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सभी कैदी कर सकेंगे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रायवेट वकील के साथ कानूनी साक्षात्कार, दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया
दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्राायवेट वकील के साथ कानूनी साक्षात्कार करने की सुविधा अब दिल्ली के सभी कैदियों को दी जाएगी।एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जलान की पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार ने यह जानकारी दी है। सरकार की तरफ से बताया गया है कि अब सभी कैदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा ले सकेंगे,ताकि वे अपने वकील के साथ कानूनी साक्षात्कार कर सके। अधिवक्ता सार्थक मग्गन के जरिए दायर इस याचिका में...
ITAT ने कहा, दिल्ली बार काउंसिल आयकर अधिनियम की धारा 80G के तहत छूट की हकदार
आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने माना है कि बार काउंसिल ऑफ दिल्ली आयकर अधिनियम की धारा 12 एए के तहत पंजीयन का हकदार है और परिणामस्वरूप धारा 80 जी के तहत छूट का हकदार है। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण की दिल्ली बेंच ने आयकर आयुक्त (छूट) की ओर से पारित एक आदेश को रद्द कर दिया, जिसने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें आयकर अधिनियम की धारा 12AA के तहत पंजीयन की मांग की गई थी। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 12AA एक चैरिटेबल ट्रस्ट या संस्था के पंजीकरण की प्रक्रिया से संबंधित है।...
उत्तर प्रदेश पुलिस आईटी एक्ट की 'असंवैधानिक' धारा 66 ए के तहत लगातार दर्ज कर रही एफआईआर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इसे खारिज करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में दिए गए एक फैसले (श्रेया सिंघल बनाम बनाम यूनियन ऑफ इंडिया) में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 ए को रद्द कर चुकी है। पिछले वर्ष, शीर्ष अदालत ने 'असंवैधानिक' धारा 66 ए के निरंतर प्रयोग पर अपनी चिंता जाहिर की थी और नाराजगी व्यक्त की थी। हाल ही में, रोहित सिंघल नाम के एक व्यक्ति ने धारा 3/7, आवश्यक वस्तु अधिनियम, और धारा 66A सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के समक्ष...
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जीएसटी अधिकारियों द्वारा तलाशी और जब्ती के दौरान वकील की मौजूदगी का आग्रह ठुकराया
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम की धारा 67 के तहत एक मीठी सुपारी विनिर्माण संयंत्र की तलाशी और जब्ती के दौरान वकील की मौजूदगी संबंधी एक याचिकाकर्ता की अर्जी गत शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की खंडपीठ ने कहां कि याचिकाकर्ता अपने अनुरोध के समर्थन में कोई भी 'सांविधिक प्रावधान या किसी कानूनी अधिकार' का हवाला देने में असफल रहा है। इस मामले में याचिकाकर्ता के विनिर्माण संयंत्र यूनिट को कथित तौर पर कर चोरी के मामले...
केंद्र सरकार का 59 एप्स को ब्लॉक करने का फैसला, श्रेया सिंघल जजमेंट और धारा 69 ए आईटी एक्ट
अशोक किनीइलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल ही में 59 मोबाइल ऐप्स, जिनमें ज्यादातर चीनी एप्स हैं, जैसे टिक टोक, कैम स्कैनर, जेंडर आदि शामिल हैं, को ब्लॉक करने का फैसले किया है। फैसले को सार्वजनिक करते हुए मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए के तहत अपनी शक्तियों का उल्लेख किया है, साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी (जनता द्वारा सूचना के अभिगम को अवरुद्ध करने के लिए प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय) नियम, 2009 के प्रासंगिक प्रावधानों का उल्लेख किया है। इन ऐप्स को भारत की...
