हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मस्जिद पर राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा ध्वज फहराने वाले व्यक्ति को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मस्जिद पर राष्ट्रीय ध्वज की जगह भगवा ध्वज फहराने के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार किया।गुरुग्राम के एक पुलिस स्टेशन में भारतीय राष्ट्रीय गौरव अधिनियम की धारा 299, 3(5), 61(2) 196, 238 और राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के तहत FIR दर्ज की गई थी।जस्टिस मनीषा बत्रा ने कहा,"इस स्तर पर अपराध की गंभीरता और सार्वजनिक व्यवस्था एवं सांप्रदायिक शांति पर इसके संभावित प्रभाव को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता द्वारा कोई असाधारण या...
सरोजिनी नगर मार्केट में अनधिकृत निर्माण या अतिक्रमण रोकें: दिल्ली हाईकोर्ट ने NDMC को निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) को शहर के सरोजिनी नगर मार्केट में अनधिकृत या अवैध निर्माण को तत्काल रोकने का निर्देश दिया।जस्टिस मिनी पुष्करणा ने सरोजिनी नगर मार्केट में दुकानदारों द्वारा कथित अवैध अतिक्रमण के खिलाफ NDMC द्वारा की गई कार्रवाई पर जवाब मांगा।न्यायालय ने सरोजिनी नगर मार्केट रेहड़ी पटरी हॉकर्स विकास समिति द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें दुकानदारों द्वारा या मार्केट में किए गए कथित अवैध अतिक्रमण और निर्माण को हटाने की मांग की गई थी।एक अन्य याचिका में NDMC...
यात्री वाहन में ओवरलोडिंग से दुर्घटना नहीं हुई, पॉलिसी का उल्लंघन नहीं: हिमाचल प्रदेश ने बीमा कंपनी को मुआवज़ा देने का निर्देश दिया
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि यात्री वाहन में ओवरलोडिंग बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन या मूलभूत उल्लंघन नहीं है, जब तक कि यह दुर्घटना के कारण से संबंधित न हो।नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम स्वर्ण सिंह 2004 में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर भरोसा करते हुए, जिसमें कहा गया था कि बीमित व्यक्ति की ओर से उल्लंघन यह दर्शाना आवश्यक है कि दुर्घटना या क्षति उल्लंघन के कारण हुई थी।जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर ने टिप्पणी की,"जहां तक एक अतिरिक्त व्यक्ति की ओवरलोडिंग का संबंध है, यह पॉलिसी की शर्तों का...
'हिरासत में रहते हुए गवाहों को प्रभावित किया, कई पुराने कृत्य': गुजरात हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महेश लांगा को जमानत देने से मना किया
गुजरात हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के अपराध सहित दो एफआईआर से जुड़े धन शोधन के एक मामले में पत्रकार महेश लांगा की नियमित ज़मानत याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि उनके कई पुराने कृत्य हैं और हिरासत में रहते हुए उन्होंने गवाहों को प्रभावित किया था। संदर्भ के लिए, एक सत्र न्यायालय ने पिछले साल नवंबर में एक विज्ञापन एजेंसी चलाने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर की गई शिकायत पर उनके खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी की एफआईआर में लांगा को अग्रिम ज़मानत दे दी थी। न्यायालय ने यह देखते हुए ज़मानत दी थी कि एफआईआर की सामग्री...
मीडिया ट्रायल के ज़रिए अदालत को प्रभावित करने की कोशिश?: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल बलात्कार मामले पर फेसबुक पोस्ट को लेकर वकील को फटकार लगाई
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 2025 के नैनीताल बाल यौन उत्पीड़न मामले में अभियुक्तों के बारे में (फेसबुक वीडियो और पोस्ट पर) सार्वजनिक टिप्पणी करने के एक वकील के आचरण पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें प्रस्तावित पुरुषत्व परीक्षण और मेडिकल रिपोर्ट पर टिप्पणी भी शामिल थी, जबकि मुकदमा अभी भी लंबित है। अदालत ने कहा कि इससे मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। गौरतलब है कि यह मामला 73 वर्षीय व्यक्ति (मोहम्मद उस्मान) से जुड़ा है, जिस पर 12 वर्षीय नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।...
