संपादकीय

 सील कवर प्रक्रिया खुले न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है  : सुप्रीम कोर्ट ने वैकल्पिक तौर पर  जनहित  इम्यूनिटी दावा प्रक्रिया जारी की
" सील कवर प्रक्रिया खुले न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है " : सुप्रीम कोर्ट ने वैकल्पिक तौर पर ' जनहित इम्यूनिटी दावा प्रक्रिया' जारी की

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम समाचार चैनल मीडिया वन की केंद्र सरकार द्वारा उस पर लगाए गए प्रसारण प्रतिबंध के खिलाफ याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि सीलबंद कवर प्रक्रिया प्राकृतिक न्याय और खुले न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। इस मामले में, सुरक्षा मंज़ूरी रोकने के कारणों के बारे में चैनल को अंधेरे में रखा गया था, जिसकी जानकारी गृह मंत्रालय द्वारा सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत दस्तावेजों के माध्यम से हाईकोर्ट को दी गई थी। हाईकोर्ट के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीलबंद कवर...

सुप्रीम कोर्ट ने MediaOne के प्रसारण पर लगा प्रतिबंध हटाया, कहा- राज्य नागरिकों के अधिकारों से इनकार करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा की दलील का उपयोग कर रहा है
सुप्रीम कोर्ट ने MediaOne के प्रसारण पर लगा प्रतिबंध हटाया, कहा- राज्य नागरिकों के अधिकारों से इनकार करने के लिए 'राष्ट्रीय सुरक्षा' की दलील का उपयोग कर रहा है

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम समाचार चैनल MediaOne पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रसारण प्रतिबंध के खिलाफ फैसला सुनाया।न्यायालय ने चैनल चलाने वाली कंपनी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका में यह आदेश पारित किया, जिसमें सुरक्षा मंजूरी के अभाव में चैनल के प्रसारण लाइसेंस को नवीनीकृत नहीं करने के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फैसले को बरकरार रखने के केरल हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमा कोहली की खंडपीठ ने मंत्रालय को चार सप्ताह के भीतर चैनल...

धारा 138 एनआई एक्ट | कार्यवाही केवल इसलिए अमान्य नहीं की जा सकती क्योंकि चेक राशि के साथ विविध खर्चों का दावा किया गया था: उड़ीसा हाईकोर्ट
धारा 138 एनआई एक्ट | कार्यवाही केवल इसलिए अमान्य नहीं की जा सकती क्योंकि चेक राशि के साथ विविध खर्चों का दावा किया गया था: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने माना कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत एक कार्यवाही को केवल इसलिए अमान्य नहीं किया जा सकता है क्योंकि चेक राशि की मांग के साथ-साथ नोटिस में कुछ विविध खर्चों का दावा किया गया है।सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर भरोसा करते हुए ज‌स्टिस राधा कृष्ण पटनायक की सिंगल जज बेंच ने कहा,"... केआर इंदिरा (सुप्रा) में स्थापित कानूनी स्थिति के मद्देनजर अप्रतिरोध्य निष्कर्ष यह है कि नोटिस में दोष कार्यवाही को अमान्य नहीं कर सकता है, जब मांग केवल विविध खर्चों के लिए अतिरिक्त दावे के...

केवल नरेंद्र मोदी ही दायर कर सकते थे मानहानि का केस, शिकायत पॉलिटिकली मोटिवेटेड है: सूरत कोर्ट में राहुल गांधी ने अपनी अपील में कहा
'केवल नरेंद्र मोदी ही दायर कर सकते थे मानहानि का केस, शिकायत पॉलिटिकली मोटिवेटेड है': सूरत कोर्ट में राहुल गांधी ने अपनी अपील में कहा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सूरत सेशंस कोर्ट में 'मोदी सरनेम' टिप्पणी को लेकर दर्ज मानहानि केस में मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा दी गई सजा और दोषसिद्धि को चुनौती दी है।अपनी अपील में उन्होंने कहा कि उनका भाषण (सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है’) नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी के संबंध में थे, न कि पूरे मोदी समुदाय के संबंध में।ये अपील सीनियर एडवोकेट आर.एस. चीमा, एडवोकेट किरीट पानवाला और एडवोकेट तरन्नुम चीमा की एक कानूनी टीम के माध्यम से दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि मोदियों...

रेस जुडिकाटा को लागू करने के लिए पिछले वाद को गुण-दोष के आधार पर तय किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धांतों की व्याख्या की
रेस जुडिकाटा को लागू करने के लिए पिछले वाद को गुण-दोष के आधार पर तय किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धांतों की व्याख्या की

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के रेस जुडिकाटा सिद्धांतों की व्याख्या करने वाले एक उल्लेखनीय निर्णय में माना कि किसी मामले में कार्यवाही बंद करने के आदेश को गुण-दोष के आधार पर अंतिम निर्णय के रूप में नहीं माना जा सकता, जिससे बाद के मुकदमे पर रोक लगाई जा सके।तदनुसार, न्यायालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले और डिक्री रद्द कर दी, जिसने बेदखली याचिका की याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि यह न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन था।जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने कहा,"किराया नियंत्रक...

क्रॉस एग्जामिनेशन में बचाव पक्ष के वकील का गवाह को दिया सुझाव, यदि दोषी ठहराए जाने वाला है तो आरोपी को बाध्य करेगा : सुप्रीम कोर्ट
क्रॉस एग्जामिनेशन में बचाव पक्ष के वकील का गवाह को दिया सुझाव, यदि दोषी ठहराए जाने वाला है तो आरोपी को बाध्य करेगा : सुप्रीम कोर्ट

हाल ही में एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि क्रॉस एग्जामिनेशन में बचाव पक्ष के वकील द्वारा एक गवाह को दिया गया सुझाव, यदि दोषी ठहराए जाने वाला पाया जाता है, तो निश्चित रूप से अभियुक्त को बाध्य करेगा। और अभियुक्त यह कहकर बच नहीं सकता कि उसके वकील के पास अपने मुवक्किल के खिलाफ स्वीकारोक्ति की प्रकृति में सुझाव देने का कोई निहित अधिकार नहीं था।ट्रायल में इस प्रासंगिक पहलू को जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने समझाया।"कानून के बिंदु पर रियायत को छोड़कर, किसी बचाव पक्ष के...

संभव है कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया में पुलिस ने ही हत्या की हो और झूठी कहानी बनाई हो : सुप्रीम कोर्ट ने 1989 हत्या केस में चार को बरी किया
संभव है कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया में पुलिस ने ही हत्या की हो और झूठी कहानी बनाई हो : सुप्रीम कोर्ट ने 1989 हत्या केस में चार को बरी किया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 1989 में हुई एक हत्या के लिए दोषी चार लोगों को बरी कर दिया। सबूतों की सराहना करने के बाद, अदालत ने ये राय बनाई कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया में हो सकता है कि खुद पुलिस ने उसकी हत्या की हो और ये झूठी कहानी बनाई हो ( पुलेन फुकन और अन्य बनाम असम राज्य)।अदालत गुवाहाटी हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने हत्या के एक मामले में 11 लोगों को दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की थी। इसे चुनौती देते हुए 11 में से चार ने सुप्रीम...