वर्णान्धता सिपाही के पद पर तैनाती से इनकार का आधार नहीं हो सकती : गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी उम्मीदवार को लोक रक्षक दल में उसके मेरिट के अनुसार सभी लाभों के साथ सिर्फ़ इसलिए नियुक्ति से मना नहीं किया जा सकता क्योंकि उसे वर्णान्धता है। न्यायमूर्ति बिरेन वैष्णव ने सूरत पुलिस के डीजेपी और आयुक्त को निर्देश दिया कि वह याचिककर्ताओं के मामले पर उनकी वर्णान्धता को नज़रंदाज़ करते हुए संबंधित पद पर उसकी नियुक्ति पर विचार करें। कोर्ट ने कहा कि अगर उनके ख़िलाफ़ और कुछ नहीं है तो उन्हें तत्काल इस पद पर नियुक्ति दी जाए। एकल पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने इससे...
'मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामलों में राज्य नहीं कर सकता संप्रभु प्रतिरक्षा की मांग' : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य को दिया निर्देश, ट्रायल में देरी होने के लिए आरोपी को देंं मुआवजा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने माना है कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामलों में राज्य स्वायत्त बचाव की दलील का सहारा नहीं ले सकता ।इस मामले में न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने राज्य को उस जमानत आवेदक को मुआवजा देने का निर्देश दिया है, जो एक साल से अधिक समय से जेल में बंद था, परंतु उसके मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई जिसके लिए पूरी तरह से राज्य की पुलिस जिम्मेदार थी। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत याचिकाकर्ता को स्पीडी ट्रायल का मौलिक अधिकार...
'केवल 25 प्रतिशत लॉ स्टूडेंट्स के पास इंटरनेट की सुविधा' : ऑनलाइन क्लास और परीक्षा संचालित करने के BCI के निर्देशों को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती
दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से जारी उन निर्देशों की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है,जो ऑनलाइन परीक्षाओं व कक्षाओं के संचालन के संबंध देश के सभी लाॅ विश्वविद्यालयों को जारी किए गए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि काॅलेजों को फिर से खोलने के बाद अंतिम वर्ष की लाॅ की परीक्षाएं ऑनलाइन मोड के माध्यम से या किसी अन्य उपयुक्त विधि के माध्यम से करवाई जाएं। वहीं मध्यवर्ती लाॅ की परीक्षाएं भी आयोजित की जाएं। बीसीआई द्वारा 27 मई को जारी किए गए दिशा-निर्देश व 9 जून...
'समर्पण को सहमतिपूर्ण यौन संबंध कभी नहीं माना जा सकता : केरल हाईकोर्ट ने बलात्कार के दोषी की सज़ा बरकरार रखी
केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे यौन संबंध जो मान्य हैं, सिर्फ उन्हीं के बारे में यह कहा जा सकता है कि वे पीड़िता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करते और उन्हें ही सहमतिपूर्ण माना गया है। आरोपी के ख़िलाफ़ मामला यह था कि उसने एक नाबालिग लड़की से फ़रवरी 2009 में बलात्कार किया और बाद में भी ऐसा करता रहा। यह लड़की अनुसूचित जाति की है। ट्रायल कोर्ट ने उसे आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का दोषी माना। ट्रायल कोर्ट ने पाया कि अभियोजन लड़की की उम्र का निर्धारण नहीं कर पाया और यह साबित नहीं कर पाया कि यह...
बिना किसी छूट के आजीवन कारावास की सजा पाए हत्या के दोषियों को फर्लो नहीं दी जा सकतीः दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि एक दोषी, जिसे किसी विशेष अवधि के लिए या इस शर्त के साथ आजीवन कारावास की सजा दी गई है कि उस अवधि में उसे कोई छूट नहीं दी जाएगी, तो वह सजा की उक्त अवधि के दरमियान फर्लो का हकदार नहीं है। जस्टिस मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ के समक्ष पेश याचिकाकर्ताओं, पहला- संजय कुमार वाल्मीकि बलात्कार और हत्या का दोषी है, उसे धारा 302/376 (2) (एफ) / 363 /201आईपीसी के तहत दंडनीय अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था और सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसमें यह शर्त थी कि...
