संपादकीय

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
मेडिकल एडमिशन: सुप्रीम कोर्ट ने सीएमसी वेल्लोर और तमिलनाडु सरकार के बीच 50-50 सीटों के बंटवारे के समझौते को "न्यायसंगत" के रूप में मंजूरी दी

सुप्रीम कोर्ट ने 50-50 के आधार पर एमबीबीएस और पीजी मेडिकल सीटों को आपस में साझा करने के लिए वेल्लोर और तमिलनाडु राज्य में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) द्वारा सहमत सीट-साझाकरण फॉर्मूला को मंजूरी दे दी।अदालत ने 10 अगस्त को पारित आदेश में कहा,"मौजूदा मामले के अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम पाते हैं कि वर्तमान याचिका के पक्षकारों के बीच जो व्यवस्था हुई है, वह उचित और निष्पक्ष है।"जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सीएमसी वेल्लोर द्वारा दायर रिट याचिका का...

गुजरात दंगा साजिश मामला: सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया, गुरुवार को होगी सुनवाई
गुजरात दंगा साजिश मामला: सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया, गुरुवार को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) के खिलाफ गुजरात दंगों (Gujarat Riots) की साजिश के मामले में राज्य के उच्च पदाधिकारियों को फंसाने के लिए रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए गुजरात एटीएस द्वारा दर्ज मामले में जमानत की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।शुरुआत में, बेंच के पीठासीन जस्टिस उदय उमेश ललित ने सीनियर एडवोकेट कपिल सिबल से पूछा, जो तीस्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, क्या उन्हें इस मामले में कोई आपत्ति है क्योंकि उन्होंने सोहराबुद्दीन...

AIFF Election- खिलाड़ियों का समान प्रतिनिधित्व जरूरी, बाईचुंग भूटिया ने सीओए का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
AIFF Election- 'खिलाड़ियों का समान प्रतिनिधित्व जरूरी', बाईचुंग भूटिया ने सीओए का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान बाइचुंग भूटिया (Bhaichung Bhutia) ने सीओए द्वारा अंतिम रूप दिए गए संविधान के मसौदे को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के नए संविधान के रूप में अपनाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है।बाइचुंग भूटिया ने कहा कि यह प्राथमिकता है और खिलाड़ियों के कल्याण को बढ़ावा देता है। कई वर्षों से भारतीय फुटबॉल को नियंत्रित कर रहा है।भूटिया द्वारा दायर हस्तक्षेप आवेदन में यह भी मांग की गई है कि शीर्ष अदालत द्वारा 03.08.2022 को पारित आदेश में एआईएफएफ की...

अधिकांश गरीब लोग प्रायवेट वकील नियुक्त करने के लिए मजबूर हुए : जस्टिस यू यू ललित ने एलएडीसी प्रणाली के शुभारंभ पर कहा
अधिकांश गरीब लोग प्रायवेट वकील नियुक्त करने के लिए मजबूर हुए : जस्टिस यू यू ललित ने एलएडीसी प्रणाली के शुभारंभ पर कहा

राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों में लीगल एड डिफेंस काउंसिल (एलएडीसी) प्रणाली के शुभारंभ पर राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष और भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने रविवार को कहा कि हाशिए की आबादी को कानूनी सहायता देने के लिए देश पूरे में 365 एलएडीसी कार्यालय स्थापित किए गए हैं।एलएडीसी नालसा द्वारा वित्त पोषित परियोजना है जो अभियुक्त व्यक्तियों को आपराधिक मुकदमों में अपना बचाव करने के लिए मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करती है।जस्टिस ललित ने अपनी अध्यक्षता में...

छात्र जीवंत लोकतंत्र का निर्माण करें, जहां पहचान और राय के अंतर का सम्मान किया जाए : सीजेआई रमना
छात्र जीवंत लोकतंत्र का निर्माण करें, जहां पहचान और राय के अंतर का सम्मान किया जाए : सीजेआई रमना

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने विजयवाड़ा में आचार्य नागार्जुन यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए छात्रों से जीवंतता और आदर्शवाद से भरे लोकतंत्र का निर्माण करने का आग्रह किया, जहां पहचान और राय के अंतर का सम्मान किया जाए। सीजेआई ने छात्रों की घटती सामाजिक भागीदारी पर अफसोस जताया। उन्होंने याद किया कि पहले के दिनों में यूनिवर्सिटी विभिन्न सामाजिक आंदोलनों के लिए उपजाऊ आधार हुआ करते थे।उन्होंने कहा,"मुझे डर है कि संस्थान अपनी सामाजिक प्रासंगिकता खो रहे हैं। हम शिक्षा के...