गुजरात हाईकोर्ट ने दोषी को 'अवैध' रूप से हिरासत में रखने के लिए वडोदरा जेल प्राधिकरण की आलोचना की, सभी दोषियों के लिए सजा अवधि की पुनर्गणना का आदेश दिया
गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार (एक अगस्त) को वडोदरा जेल प्राधिकरण को एक दोषी को दो महीने आठ दिन तक "अवैध" हिरासत में रखने और दोषी को मिलने वाली सजा की अवधि की गणना में हुई त्रुटि को सुधारने में विफल रहने के लिए फटकार लगाई। न्यायालय ने कहा कि प्राधिकरण ने मनमाने ढंग से और दोषी के मौलिक अधिकारों की पूरी तरह अवहेलना करते हुए काम किया। महात्मा गांधी के इस कथन का हवाला देते हुए कि, "खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है दूसरों की सेवा में खुद को समर्पित कर देना", हाईकोर्ट ने कहा कि बार-बार अवसर मिलने के...
भोपाल गैस त्रासदी: MP हाईकोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया कि वह विषाक्त अवशेषों के निपटान स्थल को आबादी वाले क्षेत्रों से दूर स्थानांतरित करने के मुद्दे की तत्काल जांच करे
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार (31 जुलाई) को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह विषाक्त अवशेषों के निरोधक स्थल को रहने योग्य क्षेत्र से दूर, राज्य में कहीं भी सबसे कम भूकंपीय क्षेत्र में स्थानांतरित करने के मुद्दे की शीघ्र जांच करे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी आकस्मिक रिसाव से भूजल स्रोतों, मनुष्यों, पशुओं या पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। ये टिप्पणियां 2004 में मूल रूप से दायर एक जनहित याचिका में की गईं, जिसमें 1984 की गैस त्रासदी के स्थल, यूनियन कार्बाइड के आसपास के दूषित...
दिल्ली हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न के आरोपी के खिलाफ दर्ज FIR रद्द की, सरकारी अस्पताल में 6 महीने सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महिला कर्मचारी का यौन उत्पीड़न और उसका पीछा करने के आरोप में एक नियोक्ता के खिलाफ दर्ज FIR रद्द कर दी। साथ ही उसे अगले छह महीनों तक हर रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी अस्पताल में सामुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया।जस्टिस रविंदर डुडेजा ने महिला द्वारा दर्ज FIR रद्द की, क्योंकि दोनों पक्षों ने जुलाई में समझौता कर मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया था।भारतीय दंड संहिता 1860 (IPC) की धारा 354(ए) (यौन उत्पीड़न), 354(डी) (पीछा करना) और 509 (महिला की गरिमा का...
कृषि भूमि से संबंधित रद्द योग्य सेल डीड के विवाद सिविल कोर्ट ही सुलझा सकते हैं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि वादपत्र में लगाए गए आरोप यह संकेत देते हैं कि संपत्ति का हस्तांतरण रद्द योग्य है तो ऐसे मामलों में केवल सिविल कोर्ट को ही अधिकार होगा राजस्व कोर्ट को नहीं। चाहे विवादित संपत्ति कृषि भूमि ही क्यों न हो और भले ही राजस्थान भू-स्वामी अधिनियम 1955 की धारा 207 में इसके लिए राजस्व न्यायालय का उल्लेख हो।जस्टिस चंद्रशेखर शर्मा की पीठ ने यह टिप्पणी पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान की, जिसमें याचिकाकर्ता ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश में CPC की...
अमेरिका से निर्वासितों किए गए लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां: कानूनी परिप्रेक्ष्य
इस साल अमेरिका से सैकड़ों अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर कई प्रवासी उड़ानें अमृतसर पहुंची। इसमें भारतीय नागरिकों के एक समूह को अमेरिका से निर्वासित किया गया। इसकी शुरुआत 5 फरवरी को हुई, जब लगभग 104 भारतीय अवैध प्रवासियों को एक अमेरिकी सैन्य विमान से भारत निर्वासित किया गया, और फिर यह प्रक्रिया कई उड़ानों के माध्यम से 300 से अधिक भारतीयों को निर्वासित करने के लिए जारी रही। निर्वासितों के आगमन ने सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया और उनकी निंदा की गई क्योंकि उन्हें हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां लगाई गई...
