संपादकीय

कथित गैंगस्टर संजीव जीवा के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति मांगने वाली पत्नी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई
कथित गैंगस्टर संजीव जीवा के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति मांगने वाली पत्नी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई

कथित गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी 'जीवा' के अंतिम संस्कार में में शामिल होने की अनुमति मांगने वाली पत्नी पायल माहेश्वरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा।जीवा को मुख्तार अंसारी का करीबी सहयोगी बताया जाता है। कल लखनऊ कोर्ट परिसर के अंदर अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसका नाम भाजपा के वरिष्ठ नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय की हत्या में सामने आया था।यह मामला आज जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया।पायल खुद एक...

भागलपुर पुल हादसे का मामला पटना हाईकोर्ट पहुंचा, स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर
भागलपुर पुल हादसे का मामला पटना हाईकोर्ट पहुंचा, स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर

बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बने अगुवानी-सुल्तानगंज पुल गिरने का मामला पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है। पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।ये याचिका एडवोकेट मणिभूषण प्रताप सेंगर ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने पुल का निर्माण करने वाली एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि पुल का तुरंत पुनर्निर्माण करने का निर्देश दिया जाए।याचिका में कहा गया है कि जिन लोगों की लापरवाही से पुल गिरा...

1991 अवधेश राय मर्डर केस: वाराणसी कोर्ट ने यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई
1991 अवधेश राय मर्डर केस: वाराणसी कोर्ट ने यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई

उत्तर प्रदेश की वाराणसी की एक अदालत ने 1991 के अवधेश राय मर्डर केस में यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया। MP/ MLA कोर्ट के स्पेशल जज अवनीश गौतम ने अंसारी को दोषी ठहराया है। अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।बता दें, 19 मई को मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी। 22 मई को अंसारी की ओर से पेश एडवोकेट श्रीनाथ त्रिपाठी ने कोर्ट में 31 पन्नों की लिखित दलीलें दी थीं।दूसरी ओर, शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील अनुज यादव ने 36 पन्नों की एक लिखित दलील पेश की थी। शिकायतकर्ता की ओर से अंसारी को...

एलजी को ठोस कचरा प्रबंधन समिति का प्रमुख नियुक्त करने के एनजीटी के आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
एलजी को ठोस कचरा प्रबंधन समिति का प्रमुख नियुक्त करने के एनजीटी के आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के दिल्ली में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से निपटने के उद्देश्य से उपराज्यपाल को उच्च स्तरीय समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की।अपील एनजीटी एक्ट की धारा 22 के तहत एडवोकेट शादन फरासत के माध्यम से दायर की गई, जिसमें तर्क दिया गया कि फरवरी में पारित आदेश में उच्च स्तरीय समिति के प्रमुख के रूप में एलजी की नियुक्ति संविधान का उल्लंघन है।याचिका में कहा गया,"स्थानीय प्रशासन से संबंधित मामलों के...

राजद्रोह कानून पर विचार-विमर्श करेंगे, विधि आयोग की रिपोर्ट बाध्यकारी नहीं: केंद्रीय कानून मंत्री
राजद्रोह कानून पर विचार-विमर्श करेंगे, विधि आयोग की रिपोर्ट बाध्यकारी नहीं: केंद्रीय कानून मंत्री

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार राजद्रोह कानून (भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए) पर अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी हितधारकों के साथ परामर्श करेगी। मंत्री ने आगे कहा कि भारत के विधि आयोग द्वारा कुछ संशोधनों और बढ़ी हुई सजा के प्रावधान को बनाए रखने की सिफारिश बाध्यकारी नहीं है।कानून मंत्री ने कहा,"राजद्रोह पर विधि आयोग की रिपोर्ट व्यापक परामर्श प्रक्रिया में एक कदम है। रिपोर्ट में की गई सिफारिशें बाध्यकारी नहीं हैं। अंतत: सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद ही अंतिम निर्णय...

विधि आयोग ने कुछ संशोधनों के साथ राजद्रोह कानून को बरकरार रखने और आजीवन कारावास तक की सजा बढ़ाने की सिफारिश की
विधि आयोग ने कुछ संशोधनों के साथ राजद्रोह कानून को बरकरार रखने और आजीवन कारावास तक की सजा बढ़ाने की सिफारिश की

भारत के विधि आयोग ने महत्वपूर्ण घटनाक्रम में राजद्रोह कानून (भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए) को पूरी तरह से निरस्त करने के बजाय इसमें कुछ संशोधनों के साथ प्रावधान को बनाए रखने का प्रस्ताव दिया।विधि आयोग ने अपनी 279वीं रिपोर्ट में कहा कि यह "सुविचारित मत है कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में धारा I24A को बनाए रखने की आवश्यकता है। हालांकि कुछ संशोधन, जैसा कि सुझाव दिया गया है, इसमें केदार नाथ सिंह बनाम बिहार राज्य [एआईआर 1962 एससी 9551] के अनुपात निर्णय को शामिल करके पेश किया जा सकता है, जिससे...

