संपादकीय

डिफ़ॉल्ट जमानत सिर्फ इसलिए नहीं दी जा सकती कि वैधानिक अवधि समाप्ति से पहले संज्ञान नहीं लिया गया, चार्जशीट दाखिल करना पर्याप्त अनुपालन : सुप्रीम कोर्ट
डिफ़ॉल्ट जमानत सिर्फ इसलिए नहीं दी जा सकती कि वैधानिक अवधि समाप्ति से पहले संज्ञान नहीं लिया गया, चार्जशीट दाखिल करना पर्याप्त अनुपालन : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई आरोपी केवल इस आधार पर डिफ़ॉल्ट जमानत की मांग नहीं कर सकता है कि रिमांड की तारीख से 60 दिनों या 90 दिनों की समाप्ति से पहले संज्ञान नहीं लिया गया है, यदि चार्जशीट पहले ही दायर की गई थी।जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) के तहत वैधानिक जमानत लेने के लिए एक आरोपी का अपरिहार्य अधिकार केवल तभी उत्पन्न होता है जब वैधानिक अवधि की समाप्ति से पहले चार्जशीट दायर नहीं की गई हो।अदालत ने कहा कि आरोपी तब तक मजिस्ट्रेट की...

धार्मिक उद्देश्य के लिए समर्पित भूमि को राज्य में निहित करने से छूट नहीं है : सुप्रीम कोर्ट ने एपी वक्फ बोर्ड की 1654 एकड़ भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने की अधिसूचना को रद्द किया
'धार्मिक उद्देश्य के लिए समर्पित भूमि को राज्य में निहित करने से छूट नहीं है' : सुप्रीम कोर्ट ने एपी वक्फ बोर्ड की 1654 एकड़ भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने की अधिसूचना को रद्द किया

पवित्र और धार्मिक उद्देश्य के लिए समर्पित भूमि को राज्य में निहित करने से छूट नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड की कार्रवाई को रद्द कर दिया जिसमें 1654 एकड़ और 32 गुंटा भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में घोषित किया गया था।जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि उक्त भूमि राज्य और/या तेलंगाना इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के पास किसी भी प्रकार के भार से मुक्त है। इसमें कहा गया है कि दरगाह को छह महीने के भीतर कम्यूटेशन रेगुलेशन की धारा 4 में...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की दो विधानसभा सीटों को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में दो विधानसभा सीटों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता को कार्रवाई का कारण जारी रहने पर इसे पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता दी।जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच 17 दिसंबर, 2021 के उस आदेश को वापस लेने की मांग करने वाले एक विविध आवेदन पर विचार कर रही थी, जिसके द्वारा गैर-अभियोजन के लिए रिट को खारिज कर दिया गया था।इस तथ्य को ध्यान...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
उपभोक्ता शिकायतों को हाईकोर्ट में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट ने यस बैंक की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि उपभोक्ता शिकायतों को हाईकोर्ट में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम की खंडपीठ ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों में दायर कुछ उपभोक्ता शिकायतों को ट्रांसफर करने के लिए यस बैंक द्वारा दायर स्थानांतरण याचिकाओं को खारिज किया।अदालत ने कहा,"उपभोक्ता शिकायतें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दायर की जाती हैं, इसलिए, ऐसी उपभोक्ता शिकायतों को भारत के संविधान के अनुच्छेद...

लोगों को परेशान न करें, हमारे आदेशों के प्रति सम्मान दिखाएं : सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा पर पोस्ट के खिलाफ त्रिपुरा पुलिस को चेतावनी दी
"लोगों को परेशान न करें, हमारे आदेशों के प्रति सम्मान दिखाएं" : सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा पर पोस्ट के खिलाफ त्रिपुरा पुलिस को चेतावनी दी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पहले अंतरिम आदेश जारी करने के बावजूद सांप्रदायिक हिंसा के बारे में सोशल मीडिया पोस्ट करने पर एक्टिविस्टों को नोटिस भेजे जाने पर त्रिपुरा पुलिस को फटकार लगाई। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर राज्य पुलिस हिंसा पर लोगों को उनके सोशल मीडिया पोस्ट पर परेशान करने से परहेज नहीं करती है, तो अदालत पुलिस अधीक्षक और यहां तक ​​कि राज्य के गृह सचिव सहित अन्य लोगों की व्यक्तिगत उपस्थिति का निर्देश देगी।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ त्रिपुरा पुलिस द्वारा आपराधिक...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
डिक्री के अनुसरण में नीलामी खरीदारों को सरफेसी कानून के तहत गिरवी संपत्ति के लिए अधिमान्य अधिकार होगा या नहीं? सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस बात पर विचार करने के लिए सहमति व्यक्त की है कि किसी डिक्री के अनुसरण में नीलामी खरीदारों को गिरवी संपत्ति के लिए अधिमान्य अधिकार होगा या नहीं।न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट से 15 अप्रैल, 2021 के आदेश का विरोध करने वाली एसएलपी से निपटने के दौरान इस मुद्दे पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की।याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के वी विश्वनाथन ने प्रस्तुत किया था कि एक डिक्री के अनुसरण में नीलामी खरीदार के पास गिरवी...

