संपादकीय

कम CIBIL स्कोर के आधार पर स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट
कम CIBIL स्कोर के आधार पर स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कहा कि कम CIBIL (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड) स्कोर के आधार पर एक स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता है।जस्टिस पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने बैंकों को एजुकेशन लोन के लिए किए गए आवेदनों पर विचार करते समय 'मानवीय दृष्टिकोण' अपनाने को कहा।कोर्ट ने कहा,"छात्र कल के राष्ट्र निर्माता हैं। उन्हें भविष्य में इस देश का नेतृत्व करना है। केवल इसलिए जिस स्टूडेंट ने एजुकेशन लोन के लिए आवेदन किया है, उसका सिबिल स्कोर कम, इस आधार पर बैंक को एजुकेशन लोन के लिए किए...

सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग बेटे को भारत लाने के निर्देशों का उल्लंघन करने पर एनआरआई पिता को 6 महीने की कैद और 25 लाख का जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग बेटे को भारत लाने के निर्देशों का उल्लंघन करने पर एनआरआई पिता को 6 महीने की कैद और 25 लाख का जुर्माना लगाया

सुप्रीम कोर्ट ने समय-समय पर शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेशों और अपनी अंडरटेकिंग के अनुसार नाबालिग बेटे को भारत वापस लाने में विफल रहने के लिए एक अनिवासी भारतीय को अदालत की अवमानना ​​के लिए छह महीने की कैद और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की पीठ ने कहा कि अवमाननाकर्ता अपने नाबालिग बेटे को 1 जुलाई 2022 को भारत वापस लाने के लिए बाध्य था। पीठ ने पाया कि अवमाननाकर्ता ने पछतावे का कोई संकेत नहीं दिखाया और अदालत के आदेशों के लिए उसके मन में बहुत कम सम्मान...

महिलाओं को शिक्षा के अधिकार और प्रजनन स्वायत्तता के बीच चयन करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट
महिलाओं को शिक्षा के अधिकार और प्रजनन स्वायत्तता के बीच चयन करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने मातृत्व अवकाश से वंचित होने के बाद मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमईडी) पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए अटेंडेंस में छूट की मांग करने वाली एक महिला उम्मीदवार को राहत दी है। और कहा कि महिलाओं को शिक्षा के अधिकार और प्रजनन स्वायत्तता के अधिकार के बीच चयन करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा,"संविधान ने एक समतावादी समाज की परिकल्पना की है जहां नागरिक अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं, और समाज के साथ-साथ राज्य भी अपने अधिकारों की अभिव्यक्ति की अनुमति देगा।...

दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में मौत की सजा की मांग वाली NIA की याचिका पर यासीन मलिक को जारी किया नोटिस
दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में मौत की सजा की मांग वाली NIA की याचिका पर यासीन मलिक को जारी किया नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग एक मामले में दोषी ठहराए गए कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की मौत की सजा की मांग वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी की याचिका पर नोटिस जारी किया।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने संबंधित तिहाड़ जेल अधीक्षक के माध्यम से यासीन मलिक को नोटिस जारी किया और मामले को 09 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि एक क्षेत्र को देश से अलग करने का प्रचार करना मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला...

वेटिंग लिस्ट से रिक्तियों को भरने का कर्तव्य केवल किसी अनिवार्य नियम के आधार पर उत्पन्न हो सकता है : सुप्रीम कोर्ट
वेटिंग लिस्ट से रिक्तियों को भरने का कर्तव्य केवल किसी अनिवार्य नियम के आधार पर उत्पन्न हो सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्राथमिक विद्यालय शिक्षक के रूप में भर्ती के उद्देश्य से अतिरिक्त/प्रतीक्षा सूची (वेटिंग/ एडिशनल लिस्ट) में एक उम्मीदवार के नाम का प्रकाशन करना, ऐसे उम्मीदवार के पक्ष में नियुक्त होने का कोई अधिकार नहीं होगा। कर्नाटक शिक्षा विभाग सेवा (लोक निर्देश विभाग) (भर्ती) नियम, 1967 की प्रविष्टि 66, जो अतिरिक्त सूची के बारे में बात करती है, नियुक्तियों के लिए राज्य को अनिवार्य रूप से बाध्य नहीं करती है।मुख्य न्यायाधीश डॉ धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने...

