संपादकीय

आप शिकायतकर्ता, अभियोजक और निर्णायक  : सुप्रीम कोर्ट ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों में वसूली नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए यूपी सरकार को फटकार लगाई
"आप शिकायतकर्ता, अभियोजक और निर्णायक " : सुप्रीम कोर्ट ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों में वसूली नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए यूपी सरकार को फटकार लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य में जिला प्रशासन द्वारा दिसंबर, 2019 में आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की वसूली के लिए कथित सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को जारी किए गए नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए यूपी सरकार को फटकार लगाई।कोर्ट ने कहा कि राज्य की कार्रवाई कोडुंगल्लूर फिल्म सोसाइटी (2018) में और इन रि : रि: डिस्ट्रक्शन ऑफ पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टीज (2009) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के उल्लंघन में है, जहां कानून की अनुपस्थिति में, जहां भी विरोध के कारण संपत्ति का...

मृत्युदंड के प्रतिस्थापन के तौर पर बिना किसी छूट के अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है : सुप्रीम कोर्ट
मृत्युदंड के प्रतिस्थापन के तौर पर बिना किसी छूट के अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मृत्युदंड के प्रतिस्थापन के तौर पर बिना किसी छूट के अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने एक मामले में रखी गयी उस दलील को खारिज कर दिया कि 'भारत सरकार बनाम वी. श्रीहरन- (2016) 7 एससीसी 1' मामले में अल्पमत वाले दृष्टिकोण पर विचार किया जाना चाहिए, जिसमें संविधान पीठ के दो न्यायाधीशों ने एक तरह का मंतव्य प्रकट किया था।कोर्ट ने रवीन्द्र नामक व्यक्ति द्वारा रिट याचिका पर विचार करने के दौरान कहा, "एक बार जब...

90 फीसदी पुलिस अधिकारी भ्रष्ट हैं, केवल 10 फीसदी अधिकारी ही ईमानदार और जांच करने में सक्षम: मद्रास हाईकोर्ट
90 फीसदी पुलिस अधिकारी भ्रष्ट हैं, केवल 10 फीसदी अधिकारी ही ईमानदार और जांच करने में सक्षम: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने अदालत के आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने का आरोप लगाते हुए एक पुलिस निरीक्षक के खिलाफ दायर अवमानना याचिका में कहा कि पुलिस विभाग में 90 प्रतिशत भ्रष्ट अधिकारी हैं।न्यायमूर्ति पी. वेलमुरुगन ने टिप्पणी की कि विभाग भी पुलिस अधिकारियों के पास जांच के लिए आवश्यक विशेषज्ञता नहीं होने से त्रस्त है।जज के मुताबिक सिर्फ 10 फीसदी अधिकारी ही 'ईमानदार और सक्षम' हैं, लेकिन वे अकेले ही सारी जांच नहीं कर सकते हैं। बेंच ने कहा, "हालांकि इस अदालत ने पाया कि जांच अधिकारी की...

हिजाब प्रतिबंध - हम भी जानते हैं कि राज्य में क्या हो रहा है, हम उचित समय पर सुनवाई करेंगे : सीजेआई
हिजाब प्रतिबंध - "हम भी जानते हैं कि राज्य में क्या हो रहा है, हम उचित समय पर सुनवाई करेंगे" : सीजेआई

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध के जवाब में शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को "उचित समय" पर देखेगा क्योंकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामला सुनवाई के लिए ले लिया है।वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने एक अंतरिम आदेश पारित करने के कर्नाटक हाईकोर्ट के कदम के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका का उल्लेख किया कि छात्रों को कॉलेजों में धार्मिक कपड़े पहनने पर जोर नहीं देना चाहिए, जबकि मामला न्यायालय...

अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले न्यायिक अधिकारी को इस्तीफा वापस लेने के लिए राजी करें : सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा
अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले न्यायिक अधिकारी को इस्तीफा वापस लेने के लिए राजी करें : सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ हाईकोर्ट द्वारा अपनाई गई प्रथा का समर्थन किया है जिसमें एक न्यायिक अधिकारी को उसके द्वारा दिए गए इस्तीफे को वापस लेने के लिए राजी किया गया था।जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा, "एक अच्छे न्यायिक अधिकारी को बिना काउंसलिंग और उसे आत्मनिरीक्षण और पुनर्विचार का अवसर दिए बिना खोना न्यायिक अधिकारी या न्यायपालिका के हित में नहीं होगा।"अदालत ने ये मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को निर्देश देते हुए कहा कि वो इस्तीफा देने वाली महिला अतिरिक्त जिला न्यायाधीश को बहाल करे...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
'स्किन टू स्किन टच' मामले में विवादित फैसला देने वाली बॉम्बे हाईकोर्ट की जज जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने इस्तीफा दिया

'स्किन टू स्किन टच' मामले (Skin To Skin Contact Case) में विवादित फैसला देने वाली बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर बेंच) की जज जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला (Justice Pushpa Ganediwala) ने इस्तीफा दे दिया है।वह हाईकोर्ट की एक अतिरिक्त न्यायाधीश थीं, जिनका विस्तारित कार्यकाल 12 फरवरी को समाप्त होने वाला था, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने उनके कार्यकाल के विस्तार की सिफारिश नहीं की थी।उन्होंने कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पहले ही इस्तीफा दे दिया है। वह 2007 में जिला न्यायाधीश बनीं और 13 फरवरी, 2019...

न्यायाधीशों को व्हाट्सएप मैसेजस भेजने से परहेज करें: सुप्रीम कोर्ट ने हीरा गोल्ड घोटाले मामले के पीड़ितों से कहा
न्यायाधीशों को व्हाट्सएप मैसेजस भेजने से परहेज करें: सुप्रीम कोर्ट ने हीरा गोल्ड घोटाले मामले के पीड़ितों से कहा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हीरा गोल्ड घोटाला मामले (Heera Gold Scam Case) में ठगे गए निवेशकों से व्हाट्सएप मैसेजस के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के साथ संचार स्थापित करने के प्रयास से परहेज करने को कहा।जांच एजेंसियों द्वारा निवेशकों को धोखा देने के मामले में हीरा गोल्ड एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रबंध निदेशक, नोहेरा शेख के खिलाफ दायर एक अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने चिंता व्यक्त की कि न्याय की मांग करने वाले निवेशकों द्वारा उनसे संपर्क किया जा रहा...

इस्तीफे को स्वैच्छिक नहीं माना जा सकता : सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाईकोर्ट को हाईकोर्ट जज के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला जज को बहाल करने का आदेश दिया
'इस्तीफे को स्वैच्छिक नहीं माना जा सकता' : सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाईकोर्ट को हाईकोर्ट जज के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला जज को बहाल करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वो इस्तीफा देने वाली महिला अतिरिक्त जिला न्यायाधीश को बहाल करे जिसने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मामले की परिस्थितियों में उनके इस्तीफे को "स्वैच्छिक" नहीं माना जा सकता और इसलिए उनके इस्तीफे को स्वीकार करने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया।अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के रूप में महिला जज को बहाल करने का आदेश देते हुए, सुप्रीम...

केवल अपराध की घृणित प्रकृति मौत की सजा देने के लिए निर्णायक कारक नहीं हो सकती, सजा कम करने के कारक भी समान रूप से जरूरी : सुप्रीम कोर्ट
केवल अपराध की घृणित प्रकृति मौत की सजा देने के लिए निर्णायक कारक नहीं हो सकती, सजा कम करने के कारक भी समान रूप से जरूरी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल अपराध की घृणित प्रकृति मौत की सजा देने के लिए निर्णायक कारक नहीं हो सकती है।अदालत ने एक सात साल की बच्ची की बलात्कार और हत्या के आरोपी व्यक्ति को दी गई मौत की सजा को कम करते हुए कहा कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सजा कम करने वाले कारकों से संबंधित समान रूप से प्रासंगिक पहलू पर भी विचार किया जाना चाहिए कि मौत की सजा के अलावा किसी अन्य सजा का विकल्प बंद हो चुके हैं।जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि आरोपी का कोई...

सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब प्रतिबंध याचिका को सूचीबद्ध करने की मांग पर कहा- हाईकोर्ट को फैसला करने दीजिए
सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब प्रतिबंध याचिका को सूचीबद्ध करने की मांग पर कहा- 'हाईकोर्ट को फैसला करने दीजिए'

चीफ जस्टिस एनवी रमाना के सामने सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कर्नाटक के कॉलेजों में हिजाब प्रतिबंध के मुद्दे का मेंशन किया। उन्होंने कहा कि सिर पर स्कार्फ पहनने वाली मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में प्रवेश करने से रोका जा रहा है।कपिल सिब्बल ने बताया कि मामले को कर्नाटक हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई है। उन्होंने सीजेआई एनवी रमना से मामले की तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया।सीजेआई ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ आज...

सीपीसी का आदेश XIV नियम 2 - लिमिटेशन के मुद्दे को प्रारंभिक मुद्दे के रूप में तय नहीं किया जा सकता है जब तक यह कानून का विशुद्ध प्रश्न न हो : सुप्रीम कोर्ट
सीपीसी का आदेश XIV नियम 2 - लिमिटेशन के मुद्दे को प्रारंभिक मुद्दे के रूप में तय नहीं किया जा सकता है जब तक यह कानून का विशुद्ध प्रश्न न हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश XIV नियम 2 के तहत लिमिटेशन के मुद्दे को प्रारंभिक मुद्दे के रूप में तय नहीं किया जा सकता है, जब तक यह कानून का विशुद्ध प्रश्न न हो।आदेश XIV नियम 2 (2) में प्रावधान है कि यदि एक ही मुकदमे में कानून और तथ्य दोनों के मुद्दे उठते हैं, और कोर्ट की राय है कि मामला या उसका कोई अंश का निपटारा केवल कानून के मुद्दे पर किया जा सकता है, तो कोर्ट उस मुद्दे को पहले निपटाने की कोशिश कर सकता है, यदि वह मुद्दा- (ए) कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से...

मानवीय मुद्दे का सामना कर रहे वकीलों के क्लर्कों के लिए टैक्नोलॉजी मार्च सॉफ्ट स्किल्स विकसित करने में मददगार होगा, वे ई-कोर्ट प्रोजेक्ट का हिस्सा बन सकें: जस्टिस चंद्रचूड़
मानवीय मुद्दे का सामना कर रहे वकीलों के क्लर्कों के लिए टैक्नोलॉजी मार्च सॉफ्ट स्किल्स विकसित करने में मददगार होगा, वे ई-कोर्ट प्रोजेक्ट का हिस्सा बन सकें: जस्टिस चंद्रचूड़

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के लिए 100% डिजिटल साक्षरता सुरक्षित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ई-समिति की भविष्य की योजनाओं को प्रचारित करते हुए कहा कि इस संबंध में वह छात्रों के साथ जेल अधिकारियों के सहयोग के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि जेल वास्तव में वह क्षेत्र है, जो हमारे देश में कानूनी व्यवस्था की कमजोर कड़ी है।सुप्रीम कोर्ट ई-समिति के अध्यक्ष जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ मास्टर ट्रेनर्स के लिए ई-सर्टिफिकेट्स के डिजिटल वितरण पर मुख्य भाषण दे रहे थे।उन्होंने बताया कि...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
जिस शिक्षक ने पहले रोटेशन में एचओडी बनने से इनकार कर दिया हो, दूसरे रोटेशन में उसे एचओडी नियुक्त करने पर रोक नहीं है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केरल सरकार द्वारा बनाए गए विधान 18 के तहत, जो कोचीन विश्वविद्यालय के निदेशक / एचओडी की नियुक्ति की परिकल्पना करता है, एक शिक्षक जिसे तर्कसंगत आधार पर एचओडी के लिए विचार किया जा रहा था, उसे नियुक्ति के लिए विचार करने से प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा, यदि दूसरी रोटेशनल अवधि देय हो और वह पहले कार्यकाल के दौरान शैक्षणिक कारणों से जिम्मेदारी से मुक्त होने का अनुरोध करता है।जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस एएस ओक की पीठ केरल हाईकोर्ट के 8 अप्रैल, 2021 के आदेश का विरोध करने वाली एक...

