संपादकीय

क्या यह राज्य का क्रूर हाथ है, जो काम कर रहा है? , उत्तराखंड HC ने राजद्रोह के आरोपी पत्रकार को अंतरिम जमानत देते हुए गंभीर सवाल उठाये
'क्या यह राज्य का क्रूर हाथ है, जो काम कर रहा है? ', उत्तराखंड HC ने राजद्रोह के आरोपी पत्रकार को अंतरिम जमानत देते हुए गंभीर सवाल उठाये

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार (03 सितंबर) को, राज्य सरकार के समक्ष विस्तृत और गंभीर सवालों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की और यह निर्देश दिया कि राज्य की ओर से उन सवालों के संबंध में जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाए और तब तक जमानत के आवेदक को अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी की पीठ एक राजेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जो 2020 की प्राथमिकी संख्या 265 में धारा 420, 467, 468, 469, 471, 120-बी, 124-ए आईपीसी, पुलिस स्टेशन नेहरू कॉलोनी, जिला देहरादून के तहत जमानत की मांग कर रहा...

मप्र के एडीजे ने एचजेएस भर्ती नियम, 2017 के तहत न्यायिक अधिकारियों की वरीयता के निर्धारण के लिए 100 बिंदु वाली रोस्टर प्रणाली को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
मप्र के एडीजे ने एचजेएस भर्ती नियम, 2017 के तहत न्यायिक अधिकारियों की वरीयता के निर्धारण के लिए 100 बिंदु वाली रोस्टर प्रणाली को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

मध्य प्रदेश के एक अतिरिक्त जिला जज ने मध्य प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा (भर्त्ती एवं सेवा की शर्तें) नियमावली, 2017 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ता खास तौर पर नियम 11 से प्रभावित हैं, जिसमें न्यायिक अधिकारियों की वरीयता के निर्धारण के लिए 100 बिंदु वाले रोस्टर को उत्तरव्यापी प्रभाव से शामिल किया गया है। वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय के जरिये दायर याचिका में कहा गया है कि वास्तव में संबंधित प्रावधान रिक्तियों पर आधारित रोस्टर प्रणाली को लागू करता है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 'अखिल...

बीसीआई ने अधिवक्ता कानून एवं कदाचार को लेकर काउंसिल के नियमों के दायरे में प्रशांत भूषण के ट्वीट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें दोषी ठहराये जाने की समीक्षा का दिल्ली बार काउंसिल को निर्देश दिया
बीसीआई ने अधिवक्ता कानून एवं कदाचार को लेकर काउंसिल के नियमों के दायरे में प्रशांत भूषण के ट्वीट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें दोषी ठहराये जाने की समीक्षा का दिल्ली बार काउंसिल को निर्देश दिया

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने एक प्रस्ताव पारित करके कहा है कि अधिवक्ता प्रशांत भूषण के ट्वीट और उनके उन बयानों की जांच आवश्यक है जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना का मामला शुरू किया था और उन्हें दोषी ठहराया। बीसीआई की आम परिषद की तीन सितम्बर को आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता कानून, 1961 की धारा 24ए (नामांकन से अयोग्य ठहराये जाने) और धारा 35 (कदाचार के लिए वकीलों को सजा) तथा बार काउंसिल ऑफ इंडिया रूल्स के अध्याय-2, खंड-6 (पेशागत...

सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा जयसिंह की गाइडलाइन के मुताबिक वरिष्ठ अधिवक्ता नामित करने के लिए आवेदन मंगाने की अर्जी पर नोटिस जारी किया 
सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा जयसिंह की गाइडलाइन के मुताबिक वरिष्ठ अधिवक्ता नामित करने के लिए आवेदन मंगाने की अर्जी पर नोटिस जारी किया 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ताओं को नामित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा तैयार 2018 दिशानिर्देशों को लागू करने की प्रार्थना वाले आवेदन में नोटिस जारी किया।न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने मामले को सुना और उसमें नोटिस जारी करने के लिए आगे बढ़ी।दरअसल 12.10.2017 के निर्णय के अनुसार,जिसमें जयसिंह ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, सर्वोच्च न्यायालय ने सभी उच्च न्यायालयों के...

[ झूठे साक्ष्य देना और गढ़ना] IPC की धारा 191 और 192 के आरोप लगाने वाली निजी शिकायतें सुनवाई योग्य नहीं, जब ये अदालती कार्यवाही के संबंध में किया हो :सुप्रीम कोर्ट  
[ झूठे साक्ष्य देना और गढ़ना] IPC की धारा 191 और 192 के आरोप लगाने वाली निजी शिकायतें सुनवाई योग्य नहीं, जब ये अदालती कार्यवाही के संबंध में किया हो :सुप्रीम कोर्ट 

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 190 के तहत एक निजी शिकायत भारतीय दंड संहिता की धारा 191 [झूठे सबूत देना] और 192 [झूठे सबूत गढ़ना] के तहत अपराध का आरोप लगाते हुए दर्ज नहीं की जा सकती, यहां तक ​​कि झूठे सबूत कोर्ट परिसर के बाहर भी बनाए गए हों।जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि इन धाराओं के तहत दंडनीय अपराध केवल किसी भी अदालत में कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध नहीं है, बल्कि किसी भी अदालत में किसी भी कार्यवाही के संबंध में किए गए अपराध के लिए भी हो...

