संपादकीय
अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं क्यों हुईं खारिज? (वीडियो)
सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अग्निपथ की वैधता को सही ठहराने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। याचिकाओं में भारतीय सेना और वायु सेना के लिए शुरू की गई भर्ती प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। पूरी वीडियो यहां देखें:
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र (वीडियो)
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (03 अप्रैल, 2023 से 07 अप्रैल, 2023 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।वीडियो लिंक:
सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह (03 अप्रैल, 2023 से 07 अप्रैल, 2023 तक) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।‘अनावश्यक गर्भाशय निकालने’ के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?‘अनावश्यक रूप से गर्भाशय निकालने’ के मामलों से जुड़ी एक PIL सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी...
तकनीक अपने आप में सभी बीमारियों का इलाज नहीं: सीजेआई ने डिजिटल समावेशन की आवश्यकता पर जोर दिया
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को डिजिटल समावेशन और एक ऐसे इको सिस्टम की जरूरत पर बल दिया जो प्रौद्योगिकी के लाभों को हकीकत बना सके।उन्होंने कहा "प्रौद्योगिकी अपने आप में रामबाण नहीं है।"उन्होंने भारतीय प्रद्यौगिकी को हमारी सामाजिक वास्तविकताओं के अनुसार तैयार करने डिजाइन को यूजर-सेंट्रिक बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला।जस्टिस चंद्रचूड़ गुवाहाटी हाईकोर्ट के प्लेटिनम जयंती समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, केंद्रीय...
‘अनावश्यक गर्भाशय निकालने’ के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? (वीडियो)
‘अनावश्यक रूप से गर्भाशय निकालने’ के मामलों से जुड़ी एक PIL सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी परदीवाला की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की। और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे ‘अनावश्यक रूप से गर्भाशय निकालने’ के मामलों पर रोक लगाने के लिए केंद्र के दिशानिर्देशों को तीन महीने के भीतर लागू करें।पूरी वीडियो यहां...
ये समाज का काला चेहरा है कि कई परिवार आज भी अपने बेटे/बेटी की जाति से बाहर शादी करने में शर्म महसूस करते हैं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में कहा कि यह समाज का काला चेहरा है कि भारतीय परिवार आज भी अपने बेटे या बेटी की शादी अपनी जाति के बाहर करने में शर्म महसूस करते हैं।जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की पीठ ने एक महिला (पीड़ित) और उसके पति (आरोपी) की संयुक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की। याचिका में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 366 और पॉक्सो एक्ट की धारा 7/8 के तहत दायर चार्जशीट को रद्द करने की मांग की गई थी।मामले में एफआईआर फरवरी 2019 में आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई...
भाजपा प्रवक्ता ने फैलाया था फेक न्यूज, कोर्ट ने कहा- माफी मांगो (वीडियो)
तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले की झूठी खबर फैलने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने यूपी भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव पटेल को माफी मांगने को कहा। कोर्ट ने कहा कि उमराव एक वकील हैं। उन्हें अधिक जिम्मेदार होना चाहिए।पूरी वीडियो यहां देखें:
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्र के दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश देकर बीपीएल महिलाओं पर जबरन गर्भाशय निकालने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका का निस्तारण किया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिहार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान राज्यों में अवैध और जबरन गर्भाशयोच्छेदन का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) का निस्तारण कर दिया, साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय को तीन महीने के भीतर हिस्टेरेक्टोमी पर कल्याण (MoHFW) दिशानिर्देश लागू करने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी परदीवाला की खंडपीठ डॉ नरेंद्र गुप्ता द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया गया कि इन...
डीसीपीसीआर ने सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह का समर्थन किया, कहा सरकार को जागरूकता फैलानी चाहिए कि समान सेक्स परिवार सामान्य हैं
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है। उक्त याचिकाएं 18 अप्रैल, 2023 को सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध हैं।यह कहते हुए कि डीसीपीसीआर के अधिकारियों के पास बाल अधिकारों से संबंधित मुद्दों से निपटने का कुल 15 वर्षों का सामूहिक अनुभव है, आवेदन में कहा गया है कि डीसीपीसीआर - बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत एक वैधानिक निकाय- बच्चों पर समलैंगिक विवाह के प्रभाव पर...