यूपी गोहत्या रोकथाम अधिनियम- केवल मांस रखना अपराध नहीं, इस बात का कोई सबूत नहीं कि बरामद पदार्थ बीफ था: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दी
यूपी गोहत्या रोकथाम अधिनियम- 'केवल मांस रखना अपराध नहीं, इस बात का कोई सबूत नहीं कि बरामद पदार्थ बीफ था': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश गो हत्या रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज केस में आरोपी को जमानत दी। कोर्ट ने कहा कि केवल मांस रखना अपराध नहीं है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बरामद किया गया पदार्थ बीफ या बीफ प्रोडक्ट था।जस्टिस विक्रम डी. चौहान की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा- केवल मांस रखने या ले जाने को बीफ या बीफ प्रोडक्ट की बिक्री या परिवहन नहीं माना जा सकता है। जब तक, इसका कोई ठोस सबूत नहीं दिखाया जाता कि बरामद किया गया पदार्थ बीफ है।इसके साथ ही अदालत ने आरोपी इब्रान उर्फ शेरू...

सुप्रीम कोर्ट ने बिना आईडी प्रूफ के 2000 रुपए के नोट बदलने की अनुमति देने वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल लिस्ट करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने बिना आईडी प्रूफ के 2000 रुपए के नोट बदलने की अनुमति देने वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल लिस्ट करने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने बिना आईडी प्रूफ के 2000 रुपए के नोट बदलने की अनुमति देने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल लिस्ट करने से इनकार किया। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस केवी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच ने वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका तत्काल लिस्ट करने से मना किया।पीठ ने कहा कि वो छुट्टियों के दौरान इस तरह के मामलों को नहीं उठाएगी और उपाध्याय को गर्मियों की छुट्टियों के बाद सुप्रीम कोर्ट के फिर से शुरू होने पर मामले का...

लड़की ने कहा- मेरे भाई मेरा यौन शोषण करते थे; जज ने कहा- आप कुछ भी बोले जा रही हैं।
लड़की ने कहा- मेरे भाई मेरा यौन शोषण करते थे; जज ने कहा- आप कुछ भी बोले जा रही हैं।"

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एक 20 साल की लड़की को सुरक्षा देने का निर्देश दिया। लड़की का कहना है कि उसके अपने परिवार के लोगों से उसकी जान को खतरा है। जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।पहले पूरा केस समझ लेते हैं। फिर कोर्ट में लड़की ने क्या कहा? जज बेल त्रिवेदी ने लड़की को क्यों फटकार लगाई, सबकुछ बताएंगे।मध्य प्रेदश का मामला है। ये एक 20 साल की लड़की के अपहरण से जुड़ा है। लड़की ने अपने परिवार वालों पर आरोप लगाया है कि वो उसे...

कम CIBIL स्कोर के आधार पर स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट
कम CIBIL स्कोर के आधार पर स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कहा कि कम CIBIL (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड) स्कोर के आधार पर एक स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देने से इनकार नहीं किया जा सकता है।जस्टिस पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने बैंकों को एजुकेशन लोन के लिए किए गए आवेदनों पर विचार करते समय 'मानवीय दृष्टिकोण' अपनाने को कहा।कोर्ट ने कहा,"छात्र कल के राष्ट्र निर्माता हैं। उन्हें भविष्य में इस देश का नेतृत्व करना है। केवल इसलिए जिस स्टूडेंट ने एजुकेशन लोन के लिए आवेदन किया है, उसका सिबिल स्कोर कम, इस आधार पर बैंक को एजुकेशन लोन के लिए किए...

सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग बेटे को भारत लाने के निर्देशों का उल्लंघन करने पर एनआरआई पिता को 6 महीने की कैद और 25 लाख का जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग बेटे को भारत लाने के निर्देशों का उल्लंघन करने पर एनआरआई पिता को 6 महीने की कैद और 25 लाख का जुर्माना लगाया

सुप्रीम कोर्ट ने समय-समय पर शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेशों और अपनी अंडरटेकिंग के अनुसार नाबालिग बेटे को भारत वापस लाने में विफल रहने के लिए एक अनिवासी भारतीय को अदालत की अवमानना ​​के लिए छह महीने की कैद और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की पीठ ने कहा कि अवमाननाकर्ता अपने नाबालिग बेटे को 1 जुलाई 2022 को भारत वापस लाने के लिए बाध्य था। पीठ ने पाया कि अवमाननाकर्ता ने पछतावे का कोई संकेत नहीं दिखाया और अदालत के आदेशों के लिए उसके मन में बहुत कम सम्मान...

महिलाओं को शिक्षा के अधिकार और प्रजनन स्वायत्तता के बीच चयन करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट
महिलाओं को शिक्षा के अधिकार और प्रजनन स्वायत्तता के बीच चयन करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने मातृत्व अवकाश से वंचित होने के बाद मास्टर ऑफ एजुकेशन (एमईडी) पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए अटेंडेंस में छूट की मांग करने वाली एक महिला उम्मीदवार को राहत दी है। और कहा कि महिलाओं को शिक्षा के अधिकार और प्रजनन स्वायत्तता के अधिकार के बीच चयन करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा,"संविधान ने एक समतावादी समाज की परिकल्पना की है जहां नागरिक अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं, और समाज के साथ-साथ राज्य भी अपने अधिकारों की अभिव्यक्ति की अनुमति देगा।...