National Uniform Public Holiday Policy
सुप्रीम कोर्ट ने निजी गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में फीस नियंत्रित करने के कलकत्ता HC के आदेश को निलंबित किया, याचिकाकर्ता को आदेश वापस लेने की अर्जी के लिए कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ निजी गैर सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के एक समूह द्वारा दाखिल एसएलपी का निपटारा कर दिया जिसमें उन्हें छात्रों को ऑनलाइन परीक्षाओं में भाग लेने, फीस का भुगतान न करने के लिए प्रतिबंधित करने से रोक दिया था।जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की 3-जजों वाली बेंच ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे हाईकोर्ट से अपना आदेश वापस लेने के लिए संपर्क करें।इस बीच,पीठ ने आदेश वापस लेने के आवेदन का फैसला होने...

 हम रेखा कहां खींचे : सुप्रीम कोर्ट ने कट-ऑफ तारीख के बाद 14 साल की सेवा पूरी करने वाली सेना की महिला अफसरों को स्थायी कमीशन के विस्तार की याचिका खारिज की
" हम रेखा कहां खींचे" : सुप्रीम कोर्ट ने कट-ऑफ तारीख के बाद 14 साल की सेवा पूरी करने वाली सेना की महिला अफसरों को स्थायी कमीशन के विस्तार की याचिका खारिज की

 सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 17 फरवरी को दिए फैसले में लागू की गई कट-ऑफ की तारीख के बाद 14 साल की सेवा पूरी करने वाली महिला अधिकारियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सेना में महिलाओं को उनकी सेवा की परवाह किए बिना सभी दस धाराओं में स्थायी कमीशन दिया जाना चाहिए। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​की पीठ ने कहा कि स्थायी कमीशन का लाभ उठाने के लिए पात्रता हासिल करने के लिए मार्च 2020 में 14 साल पूरा कर चुकी अधिकारियों के एक बैच के लिए राहत...

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी लागू करने के सरकारी आदेशों को रद्द करने के आंध्र प्रदेश HC के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी लागू करने के सरकारी आदेशों को रद्द करने के आंध्र प्रदेश HC के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर शिक्षा के अनिवार्य माध्यम के रूप में अंग्रेजी को लागू करने के सरकारी आदेशों को रद्द कर दिया था। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​की पीठ ने हालांकि याचिका में नोटिस जारी किया और कैविएट दाखिल करने वालों को जवाब देने को कहा। पीठ 3 सप्ताह के बाद मामले पर विचार करेगी।उन्होंने कहा कि राज्य के वरिष्ठ अधिवक्ता केवी...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे बसी 48 हजार झुग्गियों को हटाने के आदेश दिए, अदालतों को स्टे देने से रोका 
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे बसी 48 हजार झुग्गियों को हटाने के आदेश दिए, अदालतों को स्टे देने से रोका 

सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के भीतर नई दिल्ली में 140 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों के आसपास की लगभग 48,000 झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने का आदेश दिया है और आगे निर्देश दिया है कि कोई भी अदालत झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने पर कोई स्टे न दे।शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि"सुरक्षा क्षेत्रों में जो अतिक्रमण हैं, उन्हें तीन महीने की अवधि के भीतर हटा दिया जाना चाहिए और कोई हस्तक्षेप, राजनीतिक या अन्यथा, नहीं होना चाहिए और कोई भी अदालत विचाराधीन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के संबंध में कोई स्टे नहीं देगा।"न्यायमूर्ति...

 सुप्रीम कोर्ट इस स्तर पर आ गया है जहां न्यायाधीश बार से डरते हैं : SCBA अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने CJI को पत्र लिखा और जस्टिस अरुण मिश्रा की विदाई समारोह पर न बोलने देने का आरोप लगाया
' सुप्रीम कोर्ट इस स्तर पर आ गया है जहां न्यायाधीश बार से डरते हैं' : SCBA अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने CJI को पत्र लिखा और जस्टिस अरुण मिश्रा की विदाई समारोह पर न बोलने देने का आरोप लगाया

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के वर्चुअल विदाई समारोह में बोलने के अवसर से वंचित होने से परेशान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने कहा है कि वह इस साल दिसंबर में अपने कार्यकाल के अंत तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित किसी भी समारोह में भाग नहीं लेंगे।इस घटना से दुखी होकर,दवे ने सीजेआई को एक पत्र लिखा है जिसमें इस पर अपनी "तीव्र निराशा और निंदा" व्यक्त की है।दवे ने सीजेआई को लिखा, "मुझे स्वीकार करना चाहिए, सर्वोच्च न्यायालय ऐसे स्तर पर आ गया है जहां न्यायाधीश बार से डरते हैं।...

जस्टिस अरुण मिश्रा ने विदाई समारोह में कहा, मैंने अपनी अंतरात्मा से हर मामले को निपटा है
जस्टिस अरुण मिश्रा ने विदाई समारोह में कहा, मैंने अपनी अंतरात्मा से हर मामले को निपटा है

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने अंतिम कार्य दिवस पर अदालत और बार को विदाई दी जब वो भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ पीठ साझा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने हर मामले को अपनी अंतरात्मा से निपटाया है और अपने सहयोगियों और समर्थन के लिए बार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज से हर मामले को निपटाया है और दृढता से फैसला लिया है।" उन्होंने कहा कि उनके निर्णयों का विश्लेषण किया जा सकता है लेकिन आग्रह किया कि उन्हें कोई...