संविधान की कॉपी जलाना: कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 2018 के एससी/एसटी एक्ट मामले की जांच पूरी करने में विफल रहने पर एसीपी को समन भेजा
संविधान की कॉपी जलाना: कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 2018 के एससी/एसटी एक्ट मामले की जांच पूरी करने में विफल रहने पर एसीपी को समन भेजा

साल 2018 में संसद मार्ग पर एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इस दौरान संविधान की कॉपी जलाई गई और एससी/एसटी समुदाय के खिलाफ नारेबाजी की गई थी। मामले में दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की थी। लेकिन पुलिस समय पर जांच पूरी नहीं कर सकी। इसको लेकर दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को फटकार लगाई है।सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा,“कोर्ट ने बार- बार जांच अधिकरियों से अनुरोध किया कि एससी- एसटी एक्ट के तहत साल 2018 से लंबित जांच 60 दिनों के भीतर पूरी की जाए। लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हुई। ये निराशाजनक स्थिति...

कर्जदार द्वारा तीसरे पक्ष की किराए की दुकान के रूप में दी गई सुरक्षा को स्वीकार नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
कर्जदार द्वारा तीसरे पक्ष की किराए की दुकान के रूप में दी गई सुरक्षा को स्वीकार नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा कि तीसरे पक्ष से संबंधित किराये की दुकान के रूप में निर्णीत ऋणी द्वारा दी गई सुरक्षा, जिसका ज़मानत किरायेदार है, उसको कानून में सुरक्षा के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।जस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर विचार कर रहे है, जिसने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया, जहां बाद वाले ने अपीलकर्ताओं द्वारा प्रदान की गई ज़मानत खारिज कर दी और प्रांतीय लघु वाद न्यायालय...

कथित भ्रष्ट आचरण से संबंधित सामग्री तथ्यों की पैरवी करने में विफलता चुनाव याचिका के लिए घातक : सुप्रीम कोर्ट
कथित भ्रष्ट आचरण से संबंधित सामग्री तथ्यों की पैरवी करने में विफलता चुनाव याचिका के लिए घातक : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कथित भ्रष्ट आचरण से संबंधित सामग्री तथ्यों की पैरवी करने में विफलता चुनाव याचिका के लिए घातक है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब चुनाव याचिका में एक निर्वाचित प्रतिनिधि के खिलाफ भ्रष्ट आचरण के आरोप लगाए जाते हैं, तो कार्यवाही वस्तुतः अर्ध-आपराधिक हो जाती है। इसके अलावा, इस तरह की याचिका का परिणाम बहुत गंभीर होता है, जो लोगों के एक लोकप्रिय निर्वाचित प्रतिनिधि को बाहर कर सकता है। इसलिए, भ्रष्ट आचरण के आधार से संबंधित सामग्री तथ्यों को बताने की आवश्यकता का अनुपालन न...

एससी / एसटी एक्ट - आरोपी पर ट्रायल चलाने से पहले यह वांछनीय है कि जाति संबंधी कथनों को एफआईआर या चार्जशीट में रेखांकित किया गया हो : सुप्रीम कोर्ट
एससी / एसटी एक्ट - आरोपी पर ट्रायल चलाने से पहले यह वांछनीय है कि जाति संबंधी कथनों को एफआईआर या चार्जशीट में रेखांकित किया गया हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(1)(x) के तहत कथित अपराध के लिए किसी आरोपी पर ट्रायल चलाने से पहले, यह वांछनीय है कि जाति संबंधी कथनों को या तो एफआईआर में या कम से कम चार्जशीट में रेखांकित किया गया हो । पीठ ने कहा कि ये मामले का संज्ञान लेने से पहले यह पता लगाने में सक्षम होगा कि क्या अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत अपराध के लिए मामला बनता है (रमेश चंद्र वैश्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य)।"चूंकि...