पॉक्सो कोर्ट पर क्यों भड़का पटना हाईकोर्ट (वीडियो)
पॉक्सो। यानी Protection of Children Against Sexual Offence। हिंदी में कहें तो यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम. इससे जुड़े एक केस में पटना हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट को फटकार लगाई। स्पेशल कोर्ट के फैसले को भी रद्द कर दिया। दरअसल, स्पेशल कोर्ट ने आठ साल की बच्ची से रेप के मामले का ट्रायल एक ही दिन में पूरी कर लिया और उसी दिन उम्रकैद की सजा भी सुना दी थी।पूरी वीडियो यहां देखें:
'उन्हें अधिक जिम्मेदार होना चाहिए': सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता प्रशांत उमराव से तमिलनाडु में बिहारी प्रवासियों पर ट्वीट के लिए माफी मांगने को कहा, अंतरिम राहत दी
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रशांत उमराव पर तमिलनाडु में बिहारी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित हमलों के संबंध में ट्विटर पर गलत जानकारी शेयर करने पर नाराजगी व्यक्त की। यह देखते हुए कि पटेल को अधिक जिम्मेदार होना चाहिए, विशेष रूप से एक वकील के रूप में कोर्ट ने उनसे गलत सूचना फैलाने के लिए माफी मांगने को कहा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ वकील और भाजपा नेता द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। ये याचिकाएं ट्वीट को लेकर विभिन्न पुलिस...
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने बेंचों के विचारों में विसंगति, एओआर की अनुशासनहीनता पर चिंता जताई
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की विभिन्न बेंचों द्वारा दिए गए विचारों में विसंगति के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सत्रह बेंच हैं और बेंच अक्सर एक ही विषय पर असंगत विचार रखती हैं।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बेला त्रिवेदी की खंडपीठ ने भी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों और रजिस्ट्री के बीच "अनुशासनहीनता" के संबंध में आलोचनात्मक टिप्पणी की।उन्होंने कहा,"हाईकोर्ट से आते हुए हम (पीठ) नोटिस करते हैं कि यह ऐसी अदालत है, जहां वकीलों के बीच सबसे ज्यादा...
केस ट्रांसफर की शक्ति का संयम से प्रयोग किया जाना चाहिए; ये राज्य न्यायपालिका और अभियोजन एजेंसी पर अनावश्यक आक्षेप लगा सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट
आपराधिक ट्रायल को ट्रांसफर करने की याचिका पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ट्रांसफर के लिए पूर्व-आवश्यक शर्तों को दोहराया।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 406 के तहत ट्रांसफर की शक्ति का संयम से प्रयोग किया जाना चाहिए और केवल तब करना चाहिए जब न्याय स्पष्ट रूप से गंभीर संकट में हो।"इस अदालत ने इस तथ्य पर विचार करते हुए केवल असाधारण मामलों में ट्रांसफरकी अनुमति दी है कि ट्रांसफर राज्य न्यायपालिका और अभियोजन एजेंसी पर अनावश्यक...
'अवैधता के मामले में कोई समानता नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने डिस्टेंस एजुकेशन से डिग्री लेने के कारण बर्खास्त स्कूल शिक्षक को राहत देने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने दूरस्थ शिक्षा (Distance Education) के माध्यम से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के कारण सेवा से बर्खास्त किए गए एक स्कूल शिक्षक को राहत देने से इनकार करते हुए एक बार फिर कहा है कि अवैधता के मामले में समानता नहीं हो सकती। जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने डिस्टेंस एजुकेशन मोड के माध्यम से स्नातक डिग्री रखने वाले व्यक्तियों की पात्रता के मुद्दे को पहले ही सुलझा लिया है।"लेकिन दुर्भाग्य से याचिकाकर्ता के लिए डिस्टेंस एजुकेशन मोड के...
