सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली के विश्वास नगर में अवैध आवासों को तोड़ने के हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार, परिसर खाली करने के लिए 7 दिन का समय दिया

Brij Nandan

22 May 2023 7:28 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली के विश्वास नगर में अवैध आवासों को तोड़ने के हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार, परिसर खाली करने के लिए 7 दिन का समय दिया

    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के विश्वास नगर इलाके में अवैध आवासों को गिराने के हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी DDA को निवासियों को खुद से जगह खाली करने के लिए 7 दिन का समय देने को कहा। तब तक अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

    जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय करोल की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी।

    बेंच ने आदेश में कहा,

    "अगर निवासी 29 मई तक खुद से जगह खाली नहीं करते हैं, तो उसके बाद डीडीए अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई शुरू कर सकती है।

    बेंच ने निवासियों के पुनर्वास के मसले पर जुलाई के पहले सप्ताह तक डीडीए से जवाब भी मांगा है।

    अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई आज सुबह शुरू हुई थी। इसको सुप्रीम कोर्ट के वेकेशन बेंच के सामने तत्काल मेंशन किया गया था।

    याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट में कहा कि इस चिलचिलाती गर्मी में DDA अवासों को गिरा रही है। अगर कोर्ट यथास्थिति का आदेश नहीं देगा तो वे अवासों को गिरा देंगे। निवासियों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।

    डीडीए के वकील ने इस पर कहा- दिल्ली हाईकोर्ट ने DDA को निवासियों के अवैध आवासों को तोड़ने की अनुमति दी है। क्योंकि वे अवैध अतिक्रमणकारी हैं।

    सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा,

    "हमें बताया गया है कि अवैध आवासों को तोड़ने की कार्रवाई आज सुबह 8 बजे शुरू हो गई है। जहां तक निवासियों के अपने निवास स्थान पर रहने के अधिकार का संबंध है, हम दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में दखल नहीं दे सकते हैं।

    कोर्ट ने आगे कहा कि हमें निवासियों को परिसर खाली करने के लिए 7 दिन का समय देना चाहिए। और जहां तक अवास को तोड़ने की बात है तो कोर्ट इसमें दखल नहीं देगी।


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