यहां कोई नकारात्मक समानता नहीं है, बिना कानूनी आधार के समानता के सिद्धांत के रूप में भरोसा कर लाभ नहीं दिया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
यहां कोई नकारात्मक समानता नहीं है, बिना कानूनी आधार के समानता के सिद्धांत के रूप में भरोसा कर लाभ नहीं दिया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 14 में नकारात्मक समानता की परिकल्पना नहीं की गई है।जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि यदि कानूनी आधार या औचित्य के बिना एक व्यक्ति या लोगों के एक समूह को कोई लाभ या फायदा दिया गया है, तो वह लाभ गुणा नहीं हो सकता है, या समानता या समता के सिद्धांत के रूप में इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।इस मामले में, 2015 में, मद्रास हाईकोर्ट ने पीड़ित उम्मीदवारों और टैंजेडको के बीच समझौता शर्तों को दर्ज करके 84...

देश में बच्चियों की कमजोर स्थिति, पॉक्सो दोषियों के लिए कोई नरमी नहीं : सुप्रीम कोर्ट
देश में बच्चियों की कमजोर स्थिति, पॉक्सो दोषियों के लिए कोई नरमी नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध करने वाले व्यक्ति के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बच्चे अनमोल मानव संसाधन हैं। कोर्ट ने खेद व्यक्त करते हुए कहा, हालांकि, हमारे देश में, एक लड़की बहुत कमजोर स्थिति में है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए कहा, "यौन उत्पीड़न, यौन हमले के कृत्य के अनुरूप एक उपयुक्त सजा देकर, समाज को बड़े पैमाने पर एक संदेश दिया जाना चाहिए कि,...

डिफ़ॉल्ट जमानत सिर्फ इसलिए नहीं दी जा सकती कि वैधानिक अवधि समाप्ति से पहले संज्ञान नहीं लिया गया, चार्जशीट दाखिल करना पर्याप्त अनुपालन : सुप्रीम कोर्ट
डिफ़ॉल्ट जमानत सिर्फ इसलिए नहीं दी जा सकती कि वैधानिक अवधि समाप्ति से पहले संज्ञान नहीं लिया गया, चार्जशीट दाखिल करना पर्याप्त अनुपालन : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई आरोपी केवल इस आधार पर डिफ़ॉल्ट जमानत की मांग नहीं कर सकता है कि रिमांड की तारीख से 60 दिनों या 90 दिनों की समाप्ति से पहले संज्ञान नहीं लिया गया है, यदि चार्जशीट पहले ही दायर की गई थी।जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) के तहत वैधानिक जमानत लेने के लिए एक आरोपी का अपरिहार्य अधिकार केवल तभी उत्पन्न होता है जब वैधानिक अवधि की समाप्ति से पहले चार्जशीट दायर नहीं की गई हो।अदालत ने कहा कि आरोपी तब तक मजिस्ट्रेट की...

धार्मिक उद्देश्य के लिए समर्पित भूमि को राज्य में निहित करने से छूट नहीं है : सुप्रीम कोर्ट ने एपी वक्फ बोर्ड की 1654 एकड़ भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने की अधिसूचना को रद्द किया
'धार्मिक उद्देश्य के लिए समर्पित भूमि को राज्य में निहित करने से छूट नहीं है' : सुप्रीम कोर्ट ने एपी वक्फ बोर्ड की 1654 एकड़ भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने की अधिसूचना को रद्द किया

पवित्र और धार्मिक उद्देश्य के लिए समर्पित भूमि को राज्य में निहित करने से छूट नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड की कार्रवाई को रद्द कर दिया जिसमें 1654 एकड़ और 32 गुंटा भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में घोषित किया गया था।जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि उक्त भूमि राज्य और/या तेलंगाना इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के पास किसी भी प्रकार के भार से मुक्त है। इसमें कहा गया है कि दरगाह को छह महीने के भीतर कम्यूटेशन रेगुलेशन की धारा 4 में...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी की दो विधानसभा सीटों को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में दो विधानसभा सीटों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता को कार्रवाई का कारण जारी रहने पर इसे पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता दी।जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच 17 दिसंबर, 2021 के उस आदेश को वापस लेने की मांग करने वाले एक विविध आवेदन पर विचार कर रही थी, जिसके द्वारा गैर-अभियोजन के लिए रिट को खारिज कर दिया गया था।इस तथ्य को ध्यान...