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आम चुनाव कराने में राज्य चुनाव आयोग की कोई भूमिका नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट में ईवीएम, वीवीपीएटी की प्रथम स्तर की जांच पर दायर जनहित याचिका पर ईसीआई ने कहा
आम चुनाव कराने में राज्य चुनाव आयोग की कोई भूमिका नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट में ईवीएम, वीवीपीएटी की 'प्रथम स्तर की जांच' पर दायर जनहित याचिका पर ईसीआई ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 2024 के लोकसभा चुनावों में उपयोग के लिए राष्ट्रीय राजधानी के ग्यारह जिला कार्यालयों में ईवीएम और वीवीपीएटी की "प्रथम स्तरीय जांच" के दौरान राज्य चुनाव आयोग के आचरण के खिलाफ जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।यह याचिका दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार द्वारा दायर की गई, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की इकाई है।जनहित याचिका एडवोकेट अल्जो के. जोसेफ और सुनील कुमार के माध्यम से दायर की गई। इसमें आरोप लगाया गया कि प्रथम स्तरीय जांच...

गंभीर संवैधानिक मुद्दे: दिल्ली हाईकोर्ट ने जूनियर ज्यूडिशियल असिस्टेंट की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका में एजी वेंकटरमणी से सहायता मांगी
'गंभीर संवैधानिक मुद्दे': दिल्ली हाईकोर्ट ने जूनियर ज्यूडिशियल असिस्टेंट की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका में एजी वेंकटरमणी से सहायता मांगी

दिल्ली हाईकोर्ट ने अदालत में वर्तमान में कार्यरत 50 जूनियर ज्यूडिशियल असिस्टेंट की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका में भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से सहायता मांगी।जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मिनी पुष्करणा की खंडपीठ ने कहा कि उक्त याचिका हाईकोर्ट के सेवारत कर्मचारियों द्वारा दायर की गई है। इस याचिका में गंभीर संवैधानिक और प्रशासनिक मुद्दा उठाए गए हैं। इसलिए मामले में एमिक्स क्यूरी के रूप में वेंकटरमणी की सहायता का अनुरोध किया गया है।याचिकाकर्ता-कर्मचारियों की ओर से पेश वकील ने कहा कि जूनियर...

Delhi Riots
दिल्ली दंगे: अदालत ने आरोपी की संलिप्तता के बारे में 'मनगढ़ंत बयान' देने पर दिल्ली पुलिस की खिंचाई की, आरोपी को बरी किया

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में व्यक्ति को बरी करते हुए दंगा और बर्बरता करने वाली भीड़ में उसकी संलिप्तता के बारे में "मनगढ़ंत बयान" देने पर दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी और एक कांस्टेबल की आलोचना की।कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने पारित एक आदेश में कहा कि हालांकि अभियोजन पक्ष ने दंगे और बर्बरता की घटना को स्थापित किया, लेकिन यह किसी भी उचित संदेह से परे गैरकानूनी सभा में जावेद की उपस्थिति को साबित करने में विफल...

पत्नी के परिजनों का पति से अपने मां-बाप को छोड़ने, और घर जमाई बनने का आग्रह करना क्रूरता जैसाः दिल्ली हाईकोर्ट
पत्नी के परिजनों का पति से अपने मां-बाप को छोड़ने, और "घर जमाई" बनने का आग्रह करना क्रूरता जैसाः दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि पत्नी के परिजनों को पति से अपने मां-बाप को छोड़ने, और "घर जमाई" बनने का आग्रह करना क्रूरता जैसा है।जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत क्रूरता और परित्याग के आधार पर एक जोड़े को तलाक की अनुमति दी। दोनों ने 2001 में विवाह किया था और एक साल बाद अलग रहना शुरू कर दिया।अदालत ने फैसले में कहा कि किसी जोड़े को एक-दूसरे के साथ से वंचित किया जाना, यह साबित करता है कि शादी कायम नहीं रह सकती और वैवाहिक...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रिट याचिका से निपटने में लापरवाही के लिए वकील पर जुर्माना लगाया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रिट याचिका से निपटने में लापरवाही के लिए वकील पर जुर्माना लगाया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कानूनी मामलों में लापरवाही से निपटने के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए एक वकील को 10,000/- रुपये का जुर्माना देने का निर्देश दिया, क्योंकि वकील ने खुद द्वारा दायर एक रिट याचिका से निपटने में लापरवाही बरती। अदालत का यह आदेश 2003 में तत्कालीन सहायक सीमा शुल्क आयुक्त (एमपी) द्वारा दायर एक रिट याचिका के निपटारे पर अदालत के असंतोष के मद्देनजर आया, जिसे 2014 में प्रोसेस फीस के भुगतान से संबंधित एक अनिवार्य आदेश का पालन करने में विफल रहने के कारण खारिज कर दिया गया था।उल्लेखनीय है...