HP Land Revenue Act | वित्त आयुक्त, जिला कलेक्टर द्वारा रद्द किए गए आदेश को अवैध घोषित किए बिना उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते: हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वित्त आयुक्त द्वारा पारित आदेश यह कहते हुए रद्द कर दिया कि उन्होंने अप्रासंगिक और गैर-मौजूद सामग्री का सहारा लेकर और कलेक्टर के निर्णय में बिना कोई कानूनी दोष या विकृति घोषित किए हस्तक्षेप करके अपने अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया।वित्त आयुक्त का निर्णय रद्द करते हुए जस्टिस सत्येन वैद्य ने कहा,"वित्त आयुक्त ने विवादित आदेश पारित करते समय अप्रासंगिक और गैर-मौजूद सामग्री पर अपनी राय आधारित करके और जिला कलेक्टर के आदेश को अवैध या विकृत घोषित किए बिना उसमें हस्तक्षेप करके...
हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 22 के तहत संपार्श्विक दीवानी और आपराधिक मुकदमों के बचाव के लिए वैवाहिक मुकदमे के विवरण का खुलासा वर्जित नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने माना है कि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 (Hindu Marriage Act) की धारा 22, जो वैवाहिक विवादों के विवरण के प्रकाशन पर रोक लगाती है, पूर्णतः लागू नहीं है।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिसि हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने इस प्रकार अपीलकर्ता की पत्नी, उसके भाई और नियोक्ता को अपीलकर्ता द्वारा स्वयं शुरू किए गए संपार्श्विक दीवानी और आपराधिक मुकदमों में वैवाहिक मुकदमे और संबंधित हिरासत कार्यवाही के विवरण का खुलासा करने से रोकने से इनकार कर दिया।खंडपीठ ने टिप्पणी की,“इस प्रावधान द्वारा जिस...
यमुना में केवल शुद्ध जल ही छोड़ा जाए: दिल्ली हाईकोर्ट ने DJB और MCD से कार्य-योजना मांगी
दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी में शुद्ध जल के अलावा किसी भी प्रकार के अपशिष्ट जल के प्रवाह पर गंभीर चिंता जताते हुए दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और दिल्ली नगर निगम (MCD) को निर्देश दिया कि वे इस विषय पर एक संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कोर्ट ने यह रिपोर्ट एक विशेष समिति द्वारा दायर निरीक्षण रिपोर्ट के आलोक में मांगी है, जिसमें यह उजागर किया गया कि दिल्ली के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) से अब भी अनुपचारित यानी बिना शुद्ध किया गया जल सीधे यमुना में छोड़ा जा रहा है।जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस...
नशे में गाड़ी चलाने पर बीमा कंपनी की जिम्मेदारी खत्म करने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन की सिफारिश: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे मोटर वाहन अधिनियम 1988 में आवश्यक संशोधन करें ताकि नशे में वाहन चलाने के मामलों में बीमा कंपनियों को मुआवज़ा देने की ज़िम्मेदारी से मुक्त किया जा सके।जस्टिस उमेश एम. अडिगा की एकल पीठ ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 149(2) के तहत बीमा कंपनी केवल उन्हीं परिस्थितियों में जिम्मेदारी से बच सकती है, जो उसमें निर्दिष्ट हैं और उसमें ड्रंक एंड ड्राइव (नशे में गाड़ी चलाना) शामिल नहीं है।कोर्ट ने टिप्पणी की,“ड्रंक एंड ड्राइव एक सामाजिक...
"क्या संविधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों पर फिल्म बनाने का कोई नियम-विरोध है : बॉम्बे हाईकोर्ट ने CBFC से पूछा, कहा- 'अजेय' फिल्म देखें और प्रमाणन पर निर्णय लें
बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को निर्देश दिया कि वह 'अजेय' फिल्म को देखकर उस पर प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) को लेकर विधिसम्मत निर्णय ले। यह फिल्म उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित एक पुस्तक पर आधारित है।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने नाराजगी जताई कि CBFC ने 17 जुलाई को अदालत में यह कहकर आश्वासन दिया कि वह नियमों के अनुसार निर्णय लेगा। फिर भी उसने फिल्म देखे बिना ही फिल्म निर्माताओं का आवेदन अस्वीकार कर दिया।कोर्ट...