शुरुआती वर्षों में न्यायिक अधिकारी की निपटान लक्ष्यों में अक्षमता को गंभीरता से नहीं देखा जाना चाहिए; सुप्रीम कोर्ट ने सिविल न्यायाधीशों (जूनियर डिवीजन) के लिए एसीपी नियमों में छूट दी
शुरुआती वर्षों में न्यायिक अधिकारी की निपटान लक्ष्यों में अक्षमता को गंभीरता से नहीं देखा जाना चाहिए; सुप्रीम कोर्ट ने सिविल न्यायाधीशों (जूनियर डिवीजन) के लिए एसीपी नियमों में छूट दी

निपटान के निर्धारित लक्ष्यों तक पहुंचने में न्यायिक अधिकारी की अक्षमता या कैरियर के प्रारंभिक चरण के दौरान मात्रात्मक मानदंडों को पूरा नहीं करने को गंभीरता से नहीं देखा जाना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने सिविल न्यायाधीशों (जूनियर डिवीजन) के लिए प्रथम सुनिश्चित कैरियर प्रगति (एसीपी) के अनुदान के मानदंडों में ढील देने के लिए दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग द्वारा दिए गए सुझाव को स्वीकार करते हुए यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की। वर्तमान में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) 5 साल की सेवा पूरी करने के बाद ही पहले एसीपी...

अदालतों को टेंडर या अनुबंध से जुड़े मामलों में आमतौर पर दखल नहीं देना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
अदालतों को टेंडर या अनुबंध से जुड़े मामलों में आमतौर पर दखल नहीं देना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि कोर्ट को टेंडर या अनुबंध से जुड़े मामलों में आमतौर पर दखल नहीं देना चाहिए। एक रिट अदालत को किसी निविदाकर्ता की बोली को स्वीकार करने या न करने के संबंध में अपने निर्णय को नियोक्ता पर थोपने से बचना चाहिए, जब तक कि कुछ बहुत ही घोर या स्पष्ट सामने न हो।मुख्य न्यायाधीश डॉ धनंजय वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने टाटा मोटर्स लिमिटेड बनाम बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (बेस्ट) और अन्य की अपील पर फैसला सुनाते हुए...

नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने की मांग
नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने की मांग

नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन कराने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका दायर की गई है।याचिकाकर्ता का कहना है कि लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति को उद्घाटन के लिए आमंत्रित न करके संविधान का उल्लंघन किया है।एडवोकेट सीआर जया सुकिन ने पार्टी-इन-पर्सन के रूप में याचिका दायर की है। याचिका में लोकसभा सचिवालय को निर्देश देने की मांग की गई है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराया जाए।गौरतलब है कि 18 मई को लोकसभा...

हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि जिला न्यायाधीशों के समान अनुपात में होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि जिला न्यायाधीशों के समान अनुपात में होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों के वेतन, पेंशन, ग्रेच्युटी, सेवानिवृत्ति की आयु आदि पर द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) की विभिन्न सिफारिशों को स्वीकार करते हुए अपने फैसले में टिप्पणी की कि जिला न्यायाधीशों के कार्य अनिवार्य रूप से हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के समान ही हैं। इसलिए हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि जिला न्यायाधीशों के वेतनमान में उसी अनुपात में परिलक्षित होनी चाहिए।फैसले में यह भी कहा गया कि न्यायाधीश राज्य के कर्मचारी नहीं है, बल्कि सार्वजनिक पद के धारक...