रोजमर्रा के कामकाज में एक गृहणी का योगदान अतुलनीय और गहन प्रशंसायोग्यः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
रोजमर्रा के कामकाज में एक गृहणी का योगदान अतुलनीय और गहन प्रशंसायोग्यः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना‌ कि दैनिक जीवन में एक गृहिणी का योगदान "अतुलनीय और गहन प्रशंसा के योग्य है।" हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक महिला की अपील को अनुमति दी, जिसमें उसने अपनी पति की मृत्यु के बाद उसे दिए गए मुआवजे की राशि को बढ़ाने की मांग की थी।जस्टिस संजय वशिष्ठ की बेंच ने कहा,"एक गृहिणी के कंधों पर असंख्य जिम्मेदारियां होती हैं, जिसमें विविध प्रकार के कार्य शामिल होते हैं। घरेलू कामकाज को मैनेज करने से लेकर रिश्तों को पोषित करने और सौहार्दपूर्ण माहौल को बनाए रखने तक, उनकी भूमिका...

आप किसी को प्रार्थना करने से कैसे रोक सकते हैं? चर्च को अवैध रूप से सील करने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा
आप किसी को प्रार्थना करने से कैसे रोक सकते हैं? चर्च को अवैध रूप से सील करने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट में कौशांबी जिले में स्थित एक चर्च को कथित तौर पर सील करने के खिलाफ एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य से पूछा कि वह किसी को प्रार्थना करने के अधिकार का पालन करने से कैसे रोक सकता है।मुख्य न्यायाधीश ने राज्य से पूछा, "आप किसी को प्रार्थना करने से कैसे रोक सकते हैं?"याचिकाकर्ता आश्रय चैरिटेबल ट्रस्ट और उसके प्रबंध ट्रस्टी ने दावा किया कि उन्होंने उन भक्तों के हित में...

समलैंगिक बेटी को उसकी इच्छा के अनुसार स्वीकार करने के लिए माता-पिता की काउंसलिंग करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने आश्रय गृह को निर्देश दिया
समलैंगिक बेटी को उसकी इच्छा के अनुसार स्वीकार करने के लिए माता-पिता की काउंसलिंग करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने आश्रय गृह को निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में एक आश्रय गृह को 22 वर्षीय समलैंगिक महिला के माता-पिता को कम से कम वैकल्पिक दिनों में उनकी बेटी को "उसकी इच्छा के अनुसार" स्वीकार करने के लिए माता पिता की काउंसलिंग करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने आश्रय गृह के निदेशक को महिला को रहने के लिए स्वीकार करने, उसे भोजन और आश्रय सहित आवश्यक सुविधाएं देने और उसे काउंसलिंग सेशन देने का भी आदेश दिया।अदालत ने महिला के साथी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण...

अनुच्छेद 20 | 2018 संशोधन से पहले 16 वर्ष से कम उम्र की महिला के साथ बलात्कार के लिए आईपीसी की धारा 376(3) के तहत कोई दोषसिद्धि नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट
अनुच्छेद 20 | 2018 संशोधन से पहले 16 वर्ष से कम उम्र की महिला के साथ बलात्कार के लिए आईपीसी की धारा 376(3) के तहत कोई दोषसिद्धि नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के साथ बलात्कार करने के लिए एक व्यक्ति को दी गई सजा को बरकरार रखा है। हालांकि ट्रायल कोर्ट द्वारा उस दी गई 20 साल की सजा को संशोधित करके 10 साल कैद में बदल दिया है। जस्टिस के नटराजन की सिंगल जज बेंच ने 45 वर्षीय अब्दुल खादर उर्फ रफीक द्वारा दायर अपील को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया, जिसे 2015 में किए गए अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (3) के तहत 20 साल की सजा सुनाई गई थी।पीठ ने कहा,“यह उल्लेखनीय है कि संशोधित आईपीसी धारा 376(3) जोड़कर...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आठ साल से सजा काट रहे व्यक्ति को आईपीसी की धारा 306 के तहत आरोप से बरी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आठ साल से सजा काट रहे व्यक्ति को आईपीसी की धारा 306 के तहत आरोप से बरी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को उस व्यक्ति को बरी कर दिया, जिसे निचली अदालत ने आईपीसी की धारा 306 के तहत दोषी ठहराया था और पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 8 साल की कैद की सजा सुनाई थी। रिकॉर्ड पर सबूतों का विश्लेषण करने के बाद, अदालत ने कहा कि आरोपी की ओर से कुछ और प्रत्यक्ष कार्य, भले ही अप्रत्यक्ष हो, की आवश्यकता है ताकि उसके कृत्यों या आचरण को 'उकसाने' शब्द के अर्थ में लाया जा सके और इसलिए, वह बरी होने का हकदार है।हालांकि बरी होने का फैसला दर्ज करने से पहले, जस्टिस ज्योत्सना...

