मुख्य सुर्खियां

हिन्दुत्व का अपमान कोई धार्मिक अपमान नहीं कि आईपीसी की धारा 295-ए लग सके : अभिनव चंद्रचूड़ ने FIR निरस्त करने की मांग करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी
'हिन्दुत्व' का अपमान कोई धार्मिक अपमान नहीं कि आईपीसी की धारा 295-ए लग सके' : अभिनव चंद्रचूड़ ने FIR निरस्त करने की मांग करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी

'हिन्दुत्व कोई धर्म नहीं और इसके अपमान को धर्म का अपमान नहीं कहा जा सकता,' यह दलील एडवोकेट डॉ. अभिनव चंद्रचूड़ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष उस वक्त दी, जब वह एफआईआर निरस्त करने संबंधी एक याचिका की सुनवाई के दौरान पेश हो रहे थे। उन्होंने दलील दी कि 'हिन्दुत्व' को एक दर्शन, जीवन पद्धति अथवा एक राजनीतिक दल की प्रचण्ड विचारधारा के रूप में देखा जा सकता है। डॉ. चंद्रचूड़ ने कहा कि जब कोई व्यक्ति 'हिन्दुत्व' का अपमान करता है या यहां तक कि शायद 'हिन्दुत्व' के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करता है तो भी...

16 साल के लड़के की हिरासत में मौत का मामला : बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़ित के पिता को 5 लाख रुपये मुआवजा दिया
16 साल के लड़के की हिरासत में मौत का मामला : बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़ित के पिता को 5 लाख रुपये मुआवजा दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट (औरंगाबाद पीठ) ने हाल ही में उस 16 वर्षीय लड़के के पिता को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है, जिसकी मार्च, 2016 में शिरडी पुलिस स्टेशन में हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति तानाजी वी नलवाडे और न्यायमूर्ति श्रीकांत डी कुलकर्णी की खंडपीठ ने निष्कर्ष निकाला कि यह शिरडी पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों के हाथों हिरासत में मौत का मामला था। कोर्ट के समक्ष मामला याचिकाकर्ता (मृतक लड़के के पिता) ने अपने बेटे किरण रोकडे की हिरासत में मौत होने के मामले में 10 लाख रुपये के मुआवजे की...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956, के तहत गोद लेने की प्रक्रिया में तलाक के बिना पति से अलग रही पत्नी की सहमति आवश्यकः इलाहाबाद उच्च न्यायालय

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि एक व्यक्ति, जो अपनी पत्नी से तलाक के बिना अलग रह रहा है, को हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 के तहत एक बच्चे को गोद लेने के लिए, अलग रह रही पत्नी की सहमति की आवश्यकता होती है।ज‌स्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने कहा, "पति से अलग रहने वाली एक पत्नी, तब भी एक पत्नी होती है, जब तक कि दोनों पक्षों के बीच वैवाहिक बंधन में तलाक के आदेश या विवाह को शून्य घोष‌ित किए जाने से से समाप्त नहीं हो जाता है।"पृष्ठभूमिन्यायालय भानु प्रताप सिंह की रिट याचिका पर सुनवाई कर...

आपराधिक मामलों में सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करने में विफल रहने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करेंं: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया
आपराधिक मामलों में सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित करने में विफल रहने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करेंं: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह डीजीपी, हरियाणा राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हर उस मामले में जहां सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होने का दावा किया जाता है, ऐसे मामलों की प्रतियां और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की धारा 65 बी के तहत आवश्यक प्रमाण उपलब्ध करवाए जाएं।न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी की खंडपीठ ने आगे निर्देश दिया,"ऐसा करने के लिए किसी भी चूक के मामले में जांच अधिकारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 166-ए (कानून के तहत लोक सेवक निर्देशोंं की की अवज्ञा ) के तहत...

पीड़िता का बयान परस्पर विरोधी : बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाॅक्सो के तहत दोषी करार दिए आरोपी को बरी किया
''पीड़िता का बयान परस्पर विरोधी'' : बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाॅक्सो के तहत दोषी करार दिए आरोपी को बरी किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक सात साल की नाबालिग बच्ची से बलात्कार करने के मामले में दोषी करार दिए गए 28 वर्षीय व्यक्ति को राहत देते हुए,उसकी सजा को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने पाया कि पीड़िता द्वारा पुलिस को दिए गए बयान में कई परस्पर विरोधी बातें कही गई थी। इसलिए अदालत ने कहा कि सिर्फ पीड़िता की गवाही के आधार पर अपीलकर्ता को दोषी करार देना बहुत असुरक्षित होगा। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ 28 वर्षीय अली मोहम्मद शेख की तरफ से दायर एक आपराधिक अपील पर सुनवाई कर रही...