सेक्स वर्क अपराध नहीं, एक बालिग सेक्स वर्कर को बिना किसी कारण के हिरासत में रखना अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है: मुंबई कोर्ट
सेक्स वर्क अपराध नहीं, एक बालिग सेक्स वर्कर को बिना किसी कारण के हिरासत में रखना अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है: मुंबई कोर्ट

"देश में सेक्स वर्क अपराध नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थान पर वेश्यावृत्ति एक अपराध हो सकता है। अगर कोई सेक्स वर्कर अपनी किसी निजी जगह पर इस काम में लिप्त है तो गलत नहीं है।"ये कहते हुए मुंबई सेशन कोर्ट ने 34 साल की कथित सेक्स वर्कर को रिहा करने का आदेश दिया।एडिशनल सेशन जज सीवी पाटिल ने कथित सेक्स वर्कर को हिरासत में रखने के मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया और शेल्टर होम में रखी गई महिला को रिहा करने का निर्देश दिया। महिला पर देह व्यापार का आरोप था।जज ने कहा,"दूसरों की तरह इस महिला को भी काम...

Supreme Court
अवकाश बेंच के सामने निर्देश लेने वाले वकील ही मेंशन कर सकते हैं, सीनियर वकील नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी को उसके समक्ष मामले मेंशन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की अवकाशकालीन खंडपीठ ने कहा कि अवकाश पीठ के नियमों के अनुसार केवल निर्देश लेने वाले वकीलों को ही मामला मेंशन करना चाहिए, न कि सीनियर वकीलों को।रोहतगी ने दिल्ली में बिजली की समस्या से जुड़े मामले को मेंशन करने की मांग की। कथित तौर पर, चिलचिलाती गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की चरम खपत में काफी वृद्धि हुई है। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग...

अवुलपल्ली जलाशय: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार पर एनजीटी के 100 करोड़ के जुर्माने पर रोक लगाई, 25 करोड़ जमा करने का आदेश दिया
अवुलपल्ली जलाशय: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार पर एनजीटी के 100 करोड़ के जुर्माने पर रोक लगाई, 25 करोड़ जमा करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के जल संसाधन विभाग पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा चित्तूर जिले में अवुलापल्ली जलाशय के निर्माण के लिए पर्यावरण संबंधी नियमों का उल्लंघन कर पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने के लिए लगाए गए 100 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगा दी।राज्य के अधिकारियों द्वारा आठ सप्ताह की अवधि के भीतर 25 करोड़ रुपये की राशि जमा करने के अधीन रहने की अनुमति दी जाती है।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एम.एम. सुंदरेश की खंडपीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए कहा,"अपीलकर्ताओं द्वारा...

दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर वसूले गए उपयोगकर्ता विकास शुल्क पर कोई सेवा कर लागू नहीं : सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर वसूले गए उपयोगकर्ता विकास शुल्क पर कोई सेवा कर लागू नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि हवाई अड्डे के संचालन, रखरखाव और विकास संस्थाओं द्वारा संबंधित हवाईअड्डों से प्रस्थान करने वाले यात्रियों से लगाया और एकत्र किया गया "उपयोगकर्ता विकास शुल्क" (यूडीएफ) एक वैधानिक शुल्क है, और इस प्रकार, यह वित्त अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के तहत कर सेवा लेवी के अधीन नहीं है ।जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय ट्रिब्यूनल (सीईएसटीएटी) के फैसले के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने फैसला सुनाया था...

सुप्रीम कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप नेता सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर 26 मई को सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप नेता सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर 26 मई को सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत याचिका पर 26 मई को सुनवाई करेगा।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय करोल की अवकाश खंडपीठ के समक्ष यह मामला सूचीबद्ध किया गया है।जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की खंडपीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पिछले साल उन्हें जमानत देने से इनकार करने के फैसले को चुनौती देने वाली जैन की याचिका पर विचार करते हुए चार दिन पहले जैन की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया था। वह मई...