जस्टिस ओका की युवा वकीलों को सलाह, "यदि आप सफल होना चाहते हैं, तो शुरुआती वर्षों में ट्रायल कोर्ट में प्रैक्टिस करें"
कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका ने द रूट्स रिसोर्सेज और नलसार्स न्याय फोरम की ओर से आयोजित ई-सेमिनार में कानून और न्याय पने अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में जस्टिस ओका ने उन छात्रों और युवा वकीलों के लाभ के लिए, जिन्हें मुकदमेबाजी में कैरियर बनाने की इच्छा है, अपने विचार और अनुभव साझा किए। ट्रायल कोर्ट स्तर का कार्य एक महान सीख ट्रायल कोर्ट में वकालत के महत्व पर जस्टिस ओका ने कहा कि, "यदि आप हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करना चाहते हैं और आप वास्तव...
पति की मृत्यु के बाद 'करेवा' विवाह करने वाली महिला नहीं है विधवा पेंशन प्राप्त करने की हकदार : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एक महिला जो अपने पति की मृत्यु के बाद 'करेवा''(एक विधवा द्वारा पुनर्विवाह के मामले में 'करेवा या चादर अंदाजी' की जाती है। इस सेरेमनी के दौरान भविष्य में बनने वाला पति महिला के सिर पर एक सफेद चादर ड़ाल देता है) विवाह स्वीकार कर लेती है, उसके बाद वह विधवा पेंशन पाने की हकदार नहीं है क्योंकि वह अब ''निराश्रित'' नहीं है।न्यायमूर्ति लिसा गिल ने कहा, ''यह स्पष्ट है कि उक्त योजना एक ऐसी स्थिति का ध्यान रखने के लिए बनाई गई है, जिसमें अपने पति की मौत के बाद...
मद्रास हाईकोर्ट ने अपने कर्मचारियों को COVID 19 टेस्ट का परिणाम छुपाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी
मद्रास हाईकोर्ट ने अपने स्टाफ/वर्कफोर्स को चेतावनी जारी की है कि यदि किसी समय यह पाया जाता है कि एक ही घर में रहने वाले किसी भी अधिकारी / कर्मचारी सदस्य और / या उनके परिवार के सदस्यों का COVID -19 टेस्ट पॉज़िटिव आया और इसके बावजूद संबंधित अधिकारी / कर्मचारी सदस्य क्वारंटीन अवधि के दौरान कोर्ट/कार्यालय में आता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी। शनिवार को जारी एक सर्कुलर में हाईकोर्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 6 जुलाई से हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के सीमित कामकाज के लिए...
लॉकडाउन में स्कूल फीस जमा करने से छूटः अलग-अलग उच्च न्यायालयों का क्या है आदेश
अशोक किनी सुप्रीम कोर्ट पैरेंट्स एसोसिएशन द्वारा दायर एक रिट याचिका पर विचार कर रही है, जिसमें 1 अप्रैल से 1 जुलाई 2020 तक, तीन महीने की अवधि के लिए निजी स्कूल को फीस देने से छूट की मांग की गई है। 9 राज्यों, राजस्थान, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली और मध्य प्रदेश में पैरैट्स एसोसिएशनों की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि "एक माता-पिता की वित्तीय कठिनाइयों के कारण फीस भुगतान में अक्षमता की स्थति में, संविधान में प्रदान किए गए ..." शिक्षा के अधिकार के...
मुख्यमंत्री जन संवाद प्रकोष्ठ को पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने का अधिकार नहीं : झारखंड हाईकोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री जन संवाद प्रकोष्ठ द्वारा पुलिस अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दबाव बनाने के चलन को हाल ही में अनुचित ठहराया है। न्यायमूर्ति आनंद सेन की एकल पीठ ने कहा, " मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र का दरवाजा खटखटाने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, क्योंकि न तो यह एक सांविधिक निकाय है और न ही दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत उसे कोई अधिकार प्राप्त है। इतना ही नहीं, तथाकथित 'मुख्यमंत्री जन संवाद केंद' को न तो पुलिस अधिकारियों को प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश...