कांस्टेबल पद के लिए आवेदन करने के लिए ट्रांसजेंडर समुदाय को सक्षम करें: पटना हाईकोर्ट ने राज्य से एक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने को कहा
कांस्टेबल पद के लिए आवेदन करने के लिए ट्रांसजेंडर समुदाय को सक्षम करें: पटना हाईकोर्ट ने राज्य से एक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने को कहा

राज्य को संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने की याद दिलाते हुए पटना हाईकोर्ट ने सोमवार (14 दिसंबर) को बिहार राज्य से कहा कि वह ट्रांसजेंडर समुदाय को कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाए। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने केंद्रीय चयन बोर्ड के कांस्टेबल द्वारा जारी किए गए विज्ञापन का उल्लेख करते हुए कहा,"विज्ञापन से यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 (इसके बाद अधिनियम के रूप में संदर्भित) के प्रावधानों के...

दिल्ली दंगाः दिल्ली की अदालत ने कहा, पुलिस का यह बयान कि मुस्लिम दंगाई ने हिंदू दंगाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मुस्लिम युवकों को मारा, भरोसे के काबिल नहीं है; आरोपी को जमानत दी
दिल्ली दंगाः दिल्ली की अदालत ने कहा, पुलिस का यह बयान कि मुस्लिम दंगाई ने हिंदू दंगाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मुस्लिम युवकों को मारा, भरोसे के काबिल नहीं है; आरोपी को जमानत दी

उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कड़कड़डूमा कोर्ट (दिल्ली) ने टिप्पणी की, "दिमाग के लिए यह भरोसा कर पाना कठिन है कि आवेदक, एक मुस्लिम होने के नाते, इस प्रकार के उत्तेजक माहौल में "गैरकानूनी रूप से इकट्ठा" हुए लोगों के साथ, जिसमें मुख्य रूप से हिंदू समुदाय के लोग शामिल थे, कंधे से कंधा मिलाएगा और एक मुस्लिम लड़के को पीट-पीट कर मार डालेगा।"शुक्रवार (11 दिसंबर) को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने दो युवकों जाकिर और अशफाक हुसैन की मौत के...

व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ओसीआई कार्डधारकों को भारतीय नागरिक में रूप में माना जाना चाहिए: कर्नाटक उच्च न्यायालय
व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ओसीआई कार्डधारकों को भारतीय नागरिक में रूप में माना जाना चाहिए: कर्नाटक उच्च न्यायालय

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने माना है कि व्यावसायिक शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश के उद्देश्य से ओसीआई कार्डधारकों को भारतीय नागरिक माना जाना चाहिए।जस्टिस बीवी नागरत्न और एनएस संजय गौड़ा की खंडपीठ ने कर्नाटक प्रोफेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (रेगुलेशन ऑफ एडमिशन एंड डिटर्मिनेशन ऑफ फी) एक्ट, 2006 की धारा 2 (1) (एन) को रद्द कर दिया और "अप्रवासी भारतीय" की परिभाषा के भीतर 'ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया' और 'ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्डहोल्डर्स' को भी शामिल किया।पीठ ने कहा, प्रोफेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन रूल्स...

दिल्ली दंगा: क्योंकि वह ताहिर हुसैन का भाई है, इसलिए उसे अनंत काल के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता: दिल्ली कोर्ट ने शाह आलम को जमानत दी
दिल्ली दंगा: क्योंकि वह ताहिर हुसैन का भाई है, इसलिए उसे अनंत काल के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता: दिल्ली कोर्ट ने शाह आलम को जमानत दी

दिल्ली दंगोंं से जुड़े एक मामले में गवाह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कड़कड़डूमा कोर्ट (दिल्ली) ने बुधवार (09 दिसंबर) को आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और एनई दिल्ली दंगा मामले में मुख्य अभियुक्त ताहिर हुसैन के छोटे भाई शाह आलम को दंगों से संबंधित मामलों में से एक में जमानत दे दी।अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने शाह आलम की जमानत याचिका का निपटारा करते हुए बीट कांस्टेबलों से सवाल किया कि उन्होंंने 06.03.2020 तक इंतजार क्यों किया जब उनके बयान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत आईओ द्वारा दर्ज किए...