कैदियों को फर्लो की अनुमति देने का उद्देश्य सामाजिक पुनर्वास, केवल अधिक समय तक बाहर रुकने के आधार पर लगातार फर्लो से इनकार करना उचित नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि फर्लो के दौरान अधिक समय तक बाहर रुकने की पुरानी घटनाएं विशेष रूप से अगर वे एक दशक पहले हुई हों, अपने आप में फर्लो अवकाश से बार-बार इनकार करने का आधार नहीं हो सकतीं, खासकर जब से दोषी को तब से रिहा ही नहीं किया गया हो। कोर्ट ने दोहराया कि इस प्रकार का इनकार फर्लो की मूल भावना यानी सुधार और सामाजिक पुनःएकीकरण के उद्देश्य को विफल करता है।जस्टिस अनिल एल. पंसारे और जस्टिस एम.एम. नेर्लीकर की खंडपीठ आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषी द्वारा दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई कर...
बिना स्टांप वाले एग्रीमेंट के आधार पर अस्थायी निषेधाज्ञा नहीं दी जा सकती, भले ही प्रतिवादी ने इसे मान लिया हो: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि अगर कोई समझौता बिना स्टांप और रजिस्ट्री के है, तो उस पर भरोसा करके अंतरिम रोक का आदेश नहीं दिया जा सकता। भले ही प्रतिवादी मान ले कि उसने समझौता किया है, लेकिन ऐसे दस्तावेज़ कानून में मान्य नहीं होते जब तक कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम के तहत सही तरह से स्टांप और पंजीकरण न हो।जस्टिस एसजी चपलगांवकर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें ट्रायल कोर्ट और अपीलीय अदालत द्वारा पारित समवर्ती आदेशों को चुनौती दी गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता के खिलाफ अस्थायी निषेधाज्ञा दी गई थी,...
चूककर्ता निदेशक को सभी कंपनियों से अयोग्य घोषित किया जा सकता है, धारा 164 अनुच्छेद 19(1)(जी) पर उचित प्रतिबंध: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना कि कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 164 के तहत, किसी व्यक्ति को उस कंपनी में निदेशक पद से अयोग्य ठहराया जा सकता है जिसके विरुद्ध आरोप लगाए गए हैं, साथ ही किसी अन्य कंपनी के संबंध में भी, जिसमें वह व्यक्ति निदेशक है और जिसके विरुद्ध कोई आरोप नहीं लगाया गया है। याचिकाकर्ता निदेशकों ने तर्क दिया था कि उन्हें मेसर्स विहान कंपनी से, जिसके संबंध में आरोप लगाए गए हैं, अयोग्य ठहराया गया है, बल्कि किसी अन्य कंपनी के संबंध में भी अयोग्य ठहराया गया है, और उन्हें सभी कंपनियों से अंतरिम...
लॉ ग्रेजुएट ने दहेज की शिकायतों में जवाबदेही के लिए PIL दायर की, केरल हाईकोर्ट ने कार्रवाई के आंकड़ों के प्रकाशन पर राज्य का रुख पूछा
एक विधि स्नातक और लोक नीति पेशेवर ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राज्य को केरल दहेज निषेध नियम, 2004 के नियम 5 के तहत की गई शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई के संबंध में जवाबदेही सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की है। नियम 5 में पक्षकार, माता-पिता या रिश्तेदार द्वारा क्षेत्रीय दहेज निषेध अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है।यह जनहित याचिका दहेज जैसी सामाजिक बुराई को रोकने के उद्देश्य से दायर की गई थी। याचिका के अनुसार, दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3, जो...
यह मानना 'अपमानजनक' है कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों की अपराधियों से जुड़ने की संभावना अधिक होती है: P&H हाईकोर्ट ने ड्रग्स मामले में किशोर को जमानत दी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाशिए पर पड़े समुदायों के बारे में रूढ़िबद्ध धारणा के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि यह मान लेना मनमाना है कि झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के अपराधियों के संपर्क में आने की संभावना अधिक होती है। न्यायालय ने यह टिप्पणी एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में विधि-संघर्षरत बालक (CICL) को ज़मानत देते हुए की, जिसमें 39.7 किलोग्राम गांजा (व्यावसायिक मात्रा) शामिल था। इस मामले में अधिकतम तीन साल की सज़ा में से उसने दो साल हिरासत में बिताए थे।अतिरिक्त सत्र...




