गर्भवती कामकाजी महिलाएं मातृत्व लाभ की हकदार, उन्हें केवल रोजगार की प्रकृति के कारण रोका नहीं जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
गर्भवती कामकाजी महिलाएं मातृत्व लाभ की हकदार, उन्हें केवल रोजगार की प्रकृति के कारण रोका नहीं जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि गर्भवती कामकाजी महिलाएं मातृत्व लाभ की हकदार हैं और उनके रोजगार की प्रकृति के कारण उन्हें मातृत्व लाभ अधिनियम, 2017 के तहत राहत से वंचित नहीं किया जा सकता है। जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने फैसला सुनाया, "अधिनियम की भाषा या इसके प्रावधानों में ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह बताता हो कि एक कामकाजी गर्भवती महिला को उनके रोजगार की प्रकृति के कारण राहत पाने से रोका जाएगा।"अदालत ने कहा कि मातृत्व लाभ केवल नियोक्ता और कर्मचारी के बीच वैधानिक अधिकार या संविदात्मक संबंध से उत्पन्न नहीं...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित तौर पर दो रिश्तेदारों को आग लगाकर मारने के लिए मौत की सजा पाने वाले व्यक्ति को बरी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कथित तौर पर दो रिश्तेदारों को आग लगाकर मारने के लिए मौत की सजा पाने वाले व्यक्ति को बरी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में अपनी सास और साले को जलाकर मारने के आरोपी एक व्यक्ति की मौत की सजा को रद्द कर दिया क्योंकि अदालत ने कहा कि उसका अपराध उचित संदेह से परे स्थापित नहीं हो सका। जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी की पीठ ने कहा,“ हम मामले के तथ्यों में पाते हैं कि निचली अदालत ने गवाहों की गवाही की सावधानीपूर्वक जांच नहीं की है और अभियोजन पक्ष के मामले को उसके आधार पर स्वीकार कर लिया है। मृत्यु पूर्व बयान के मूल्यांकन के संबंध में कानून को भी वर्तमान मामले के...

नेशन वांट्स टू नो टैगलाइन: टाइम्स ग्रुप ने रिपब्लिक टीवी, अर्नब गोस्वामी के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से वापस ली
'नेशन वांट्स टू नो' टैगलाइन: टाइम्स ग्रुप ने रिपब्लिक टीवी, अर्नब गोस्वामी के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से वापस ली

टाइम्स ग्रुप ने "नेशन वांट्स टू नो" टैगलाइन के उपयोग पर 2020 में पारित आदेश का उल्लंघन करने के लिए रिपब्लिक टीवी और उसके प्रबंध निदेशक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ अदालत की अवमानना ​​​​की कार्यवाही शुरू करने की मांग वाली अपनी याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से वापस ले ली। जस्टिस सी हरि शंकर के समक्ष टाइम्स नाउ समाचार चैनल के मालिक टाइम्स ग्रुप की प्रमुख कंपनी बेनेट कोलमैन द्वारा 2017 में दायर एक मुकदमे में आवेदन बुधवार को सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें रिपब्लिक टीवी और गोस्वामी द्वारा अपने ट्रेडमार्क 'न्यूज...

उड़ीसा हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने बिना कारण बताए पासपोर्ट नवीनीकरण पर उसके फैसले को रद्द करने पर डिवीजन बेंच की आलोचना की
उड़ीसा हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने बिना कारण बताए पासपोर्ट नवीनीकरण पर उसके फैसले को रद्द करने पर डिवीजन बेंच की आलोचना की

एक विवादास्पद घटनाक्रम में उड़ीसा हाईकोर्ट की सिंगल बेंच, जिसमें जस्टिस विश्वनाथ रथ शामिल थे, उस तरीके की आलोचना की और उसे अस्वीकार कर दिया, जिसमें बेंच की ओर से दिए गए पिछले आदेश को ‌‌डिविजन बेंच ने मिसाल नहीं माना। डिविजन बेंच में उड़ीसा हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस डॉ एस मुरलीधर और जस्टिस गौरीशंकर शतपथी शामिल थे।डिवीजन बेंच की ओर से पारित संक्षिप्त आदेश पर निराशा व्यक्त करते हुए, जस्टिस रथ ने कहा,“…इस कोर्ट ने अपनी 28 वर्षों की प्रैक्टिस और 9 वर्षों के जजशिप में ऐसा नहीं देखा है कि कभी...