आईपीसी की धारा 302 : कौन सी परिस्थितियों से मौत का कारण बनने की मंशा निर्धारित की जा सकती है, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया
आईपीसी की धारा 302 : कौन सी परिस्थितियों से मौत का कारण बनने की मंशा निर्धारित की जा सकती है, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल के एक फैसले में उन परिस्थितियों पर चर्चा की, जिनका उपयोग यह निष्कर्ष निकालने के लिए किया जा सकता है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या के मामले में मौत का इरादा था या नहीं। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की एक खंडपीठ उत्तराखंड राज्य की उस अपील पर विचार कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें आईपीसी की धारा 302 के तहत अपराध के लिए आरोपी की दोषसिद्धि को खारिज कर दिया गया था और आरोपी को ट्रायल कोर्ट द्वारा आईपीसी की धारा 302 को दोषी...

समय से पहले सेवानिवृत्ति के आदेश के लिए पूरे सेवा रिकॉर्ड पर विचार किया जाएगा, यद्यपि हाल के एसीआर का भी वजूद होगा: सुप्रीम कोर्ट
समय से पहले सेवानिवृत्ति के आदेश के लिए पूरे सेवा रिकॉर्ड पर विचार किया जाएगा, यद्यपि हाल के एसीआर का भी वजूद होगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि समय से पहले सेवानिवृत्ति का आदेश संपूर्ण सेवा रिकॉर्ड के आधार पर पारित करना आवश्यक है।न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम की पीठ ने आगे कहा कि हालिया रिपोर्टों में अपना वजूद होगा। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के इस तरह के आदेश को कोर्ट द्वारा केवल इस कारण रद्द करने के लिए उत्तरदायी नहीं है कि बगैर पत्राचार वाली प्रतिकूल टिप्पणियों को ध्यान में रखा गया था।सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 48(1)(बी) के साथ पठित मौलिक नियमों के...

COVID-19 मृत्यु मुआवजा: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि केवल ऑफलाइन दायर करने पर दावों को खारिज न करें
COVID-19 मृत्यु मुआवजा: सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि केवल ऑफलाइन दायर करने पर दावों को खारिज न करें

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकारों को सभी आवेदनों को स्वीकार करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भले ही वे दावे ऑनलाइन दायर किए गए हों या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी आवेदन को इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि उन्हें ऑफ़लाइन दायर किया गया। कोर्ट ने राज्य सरकारों को ऑफलाइन दायर दावों को खारिज करने के फैसले की समीक्षा के लिए एक सप्ताह का समय दिया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा,"सभी राज्यों को योग्यता के आधार पर आवेदन स्वीकार करना होगा। वह आदेवन ऑनलाइन किया गया हो...