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से अब्दुल्ला आज़म खान की पर दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर "सर्वोच्च प्राथमिकता" पर विचार करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से हाल ही में अयोग्य ठहराए गए विधायक अब्दुल्ला आजम खान द्वारा 15 साल पुराने एक मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर प्राथमिकता पर सुनवाई करने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि खान के आवेदन पर "सर्वोच्च प्राथमिकता पर विचार किया जाना चाहिए और उसका निस्तारण किया जाना चाहिए।" मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल कैद की सजा सुनाए जाने के दो दिन बाद खान को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। स्वार विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने...
स्ट्रीट डॉग को घर में खाना खिलाता था पति, कोर्ट ने ये कहा (वीडियो)
Domestic Violence यानी घरेलू हिंसा। इससे जुड़ा दिल्ली हाईकोर्ट में एक केस आया। महिला ने आरोपी लगाया कि उसके पति और ससुराल वाले घर में आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं। इससे उसे बिमारी हो सकती है। जस्टिस तुषार राव गेडेला ने महिला की याचिका पर सुनवाई की और कहा कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत वैवाहिक घर में रहने के अधिकार में सुरक्षित और स्वस्थ जीवन का अधिकार भी शामिल है।पूरी वीडियो यहां देखें:
स्टॉकिंग: अगर कोई पीछा करे तो कहां करें शिकायत?
What to do if you are being stalked- केस रूपन देओल बजाज बनाम केपीएस गिल। पहले दोनों जन का परिचय जान लीजिए। 1980 के दशक के अंतिम दौर में सुपरकॉप के नाम से जाने जानेवाले पुलिस अधिकारी केपीएस गिल की तूती बोलती थी। वहीं, रूपन देओल बजाज एक सीनियर महिला आईएएस अधिकारी थी।तारीख आती है 18 जुलाई 1988। उस समय गिल पंजाब के पुलिस महानिदेशक थे। रूपन देओल बजाज पंजाब के फाइनेंस डिपार्टमेंट में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थीं। गृह सचिव की मेज़बानी में एक पार्टी का आयोजन होता है। पार्टी में रुपन देओल भी गई थीं। ...
गोहत्या केस में सबूत के नाम पर पेश किया गाय का गोबर, हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को लगाई फटकार (वीडियो)
इलाहाबाद हाईकोर्ट में गोहत्या से जुड़ा एक केस आया। यूपी पुलिस को आरोपी के पास से एक रस्सी और थोड़ा गोबर मिला। पुलिस ने गोबर को लखनऊ की फॉरेंसिक लैब भिजवाया। फॉरेंसिक लैब ने कहा कि हम गाय के गोबर की जांच नहीं करते। कोर्ट ने देखा कि आरोपी के पास से गोमांस मिलने का कोई सबूत नहीं है। जस्टिस मोहम्मद फैज़ आलम खान की सिंगल बेंच ने आरोपी को अग्रिम जमानत दी।पूरी वीडियो यहां देखें:
" सील कवर प्रक्रिया खुले न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है " : सुप्रीम कोर्ट ने वैकल्पिक तौर पर ' जनहित इम्यूनिटी दावा प्रक्रिया' जारी की
सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम समाचार चैनल मीडिया वन की केंद्र सरकार द्वारा उस पर लगाए गए प्रसारण प्रतिबंध के खिलाफ याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि सीलबंद कवर प्रक्रिया प्राकृतिक न्याय और खुले न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। इस मामले में, सुरक्षा मंज़ूरी रोकने के कारणों के बारे में चैनल को अंधेरे में रखा गया था, जिसकी जानकारी गृह मंत्रालय द्वारा सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत दस्तावेजों के माध्यम से हाईकोर्ट को दी गई थी। हाईकोर्ट के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीलबंद कवर...