बिलकिस बानो मामला| सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को छूट का फैसला करने का अधिकार देने में गलती की: सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन
बिलकिस बानो मामला| सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को छूट का फैसला करने का अधिकार देने में गलती की: सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन

क्रिमिनल लॉ एक्सपर्ट सीनियर एडवोकेट रेबेका एम जॉन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह मानते हुए गलती की कि गुजरात राज्य के पास बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की सजा की छूट का फैसला करने का अधिकार क्षेत्र है।लाइव लॉ के साथ एक साक्षात्कार में जॉन ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 432 (7) के अनुसार, यह वह राज्य होगा, जहां मुकदमा चलाया गया हो और जहां सजा पारित की गई हो, जिसके पास छूट के लिए आवेदनों पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र हो।उन्होंने समझाया कि इस स्थिति को यूनियन ऑफ इंडिया बनाम वी श्रीहरन @...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
जब गवाह की गवाही 'न तो पूरी तरह विश्वसनीय हो और न ही पूरी तरह अविश्वसनीय' हो तो कुछ पुष्टि आवश्यक है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब एक ओकुलर गवाही "न पूरी तरह से विश्वसनीय और न ही पूरी तरह से अविश्वसनीय"की श्रेणी में आ जाए तो कुछ पुष्टि आवश्यक है।इस मामले में, अभियुक्तों को निचली अदालत द्वारा धारा 302 के साथ पठित धारा 149, धारा 307 के साथ पठित धारा 149 और भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 148 के तहत दोषी ठहराया गया था। हाईकोर्ट ने अपील को खारिज करते हुए दोषसिद्धि की पुष्टि की थी।शीर्ष अदालत के समक्ष अपीलकर्ताओं की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट राजुल भार्गव ने दलील दी कि प्रत्यक्षदर्शी की गवाही में...

सौदेबाजी की असमान शक्ति के कारण हाशिए पर रहने वाले लोग मध्यस्थता में अक्सर कम में समझौता करते हैं : जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
सौदेबाजी की असमान शक्ति के कारण हाशिए पर रहने वाले लोग मध्यस्थता में अक्सर कम में समझौता करते हैं : जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि हाशिए पर रहने वाले लोग अक्सर मध्यस्थता (Mediation)के मामलों में नुकसान उठाते हैं, क्योंकि उनके पास विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि के लोगों के समान सौदेबाजी (Bargaining) करने की शक्ति नहीं होती।उन्होंने कहा कि मूर्त और अमूर्त संसाधनों का कब्जा मध्यस्थता प्रक्रिया में शामिल पक्षों की सौदेबाजी और बातचीत की शक्ति में योगदान देता है। साथ ही आय, शिक्षा, व्यवसाय और अमूर्त संसाधन जैसे सामाजिक स्थिति और आत्मसम्मान जैसे मूर्त संसाधन पार्टियों...

अनुसूचित अपराध से बरी किए गए व्यक्ति के खिलाफ पीएमएलए के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
अनुसूचित अपराध से बरी किए गए व्यक्ति के खिलाफ पीएमएलए के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि अनुसूचित अपराध से बरी किए गए व्यक्ति पर धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने उप राजस्व अधिकारी रहे आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा 13(1)(ई) के साथ पठित धारा 13(2) के तहत मामला दर्ज किया है। ट्रायल के लंबित रहने के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपी, उसकी पत्नी और बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया और विशेष अदालत के समक्ष पीएमएलए अधिनियम की धारा 3 के तहत शिकायत दर्ज की। बाद में, विशेष...

एक ऐसा व्यक्ति जो अदालत के सामने पेश नहीं होता, वह एडवोकेट नहीं हो सकता, भले ही बार काउंसिल में उसका इनरोलमेंट हो : गुजरात हाईकोर्ट
एक ऐसा व्यक्ति जो अदालत के सामने पेश नहीं होता, वह एडवोकेट नहीं हो सकता, भले ही बार काउंसिल में उसका इनरोलमेंट हो : गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने दोहराया कि एक वकील जो अदालतों के सामने पेश नहीं होता है और खुद को "एडवोकेट" के रूप में नामित नहीं कर सकता है, भले ही वह बार काउंसिल में नामांकित हो।कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट अधिनियम और बार काउंसिल के नियमों के अनुसार, एक बार रोजगार की शर्तों के लिए एक वकील को अदालतों के सामने याचना करने और पेश होने की आवश्यकता नहीं होती है, तो रोजगार की इस अवधि के दौरान, किसी व्यक्ति को 'एडवोकेट' नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वह एक एडवोकेट के रूप में प्रैक्टिस नहीं कर रहा...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
अनुकंपा नियुक्ति योजना में वित्तीय मानदंडों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति योजना में दिए गए अनुकंपा नियुक्ति के वित्तीय मानदंडों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा, "अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए वित्तीय मानदंड प्रदान करने वाले नियम वैध और कानूनसम्‍मत नियम हैं, जिन्हें सख्ती से समझा जाना चाहिए, अन्यथा अनुकंपा नियुक्ति के लिए आरक्षित कोटा उन लोगों को छोड़कर भरा जाएगा, जो अधिक तीव्र वित्तीय संकट में हो सकते हैं।"इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए...

डोलो- 650 टैबलेट निर्धारित करने के लिए फार्मा कंपनियों ने डॉक्टरों को 1000 करोड़ के मुफ्त उपहार दिए : एफएमआरएआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
डोलो- 650 टैबलेट निर्धारित करने के लिए फार्मा कंपनियों ने डॉक्टरों को 1000 करोड़ के मुफ्त उपहार दिए : एफएमआरएआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि सेंट्रल बोर्ड फॉर डायरेक्ट टैक्स ने फार्मा कंपनी पर डोलो टैबलेट, जो बुखार कम करने वाली दवा है, उसकी 650mg की खुराक निर्धारित करने के लिए के लिए डॉक्टरों को 1000 करोड़ रुपये के मुफ्त उपहार वितरित किए हैं।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए एस बोपन्ना पीठ के समक्ष एसोसिएशन की ओर से पेश सीनियर एडवोकेटसंजय पारिख ने कहा कि 500mg तक डोलो का बाजार मूल्य विनियमित है, हालांकि 500mg से अधिक की खुराक...

चेक अहार्ता द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों की समाप्ति से पहले दर्ज की गई चेक बाउंस शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है: सुप्रीम कोर्ट
चेक अहार्ता द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों की समाप्ति से पहले दर्ज की गई चेक बाउंस शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चेक अहार्ता द्वारा नोटिस प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों की समाप्ति से पहले दर्ज की गई चेक बाउंस शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है।इस मामले में आरोपी को 8 नवंबर 2005 को नोटिस मिला था और 22 नवंबर 2005 को पंद्रह दिन की अवधि पूरी होने से पहले शिकायत दर्ज की गई थी। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया लेकिन हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता की अपील को मंजूर करते हुए आरोपी को दोषी करार दिया।सुप्रीम कोर्ट के समक्ष निम्नलिखित मुद्दे पर विचार किया गया: क्या निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट,...

सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के एकमात्र कारण पर रेप आरोपी को आरोपमुक्त करने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द किया
'सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के एकमात्र कारण पर रेप आरोपी को आरोपमुक्त करने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के आधार पर बलात्कार के एक आरोपी को आरोप मुक्त कर दिया गया था।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला विकृत और पूरी तरह से समझ से बाहर है। बेंच ने टिप्पणी की, ".. हाईकोर्ट का आक्षेपित आदेश पूरी तरह से समझ से बाहर है। हमारे सामने अब तक एक ऐसा मामला नहीं आया है जहां हाईकोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के आधार पर बलात्कार के आरोप के...