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अगर डिटेन्यू कस्टडी में था तो वह पथराव करने में लिप्त कैसे हो सकता है?- जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने  डिटेंशन ऑर्डर रद्द किया
'अगर डिटेन्यू कस्टडी में था तो वह पथराव करने में लिप्त कैसे हो सकता है?'- जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने डिटेंशन ऑर्डर रद्द किया

डिटेनिंग अथॉरिटी द्वारा एक डिटेन्यू को प्रिवेन्टिव डिटेंशन में रखने का आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट ने मंगलवार (22 सितंबर) को कहा कि डोजियर के साथ-साथ हिरासत में रखने के लिए दिए कारणों से यह स्पष्ट है कि इस मामले में आदेश पारित करने के समय डिटेन्यू कस्टडी में था। न्यायालय ने कहा कि इसके बावजूद डिटेंशन के आधारों में यह दर्ज किया गया था कि ''वर्तमान में डिटेन्यू अलगाववादी तत्वों के कार्यक्रमों को जमीनी धरातल पर लागू करने में सक्रिय भूमिका निभा रहा...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
5-6 वर्ष के बच्चों को पोर्न वीडियो दिखाने के आरोपी स्कूल वैन-ड्राइवर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार (22 सितंबर) को एक स्कूल वैन चालक को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर 5-6 वर्ष की आयु के बच्चों को अश्लील वीडियो दिखाने का आरोप है।न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ 439 Cr.P.C के तहत एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी। विचाराधीन स्कूल-वैन चालक द्वारा दायर की गई, धारा 354 (2), 377, 504 आईपीसी, 7/8 POCSO अधिनियम, पुलिस स्टेशन बजरखला, लखनऊ के तहत 2019 की एफआईआर नंबर. 0548 में दर्ज जमानत की मांग की थी। मामले के तथ्यआरोपी-आवेदक बाबा टूर एंड ट्रैवल्स से संबंधित एक...

(गुजरात हाईकोर्ट और जीएसएलएसए ई-लोक अदालत) 10,945 मामले निपटाए व आपसी सहमति से 191.19 करोड़ रुपये का सेटलमेंट करवाया
(गुजरात हाईकोर्ट और जीएसएलएसए ई-लोक अदालत) 10,945 मामले निपटाए व आपसी सहमति से 191.19 करोड़ रुपये का सेटलमेंट करवाया

शनिवार (26 सितंबर) को गुजरात हाईकोर्ट और गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) के संयुक्त तत्वावधान में पूरे गुजरात राज्य में राज्यव्यापी ई-लोक अदालत का आयोजन किया गया था, जिसमें हाईकोर्ट , सभी जिला अदालत व तालुका कोर्ट या विचारण न्यायालय भी शामिल थे। गौरतलब है कि ई-लोक अदालत की सभी कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई थी, जिनमें अधिवक्ता, बीमा कंपनियों के अधिकारी व मामलों के पक्षकार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए थे। हाईकोर्ट द्वारा जारी प्रेस...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
यह बहुत अजीब है कि आरोपी की उपस्थिति प्राप्त करने के बजाय, व‌िद्वान मजिस्ट्रेट ने शिकायत को खारिज कर दियाः इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के एक आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें एक सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ दर्ज शिकायत को खारिज कर दिया गया था, क्योंकि वह अदालत में पेश होने में विफल रहा था।जस्टिस केजे ठाकेर की खंडपीठ ने आदेश को खारिज करते हुए कहा, "यह बहुत अजीब है कि आरोपी की उपस्थिति प्राप्त करने के बजाय, व‌िद्वान मजिस्ट्रेट ने शिकायत को खारिज कर दिया।"खंडपीठ ने पाया कि एक अभियुक्त की गैर-मौजूदगी को सीआरपीसी की धारा 87 (इसके एवज में वारंट जारी करना, सम्मन जारी करने के अलावा) के...

तोड़फोड़ के पीछे दुर्भावना का आरोप लगाने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत के खिलाफ संजय राउत के बयानों की ऑडियो क्लिप चलाई
तोड़फोड़ के पीछे दुर्भावना का आरोप लगाने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत के खिलाफ संजय राउत के बयानों की ऑडियो क्लिप चलाई

हिंदी फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा मुंबई के सिविल निकाय द्वारा उनकी इमारत में तोड़फोड़ के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई के दौरान, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को शिवसेना नेता संजय राउत के बयानों की ऑडियो क्लिप चलाई।जस्टिस एस जे कथावाला और जस्टिस आर आई छागला की एक बेंच ने कंगना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ बीरेंद्र सराफ को ऑडियो क्लिप चलाने के लिए कहा। ये कदम सराफ द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद उठाया गया कि तोड़फोड़ दुर्भावना के चलते की गई क्योंकि यह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ रनौत ने...

