सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित जजों पर रॉ और आईबी इनपुट को सार्वजनिक करना एक गंभीर मुद्दा: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू

Brij Nandan

24 Jan 2023 9:54 AM GMT

  • Union Law Minister Kiren Rijiju

    Union Law Minister Kiren Rijiju

    केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के पुरस्कार विजेताओं के सम्मान समारोह में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित जजों पर रॉ और आईबी इनपुट को सार्वजनिक करना एक "गंभीर मुद्दा" है।

    उन्होंने कहा कि रॉ और आईबी की गोपनीय या संवेदनशील रिपोर्ट को सार्वजनिक करना गंभीर चिंता का विषय है, जिसे उचित समय पर संबोधित किया जाएगा।

    केंद्रीय कानून मंत्री ने यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के हालिया बयानों से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए की, जिसमें जजों की नियुक्ति के संबंध में की गई सिफारिशों पर केंद्र सरकार की आपत्तियों को खारिज करने के कारणों को रिकॉर्ड पर रखा गया था।

    हालांकि, केंद्रीय कानून मंत्री ने यह भी कहा कि वह इस मामले के डिटेल्स में नहीं जाना चाहते हैं क्योंकि प्रेस वार्ता मुख्य रूप से ई-समिति द्वारा किए गए अच्छे कार्यों पर चर्चा करने के लिए है।

    दरअसल, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 5 वकीलों को हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश दोहराई थी। इसमें कानून मंत्रालय ने 3 वकीलों को जज बनाने के संबंध में सार्वजनिक आपत्तियां उठाईं। इन वकीलों में सीनियर एडवोकेट सौरभ किरपाल (दिल्ली हाईकोर्ट के लिए सिफारिश), सोमशेखरन सुंदरसन (बॉम्बे हाईकोर्ट), जॉन सथ्यन (मद्रास हाई कोर्ट) शामिल हैं।

    कानून मंत्री ने एक दिन पहले टिप्पणी की थी कि जजों को उनकी नियुक्ति के बाद चुनाव या सार्वजनिक जांच का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन उन्हें लोगों देख रहे हैं है क्योंकि सोशल मीडिया के युग में कुछ भी छिपा नहीं है।

    आज अपने संबोधन में उन्होंने लंबित मामलों को कम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया।

    उन्होंने कहा कि न्याय विभाग मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के मार्गदर्शन में भारत के सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के साथ लगातार समन्वय में काम कर रहा है और लंबित मामलों को सुलझाने के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

    आगे कहा,

    "न्याय तेजी से होना चाहिए, क्योंकि आज लगभग 4.90 करोड़ मामले अदालतों में लंबित हैं। हमें अदालतों की प्रौद्योगिकी सक्षमता पर अधिक ध्यान देना चाहिए, जो इस केस लोड को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जो कुछ भी आवश्यक है और जो भी संभव है, इस पर हम न्यायपालिका के साथ काम कर रहे हैं। अकेले राज्य का एक अंग सब कुछ नहीं कर सकता है, इसलिए एक संयुक्त प्रयास करना होगा।"

    सार्वजनिक मंचों पर कोलेजियम प्रणाली के बारे में अपनी राय देना जारी रखते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में कहा कि जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली जजों को 'बेहद व्यस्त' रखे हुए है, जिससे उनका कीमती समय बर्बाद हो रहा है। इसका प्रतिकूल प्रभाव जजों के उनके कर्तव्यों पर पड़ रहा है। जजों की नियुक्ति एक प्रशासनिक काम है।



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