तंजावुर में लड़की की आत्महत्या का मामाल: डीजीपी, तमिलनाडु ने मद्रास हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के निर्देश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
तंजावुर में लड़की की आत्महत्या का मामाल: डीजीपी, तमिलनाडु ने मद्रास हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के निर्देश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक ने मद्रास हाईकोर्ट (मदुरै बेंच) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने तंजावुर में एक लड़की की आत्महत्या से संबंधित मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को स्थानांतरित कर दी है।हाईकोर्ट ने अपने 31 जनवरी के आदेश में स्थानीय पुलिस द्वारा उठाए गए रुख की आलोचनात्मक राय लेने के बाद सीबीआई जांच का आदेश दिया कि इस आरोप का कोई आधार नहीं कि ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए मिशनरी द्वारा लकड़ी के साथ जबरन प्रयास करने के कारण उसने आत्महत्या की थी।जस्टिस...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
लोक अदालत द्वारा पारित अवार्ड भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 28 ए के तहत मुआवजे के पुनर्निर्धारण का आधार नहीं हो सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 20 के तहत लोक अदालत द्वारा पारित अवार्ड भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 28 ए के तहत मुआवजे के पुनर्निर्धारण का आधार नहीं हो सकता है।न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा , लोक अदालत द्वारा पारित किए गए अवार्ड को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के भाग III के तहत पारित एक अवार्ड नहीं कहा जा सकता है, जहां फैसले पर विचार किया जाता है।पृष्ठभूमिइस मामले में, नोएडा द्वारा नियोजित औद्योगिक विकास के लिए...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
केवल पुनर्विचार आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका सुनवाई योग्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दोहराया कि केवल पुनर्विचार आदेश (Review Order) के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका (SLP) सुनवाई योग्य नहीं है।न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने पहले विशेष अनुमति याचिका वापस ले ली थी। वापसी के चरण में, कोई स्वतंत्रता नहीं दी गई थी।अदालत ने कहा, "दिल्ली नगर निगम बनाम यशवंत सिंह नेगी - 2020 (9) एससीसी...

सुप्रीम कोर्ट ने गेट 2022 परीक्षा टालने की याचिका खारिज की, कहा छात्रों के करियर से नहीं खेल सकते
सुप्रीम कोर्ट ने गेट 2022 परीक्षा टालने की याचिका खारिज की, कहा 'छात्रों के करियर से नहीं खेल सकते'

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इंजीनियरिंग परीक्षा में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट, 2022 (गेट 2022) को स्थगित करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। ये परीक्षा 5, 6, 12 और 13 फरवरी, 2022 को आयोजित होने वाली है।न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विकम नाथ की पीठ ने कहा कि परीक्षा से 48 घंटे पहले याचिका पर विचार करने से अनिश्चितता और अराजकता पैदा होगी।पीठ ने पक्षों को सुनने के बाद निम्नलिखित आदेश पारित किया:"5 फरवरी 2022 को निर्धारित तिथि से बमुश्किल 48 घंटे पहले...

राज्य की प्रत्येक कार्रवाई को तर्कशीलता और तर्कसंगतता की कसौटी द्वारा निर्देशित किया जाना आवश्यक : सुप्रीम कोर्ट
राज्य की प्रत्येक कार्रवाई को तर्कशीलता और तर्कसंगतता की कसौटी द्वारा निर्देशित किया जाना आवश्यक : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को माना कि राज्य के साधन अचानक, अपनी मर्जी और पसंद पर उनके द्वारा लिए गए एक सुसंगत रुख को नहीं बदल सकते हैं, खासकर जब यह मनमाना, तर्कहीन, अनुचित और सार्वजनिक हित के खिलाफ हो।न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई ने बिजली वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण , नई दिल्ली के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया, जिसने आंध्र प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को उसके समक्ष पक्षकारों द्वारा दायर दो आवेदनों का निपटान करने का निर्देश दिया था। विवाद में...

यदि कमांडिंग ऑफिसर सेना अधिनियम की धारा 125 के तहत कोर्ट-मार्शल शुरू करने के लिए विवेक का प्रयोग नहीं करता तो क्रिमिनल कोर्ट सेना कर्मी के खिलाफ ट्रायल चला सकता है : सुप्रीम कोर्ट
यदि कमांडिंग ऑफिसर सेना अधिनियम की धारा 125 के तहत कोर्ट-मार्शल शुरू करने के लिए विवेक का प्रयोग नहीं करता तो क्रिमिनल कोर्ट सेना कर्मी के खिलाफ ट्रायल चला सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि यदि कमांडिंग ऑफिसर सेना अधिनियम की धारा 125 के तहत अपराध के संबंध में कोर्ट-मार्शल शुरू करने के लिए विवेक का प्रयोग नहीं करता है, तो आपराधिक अदालत के पास सेना के कर्मियों के खिलाफ ट्रायल चलाने का अधिकार क्षेत्र होगा।कोर्ट ने कहा कि यदि नामित अधिकारी कोर्ट-मार्शल के सामने कार्यवाही शुरू करने के लिए इस विवेक का प्रयोग नहीं करता है, तो सेना अधिनियम सामान्य आपराधिक अदालत द्वारा अधिकार क्षेत्र के प्रयोग में हस्तक्षेप नहीं करेगा.न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति...