सुप्रीम कोर्ट में पीएमएलए जजमेंट के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर

Brij Nandan

22 Aug 2022 6:24 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट में पीएमएलए जजमेंट के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर

    विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत संघ मामले में 27 जुलाई के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर की गई है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) को गिरफ्तारी, कुर्की और तलाशी और जब्ती की शक्ति को बरकरार रखा गया था।

    सीजेआई एनवी रमना के समक्ष याचिका का उल्लेख किया गया। कोर्ट ने कहा कि इसे सूचीबद्ध किया जाएगा।

    आक्षेपित निर्णय के माध्यम से जस्टिस ए.एम. खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी.टी. रविकुमार ने पीएमएलए की धारा 5, 8(4), 15, 17 और 19 के प्रावधानों की संवैधानिकता को बरकरार रखा, जो ईडी की गिरफ्तारी, कुर्की, तलाशी और जब्ती की शक्तियों से संबंधित हैं।

    अदालत ने अधिनियम की धारा 24 के तहत सबूत के उल्टे बोझ को भी बरकरार रखा और कहा कि अधिनियम के उद्देश्यों के साथ इसका "उचित संबंध" है।

    अदालत ने पीएमएलए अधिनियम की धारा 45 में जमानत के लिए "दो शर्तों" को भी बरकरार रखा और कहा कि निकेश थरचंद शाह मामले में सुप्रीम कोर्ट (दो शर्तें) के फैसले के बाद भी संसद 2018 में उक्त प्रावधान में संशोधन करने के लिए सक्षम थी।

    पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में बताई गई खामियों को दूर करने के लिए संसद वर्तमान स्वरूप में धारा 45 में संशोधन करने के लिए सक्षम है।

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