COVID के मद्देनजर राजनीतिक सभाओं को रोका जाए अन्यथा अदालत को ऐसे कदम  उठाने पड़ेंगे, जो अधिकारी  नहीं उठा कर पा रहे हैं : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
COVID के मद्देनजर राजनीतिक सभाओं को रोका जाए अन्यथा अदालत को ऐसे कदम उठाने पड़ेंगे, जो अधिकारी नहीं उठा कर पा रहे हैं : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (ग्वालियर खंडपीठ) ने शुक्रवार (25 सितंबर) को इस तथ्य को स्वीकार किया है कि ग्वालियर जिले में COVID महामारी बढ़ रही है और इससे होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ रही है।न्यायमूर्ति शील नागु और न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने उपरोक्त निष्कर्ष COVID19 के पाॅजिटिव व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के आंकड़ों को देखने के बाद निकाला है।न्यायालय ने आगे कहा कि, ''ऐसी स्थिति में यदि कार्यकारी प्राधिकरण केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा निर्धारित प्रतिबंधों...

धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफरत और तनाव पैदा करने के किसी भी कृत्य से चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकताः उत्तराखंड हाईकोर्ट
धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफरत और तनाव पैदा करने के किसी भी कृत्य से चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकताः उत्तराखंड हाईकोर्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार (21 सितंबर) को कहा कि "निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए, चुनाव अभियान के दरमियान, पार्टी या उम्मीदवार को किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे नागरिकों के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफरत पैदा हो सके या तनाव पैदा हो।"ज‌स्ट‌िस आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कहा, "धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या संभागीय विविधताओं के इतर सभी के बीच सामंजस्य और सामान्य भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य...

देह-व्यापार के लिए वेबसाइट बनाने का आरोप : कर्नाटक हाईकोर्ट ने वेबसाइट डिजाइनर के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द किया
देह-व्यापार के लिए वेबसाइट बनाने का आरोप : कर्नाटक हाईकोर्ट ने वेबसाइट डिजाइनर के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक 31 वर्षीय वेबसाइट डिजाइनर के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक मामला कर दिया है। इस वेसाइट डिजाइनर पर आरोप था कि उसने एक वेबसाइट बनाई थी, जिसका इस्तेमाल देह-व्यापार के लिए ग्राहकों को खोजने के लिए किया जा रहा था।न्यायमूर्ति अशोक जी निजगन्नवर ने गेविन मेंडेस की तरफ से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और उसके खिलाफ इमाॅरल ट्रैफिक प्रीवेंशन एक्ट की धारा 4,5 व 7,आईपीसी की धारा 370, 370ए (2), 292, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 व फाॅरनर एक्ट की धारा 14 के तहत दर्ज केस को रद्द कर...

सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, मास्क न पहनने पर दंड के नियम को सख्ती से लागू किया जाए: मद्रास हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए
सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, मास्क न पहनने पर दंड के नियम को सख्ती से लागू किया जाए: मद्रास हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए

मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार (17 सितंबर) को राज्य सरकार को संशोधित नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया, जिन्हें 04.09.2020 को सरकारी आदेश के जर‌िए लागू किया गया था। उक्त न‌ियमों के तहत मास्क न पहनने, सामाजिक दूरी का उल्लंघन करने और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर सजा का संकेत दिया गया है।कोर्ट ने निर्देश दिया कि नियमों और कार्रवाई का पर्याप्त प्रचार किया जाना चाहिए। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस आर हेमलता की खंडपीठ एक वकील द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मांग की थी कि दी...

शाखा और सिंदूर पहनने से मना करने का अर्थ है महिला द्वारा शादी को अस्वीकार करना : गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आदेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका खारिज की
'शाखा और सिंदूर' पहनने से मना करने का अर्थ है महिला द्वारा शादी को अस्वीकार करना : गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आदेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका खारिज की

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अपने आदेश के खिलाफ दायर एक पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने पूर्व में दिए गए आदेश के तहत माना था कि 'शाखा और सिंदूर' पहनने से मना करना इस बात का संकेत है कि महिला अपनी शादी को अस्वीकार कर रही है।मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा और न्यायमूर्ति सौमित्रा सैकिया की खंडपीठ ने कहा कि जब एक पत्नी, जो हमेशा सिंदूर लगाती थी, अचानक अपने पति के साथ मतभेद होने के बाद कारण इसे लगाना या पहनना बंद कर देती है, तो यह सुरक्षित रूप से निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उसके पति के साथ उसकी शादी...

राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान में प्रवासी पंचायत चुनावों या लोक सेवा की नौकरियों में आरक्षण के लाभ का दावा करने के हकदार नहीं हैं : राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार (24 सितंबर) को कहा है कि जो लोग शादी करने के कारण दूसरे राज्यों से राजस्थान में आए हैं, वे राजस्थान में चल रहे पंचायत चुनावों में आरक्षण के लाभ का दावा करने के हकदार नहीं हैं। न्यायमूर्ति सतीश कुमार शर्मा की एकल पीठ इस मामले में दायर कई सारी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में मांग की गई थी कि प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाए कि वह याचिकाकर्ताओं के पक्ष में अनुसूचित जाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के जाति प्रमाण पत्र जारी करें और उनको आरक्षण का लाभ देते हुए...

वर्चुअल सुनवाई के दौरान खुले आम थूका : गुजरात हाइकोर्ट ने आरोपी पर लगाया जुर्माना
वर्चुअल सुनवाई के दौरान 'खुले आम थूका' : गुजरात हाइकोर्ट ने आरोपी पर लगाया जुर्माना

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार (23 सितंबर) को एक क्रिमिनल मिसलेनियस की सुनावाई के दौरान आवेदक/आरोपी नंबर 1 अजीत कुभभाई गोहिल पर, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित थे, खुलेआम थूकने को लेकर जुर्माना लगाया।आरोपी के इस तरह के आचरण को देखते हुए न्यायमूर्ति ए.एस.सुपेहिया की खंडपीठ ने कहा, "यह अदालत आवेदक/आरोपी नंबर 1 के आचरण को देखते हुए आज इस मामले पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है।"इसके अलावा अदालत ने आवेदक/आरोपी नंबर 1 को जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया। इस सुनवाई की अगली...

मानवीय संबंधों पर हावी रहता है जाति का मुद्दा, गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक,वलसाड को अंतरजातीय जोड़े को सुरक्ष‌ित उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया
मानवीय संबंधों पर हावी रहता है जाति का मुद्दा, गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक,वलसाड को अंतरजातीय जोड़े को सुरक्ष‌ित उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार (23 सितंबर) को पुलिस अधीक्षक, वलसाड को निर्देश दिया कि प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) तक एक अंतरजातीय जोड़े की सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। जस्टिस सोनिया गोकानी और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा, "हालांकि यह ऐसा मुद्दा नहीं है, जिसका निस्तारण अदालत द्वारा किया जाना आवश्यक है, यह ध्यान दें कि जाति का मुद्दा ठोस पूर्वाग्रहों और सोच के साथ मानवीय संबंधों पर हावी रहता है।"पृष्ठभूमिसंविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर की गई थी, जिसमें बंदी...

दुर्भावना के आरोप झूठे, कंगना रनौत ने स्वीकृत योजना के विपरीत अपने परिसर में बहुत सारे बदलाव करवाए: एमसीजीएम ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
दुर्भावना के आरोप झूठे, कंगना रनौत ने स्वीकृत योजना के विपरीत अपने परिसर में बहुत सारे बदलाव करवाए: एमसीजीएम ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया

मुंबई महानगरपालिका ने शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक जवाब (Sur-rejoinder) दाखिल किया, जिसमें कहा गया था कि कंगना रनौत के ऑफिस में तब्दील किए गए बंगले को ढहाने की कार्रवाई मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 354 ए के तहत की गई थी, और पूर्णतया न्यायोचित थी। अभिनेत्री की ओर से लगाए गए दुर्भावना के आरोप झूठे और अनुचित हैं, क्योंकि वह अपने परिसर में (छह मजदूर, सामग्री, आदि के साथ) व्यापक निर्माण करा रही थी और स्वीकृत निर्माण योजना के विपरीत पर्याप्त बदलाव और परिवर्धन किए थे।संबंधित...

