ठहरा हुआ समुद्र: समकालीन शिपिंग दुर्घटनाएं और भारत के अप्रमाणित समुद्री कानून

सिर्फ़ तीन हफ़्तों में, दो बड़े मालवाहक जहाज़ों को भारत के प्रादेशिक जल में परिचालन विफलता का सामना करना पड़ा। पहला जहाज़, लाइबेरियाई ध्वज वाला जहाज़, एमएससी ईएलएसए-3, कथित तौर पर गिट्टी की समस्या से पीड़ित था और परिणामस्वरूप, भारत के प्रादेशिक समुद्र से आगे पलट गया। दूसरे मामले में, सिंगापुर के ध्वज वाले जहाज़ एमवी वान है 503 में आग लग गई, जिसके परिणामस्वरूप कार्गो क्षतिग्रस्त हो गया और जहाज़ नष्ट हो गया। यह अविश्वसनीय है कि यह सब तीन हफ़्तों के भीतर, भारत के प्रादेशिक जल के अंदर हुआ। एमएससी...

दुखद, घिनौनी स्थिति: दिल्ली हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को मृतक IAS अधिकारी के सेवानिवृत्ति लाभ जारी करने का आदेश दिया
'दुखद, घिनौनी स्थिति': दिल्ली हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को मृतक IAS अधिकारी के सेवानिवृत्ति लाभ जारी करने का आदेश दिया

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार के उस व्यवहार पर आश्चर्य व्यक्त किया है जिसमें उन्होंने एक मृत आईएएस कैडर ऑफिसर को लगभग 7 वर्षों के उनके सेवानिवृत्ति लाभों को रोककर उन्हें “पीड़ित” किया। जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस रेणु भटनागर की खंडपीठ ने पाया कि अधिकारी को सबसे पहले वर्ष 2000 में पीड़ित किया गया था, जब मध्य प्रदेश के पुनर्गठन के बाद उन्हें गलत तरीके से छत्तीसगढ़ कैडर आवंटित किया गया था।इसके बाद, राज्य ने मध्य प्रदेश में पुनर्आवंटन के बाद उन्हें कार्य न सौंपकर, उनकी जॉइनिंग को...

राज्यों की ओर से तैयार SOP की अनदेखी के कारण भागे हुए जोड़ों की सुरक्षा के लिए अदालत में याचिकाओं की बाढ़ आ गई: P&H हाईकोर्ट
राज्यों की ओर से तैयार SOP की अनदेखी के कारण भागे हुए जोड़ों की सुरक्षा के लिए अदालत में याचिकाओं की बाढ़ आ गई: P&H हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि काजल मामले में राज्य सरकारों द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की अनदेखी के कारण हाईकोर्ट में भगोड़े दम्पतियों द्वारा संरक्षण याचिकाओं की बाढ़ आ गई है। जस्टिस रोहित कपूर ने कहा कि काजल बनाम हरियाणा राज्य एवं अन्य के मामले में पंजाब, हरियाणा एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ द्वारा अधिसूचित मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है ओर इसकी अनदेखी के कारण न्यायालय में मुकदमेबाजी की बाढ़ आ गई है, "उक्त एसओपी के...

मद्रास हाईकोर्ट ने नई प्ले स्टोर बिलिंग नीति के खिलाफ टेस्टबुक एडु सॉल्यूशंस की याचिका को खारिज करने की गूगल की याचिका खारिज की
मद्रास हाईकोर्ट ने नई प्ले स्टोर बिलिंग नीति के खिलाफ टेस्टबुक एडु सॉल्यूशंस की याचिका को खारिज करने की गूगल की याचिका खारिज की

मद्रास हाईकोर्ट ने गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर उस आवेदन को खारिज कर दिया है, जिसमें टेस्टबुक एडु सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा गूगल की नई बिलिंग नीति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की मांग की गई थी। जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति ने कहा कि टेस्टबुक की याचिका उसी मुद्दे पर अन्य स्टार्टअप द्वारा दायर की गई पिछली याचिकाओं से अलग है, जिन्हें उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। न्यायालय ने कहा कि टेस्टबुक द्वारा उठाए गए तर्क...