स्कूल में गिटार की प्रैक्टिस करते समय करंट लगने से एक लड़के की मौत : गुवाहाटी हाईकोर्ट ने माता-पिता को तीस लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने एक स्कूल को निर्देश दिया है कि वह उस छात्र के माता-पिता को मुआवजे के रूप में तीस लाख रुपये का भुगतान करे, जिसकी स्कूल में गिटार की प्रैक्टिस करते समय करंट लगने (इलेक्ट्रोक्यूशन) के कारण मौत हो गई थी।देबजीत दास और शारदा दास का बेटा रणवीर दास विलियमसन मैगर एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित असम वैली स्कूल का छात्र था। वह अपने तीन दोस्तों के साथ स्कूल की म्यूजिक सेल में इलेक्ट्रिक गिटार की प्रैक्टिस कर रहा था और इसी दौरान उसको करंट लग गया। हालांकि उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन...
(विवाह कराने से इनकार) केरल हाईकोर्ट ने कहा, चर्च के खिलाफ याचिका सुनवाई योग्य नहीं
केरल हाईकोर्ट ने माना है कि विवाह कराने से मना के कारण चर्च के खिलाफ खिलाफ दायर याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। चीफ जस्टिस एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी चैली की खंडपीठ ने कहा कि विवाह में पक्षों के बीच संबंध शामिल है, यह स्पष्ट रूप से निजी कानून के दायरे में आता है और इसमें कोई सार्वजनिक कार्य शामिल नहीं है। डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि चर्च दो सदस्यों के बीच विवाह कराके किसी सार्वजनिक कर्तव्य या कार्य निर्वहन नहीं कर रहा है। एक युगल की ओर से दायर...
न्यायिक रिकॉर्ड में गड़बड़ी के आरोप हों तो सरकार FIR दर्ज करने का विरोध नहीं कर सकती : झारखंड हाईकोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट ने न्यायिक दस्तावेजों में छेड़छाड़ और फर्जीवाड़े को लेकर अधिसूचित क्षेत्र नियमन (एसएआर) अधिकारी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करने का रांची के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति आनंद सेन की एकल पीठ ने इतने 'गम्भीर मसले' पर प्राथमिकी दर्ज करने की अर्जी का राज्य सरकार द्वारा विरोध किये जाने को लेकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, "जब न्यायिक दस्तावेजों में छेड़छाड़ और फर्जीवाड़े के आरोप हों तो सरकार प्राथमिकी दर्ज करने का विरोध नहीं कर सकती।" याचिकाकर्ता माथियास विजय...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने COVID-19 दिशा निर्देशोंं के अनुसार विशेष रूप से डिज़ाइन रिमांड कोर्ट की स्थापना की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलूरु में पारदर्शी विभाजन वाले विशेष रूप से डिजाइन रिमांड कोर्ट की स्थापना की है, जहां मजिस्ट्रेट के सामने शारीरिक रूप से आरोपियों/ट्रायल कैदियों को पेश किया जाएगा। हाईकोर्ट द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि "कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा समय-समय पर महामारी COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को जारी किए गए हैं। इसी क्रम में गिरफ्तार व्यक्ति/ट्रायल कैदी / रिमांड के उद्देश्य से / जमानत पर विचार करने के लिए पारदर्शी विभाजन वाले एक...
महामारी के दौर में अज्ञानता सर्वनाशी है : तेलंगाना हाईकोर्ट ने सरकार के COVID 19 आंकड़ों पर असंतोष जताया
तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार ने COVID 19 के बारे में जो आंकड़े दिए हैं और मीडिया बुलेटिन और प्रेस में जो सूचनाएं दी जाती हैं उससे एक बहुत ही भयानक तस्वीर उभरती है। अदालत ने सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि पिछले दो माह से अदालत एक के बाद एक आदेश पास करती जा रही है, यह सोचकर कि सरकार स्थिति की गंभीरता को समझेगी और इस अदालत के आदेश को लागू करेगी पर ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। अदालत ने निर्देश दिया कि अगर अदालत के निर्देशों का 15 जुलाई तक पालन नहीं हुआ तो 27 जुलाई को होने वाली अगली...



