COVID-19: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में स्कूलों के दोबारा खोलने पर चिंता व्यक्त की; पूछा- किस तारीख तक आम जनता के लिए उपलब्ध होगा टीका
COVID-19: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में स्कूलों के दोबारा खोलने पर चिंता व्यक्त की; पूछा- किस तारीख तक आम जनता के लिए उपलब्ध होगा टीका

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को महामारी के बीच उत्तर प्रदेश राज्य में स्कूलों को फिर से खोलने पर चिंता व्यक्त की। इस मामले में यह देखा गया कि स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का ठीक से पालन न करने पर शिक्षकों और / या छात्रों के संक्रमित होने का खतरा रहता है।न्यायमूर्ति अजीत कुमार और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ राज्य में COVID-19 से संबंधित मुद्दों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान यह नोट किया गया कि यह चिंता का विषय है कि क्या शिक्षक और छात्र COVID-19 दिशानिर्देशों का पालन...

गाय वीडियो विवाद- बतायें, अमूल गायों के प्रति क्रूर कैसे हो रहा है: दिल्ली हाईकोर्ट ने अमूल की याचिका पर वीडियो अपलोड करने वाले से पूछा
गाय वीडियो विवाद- बतायें, 'अमूल' गायों के प्रति क्रूर कैसे हो रहा है: दिल्ली हाईकोर्ट ने अमूल की याचिका पर वीडियो अपलोड करने वाले से पूछा

बेंच ने कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से परहेज किया और वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति को जवाब देने का एक मौका दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने 'अमूल' ट्रेडमार्क के तहत दूध एवं अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स बेचने वाले गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) लिमिटेड की ओर से दायर मामले में नितिन जैन नामक व्यक्ति से यह बताने को कहा है कि अमूल या इस सोसाइटी के सदस्य किस प्रकार गायों के साथ क्रूरता में शामिल हैं, जैसा कि उसने अपने अपलोडेड वीडियो में जिक्र किया है।न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की बेंच ने...

हम कभी भी ऐसी याचिका की सुनवाई नहीं करेंगे जो हमें 100 साल पीछे ले जाए, कर्नाटक हाईकोर्ट ने गैर-हिंदुओं को HRICE Act के तहत कार्यालयों में काम करने से रोकने की याचिका खारिज की
'हम कभी भी ऐसी याचिका की सुनवाई नहीं करेंगे जो हमें 100 साल पीछे ले जाए', कर्नाटक हाईकोर्ट ने गैर-हिंदुओं को HRICE Act के तहत कार्यालयों में काम करने से रोकने की याचिका खारिज की

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को उन रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें मांग की गई थी कि गैर-हिंदुओं को कर्नाटक हिंदू रिलीजियस इंस्टीट्यूशंस एंड चैरिटेबल एंडाउमेंट्स एक्ट (HRICE Act) के तहत आयुक्त कार्यालय में काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।चीफ जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता में पीठ ने कहा, "हिंदू धर्म कभी भी इतना संकीर्ण नहीं रहा। हिंदू धर्म में ऐसे लोगों को शामिल नहीं किया गया है, जो इतने संकीर्ण विचारों वाले हैं।"याचिकाओं में HRICE Act की धारा 7 को सख्ती से लागू करने की मांग की गई...

Telangana High Court Directs Police Commissioner To Permit Farmers Rally In Hyderabad On Republic Day
बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने और सिविल न्यायालयों में जाने के अधिकार को बहाल करने की मांग की

बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने एक बयान जारी कर केंद्र सरकार से विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने और अदालतों से न्याय पाने के लिए किसानों के अधिकारों को बहाल करने का आग्रह किया है। चूंकि अधिनियमों को जल्दबाजी में पारित किया गया था, इसलिए काउंसिल ने मांग की है कि इन अधिनियमों में देश के किसानों के परामर्श और सलाह करने के बाद संशोधन करने की आवश्यकता है, ताकि एक समुदाय के रूप में उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कांउसिल ने कहा कि,''देश भर में कानूनी बिरादरी को लगता है कि सरकार को कृषि...

DNA रिपोर्ट में देरी के चलते POCSO के अंतर्गत चल रहे मामले की कार्यवाही को लटकाया नहीं जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
DNA रिपोर्ट में देरी के चलते POCSO के अंतर्गत चल रहे मामले की कार्यवाही को लटकाया नहीं जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते सुनाये एक आदेश में यह साफ़ किया है कि POCSO कोर्ट का यह कर्तव्य है कि वह जल्द से जल्द बच्चे का बयान दर्ज करे और डीएनए रिपोर्ट मिलने में देरी के चलते मामले की कार्यवाही में देरी नहीं होनी चाहिए। न्यायमूर्ति पंकज भंडारी की पीठ ने यह आदेश उस मामले में सुनाया जहाँ अपीलार्थी-अभियुक्त के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 एवं 342, POCSO की धारा 3/4 और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(w), 3(2)(va) के अंतर्गत मामला विचाराधीन है।दरअसल अपीलार्थी ने विशेष न्यायाधीश, POCSO अधिनियम द्वारा...

