सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी मामले में टाइम्स नाउ की एंकर नविका कुमार के खिलाफ कठोर कार्रवाई न करने का निर्देश दिया

Brij Nandan

8 Aug 2022 8:35 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर मुहम्मद पर नूपुर शर्मा की टिप्पणी मामले में टाइम्स नाउ की एंकर नविका कुमार के खिलाफ कठोर कार्रवाई न करने का निर्देश दिया

    सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को टाइम्स नाउ (Times Now) की एंकर नविका कुमार (Navika Kumar) को एक शो में पैगंबर मुहम्मद के बारे में नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज एफआईआर/शिकायतों और भविष्य में एफआईआऱ/शिकायतों से अंतरिम सुरक्षा प्रदान किया।

    जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हेमा कोहली की पीठ ने 26 मई को प्रसारित चैनल शो में की गई टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज कई एफआईआर के खिलाफ नविका कुमार द्वारा दायर रिट याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह अंतरिम आदेश पारित किया।

    कुमार की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि कुमार ने कोई विवादास्पद टिप्पणी नहीं की।

    रोहतगी ने कहा,

    "उस स्पेशल डिबेट में एंकर ने कुछ नहीं कहा था। डिबेट ज्ञानवापी के बारे में थी। अचानक एक प्रतियोगी ने बोलना शुरू किया, दूसरे ने जवाब दिया। याचिकाकर्ता ने कुछ नहीं कहा। उसने वास्तव में यह कहकर आग बुझा दी कि हमें संविधान के अनुसार जाना है।"

    उन्होंने बताया कि पहली एफआईआर दिल्ली में दर्ज की गई और मामलों को दिल्ली एफआईआर के साथ जोड़ने की मांग की गई।

    उन्होंने कहा कि कुमार को ढेरों एफआईआर का सामना करना पड़ रहा है और अकेले कोलकाता में उनके खिलाफ छह एफआईआर दर्ज हैं। उन्होंने टीटी एंटनी मामले के फैसले पर भरोसा किया जिसमें कहा गया था कि एक ही अपराध के संबंध में दूसरी एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है।

    सीनियर वकील ने यह भी बताया कि अदालत ने मुख्य आरोपी नुपुर शर्मा को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है।

    सीनियर एडवोकेट डॉ मेनका गुरुस्वामी पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश हुईं और कहा कि पहली एफआईआर कोलकाता में दर्ज की गई और दिल्ली की एफआईआर संबंधित प्रसारण से संबंधित नहीं है।

    रोहतगी ने जवाब दिया,

    "इस मामले में पश्चिम बंगाल राज्य का विशेष हित क्या है?"

    पीठ ने नोटिस जारी करने पर सहमति व्यक्त की, जिसे दो सप्ताह के भीतर जवाब के साथ वापस किया जाना है और कठोर कार्रवाई से अंतरिम राहत दी गई।

    आदेश में कहा गया है,

    "इस बीच, अंतरिम उपाय के रूप में, 26 मई के प्रसारण के संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी / शिकायतों या भविष्य की प्राथमिकी / शिकायतों के अनुसार याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।"

    रोहतगी ने जांच पर अंतरिम रोक लगाने का भी दबाव बनाया। हालांकि, पीठ ने कहा कि वह प्रतिवादियों को सुने बिना ऐसा आदेश पारित नहीं कर सकती।

    जस्टिस मुरारी ने रोहतगी से कहा,

    "यह आदेश आपके उद्देश्य की पूर्ति करेगा।"

    19 जुलाई, 2022 को, भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को अंतरिम राहत के रूप में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ पैगंबर मोहम्मद पर उनकी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में दर्ज कई एफआईआऱ में कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए।

    जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने पहले उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को क्लब करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वही राहत भविष्य में किसी भी एफआईआर या शिकायत को कवर करेगी जो दर्ज की जा सकती है या उनके खिलाफ विचार किया जा सकता है।

    केस टाइटल: नविका कुमार बनाम भारत सरकार एंड अन्य | डब्ल्यूपी (सीआरएल) 286 ऑफ 2022


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