वेश्यावृत्ति अपराध नहीं; वयस्क महिला को अपना व्यवसाय चुनने का अधिकार, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 3 यौनकर्मियों को सुधारक संस्था से रिहा करने का आदेश दिया
"वेश्यावृत्ति अपराध नहीं; वयस्क महिला को अपना व्यवसाय चुनने का अधिकार", बॉम्बे हाईकोर्ट ने 3 यौनकर्मियों को सुधारक संस्था से रिहा करने का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि वेश्यावृत्ति को इम्मोरल ट्रैफिक (प्र‌िवेंशन) एक्ट, 1956 के तहत अपराध नहीं माना गया है और एक वयस्क महिला को अपना व्यवसाय चुनने का अधिकार है और उसे उसकी सहमति के बिना हिरासत में नहीं लिया जा सकता है, गुरुवार (24 सितंबर) को सुधारात्मक संस्था से 3 यौनकर्मियों को मुक्त कर दिया।ज‌स्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण की एकल खंडपीठ 3 यौनकर्मियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 19.10.2019 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसे उक्त अधिनियम की धारा 17 (2) के तहत महानगर मजिस्ट्रेट,...

कोई भी व्यक्ति चेहरे पर मास्क के बिना अपने घर के बाहर नहीं दिखना चाहिए : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा,  अगर आज कार्रवाई नहीं की तो हम अपने वंशजों  का सामना करने नहीं कर पाएंगे
''कोई भी व्यक्ति चेहरे पर मास्क के बिना अपने घर के बाहर नहीं दिखना चाहिए'' : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, 'अगर आज कार्रवाई नहीं की तो हम अपने वंशजों का सामना करने नहीं कर पाएंगे'

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (24 सितंबर) को पूरे उत्तर प्रदेश राज्य के लिए एक परमादेश जारी करते हुए कहा है कि ''कोई भी व्यक्ति अपने घर के बाहर चेहरे पर मास्क के बिना नहीं दिखना चाहिए और उसे यह भी ध्यान रखना होगा कि मास्क उसके नाक और मुंह दोनों को ढक रहा हो।'' न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ क्वारंटीन केंद्रों में अमानवीय स्थिति और कोरोना पाॅजिटिव को बेहतर उपचार प्रदान करने के मामले में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। डिवीजन बेंच ने इस मामले को पांच...

[दिल्ली दंगे] दिल्ली कोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल मर्डर केस में अभियुक्त की अंतरिम जमानत याचिका खारिज की
[दिल्ली दंगे] दिल्ली कोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल मर्डर केस में अभियुक्त की अंतरिम जमानत याचिका खारिज की

दिल्ली कोर्ट ने सलीम खान की ओर से दायर अंतरिम जमानत के लिए दायर की याचिका को खारिज कर दिया है। उन्होंने आवेदक द्वारा अपनी बहन शरवरी बेगम की मृत्यु के आधार पर एक सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए याचिका दायर की है, जिनकी मौत उत्तर प्रदेश के कन्नौज में लगभग 75 वर्ष की आयु में हुई है।अभियोजन का मामला यह है कि आवेदक एचसी रतन लाल (वर्तमान मामले) के दंगों और हत्या के मामलों में शामिल है और मामले की आरोपी के रूप में नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में दंगों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक होने के...

अपमानजनक शब्दों की अभिव्यक्ति मात्र से धारा 124A या 153A आकर्षित नहीं होती है, जम्‍मू व कश्मीर उच्च न्यायालय ने देश, सरकार और सेना के खिलाफ अपमानजनक ‌‌टिप्‍पणी करने के आरोपी पार्षद को जमानत दी
"अपमानजनक शब्दों की अभिव्यक्ति मात्र से धारा 124A या 153A आकर्षित नहीं होती है", जम्‍मू व कश्मीर उच्च न्यायालय ने देश, सरकार और सेना के खिलाफ अपमानजनक ‌‌टिप्‍पणी करने के आरोपी पार्षद को जमानत दी

जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय ने गुरुवार (24 सितंबर) को LAHDC (लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, लेह) के एक निर्वाचित पार्षद को जमानत दे दी, जिस पर देश के नेतृत्व और सशस्त्र बलों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप था।ज‌स्ट‌िस संजय धर की खंडपीठ जाकिर हुसैन (लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित LAHDC के पार्षद) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह कहा गया था कि याचिकाकर्ता को 2020 की एफआईआर संख्या 33 के मामले में झूठा फंसाया गया है।बलवंत सिंह और अन्य बनाम पंजाब राज्य में सुप्रीम कोर्ट के...