महिला वकील का अदालत पर अन्याय करने का आरोप: मद्रास हाइकोर्ट ने अपने आदेश पर रोक लगाई, वकील को बहस के लिए एक और अवसर दिया
महिला वकील का अदालत पर अन्याय करने का आरोप: मद्रास हाइकोर्ट ने अपने आदेश पर रोक लगाई, वकील को बहस के लिए एक और अवसर दिया

अपने प्रकार के प्रथम मामले में, मद्रास उच्च न्यायालय (मदुरै बेंच) ने शुक्रवार (11 दिसंबर) को एक अहस्ताक्षरित निर्णय पर रोक लगा दी और प्रतिवादी के लिए उपस्थित वकील को मामले में अपनी दलील देने के लिए एक और अवसर दे दिया। न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरन और न्यायमूर्ति बी. पुगलेंधी की खंडपीठ ने यह आदेश, प्रतिवादी के लिए पेश वकील द्वारा अदालत के खिलाफ अन्याय के आरोप लगाने के पश्च्यात दिया।दरअसल, अदालत के निर्णय के ऐलान के पश्च्यात, यह जानने के बाद कि मामला उसके मुवक्किल के खिलाफ चला गया था, प्रतिवादी के...

रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद, पीड़िता ने अपीलकर्ता पर दोष मढ़ने की कोशिश कीः उड़ीसा हाईकोर्ट ने 30 साल बाद (बलात्कार के प्रयास) आरोपी को बरी किया
रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद, पीड़िता ने अपीलकर्ता पर दोष मढ़ने की कोशिश कीः उड़ीसा हाईकोर्ट ने 30 साल बाद (बलात्कार के प्रयास) आरोपी को बरी किया

उड़ीसा हाईकोर्ट ने शुक्रवार (11 दिसंबर) को 30 साल पहले दायर एक आपराधिक अपील को स्वीकार कर लिया और भारतीय दंड संहिता के धारा 376/511 और 354 के तहत लगाए गए आरोपों से अपीलकर्ता को बरी कर दिया। न्यायमूर्ति एस के साहू की खंडपीठ अपीलार्थी शत्रुघ्न नाग द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने 1989 के सत्र केस नंबर 6/22 में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, टीटीलागढ़ की अदालत में मुकदमे का सामना किया था। पृष्ठभूमि प्राथमिकी के अनुसार, 03 अक्टूबर 1989 को रात को लगभग 9.30 बजे कथित पीड़िता अपने घर के एक कमरे...

कोर्ट ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को प्रस्तावित वैक्सीन के लिए COVISHIELD नाम के प्रयोग करने के खिलाफ नोटिस जारी किया
कोर्ट ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को प्रस्तावित वैक्सीन के लिए 'COVISHIELD' नाम के प्रयोग करने के खिलाफ नोटिस जारी किया

महाराष्ट्र की एक सिविल कोर्ट ने एक मामले में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को नोटिस जारी किया है, जिसमें मांग की गई है कि दवा कंपनी को कोरोनावायरस के ‌‌लिए प्रस्तावित अपनी वै‌‌‌क्सीन के लिए ट्रेडमार्क "COVISHIELD" या "COVID-SHIELD" या ऐसी ही मिलते-जुलते या समान नाम का इस्तेमाल करने से रोका जाए।नांदेड़ की एक दवा कंपनी "क्युटिस बायोटेक" ने यह मुकदमा दायर किया, जिसने दावा किया है कि वह "COVI SHIELD" ट्रेडमार्क का "वैध और पूर्व उपयोगकर्ता" है। वादी का दावा है कि उसने 29 अप्रैल, 2020 को "COVI...

सार्वजनिक कार्यों का निर्वहन करता है बार एसोसिएशन; अनुच्छेद 226 के तहत रिट याचिका सुनवाई योग्यः कर्नाटक उच्च न्यायालय
सार्वजनिक कार्यों का निर्वहन करता है बार एसोसिएशन; अनुच्छेद 226 के तहत रिट याचिका सुनवाई योग्यः कर्नाटक उच्च न्यायालय

कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना है कि अनुच्छेद 226 के तहत एक बार एसोसिएशन के खिलाफ रिट याचिका सुनवाई योग्य है। जस्टिस जी नरेंदर और जस्टिस एमआई अरुण की खंडपीठ ने, बेलगावी बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चंद्रकांत मजागी की अपील पर दिए फैसला में कहा कि तीसरे प्रतिवादी, बार एसोसिएशन( सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत एक सोसायटी) के ‌खिलाफ रिट याचिका सुनवाई योग्य है।याचिकाकर्ता ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में चौथे प्रतिवादी, दिनेश एम पाटिल की नियुक्ति के खिलाफ याचिका दायर की ‌थी। हालांकि सिंगल जज की...