दिल्ली के लोगों की सांसें फूल रही हैं, यह स्वीकार्य नहीं: हाईकोर्ट ने सेंट्रल रिज के अंदर कंक्रीटीकरण पर नाराजगी जताई
'दिल्ली के लोगों की सांसें फूल रही हैं, यह स्वीकार्य नहीं': हाईकोर्ट ने सेंट्रल रिज के अंदर कंक्रीटीकरण पर नाराजगी जताई

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल रिज पर अतिक्रमण पर नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों से सुधारात्मक कदम उठाने या अवमानना ​​कार्रवाई का सामना करने को कहा।जस्टिस जसमीत सिंह ने पश्चिम वन प्रभाग के उप-वन संरक्षक से कहा, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में शामिल हुए,"ऐसा नहीं होगा। यदि आप सुधार नहीं करते हैं और सुधारात्मक कदम नहीं उठाते हैं तो हम अवमानना शुरू करेंगे। सोमवार तक निर्देश प्राप्त करें। यह स्वीकार्य नही है। सेंट्रल रिज पर कुछ भी नहीं होता है।”सेंट्रल...

1996 ड्रग्स-प्लांटिंग केस| गुजरात हाईकोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की ट्रांसफर याचिका खारिज की
1996 ड्रग्स-प्लांटिंग केस| गुजरात हाईकोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की ट्रांसफर याचिका खारिज की

गुजरात हाईकोर्ट ने जेल में बंद पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की याचिका खारिज कर दिया। इस याचिका में उन्होंने 1996 के ड्रग प्लांटिंग मामले में अपने मुकदमे को बनासकांठा जिले की एक अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की थी।हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित तीन आदेशों को चुनौती देने वाली संबंधित याचिका भी खारिज कर दी। इस याचिका में प्रार्थना की गई थी कि उनके खिलाफ कार्यवाही को अपने खर्च पर ऑडियो और वीडियो में रिकॉर्ड किया जाना चाहिए।जस्टिस समीर जे दवे की पीठ ने 14 जुलाई को मामले...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरी शादी करने के आरोप में सरकारी कर्मचारी की सेवा से बर्खास्तगी का आदेश रद्द किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरी शादी करने के आरोप में सरकारी कर्मचारी की सेवा से बर्खास्तगी का आदेश रद्द किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक सरकारी कर्मचारी की पहली शादी के अस्तित्व के दौरान दूसरी शादी करने के आरोप में उसकी बर्खास्तगी को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्क में योग्यता पाई कि सजा अन्यायपूर्ण है, क्योंकि कथित दूसरी शादी पर्याप्त रूप से साबित नहीं हुई। जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र ने आगे कहा कि भले ही दूसरी शादी चल रही हो, याचिकाकर्ता को सेवा से बर्खास्त नहीं किया जा सकता था क्योंकि यूपी सरकारी सेवक आचरण नियमावली के नियम 29 में सरकारी कर्मचारी की दूसरी शादी के मामले में केवल...

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को स्थानीय निकाय चुनावों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आरक्षण देने का निर्देश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को स्थानीय निकाय चुनावों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आरक्षण देने का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने कुड्डालोर जिला कलेक्टर को नैनारकुप्पम गांव के पंचायत अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को उनके ट्रांसफोबिक पत्र और गांव में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पट्टा भूमि देने के खिलाफ प्रस्ताव के लिए हटाने का निर्देश दिया।अदालत ने कहा,"प्रथम प्रतिवादी/जिला कलेक्टर, कुड्डालोर जिले को प्रक्रियाओं का पालन करके नैनार्कुप्पम ग्राम पंचायत के अध्यक्ष और सदस्यों को हटाने के लिए तमिलनाडु पंचायत अधिनियम, 1994 के तहत सभी उचित कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया जाता है।"जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने इस बात पर...

पति की प्रेमिका या विवाह के बाहर उसके साथ यौन संबंध बनाने वाली महिला पर आईपीसी की धारा 498ए के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता: केरल हाईकोर्ट
पति की प्रेमिका या विवाह के बाहर उसके साथ यौन संबंध बनाने वाली महिला पर आईपीसी की धारा 498ए के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498ए में आने वाले 'रिश्तेदार' शब्द में पति की प्रेमिका, या वह महिला शामिल नहीं होगी, जिसके साथ पुरुष का विवाह से बाहर यौन संबंध है।आईपीसी की धारा 498ए किसी महिला के पति या पति के रिश्तेदार द्वारा की गई क्रूरता को परिभाषित करती है और सजा का प्रावधान करती है।जस्टिस के. बाबू ने कहा कि आईपीसी की धारा 498-ए दंडात्मक प्रावधान है, इसलिए इसे सख्ती से समझा जाना चाहिए।न्यायालय ने इस प्रकार कहा:“आईपीसी की धारा की विशिष्ट भाषा और उसके...