डीयू ओपन बुक परीक्षा : दिल्ली यूनिवर्सिटी ने दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा जारी निर्देशों के खिलाफ अपील दायर की
LiveLaw News Network
11 Aug 2020 11:18 PM IST
दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा आयोजित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की बेंच द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर की है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार ( 7 अगस्त) को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को अपनी ऑनलाइन ओपन बुक एक्ज़ाम (ओबीई) आयोजित करने की अनुमति दी थी। हालांकि, छात्रों द्वारा उठाए गई विभिन्न चिंताओं को दूर करने के लिए न्यायालय ने कई निर्देश जारी किए थे। कोर्ट ने डीयू को निर्देश दिया कि वह इनका पालन करे और कॉमन सर्विस सेंटर एकेडमी को भी बताए।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की एकल पीठ ने निम्नलिखित निर्देश पारित किए थे:
1. प्रश्न पत्र पोर्टल और छात्रों के ईमेल आईडी दोनों पर उपलब्ध हों।
2. उत्तर पुस्तिकाओं को अपलोड करने के लिए छात्रों को एक घंटा अतिरिक्त दिया जाए।
3. ऑटो-जनरेट ईमेल से छात्रों को सूचित किया जाएगा कि उनकी उत्तर पुस्तिका स्वीकार कर ली गई है।
4. डीयू को यह सुनिश्चित करना है कि केंद्रीकृत ईमेल आईडी (Centralised Email ID) में सभी छात्रों से प्रतिक्रिया लेने की पर्याप्त क्षमता हो।
5. सभी नोडल अधिकारियों, प्रतिभागी कॉलेजों और संबंधित अधिकारियों के ईमेल आईडी 8 अगस्त तक प्रकाशित किए जाएं।
6. दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी, उक्त शिकायत समिति की अध्यक्षता करेंगी।
7. कॉमन सर्विस सेंटर एकेडमी को परीक्षाओं की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए अपने सभी केंद्रों को ईमेल भेजना होगा। उक्त समिति ऑनलाइन ओबीई की प्रक्रिया के बारे में शिकायतों पर गौर करेगी।
8. डीयू को उक्त समिति को परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक रिपोर्ट सौंप होगी।
9. डीयू शिक्षकों को उत्तर पुस्तिकाएं एक साथ भेजेगा, जिससे परिणाम घोषित करने में सुविधा हो।
10. डीयू को 4 सप्ताह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।
11. शिकायत निवारण समिति ऑनलाइन ओबीई के पूरा होने के बाद एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्रों द्वारा दायर, वर्तमान याचिका में विश्वविद्यालय के ऑनलाइन ओपन बुक एक्ज़ाम (ओबीई) को इस आधार पर आयोजित करने के निर्णय को चुनौती दी गई थी कि यह भेदभावपूर्ण है क्योंकि अधिकांश छात्रों के पास इंटरनेट या पुस्तकों तक पहुंच नहीं है।
सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ताओं के पास इन परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय की तैयारियों के बारे में विभिन्न चिंताएं थीं। इन चिंताओं में सभी छात्रों तक तेज़ इंटरनेट पहुंच सुनिश्चित करना, पठन सामग्री की उपलब्धता, तकनीकी गड़बड़ियों से निपटने के प्रावधान और कॉमन सर्विस स्टूडेंट्स की कार्यप्रणाली शामिल थी।
न्यायमूर्ति सिंह ने आदेश का उच्चारण करने के बाद कहा था,
"मैं सभी छात्रों के साथ-साथ विश्वविद्यालय को परीक्षा आयोजित करने के लिए शुभकामनाएं देती हूं।"
न्यायालय को 22 सितंबर को इस मामले पर विचार करना था ताकि इसके निर्देशों के अनुपालन का पता लगाया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, लेटर पेटेंट अपील (LPA) 13 अगस्त को डिवीजन बेंच के समक्ष सूचीबद्ध होने की संभावना है।